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8 करोड़ रुपये के लिए महिला ने की पति की निर्मम हत्या,शव को टुकड़ों में काटकर जलाया,फेंका

तेलंगाना में बिजनेसमैन पति को पत्नी की डिमांड पूरी नहीं करने की कीमत कथित तौर पर जान देकर चुकानी पड़ी. मामला हैदरबाद का हैं, जहां एक महिला ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर अपने व्यवसायी पति की कथित तौर पर हत्या कर दी. मर्डर करने के बाद सबूत मिटाने और बचने के उद्देश्य से शव को कर्नाटक में राज्य की सीमा के पार फेंक दिया.

जानकारी के मुताबिक, पति ने पत्नी की 8 करोड़ रुपये की डिमांड पूरी करने से इनकार कर दिया था. हत्या के बाद पति की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराने वाली आरोपी महिला को पुलिस ने मामले में उसके साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया है.

मर्डर का कैसे हुआ खुलासा

यह जघन्य हत्या का मामला 8 अक्टूबर को तब सामने आया जब पुलिस ने कर्नाटक के कोडागु जिले में सुन्टीकोप्पा के पास एक कॉफी बागान में एक अज्ञात जला हुआ शव बरामद किया. पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और इस दौरान उन्होंने कई सारे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला. 

पुलिस ने जांच के दौरान पीड़ित के नाम रजिस्टर्ड लाल रंग की मर्सिडीज पर अपना ध्यान फोकस किया. पुलिस ने पता लगाया कि, यह कार तेलंगाना में किसी एक रियल एस्टेट व्यवसायी रमेश की है.उसके बाद कर्नाटक और तेलंगाना में पुलिस द्वारा की गई संयुक्त जांच में, भुवनगिरी जिले में मारे गए व्यवसायी रमेश की पत्नी निहारिका (29) को हिरासत में लिया गया।. 

एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, उसने पूछताछ के दौरान अपना अपराध कबूल कर लिया और उसके खुलासे पर, पुलिस ने उसके साथियों निखिल और अंकुर को भी गिरफ्तार कर लिया.

भयानक हत्या की साजिश

तीनों आरोपियों से बाद की पुलिस पूछताछ के दौरान, महिला और उसके दो साथियों द्वारा हत्या की योजना बनाने के बारे में चौंकाने वाले खुलासे हुए. पता चला है कि, बेंगलुरु और हरियाणा के अपने दो पतियों से अलग होने के बाद रमेश से शादी करने वाली महिला ने उससे 8 करोड़ रुपये मांगे थे. जब रमेश ने इतनी बड़ी रकम देने से मना कर दिया तो निहारिका ने अपने साथियों के साथ मिलकर उनकी हत्या की साजिश रची.

आरोपियों ने कथित तौर पर 1 अक्टूबर को हैदराबाद के उप्पल इलाके में रमेश की पीट-पीटकर हत्या कर दी और बाद में शव को टुकड़ों में काटकर जलाने के बाद कोडागु में ले जाकर फेंक दिया.

आरोपी महिला का बचपन परेशानियों भरा रहा

पुलिस जांच में यह भी पता चला है कि निहारिका का बचपन परेशानियों भरा रहा और जब वह किशोरी थी, तब उसके पिता की मृत्यु हो गई, जिसके बाद उसकी मां ने दूसरी शादी कर ली. निहारिका, जो कथित तौर पर पढ़ाई में अव्वल थी, ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी कर ली, लेकिन मां बनने के बाद वह अपने पति से अलग हो गई. उसके बाद उसने एक रमेश से शादी की.

जानकारी के मुताबिक, रमेश अपनी पहली पत्नी से अलग हो चुका था. पता चला है कि हरियाणा में नौकरी करने के दौरान निहारिका की जिंदगी अपराध की दुनिया में बदल गई थी, जहां उसे वित्तीय धोखाधड़ी के मामले में जेल जाना पड़ा था.पुलिस सूत्रों के अनुसार जेल में रहने के दौरान वह रमेश की हत्या में शामिल अपने एक साथी के संपर्क में आई थी।

सब्जी में अगर नमक जरूरत से ज्यादा हो गया है तो आप इन तरीकों से उसे कर सकते हैं ठीक जाने...


नमक का इस्तेमाल न सिर्फ आपके खाने का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि यह हमारी सेहत के लिए काफी अहम भूमिका भी निभाता है। खाने के नमक का इस्तेमाल हमारे शरीर में तंत्रिका और मांसपेशियों के कार्य तथा पानी और खनिजों का संतुलन बनाए रखने के लिए भी काफी जरूरी होता है। खाने में नमक की कमी की वजह से भोजन बेस्वाद लगता है। लेकिन अगर सब्जी में नमक ज्यादा हो जाए, तो यह स्वाद को और भी ज्यादा खराब कर देता है। किसी खास मौके पर अगर सब्जी में नमक ज्यादा हो जाए, तो मूड तो खराब होता ही है, लेकिन पूरी सब्जी भी फेंकनी पड़ जाती है। ऐसे में अगर सब्जी में नमक ज्यादा होने की वजह से अगर आपकी मेहनत ही खराब हो जाती है, तो हम आपको बता रहे कुछ ऐसी उपाय के बारे में, जिनकी मदद से आप सब्जी में ज्यादा हुए नमक को आसानी से कम कर सकती हैं। तो चलिए जानते हैं-

आलू डालें: एक या दो आलू छीलकर बड़े टुकड़ों में काट लें और सब्जी में डालें। आलू अतिरिक्त नमक को सोख लेता है। कुछ समय बाद आलू निकाल सकते हैं।

गूंथा हुआ आटा: थोड़ी मात्रा में आटे की लोई बनाकर सब्जी में डाल दें और थोड़ी देर बाद निकाल दें। आटा भी नमक को सोखने में मदद करेगा।

दूध या क्रीम: अगर सब्जी में दूध या क्रीम का स्वाद चलेगा, तो थोड़ी मात्रा में इसे डाल दें। इससे नमक का तेजपन कम हो जाएगा।

टमाटर या दही: थोड़ी मात्रा में टमाटर की प्यूरी या दही डाल सकते हैं। यह भी नमक के तीखेपन को कम करता है।

चीनी: थोड़ी सी चीनी डाल सकते हैं, इससे नमक बैलेंस हो जाएगा। लेकिन ज्यादा चीनी न डालें वरना स्वाद बदल सकता है।

इनमें से किसी भी उपाय से आपकी सब्जी का नमक बैलेंस हो जाएगा।

आज का इतिहास:आज ही के दिन कई बम धमाकों से दहल गई थी दिल्ली, तूफान ने उड़ीसा में मचाया था कोहराम


नयी दिल्ली : देश के इतिहास में 29 अक्टूबर की तारीख एक दुखद घटना के साथ दर्ज है. इस दिन दिल्ली में दिवाली से दो दिन पहले हुए बम धमाकों से त्योहार की खुशियों पर ग्रहण लग गया था. 

दिल्ली में अक्टूबर में अमूमन त्यौहारों का मौसम होता है. पहले रामलीला की धूमधाम, फिर दशहरे का जोश, धनतेरस की खरीदारी, दिवाली की रौनक और फिर उसके बाद गोवर्धन पूजा और भैयादूज. एक के बाद एक आने वाले इन त्यौहारों पर बाजारों में खूब रौनक रहती है.

29 अक्टूबर 2005 को धनतेरस के दिन शहर के कई हिस्सों में बम धमाकों से दिल्ली जैसे सहम सी गई थी. व्यस्त बाजारों में हुए इन धमाकों में 60 लोगों की मौत हुई और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. ऐसी और भी अच्छी बुरी यादों को अपने में समेटे हुए है 29 अक्टूबर.

29 अक्टूबर की ऐतिहासिक घटनाएं

देश दुनिया के इतिहास में 29 अक्टूबर की तारीख पर दर्ज अन्य प्रमुख घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-

1911: अमेरिकी संपादक और प्रकाशक जोसफ पुलित्‍जर का निधन आज ही के दिन हुआ था.

1923: ऑटोमन साम्राज्य का अंत होने की घोषणा के साथ ही तुर्की में संसदीय लोकतंत्र मजबूत होने लगा और आज ही के दिन देश गणराज्य बना.

1929 : अमेरिकी शेयर बाजार के करीब एक करोड़ 60 लाख शेयर की बिकवाली के चलते इसे ‘‘ब्लैक ट्यूजडे’’ कहा गया और इससे ग्रेट डिप्रेशन के नाम से जाना जाने वाला संकट और गहरा गया. दरअसल पांच दिन पहले एक करोड़ 30 लाख शेयर की बिकवाली हुई थी.

1956 : इजराइल की सेना ने स्वेज नहर इलाके पर कब्जा करने के लिए सिनाई प्रांत में मिस्र पर हमला किया.

1975: स्पेन से जनरल फ्रैंको के 35 साल पुराने शासन का अंत. युवराज जुआन कार्लोस ने अस्थायी तौर पर सत्ता संभाली.

1985 : मुक्‍केबाजी में भारत को पहला ओलंपिक पदक दिलाने वाले बॉक्‍सर विजेंद्र सिंह का जन्‍म आज ही के दिन हुआ था.

1999 : पूर्वी भारत के राज्य उड़ीसा (अब ओडिशा) में भीषण समुद्री तूफान से हजारों लोग बेघर हो गए और जान माल का भारी नुकसान हुआ.

2005:दिवाली के त्यौहार की गहमा गहमी में डूबे दिल्ली शहर के व्यस्त बाज़ारों में बम विस्फोट.

2015 : चीन ने एक बच्चे की नीति को खत्म करने का ऐलान किया.

45 से ज्यादा विधाओं पर काम करेगा संस्कार भारती, आयोजन में दिखाई देगा पंच परिवर्तन

भोपाल। संस्कार भारती संगठन की जयपुर में हुई अखिल भारतीय साधारण सभा में विधाओ और संगठनत्मक ढांचे में बदलाव करने के साथ कार्यक्षेत्र को बढ़ाने का निर्णय लिया गया। इस बारे में आज भोपाल स्थित संस्कार भारती के योगेंद्र सभागार में पत्रकार वार्ता आयोजित की गई। पत्रकारों को संबोधित करते हुए लोक कला विभाग के राष्ट्रीय संयोजक निरंजन पांडा ने बताया की नई पीढ़ी को भारतीय संस्कृति और मूल्यों से जोड़ने के लिए संस्कार भारती कई नए क्षेत्रों में भी अपने कार्य का विस्तार करने जा रहा है। पंडा ने बताया कि संस्कार भारती के संगठन में अब केंद्रीय प्रांतीय और जिला स्तर पर समितियां गठित की जाएगी। उन्होंने कहा कि पहले 8 विधाओं में संगठन काम करता था लेकिन अब लगभग 45 विधाओं को पांच विभागों में बांटकर काम किया जाएगा। सभी विभागों के लिए अलग टोली बनाकर विभिन्न विधाओं के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे यह कार्यक्रम प्रदेश से जिला और तहसील स्तर तक होंगे। पंडा ने बताया कि अखिल भारतीय साधारण सभा की बैठक में निर्णय लिया गया कि अप्रैल 2025 से कार्यकर्ताओं के लिए नई सदस्यता व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि भरत मुनि स्मरण दिवस नटराज पूजन और 26 जनवरी को भारत माता पूजन उत्सव मनाया जाएगा। राष्ट्रीय संयोजक पांडे ने बताया कि संस्कार भारती के बैनर पर आयोजित सभी कार्यक्रमों में कुटुंब प्रबोधन सामाजिक समरसता पर्यावरण रक्षा स्वदेशी जीवन शैली और नागरिक कर्तव्य का भाव समाहित होगा। इसके साथ ही विभिन्न विधाओं के कलाकारों को उनके हुनर को निखारने के उद्देश्य से प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटी और शैक्षणिक संस्थाओं के साथ मिलकर संस्कार भारती युवा प्रतिभाओं को मंच प्रदान करेगी। लोक कला के राष्ट्रीय संयोजक पंडा के मुताबिक भारतीय संविधान की मूल प्रति में बने 22 चित्र देश की संस्कृति मूल्य इतिहास और आदर्श को प्रकट करते हैं जिन्हें पिछले कुछ साल में हटा दिया गया था लेकिन अब फिर से इन चित्रों का समावेश कर संविधान की नई प्रतियां प्रकाशित की जा रही हैं। पत्रकार वार्ता में भोपाल जिला संस्कार भारती की अध्यक्ष अरुणा शर्मा के अलावा कार्यकारी अध्यक्ष प्रकाश गलगले और महामंत्री नीरव प्रधान मौजूद रहे।

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद अब हिंदुओं की रोजी-रोटी पर वार! मुस्लिम कट्टरपंथी दे रहे धमकी- नौकरी छोड़ों वरना मार देंगे


बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से हिंदुओं के लिए हालात खराब हो गए हैं। उनके लिए अपनी रोजी-रोटी को संभाल पाना मुश्किल होता जा रहा है। उनको मुस्लिम कट्टरपंथी धमकी देकर नौकरी छोड़ने पर मजबूर कर रहे हैं। वह कह रहे हैं कि नौकरी छोड़ो वरना मार डालेंगे।

तख्तापलट के बाद कट्टरपंथियों की ताकत में इजाफा

5 अगस्त को बांग्लादेश के राजनीतिक हालत पूरी तरह से बदल गए। वहां पर शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट हो गया। उसके बाद नोबल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी सौंपी गई। उनके सत्ता संभालते ही मुस्लिम कट्टरपंथियों ने हिंदुओं को अपना निशाना बनाना शुरू कर दिया। देश में अब धर्म के आधार पर अल्पसंख्यकों के साथ हिंसा और भेदभाव बढ़ रहा है।

मौत की धमकी देकर जबरन ले रहे इस्तीफा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक मामला चटगांव विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर रोंटू दास के साथ हुआ। उनको कथित तौर पर मुस्लिम कट्टरपंथियों की भीड़ ने नौकरी से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया। मौत की धमकियों से परेशान होकर रोंटू दास ने असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी छोड़ दी। उन्होंने अपने त्याग पत्र में भेदभाव का जिक्र किया था। उनका यह पत्र काफी वायरल हुआ था।

हिंदू पुलिस कर्मियों को किया बर्खास्त

बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ फैला यह भेदभाव केवल शिक्षण संस्थानों तक सीमित नहीं है। इसका शिकार पुलिस व्यवस्था से जुड़े लोग भी हो रहे हैं। शारदा पुलिस अकादमी से प्रशिक्षित 252 पुलिस सब-इंस्पेक्टरों को अनुशासनहीनता के आरोप में बर्खास्त कर दिया। इनमें से 91 हिंदू कर्मी थे।

हिंदुओं के खिलाफ दुश्मनी का बन रहा है माहौल

हिंदू समुदायों का दावा है कि नई सरकार में धर्म को देखकर भेदभाव किया जा रहा है। यह कोशिश की जा रही है कि देश में हिंदुओं के खिलाफ दुश्मनी का माहौल बनाया जाए। यही कारण है कि हिंदुओं को उनकी नौकरी से जबरन इस्तीफा दिलवाया जा रहा है।

जानिए धनतेरस पर क्यों जलाया जाता है 'यम दीपक'?


नई दिल्ली : हिंदू धर्म में पांच दिवसीय पर्व दिपोत्सव की शुरुआत धनतेरस से होती है। धनतेरस के दिन सोना-चांदी के आभूषण समेत कुछ वस्तुओं को खरीदना अति शुभ माना गया है। द्रिक पंचांग के अनुसार, इस साल 29 अक्टूबर को धनत्रयोदशी यानी धनतेरस है। 

धनतेरस के दिन शाम को शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी, गणेशजी,कुबेर देवता और धन्वंतरि देव की पूजा-आराधना का विधान है। इसके साथ ही धनतेरस के दिन यम का दीपक जलाने का भी विशेष महत्व है। 

धनतेरस के दिन घर के मुख्यद्वार पर चौमुखी दीपक जलाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, साल में एक बार धनतेरस के दिन सरसों के तेल में रुई की बाती डालकर दक्षिण दिशा में आटे का दीपक जलाने से यमराज प्रसन्न होते हं और घर में सुख-शांति और आरोग्यता का वरदान देते हैं। आइए जानते हैं यम दीपक जलाने की विधि और धार्मिक महत्व....

यम दीपक कैसे जलाएं ?

धनतेरस के दिन आटे का चौमुखा दीपक जलाएं और उसमें सरसों का तेल भर दें। अब दीपक में 4 बाती लगाकर घर के दक्षिण दिशा की ओर मुख करके दीपक जला दें। धनतेरस के दिन प्रदोष काल और खरीदारी,दीपदान और पूजा के शुभ मुहूर्त में यम दीपक जलाना शुभ माना जाता है।

धनतेरस पूजा का मुहूर्त : 

शाम को 5 बजकर 38 मिनट से लेकर 8 बजकर 13 मिनट तक प्रदोष काल पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा। वहीं, धनतेरस पर पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 6 बजकर 30 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 13 मिनट तक रहेगा।

क्यों जलाते हैं यम दीपक ?

धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी, कुबेर देवता, गणेशजी, धन्वंतरि देव के साथ यमराज की भी पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन यम देवता की पूजा करने और उनके लिए दीपदान करने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है।

दक्षिण दिशा के स्वामी यम माने गए हैं। इसलिए धनतेरस के दिन दक्षिण दिशा में आटे से बना चौमुखी दिया जलाया जाता है।मान्यता है कि ऐसा करने से यमराज की कृपा बनी रहती है सुख-शांति और आरोग्य का आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।

आज का इतिहास: आज ही के दिन बंगाल में हुई थी ब्रिटिश इंडियन एसोसिएशन की स्थापना


नयी दिल्ली : 28 अक्टूबर का इतिहास महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि 1954 में आज ही के दिन अर्नेस्ट हेमिंग्वे को साहित्य का नोबल पुरस्कार मिला था। 

1955 में 28 अक्टूबर के दिन ही मिस्त्र और सऊदी अरब ने रक्षा संधि पर साइन किए थे। 

2012 में आज ही के दिन जर्मनी के सेबेस्टियन वेटेल ने फार्मूला वन इंडियन ग्रां प्री खिताब जीता था। 

2012 में आज ही के दिन जर्मनी के सेबेस्टियन वेटेल ने फार्मूला वन इंडियन ग्रां प्री खिताब जीता था। 

2005 में 28 अक्टूबर को ही चेकोस्लोवाकिया देश ने अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की ती।

2001 में आज ही के दिन जर्मनी के चांसलर गेरहार्ड श्रोडर भारत की यात्रा पर आए थे।

1998 में 28 अक्टूबर को ही अपराधों से निपटने की एक नई रणनीति के साथ समाप्त हुआ था।

1955 में आज ही के दिन मिस्त्र और सऊदी अरब ने रक्षा संधि पर साइन किए थे। 

1954 में 28 अक्टूबर को ही अर्नेस्ट हेमिंग्वे को साहित्य का नोबल पुरस्कार मिला था।

1944 में आज ही के दिन दूसरे विश्व युद्ध में जर्मनी के घटक बुलगारिया ने बिना शर्त सोवियत संघ के सामने समर्पण कर दिया था।

1913 में 28 अक्टूबर को ही जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा की स्थापना हुई थी।

1886 में आज ही के दिन अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति ग्रोवर क्लीवलैंड ने दोस्ती के प्रतीक के तौर पर फ्रांस से उपहार में मिली ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ का अनावरण किया था।

1863 में 28 अक्टूबर के दिन ही जेनेवा मे हुए कांफ्रेंस के तहत अंतरराष्ट्रिय रेड क्रास समिति का गठन किया गया था।

1851 में आज ही के दिन बंगाल मे ब्रिटिश इंडियन एसोशिएसन की स्थापना हुई थी।

28 अक्टूबर को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति

1867 में आज ही के दिन स्वामी विवेकानंद की शिष्या भगिनी निवेदिता का आयरलैंड में जन्म हुआ था।

1883 में 28 अक्टूबर के दिन ही भारत सरकार में गृह सचिव मौरिस गार्नियर हैलेट का जन्म हुआ था।

1955 में आज ही के दिन माइक्रोसाफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स का वाशिंगटन में जन्म हुआ था।

1963 में 28 अक्टूबर के दिन ही भारतीय रिजर्व बैंक के 24वें गवर्नर उर्जित पटेल का जन्म हुआ था।

1981 में आज ही के दिन पाकिस्तानी क्रिकेट खिलाड़ी मोहम्मद सेमी का जन्म हुआ था।

28 अक्टूबर को हुए निधन

1627 में आज ही के दिन अकबर के बेटे जहांगीर का निधन हुआ था।

1900 में 28 अक्टूबर को ही जर्मन भाषाविद और प्राच्य विद्या विशारद फ्रेडरिक मैक्स मूलर का निधन हुआ था।

2013 में आज ही के दिन लोकप्रिय उपन्यासकार राजेंद्र यादव का निधन हुआ था।

युगांडा जेल में वसुंधरा ओसवाल की पीड़ा: नहाने और कपड़े बदलने की नहीं मिली अनुमति


नई दिल्ली: भारतीय मूल के स्विस उद्योगपति पंकज ओसवाल ने अपनी बेटी वसुंधरा ओसवाल की 1 अक्टूबर से युगांडा में कथित अवैध हिरासत के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में अपील दायर की है. वसुंधरा ओसवाल को कथित तौर पर 20 हथियारबंद लोगों ने पूर्वी अफ्रीकी देश युगांडा में परिवार के एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल प्लांट (ENA) से कानून प्रवर्तन अधिकारी होने का दावा करते हुए पकड़ा था.

उनके परिवार ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी वसुंधरा को कॉर्पोरेट और राजनीतिक हेरफेर के कारण 1 अक्टूबर से बिना किसी सुनवाई के हिरासत में रखा गया है. वसुंधरा के पिता पंकज ओसवाल ने भी युगांडा के राष्ट्रपति को पत्र लिखकर अपनी बेटी की रिहाई के लिए अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप का अनुरोध किया है.

वहीं, स्थानीय अधिकारियों ने उनकी हिरासत को गुमशुदगी की जांच से जोड़ा है, लेकिन उसके परिवार ने इस दावे का खंडन किया है.

वसुंधरा ओसवाल को फोन और कानूनी अधिकारों से वंचित किया गया

PRO इंडस्ट्रीज की उत्तराधिकारी वसुंधरा को हिरासत में लिए जाने के बाद से ही जेल में कठोर और खतरनाक परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है. 

रिपोर्ट के अनुसार उनके परिवार ने दावा किया है कि उन्हें अस्वच्छ वातावरण में रहने के लिए मजबूर किया गया है, जहां स्वच्छ पानी और उचित सुविधाओं तक एक्सेस नहीं है.

कथित तौर पर उन्हें शाकाहारी भोजन से वंचित रखा गया है, बिना किसी सूचना के एक जेल से दूसरी जेल में स्थानांतरित किया गया है और उन्हें अनसैनेटरी परिस्थितियों में रहना पड़ रहा है.

इस बीच वसुंधरा के इंस्टाग्राम हैंडल पर एक पोस्ट में उनकी अवैध हिरासत और गिरफ्तारी का विवरण दिया गया है, जिसमें फर्श पर खून और मल के साथ एक शौचालय दिखाया गया है.

पोस्ट में दावा किया गया है कि उन्हें 90 घंटे से अधिक समय तक जूतों से भरे कमरे में बैठने के लिए मजबूर किया गया और लगभग पांच दिनों तक उन्हें नहाने या अपने कपड़े बदलने की अनुमति नहीं दी गई.

वसुंधरा ओसवाल को एक जेल से दूसरी जेल में स्थानांतरित किए जाने के साथ, उनके परिवार का दावा है कि इससे उनसे संपर्क करने या कानूनी सहायता प्रदान करने के उनके प्रयास जटिल हो गए हैं. उन्हें कई दोषी अपराधियों के साथ एक तंग कमरे में रहना पड़ रहा है.

सोशल मीडिया पर उनके परिवार ने अपनी पीड़ा साझा की, जिसमें खुलासा किया गया कि उन्हें 90 घंटे से अधिक समय तक जूतों से भरे कमरे में रखा गया और अस्वच्छ सुविधाओं के अधीन किया गया. कथित तौर पर उन्हें कानूनी अधिकारों का उपयोग करने और अपने परिवार से संपर्क करने की अनुमति नहीं दी गई और उनका फोन छीन लिया गया.

वसुंधरा ओसवाल को क्यों गिरफ्तार किया गया?

यूरोपीय संघ के रिपोर्टर के अनुसार वसुंधरा और उनके सहयोगियों को कथित तौर पर एक लापता व्यक्ति के मामले में बिना किसी औपचारिक वारंट के हिरासत में लिया गया था. पंकज ओसवाल ने युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी को लिखे एक खुले पत्र में दावा किया कि उनकी बेटी की हिरासत ओसवाल परिवार के एक पूर्व कर्मचारी द्वारा लगाए गए झूठे आरोपों के कारण हुई है.

पूर्व कर्मचारी ने कीमती संपत्ति चुराई थी और ओसवाल परिवार को गारंटर बनाकर 200,000 डॉलर का ऋण लिया था. वसुंधरा के परिवार ने दावा किया है कि व्यक्ति के बेबुनियाद आरोपों के कारण, जो पुनर्भुगतान से बचने की इच्छा से प्रेरित थे, उन्हें गिरफ्तार किया गया.

उनके परिवार का दावा है कि युगांडा में उनकी कैद अवैध है और जिस व्यक्ति की हत्या का आरोप उन पर लगाया गया था, जो उनके विशाल व्यापारिक साम्राज्य का एक पूर्व mकर्मचारी था, वह पहले ही तंजानिया में रह रहा पाया गया है. 

द मॉनिटर के अनुसार वसुंधरा को शेफ मुकेश कुमार मेनारिया की हत्या के इरादे से अपहरण के आरोप में हिरासत में लिया गया था, जो सात साल से परिवार के लिए काम कर रहा था.

रमा एकादशी आज राशि के अनुसार करें इन मंत्रों का जप,सभी संकट होंगे दूर


नयी दिल्ली :- वैदिक पंचांग के अनुसार, 28 अक्टूबर को रमा एकादशी है। यह पर्व हर वर्ष कार्तिक महीने में मनाया जाता है। इसके दो दिन बाद धनतेरस मनाया जाता है। कई अवसर पर तिथि गणना में अंतर होने के चलते एकादशी के अगले दिन ही धनतेरस मनाया जाता है। 

इस वर्ष भी रमा एकादशी के अगले दिन धनतेरस है। रमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। साथ ही उनके नाम से एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक पर भगवान विष्णु की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। 

अतः साधक श्रद्धा भाव से साधक एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। अगर आप भी लक्ष्मी नारायण जी की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो एकादशी तिथि पर भक्ति भाव से भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी की पूजा करें। वहीं, पूजा के समय इन मंत्रों का जप अवश्य करें।

राशि अनुसार मंत्र जप

मेष राशि के जातक रमा एकादशी तिथि पर पूजा के समय 'ऊँ श्री लोकाध्यक्षाय नम:' मंत्र का एक माला जप करें।

वृषभ राशि के जातक भगवान विष्णु की कृपा पाने हेतु 'ऊँ श्री कमलनयनाय नम:' मंत्र का एक माला जप करें।

मिथुन राशि के जातक भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए 'ऊँ श्री हयग्रीवाय नम:' मंत्र का एक माला जप करें।

कर्क राशि के जातक भगवान विष्णु की कृपा-दृष्टि पाने के लिए 'ऊँ श्री महीधराय नम:' मंत्र का एक माला जप करें।

सिंह राशि के जातक भगवान नारायण को प्रसन्न करने के लिए 'ऊँ श्री लोकनाथाय नम:' मंत्र का एक माला जप करें।

कन्या राशि के जातक जगत के पालनहार विष्णु जी की कृपा पाने के लिए 'ऊँ श्री धनुर्धराय नम:' मंत्र का एक माला जप करें।

तुला राशि के जातक रमा एकादशी तिथि पर पूजा के समय 'ऊँ श्री धनंजाय नम:' मंत्र का एक माला जप करें।

वृश्चिक राशि के जातक भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए 'ऊँ श्री श्रीरघुनाथाय नम:' मंत्र का एक माला जप करें।

धनु राशि के जातक भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए पूजा के समय 'ऊँ श्री श्रीहरये नम:' मंत्र का पांच माला जप करें।

मकर राशि के जातक मनोवांछित फल पाने के लिए रमा एकादशी के दिन 'ऊँ श्री हृषीकेशाय नम:' मंत्र का एक माला जप करें।

कुंभ राशि के जातक भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए पूजा के समय 'ऊँ श्री गोविन्दाय नम:' मंत्र का एक माला जप करें।

मीन राशि के जातक रमा एकादशी के दिन विष्णु जी की पूजा के समय 'ऊँ श्री कृष्णाय नम:' मंत्र का पांच माला जप करें।

क्यों केरल में नहीं मनाई जाती दिवाली? जानें इसके पीछे की मान्यताएं


दिवाली नजदीक है और भारत ही नहीं, दुनिया के कई देशों में रहने वाले भारतीयों में इसको लेकर उत्सुकता चरम पर है. इन सबसे बीच भारत के ही एक राज्य केरल में दीपावली पर वैसा उत्साह नहीं नजर आ रहा।

यहां हल्के-फुल्के अंदाज में दिवाली मनाई जाती है. आइए जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर ऐसा क्यों है?

एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि केरल में दिवाली इसलिए नहीं मनाई जाती है, क्योंकि यहां हिंदुओं की संख्या दूसरे धर्मों के लोगों के मुकाबले कम है. हालांकि, सोशल मीडिया पर इसको लेकर बवाल मचा तो मीडिया हाउस ने अपना वीडियो वापस ले लिया था. 

असल में केरल एक बहुसंस्कृतियों वाला राज्य है और 2011 की जनगणना के अनुसार केरल की कुल जनसंख्या में 54.73 फीसद हिंदू हैं. 26.56 प्रतिशत मुस्लिम और 18.38 फीसद ईसाई हैं. ऐसे में यह कहना गलत है कि हिंदुओं की संख्या कम होने के कारण केरल में दिवाली मनाई जाती है.

ओणम धूमधाम से मनाया जाता

वास्तव में उत्तर भारत की तरह केरल में धूमधाम से दिवाली नहीं मनाई जाती, बल्कि हिंदुओं के दूसरे त्योहार ओणम और विष्णु वहां अधिक उत्साह के साथ मनते हैं. इसी तरह से क्रिसमस और ईद भी उत्साहपूर्वक मनाई जाती है. इन सभी त्योहारों में पूरी आबादी हिस्सा लेती है. फिर भी केरल ने अब की उत्तर भारतीय त्योहारों को अपना लिया है. 

हालांकि, इनमें कुछ न कुछ बदलाव दिखाई देता है. राज्य में उत्तर भारतीयों की मौजूदगी और हिंदी फिल्मों के प्रभाव के कारण अब कॉलेजों में होली खूब मनाई जाती है.

नरकासुर वध का प्रतीक

ऐसे में दिवाली धूमधाम से न मनाने के कई कारण हैं. उत्तर भारत में दीपावली राम के रावण पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटने के प्रतीक के रूप में मनाई जाती है. वहीं, केरल में भगवान कृष्ण लोगों के प्रिय हैं. केरल में मान्यता है कि भगवान कृष्ण के नरकासुर वध का प्रतीक है दीपावली.

पौधों की रोपाई का समय

केरल में दिवाली त्योहार के कम उत्साह से मनाने का एक और कारण है कृषि का पैटर्न. उत्तर भारत में दिवाली फसलों की कटाई के बाद मनाई जाती है. वहीं, ट्रॉपिकल क्लाइमेट और मानसून की वापसी का केरल के कृषि सीजन पर असर पड़ता है. केरल की नगदी फसलों नारियल और मसालों आदि का सीजन उत्तर भारत में गेहूं की फसल के सीजन से अलग होता है. उत्तर भारत में जहां दिवाली मानसून के खात्मे और सर्दी की शुरुआत में मनाई जाती है, वहीं केरल में यह समय नॉर्थ-ईस्ट मानसून के शुरुआत का होता है. ओणम मनाने के बाद यहां अगस्त-सितंबर में किसान नई फसलों के पौधे रोपते हैं. ऐसे में दिवाली धूमधाम से नहीं मना पाते.

तमिलनाडु और कर्नाटक में ये हैं मान्यताएं

दक्षिण भारत के अन्य राज्यों में दिवाली की बात करें तो वहां भी इसे थोड़ा अलग तरीके से मनाया जाता है. तमिलनाडु में दीपावली को नरक चतुर्दशी पर्व के रूप में मनाया जाता है. यहां केरल जैसी ही मान्यता है कि यह भगवान श्रीकृष्ण द्वारा नरकासुर राक्षस के वध करने का प्रतीक है. वहीं, कर्नाटक में दिवाली को बाली चतुर्दशी के रूप में मनाने की मान्यता है. यह भगवान विष्णु द्वारा राक्षस बाली के वध का प्रतीक है।