तुम थोड़ा मुस्कराने की कोशिश करो, गीत गाता रहूंगा:कृष्ण मोहन उपाध्याय
संजीव सिंह बलिया।तुम थोड़ा मुस्कराने की कोशिश करो,
गीत गाता रहूंगा तुम्हारे लिए प्रेम का है आमंत्रण तुम्हारे लिए , दृग हृदय कुंज पल पल तुम्हारे लिए । तुम अगर स्नेह देने की हामी भरो, मै लूटा दूंगा सब कुछ तुम्हारे लिए।।
दिल दीवाना हुआ तेरे अनुराग में, खोया रहता हमेशा तेरे ख्याल में। तुम थोड़ा मुस्कराने की कोशिश करो, गीत गाता रहूंगा तुम्हारे लिए।।
रात में नींद औ दिन में चैन आता नहीं , तेरे बिन मुझको कुछ भी सुहाता नहीं । प्यार की थोड़ी सी वस मंजूरी मिले, मै भी माला जपूंगा तुम्हारे लिए।।
प्रेम होता है पावन संसार में , त्याग तपस्या सर्मण बलिदान में । दिल के कोने में थोडा जो आदर मिले, मैं भी पलके बिछा दूं तुम्हारे लिए।।
प्रेम का मतलब होता नहीं वासना , कांच कंचन की तरह होता फासला। तुम अगर संग चलने का वादा करो, मैं भी खुशियां मनाऊं तुम्हारे लिए।।
कृष्ण मोहन उपाध्याय वरिष्ठ पत्रकार
Oct 24 2024, 22:08