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मार्केट खुलने के साथ सेंसेक्स-निफ्टी जोरदार तेजी के साथ ओपनिंग तो कर रहे, पर कुछ ही देर में ये तेजी गिरावट में तब्दील हो जा रहा, जानें ताजा अपडे

शेयर बाजार बीते कई दिनों से निवेशकों को चौंका रहा है. मार्केट ओपन होने के साथ सेंसेक्स-निफ्टी जहां जोरदार तेजी के साथ ओपनिंग कर रहे हैं, तो वहीं कुछ ही देर में ये तेजी गिरावट में तब्दील हो जा रही है और अंत में दोनों इंडेक्स बुरी तरह टूटकर बंद हो रहे हैं. सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन गुरुवार को भी यही स्थिति देखने को मिल रही है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला Sensex शुरुआत में 135 अंक उछला, तो कुछ ही मिनटों में ये 227 अंक फिसल गया.

80000 के नीचे आया Sensex

सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन गुरुवार को भी शेयर बाजार हैरान करता नजर आ रहा है. सुस्त ग्लोबल संकेतों के बीच भी सेंसेक्स और निफ्टी दोनों इंडेक्स ग्रीन जोन में ओपन हुए थे. BSE Sensex ने हरे निशान पर कारोबार की शुरुआत की और 135 अकं उछलकर 80,215 के स्तर पर कारोबार करता नजर आया. लेकिन अचानक से ये शुरुआती तेजी पीछे छूट गई और सेंसेक्स रेड जोन में आ गया. खबर लिखे जाने तक सुबह 9.35 बजे पर Sensex 227.82 अंक फिसलकर 79,854.16 के लेवल पर कारोबार कर रहा था.

Nifty भी शुरुआती तेजी से फिसला

सेंसेक्स ही नहीं, निफ्टी भी इसके कदम से कदम मिलाकर चलता हुआ नजर आया और देखते ही देखते करीब 90 अंक की गिरावट के साथ फिसलकर 24,341.20 के लेवल पर आ गया. इससे पहले बुधवार को निफ्टी 37 अंक टूटकर 24,435 पर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्‍स 138 अंक टूटकर 80,081 पर क्‍लोज हुआ था. बैंक निफ्टी समेत स्‍मॉल कैप और मिडकैप इंडेक्‍स में भी गिरावट देखी गई थी.

खुलते ही बिखरे ये 10 शेयर

गुरुवार को मार्केट में अचानक आई गिरावट के बीच सबसे ज्यादा बिखरने वाले 10 शेयरों के बारे में तो बता दें कि BSE लार्जकैप कैटेगरी में शामिल 20 में से 16 शेयर खबर लिखे जाने तक लाल निशान पर कारोबार कर रहे थे. इनमें शामिल HUL Share 5.29% की गिरावट के साथ 2515.10 रुपये पर, जबकि Nestle India Share 1.70% गिरकर 2287.50 रुपये पर कारोबार कर रहा था. इसके अलावा Bharti Airtel Share भी 1.50% तक टूटा और 1661 रुपये पर ट्रेड कर रहा था

मिड और स्मालकैप शेयरों का हाल

मिडकैप कैटेगरी में शामिल KPI Tech Share 7.62% फिसलकर 1507.80 रुपये पर, Escorts Share 7.36% की गिरावट लेकर 3430.25 रुपये, PEL Share 2.81% टूटकर 1015.55 रुपये पर था. वहीं दूसरी ओर स्मालकैप कैटेगरी की कंपनियों में शामिल JCHAC Share 10.03%, Haritage Food Share 5%, KICL Share 5%, Reltd Share 4.99% की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे.

तूफान ‘दाना’ कितनी तबाही लाएगा, कैसे बनते हैं चक्रवात, किसने दिया यह नाम?

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

चक्रवाती तूफान दाना अपना असर दिखाने लगा है. आज देर रात यह ओडिशा के तट से टकराएगा. बंगाल की खाड़ी से उठे इस चक्रवाती तूफान का असर पश्चिम बंगाल में भी होगा. यह आगे बढ़ रहा है. दोनों राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. 500 से ज्यादा ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है. ओडिशा और बंगाल में 16 घंटों के लिए उड़ानों पर रोक लगा दी गई है. दोनों राज्याें में लोगों को डेंजर जोन छोड़ने के लिए कहा दिया गया है. खतरे को देखते हुए NDRF की टीम तैनात कर दी गई है.

अब सवाल उठता है कि आखिर चक्रवाती तूफान क्यों आते हैं, किसने इसे ‘दाना’ नाम दिया और बंगाल की खाड़ी से उठा यह चक्रवाती तूफान कितनी तबाही ला सकता है?

क्यों आते हैं चक्रवाती तूफान?

ब्यूरो ऑफ मेट्रोलॉजी के अनुसार, चक्रवात एक खास तरह की स्थिति में बनता है. ऐसा तब होता है जब समुद्र की सतह का ट्रेम्प्रेचर 26.5 डिग्री को पार कर जाता है और हवाएं समुद्र से ऊपर की तरफ उठने लगती हैं. ये गर्म हवाएं ऊपर उठती हैं और नीचे की तरफ कम दबाव वाला क्षेत्र बनता है. जैसे-जैसे समय बीतता है आसपास चलने वाली हवाओं से कम दबाव वाले क्षेत्र में दबाव बढ़ता है. ऐसा होने वाले चक्रवात की स्थिति बनती है. चक्रवात कुछ दिन तक या कुछ हफ्तों तक बना रह सकता है.

क्या है दाना का मतलब, किसने दिया यह नाम?

अगस्त में आए चक्रवात असना के बाद दाना पिछले दो महीने के अंदर भारतीय तट से टकराने वाला दूसरा तूफान है. एशिया में तूफानों के नामकरण का भी एक सिस्टम है. इनके नामकरण की शुरुआत साल 2000 में विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO)/एशिया और प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग के तहत हुई थी.

इस समूह में बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, श्रीलंका, पाकिस्तान और थाईलैंड शामिल किए गए थे. हालांकि, 2018 में पांच और देश ईरान, क़तर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन को शामिल किया गया. ये देश अपनी तरफ से तूफानों के नाम देते हैं. इन देशों ने अपनी-अपनी तरफ से तूफानों के नाम प्रस्तावित किए हैं. WMO ने देशों द्वारा दिए गए नामों की सूची बना रखी है. यही वजह है कि तूफान आने से पहले तय हो जाता है कि उसका नाम क्या होगा. इस सूची को हर छह साल में बदला जाता है.

वर्तमान में जिस चक्रवाती तूफान ‘दाना’ की चर्चा है वो शब्द को अरबी भाषा से लिया गया है. इसका मतलब होता है ‘उदारता’. यह नाम कतर की तरफ से दिया गया है.

कितनी तबाही ला सकता है दाना?

दोनों राज्यों में तूफान का असर दिख रहा है. तेज हवाएं चल रही हैं. कुछ जगहों पर बारिश हो रही है. बीबीसी की रिपोर्ट में ओडिशा में भारतीय मौसम विभाग की निदेशक मनोरमा मोहंती का कहना है, चक्रवाती तूफान दाना ने घातक रूप ले लिया है. यह उत्तर-पश्चिम दिशा की तरफ आगे बढ़ रहा है.

दाना तूफान 24 अक्टूबर यानी आज देर रात करीब 2 बजे ओडिशा के तट से टकराएगा. मौसम विभाग के मुताबिक, तूफान 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ओडिशा के उत्तरी हिस्से से गुजरेगा. इलाकों में 30 सेमी तक बारिश हो सकती है. तूफान कितनी तबाही मचा सकता है, यह इस बात से समझा जा सकता है कि ओडिशा के 14 जिलों से 10 लाख लोगों को एक से दूसरी जगह भेजा गया है.

दाना का असर सिर्फ ओडिशा और पश्चिम बंगाल तक ही सीमित नहीं रहेगा, इस असर छत्तीसगढ़ के मध्य, दक्षिण और उत्तरी हिस्से में भी देखने को मिलेगा. कई इलाकों में तेज हवाएं चलेंगी. बारिश होगी.

कांग्रेस ने किया खड़गे का अपमान! प्रियंका गांधी के नामांकन के दौरान कहां से पार्टी प्रमुख, बीजेपी ने शेयर किया वीडियो

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प्रियंका गांधी ने बुधवार को केरल की वायनाड लोकसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल किया। बुधवार को उनके नॉमिनेशन के लिए भव्य तैयारियां की गईं। कांग्रेस के सभी दिग्गज और राष्ट्रीय स्तर के सीनियर नेता शामिल हुए। हालांकि, नामांकन के दौरान का एक वीडियो बीजेपी ने शेयर किया है और कांग्रेस पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया है।मल्लिकार्जुन खरगे नॉमिनेशन के दौरान गेट के बाहर से झांकते नजर आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि उन्हें अंदर एंट्री नहीं दी गई। बीजेपी अब इस घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा रही है। उन्होंने कहा कि खरगे को नामांकन प्रक्रिया से बाहर इसलिए रखा गया क्योंकि वह दलित हैं।

भाजपा ने अपने सोशल मीडिया पर हैंडल पर एक वीडियो जारी की है। जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कमरे के बाहर इंतजार करते दिखाई दे रहे हैं। वीडियो के कैप्शन में भाजपा ने लिखा कि 'आज जिस तरह से मल्लिकार्जुन खरगे जी को प्रियंका वाड्रा के नामांकन के समय कमरे से बाहर रखा गया, ठीक उसी तरह राहुल गांधी आरक्षण हटाने के बाद दलित समाज के लोगों को सम्मान और अवसरों से वंचित रखेंगे। अगर गांधी परिवार खरगे जी को ऐसे अपमानित कर सकता है तो दलित समाज के प्रति इनके मन में कितनी घृणा होगी, ये समझा जा सकता है।'

कांग्रेस पर दलितों के प्रति नफरत रखने का आरोप

वीडियो में खड़गे को उस कमरे के बाहर इंतजार करते हुए दिखाया गया है, जहां प्रियंका गांधी वायनाड उपचुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल कर रही थीं, जिसके बाद भाजपा ने कांग्रेस पर अपने अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का अनादर करने का आरोप लगाया है। वीडियो को कई भाजपा नेताओं के साथ-साथ असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी साझा किया और कांग्रेस पर दलितों के प्रति नफरत रखने का आरोप लगाया।

हिमंत बिस्व सरमा बोले- बेहद निराशाजनक

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने भी इस वीडियो को ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, 'वायनाड में आज तथाकथित होली ट्रिनिटी के मल्लिकार्जुन खरगे जैसे अनुभवी सांसद और दलित नेता के प्रति दिखाए गए अनादर को देखना बेहद निराशाजनक है। चाहे वह एआईसीसी का अध्यक्ष हो या पीसीसी, क्या परिवार उन लोगों को अपमानित करने में गर्व महसूस करता है जिन्हें वे केवल रबर स्टैंप मानते हैं?'

कांग्रेस का पलटवार

भाजपा के आरोपों पर कांग्रेस ने पलटवार किया है। कांग्रेस नेता प्रणव झा ने कहा कि 'ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि जो लोग बीते 10 वर्षों से सत्ता में हैं, वो सरकार और उसके मंत्री अभी भी झूठ और भ्रम फैला रहे हैं। वायनाड में जिलाधिकारी ने कहा था कि नियमों के तहत पांच से ज्यादा लोग कमरे में नहीं रह सकते। उस दौरान लोग कमरे से बाहर गए और उनमें कांग्रेस अध्यक्ष भी थे। उन्होंने पूरे धैर्य से बाहर इंतजार किया, जैसा आप वीडियो में देख सकते हैं। कुछ समय बाद मल्लिकार्जुन खरगे और केसी वेणुगोपाल दोनों कमरे में आ गए थे, लेकिन भाजपा ने कांग्रेस को बदनाम करने और लोगों का असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए झूठ की साजिश रची।'

मात्र 8 लाख का वाहन, 15 लाख की उधारी..! कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी का चुनावी हलफनामा, जानिए, और भी डिटेल

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने वायनाड लोकसभा उपचुनाव के लिए बुधवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस मौके पर सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे। चुनावी हलफनामे में प्रियंका गांधी ने अपनी संपत्ति और आय का खुलासा किया।

प्रियंका गांधी के पास 4.24 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और 13.89 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है, जिसमें शिमला में स्थित 48,997 वर्ग फीट का एक घर भी शामिल है जिसकी कीमत 1.09 करोड़ रुपये है। उनके पास 2.5 किलो सोने सहित कुल 4.41 किलो की ज्वैलरी है, जिसकी कीमत 1.15 करोड़ रुपये है। उन्होंने म्यूचुअल फंड में 2.24 करोड़ रुपये का निवेश किया है और तीन बैंक खातों में कुल 3.61 लाख रुपये जमा हैं। प्रियंका के पास 59.83 किलो चांदी भी है, जिसकी कीमत लगभग 29.55 लाख रुपये है। इसके अलावा, उनके पास 2.10 करोड़ रुपये की कृषि भूमि और 8 लाख रुपये की एक होंडा सीआरवी कार भी है।

हलफनामे में यह भी बताया गया कि प्रियंका पर 15.75 लाख रुपये का कर्ज है, जबकि उनके पति रॉबर्ट वाड्रा की संपत्तियों में 37.91 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और 27.64 करोड़ रुपये की कमर्शियल बिल्डिंग्स शामिल हैं। रॉबर्ट पर 10.03 करोड़ रुपये का कर्ज है। इसके साथ ही, प्रियंका गांधी पर इनकम टैक्स चोरी का एक मामला भी चल रहा है, जिसे उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में स्पष्ट किया है। हलफनामे के मुताबिक, उन पर कुछ अन्य आपराधिक मामले भी दर्ज हैं, जिनकी जानकारी उन्होंने दी है।

प्रियंका गांधी ने चुनावी हलफनामे से दिया करोड़ों की संपत्ति का ब्योरा, फिर बीजेपी क्यों उठा रही सवाल?

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केरल के वायनाड में लोकसभा उपचुनाव को लेकर प्रियंका गांधी ने नामांकन दाखिल कर दिया है। कांग्रेस उम्मीदवार प्रियंका गांधी ने चुनावी हलफनामे में अपनी इनकम और प्रॉपर्टी का खुलासा किया है।बीजेपी ने प्रियंका गांधी वाड्रा के चुनावी हलफनामे में घोषित संपत्ति को लेकर कई सवाल उठाए हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने गुरुवार को इस हलफनामे के आधार पर भ्रष्टाचार के साथ ही रॉबर्ट वाड्रा की संपत्ति को लेकर भी सवाल किया।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बुधवार को वायनाड लोकसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया। हलफनामा में उन्होंने 12 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति घोषित की है। उनके पास 4.24 करोड़ रुपए की चल और 7.74 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियां है। इसके अलावा उन्होंने अपने पति रॉबर्ट वाड्रा की संपत्ति का भी ब्योरा दिया है। वाड्रा के पास कुल 65.54 करोड़ रुपए की संपत्ति है, जिसमें से चल संपत्तियां 37.9 करोड़ रुपए और अचल संपत्तियां 27.64 करोड़ रुपए की हैं।

म्यूचुअल फंड में कर रखा है करोड़ों का निवेश

चुनावी हलफनामे में दी गई जानकारी के अनुसार, प्रियंका गांधी ने म्यूचुअल फंड में भी निवेश किया है। उन्होंने 2 करोड़ 24 लाख और 93 हजार रुपये का म्यूचुअल फंड में निवेश कर रखा है। कांग्रेस नेता के पास तीन बैंक अकाउंट हैं। इसके अलावा, 30 सितंबर तक उनके पास 52 हजार रुपये कैश थे। उनके PPF अकाउंट में 17 लाख 38 हजार 265 रुपये हैं।

59 किलो चांदी और चार किलो सोना भी मौजूद

प्रियंका गांधी के पास 4.41 किलो की ज्वैलरी है। उनके पास 2.5 किलोग्राम का सोना है, जिसकी कीमत 1 करोड़ 15 लाख 79 हजार रुपये है। वहीं, वहीं उनके पास 59.83 किलोग्राम के चांदी से बनी चीजें हैं, जिसकी कीमत 29,55,581 रुपये है।

बाजेपी ने हलफनामे को भ्रष्टाचार का कबूलनामा बताया

प्रियंका के हलफनामे पर बीजेपी ने आपत्ति जताई है।बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने प्रियंका के हलफनामे को भ्रष्टाचार का कबूलनामा बताया। भाटिया ने कहा कि हलफनामे में रॉबर्ट वाड्रा की संपत्ति की घोषित संपत्ति पर सवाल उठाए। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि रॉबर्ड वाड्रा की घोषित संपत्ति कम जबकि इनकम टैक्स विभाग की तरफ से टैक्स डिमांड की रकम अधिक है। भाटिया ने 2010-11 से 2020-21 के बीच की रॉबर्ट वाड्रा से इनकम टैक्स विभाग की टैक्स डिमांड का जिक्र किया।

आय कम, तो इनकम टैक्स ज्यादा कैसे?

गौरव भाटिया ने कहा- प्रियंका गांधी वाड्रा के हलफनामा में पति रॉबर्ट वाड्रा की संपत्ति की जानकारी गलत बताई गई है। रॉबर्ट वाड्रा की आय कम है, लेकिन इनकम टैक्स विभाग ज्यादा डिमांड कर रहा हैं। ऐसा कैसे हो सकता हैं। उन्होंने शिमला में घर खरीदा, लेकिन केवल उसके 10वें हिस्से की कीमत बताई। यानी दिखाने के दांत अलग और खाने के दांत अलग है। भाटिया ने कहा कि प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी की तरफ से इस संबंध में स्पष्टीकरण दिया जाना चाहिए। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि हलफनामे के अनुसार रॉबर्ट वाड्रा ने उस कंपनी में निवेश किया जिसके खिलाफ राहुल गांधी आरोप लगाते हैं। बीजेपी ने कहा कि शिमला में बड़े घर की कीमत का एक-दसवां हिस्सा दिखाया है। उस घर की कीमत सही नहीं बताई गई है।

पहली बार चुनाव लड़ रहीं प्रियंका

बता दें कि प्रियंका गांधी पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। भाजपा ने उनके खिलाफ नाव्या हरिदास को उतारा है। लोकसभा चुनाव 2024 में राहुल गांधी ने केरल की वायनाड और यूपी की रायबरेली लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी। राहुल ने गांधी परिवार की पारंपरिक रायबरेली सीट को चुना और वायनाड छोड़ दी। अब वायनाड से प्रियंका गांधी पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। यहां 13 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को नतीजे आएंगे।

कौन हैं पाक के नए चीफ जस्टिस याह्या अफरीदी, जानें नियुक्ति पर क्यों हो रहा बवाल?

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पाकिस्तान की विशेष संसदीय कमेटी ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के नए चीफ जस्टिस को चुन लिया। कमेटी ने लंबी चली बैठक के बाद तीन सबसे वरिष्ठ न्यायाधीशों में अगले चीफ जस्टिस के रूप में याह्या अफरीदी को नामित किया है।अफरीदी का चयन हाल ही में हुए 26 वें संविधान संशोधन के तहत किया गया है, इस संशोधन ने न्यायपालिका में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। जिसमें मुख्य न्यायाधीश के चयन के लिए एक विशेष संसदीय समिति (SPC) की स्थापना शामिल है।

हाल ही में किए गए संविधान के 26वें संशोधन ने न्यायपालिका के संबंध में कई बदलाव लागू किए, जिनमें से एक विशेष संसदीय समिति (एसपीसी) द्वारा तीन शीर्ष न्यायाधीशों में से चीफ जस्टिस की नियुक्ति करना शामिल था, जबकि पिछले नियम के हिसाब से सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश को वरिष्ठता सिद्धांत के तहत चीफ जस्टिस नियुक्त किया जाता था।

विशेष संसदीय समिति (SPC) की स्थापना से पहले वरिष्ठता के आधार पर चीफ जस्टिस का चयन होता था। याह्या अफरीदी के साथ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मंसूर अली शाह और न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर भी इस दौड़ में शामिल थे। पाकिस्तान के चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा 25 अक्टूबर को शीर्ष न्यायाधीश से रिटायर होने वाले हैं। न्यायमूर्ति शाह को पहले वरिष्ठता सिद्धांत के तहत अगला CJP बनाया जाना था।

हालांकि, अनुच्छेद-175ए के खंड-3 में किए गए संशोधन के बाद राष्ट्रपति 'शीर्ष अदालत के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश' को चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त नहीं कर सकेंगे। इसके बजाय, अब विशेष संसदीय समिति की सिफारिश के आधार पर सर्वोच्च न्यायालय के तीन सबसे वरिष्ठ न्यायाधीशों में से किसी एक को चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त किया जाएगा।

याह्या अफरीदी कौन हैं

जस्टिस अफरीदी का जन्म 23 जनवरी 1965 को डेरा इस्माइल खान में हुआ था। वह कोहाट सीमांत क्षेत्र में स्थित अफरीदी जनजाति से हैं। वो बांदा गांव के निवासी हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लाहौर के एचीसन कॉलेज में प्राप्त की। उन्होंने गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर से राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र में कला स्नातक की उपाधि प्राप्त की और बाद में पंजाब विश्वविद्यालय, लाहौर से अर्थशास्त्र में कला में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। उल्लेखनीय है कि 59 वर्षीय अफरीदी ने 1990 में एक वकील के रूप में अपना करियर शुरू किया और देश के उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पेशावर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य करने के बाद 2018 में उन्हें पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।

जम्मू-कश्मीर के त्राल में एक और गैर कश्मीरी बना निशाना, एक हफ्ते में आतंकियों का तीसरा हमला

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जम्मू कश्मीर में दूसरे राज्यों से आकर काम करने वालों पर हमले का सिलसिला जारी है।इस बार आतंकियों ने पुलवामा में गैर कश्मीरी को निशाना बनाया है। गोली लगने से मजदूर घायल हो गया है। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत खतरे से बाहर है। गुरुवार सुबह आतंकवादियों की गोलीबारी में उत्तर प्रदेश का एक किशोर घायल हो गया। एक सप्ताह के भीतर कश्मीर में प्रवासी श्रमिकों पर यह तीसरा हमला है।

अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश के बिजनौर के रहने वाले 19 वर्षीय किशोर प्रीतम सिंह को त्राल के बटागुंड गांव में आतंकवादियों की गोलीबारी में हाथ में गोली लग गई। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत स्थिर है।

एक हफ्ते में तीसरा हमला

बता दें कि पिछले कुछ महीनों से आतंकवादी लगातार दूसरे राज्य से आकर यहां काम करने वालों को निशाना बना रहे हैं। उमर अब्दुल्ला सरकार के बनने के बाद ही आतंकियों ने इस तरह के दो हमले किए। 20 अक्टूबर की देर रात गांदरबल के गगनगीर इलाके में आतंकवादियों ने गैर कश्मीरियों पर गोलियों की बौछार कर दी थी। अंधाधुंध फायरिंग में टनल में काम करने वाले 6 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा इस हमले में एक डॉक्टर की भी मौत हुई थी। इस हमले में 7 लोगों की मौत हुई थी।इसमें से अधिकतर बाहरी लोग थे।

इससे पहले 17 अक्टूबर को भी आतंकियों ने गैर स्थानीय व्यक्ति को निशाना बनाया था। शोपियां इलाके में आतंकवादियों ने एक गैर-स्थानीय व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मृतक की पहचान बिहार निवासी अशोक चौहान के रूप में हुई थी, जो इलाके में मकई बेचता था।

भारत के साथ विवाद के बीच जस्टिन ट्रूडो को अपनी ही पार्टी के सांसदों ने घेरा, मांगा इस्तीफा, 28 अक्टूबर की डेडलाइन

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भारत और कनाडा में जारी कूटनीतिक विवाद के बीच प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो अपनी ही पार्टी में घिरते दिख रहे हैं। जस्टिन ट्रूडो ने सियासी जमीन मजबूत करने के फेर में भारत से तो बिगाड़ कर ही डाली। हालांकि, जस्टिन ट्रूडो की घरेलू और विदेशी, दोनों मोर्चों पर परेशानी बढ़ती ही जा रही है। उनकी अपनी ही पार्टी लिबरल के सांसद अब उनसे चौथी बार चुनाव न लड़ने का आग्रह कर रहे हैं। पार्टी के सांसदों ने उन्हें अपनी निर्णय लेने के लिए 28 अक्टूबर 2024 तक का समय सीमा जारी किया है।राजनीतिक उथल-पुथल ऐसे समय में हो रही है, जब सांसद ट्रूडो के नेतृत्व पर सवाल उठा रहे हैं।

समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ लिबरल सांसदों ने जस्टिन ट्रूडो को पद छोड़ने के लिए 28 अक्टूबर तक की समय सीमा दी है। सांसदों ने कहा है कि अगर ट्रूडो टाइमलाइन के भीतर पद नहीं छोड़ते हैं तो उन्हें अंजाम के लिए तैयार करना चाहिए।

लिबरल सांसदों ने बुधवार को पार्टी की कॉकस मीटिंग के दौरान ट्रूडो के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की। रेडियो-कनाडा ने दो सूत्रों के हवाले से बताया है कि 20 सांसदों ने ट्रूडो को चुनाव से पहले पद से हटने के लिए कहने वाले एक पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन्स में 153 लिबरल सांसद हैं।

कनाडा में जस्टिन ट्रूडो और उनकी पार्टी की लोकप्रियता में भारी गिरावट आई है। यही वजह है कि ट्रूडो पर प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने का दबाव डाला जा रहा है। हाल ही में जस्टिन ट्रूडो ने अपनी पार्टी के नेताओं के साथ बैठक भी की थी। इस बैठक के बाद ट्रूडो ने कहा था कि लिबरल पार्टी मजबूत और एकजुट है, लेकिन पार्टी के ही 20 सांसदों ने अलग कहानी बताई। दरअसल 20 सांसदों ने एक चिट्ठी लिखकर ट्रूडो से पीएम पद से इस्तीफा देने की मांग की है। इन सांसदों ने अगले चुनाव से पहले ही ट्रूडो से इस्तीफा मांगा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कनाडा की लिबरल पार्टी के एक सासंद केन मैकडोनाल्ड का कहना है कि 'उन्हें सुनना शुरू करना चाहिए और लोगों की बातें सुननी चाहिए।' केर मैकडोनाल्ड भी उन 20 सांसदों में शामिल हैं, जिन्होंने ट्रूडो को पद से हटाने की मांग को लेकर चिट्ठी लिखी है। मैकडोनाल्ड ने कहा कि वह अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि इसकी वजह लिबरल पार्टी की गिरती लोकप्रियता है।

वहीं, ब्रिटिश कोलंबिया के सांसद पैट्रिक वीलर ने ट्रूडो के इस्तीफे के लिए तर्क देते हुए अमेरिका का उदाहरण दिया, जहां बाइडन के प्रेसिडेंशियल रेस के बाहर होने के बाद डेमोक्रेट्स को बढ़त मिली और सुझाव दिया कि कनाडा में भी लिबरल्स को इसी तरह वापसी देखने को मिल सकती है।

पिछले 100 सालों में कोई भी कनाडाई प्रधानमंत्री लगातार चार बार चुनाव नहीं जीत पाया है। ट्रूडो की लिबरल पार्टी को हाल ही में टोरंटो और मॉन्ट्रियल के दो जिलों में हुए चुनाव में हार का सामना करना पड़ा, जिस वजह से अब पार्टी के भीतर ट्रूडो के नेतृत्व पर संदेह पैदा हो गया है। जस्टिस ट्रूडो ने अभी तक लिबरल सांसदों की ओर से दिए गए पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। हालांकि, प्रधानमंत्री ने कहा कि वह सांसदों की मांगों पर विचार करेंगे।

चक्रवाती तूफान 'दाना' का दिखने लगा असर, ट्रेनों के पहिए बांधे गए, 16 घंटे उड़ानों पर रोक

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ओडिशा और पश्चिम बंगाल में आज चक्रवात और भीषण तूफान आने की आशंका है। भारतीय मौसम विभाग ने भी दोनों राज्यों के लिए चेतावनी जारी की है। चक्रवाती तूफान 'दाना' का असर दिखना शुरू हो गया है। ओडिशा और बंगाल में तेज हवा के साथ बारिश शुरू हो गई है।ओडिशा के केंद्रपाड़ा तट पर तेज़ लहरें उठ रही हैं। वहीं, गुरुवार सुबह पश्चिम बंगाल के कई जिलों में मध्यम से भारी बारिश हुई, क्योंकि भीषण चक्रवाती तूफान ‘दाना’ राज्य के तट और पड़ोसी ओडिशा के करीब पहुंच गया है। चक्रवाती तूफ़ान के तेज़ होने की संभावना है और हवा की गति 120 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच जाएगी और आज रात तक यह ओडिशा के भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान और धामरा बंदरगाह के बीच पहुंच जाएगा।

मौसम विभाग ने बताया कि बंगाल की खाड़ी के मध्य और उससे सटे उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में बना भीषण चक्रवाती तूफान 'दाना' पिछले 6 घंटे के दौरान 12 किमी प्रति घंटे की गति से उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ गया और आज, 24 अक्टूबर को सुबह साढ़े पांच बजे भारतीय समयानुसार यह बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम और उससे सटे मध्य क्षेत्र में, पारादीप (ओडिशा) से लगभग 260 किमी दक्षिण-पूर्व, धामरा (ओडिशा) से 290 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व और सागर द्वीप (पश्चिम बंगाल) से 350 किमी दक्षिण में केंद्रित हो गया। मौसम विभाग का कहना है कि जब यह तूफान ओडिशा और बंगाल के तट से टकराएगा तो उस दौरान हवा की गति 100-120 किलोमीटर प्रतिघंटे तक पहुंच सकती है।

लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा

चक्रवाती तूफान दाना के चलते तूफान प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकालने का काम जारी है। भद्रक जिले में लोगों को सुरक्षित शेल्टर में रखा गया है। भद्रक जिले के कलेक्टर दिलीप रोतराई ने कहा कि हम प्रभावित इलाकों से लोगों को निकाल रहे हैं। कुछ लोग रास्ते में हैं और अधिकतर को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है। कुछ लोगों को पुलिस द्वारा उनके घरों से लाया गया क्योंकि वे लोग अपना घर नहीं छोड़ना चाहते थे। एनडीआरएफ की तीन और दो ओडीआरएफ और चार अग्निशमन विभाग की टीमें तैनात की गई हैं।

500 से ज्यादा ट्रेनें रद्द

चक्रवात 'दाना के 24-25 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटों से टकराने के पूर्वानुमान के मद्देनजर भारतीय तटरक्षक 'हाई अलर्ट' पर है। समुद्र में किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए अपने जहाजों और विमानों को तैनात कर दिया है। चक्रवाती तूफान 'दाना' के मद्देनजर पूर्वी रेलवे अपने सियालदह मंडल में गुरुवार रात आठ बजे से शुक्रवार सुबह 10 बजे तक 190 लोकल ट्रेन को बंद कर दिया गया है।तूफान की वजह से 500 से ज्यादा ट्रेनें की रद्द की जा चुकी हैं।

16 घंटे के लिए विमानों पर रोक

वहीं, साइक्लोन को देखते हुए 16 घंटे के लिए विमानों पर रोक लगा दी गई है। हवाईअड्डा अधिकारियों के अनुसार, 25 अक्टूबर को शाम 6 बजे से 26 अक्टूबर को सुबह 9 बजे तक उड़ान संचालन बंद रहेगा। पश्चिम बंगाल सरकार ने घोषणा की कि राज्य के कई हिस्सों में स्कूल और शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे। पश्चिम बंगाल सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी एक नोटिस में कहा गया है कि 23 अक्टूबर से 26 अक्टूबर तक स्कूल बंद रहेगा।

एनडीआरएफ की कुल 56 टीमें तैनात

ओडिशा में चक्रवात दाना के आने से पहले ही 14 जिलों में स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय सहित सभी शैक्षणिक संस्थान 25 अक्टूबर तक बंद कर दिया गया था। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने चक्रवात दाना के मद्देनजर ओडिशा और पश्चिम बंगाल सहित पांच राज्यों में कुल 56 टीमों को तैनात किया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चक्रवात के मद्देनजर राज्यों ने कुल 45 टीमों की मांग की है। एनडीआरएफ ने कुल 56 टीमों को चिन्हित किया है, जिनमें से 45 अभी सक्रिय रूप से तैनात हैं।

पांच साल बाद मिले मोदी और शी जिनपिंग, क्या पटरी पर लौटे रिश्ते?

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रूस के कजान शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ। कजान में ब्रिक्स देशों के नेताओं के बीच मुलाकातें भी हुईं। हालांकि, इन मुलाकातों में अगर किसी की सबसे ज्यादा चर्चा रही तो वो है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता की, जो लगभग 5 साल बाद पहली औपचारिक बैठक है। दोनों देशों के बीच साल 2020 में गलवान झड़प के बाद पहली बार आमने-सामने बातचीत हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग ने इस मुलाकात के दौरान ईस्टर्न लद्दाख में एलएसी पर गतिरोध खत्म करने को लेकर बनी सहमति पर भी बात की। पीएम मोदी ने इसका स्वागत किया। हालांकि यह सहमति मुलाकात से पहली ही बन गई थी।

पीएम मोदी ने बुधवार को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। बैठक की तस्वीरें शेयर करते हुए पीएम मोदी ने लिखा कि कजान ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। भारत-चीन संबंध हमारे देशों के लोगों के लिए और क्षेत्रीय और वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं। आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता द्विपक्षीय संबंधों का मार्गदर्शन करेंगे।

पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध न केवल हमारे लोगों बल्कि दुनिया की शांति, स्थिरता और प्रगति के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, 'हम सीमा पर पिछले 4 वर्षों में उठे मुद्दों पर बनी सहमति का स्वागत करते हैं। सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। आपसी सम्मान, आपसी विश्वास और संवेदनशीलता हमारे संबंधों का आधार बनी रहनी चाहिए।'

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक शी जिनपिंग ने कहा कि चीन और भारत को आपसी मदभेदों को ठीक से मैनेज करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, 'चीन और भारत दोनों प्राचीन सभ्यताएं हैं। बड़े विकासशील देश और ग्लोबल साउथ के महत्वपूर्ण सदस्य हैं और वे दोनों अपने-अपने देशों में आधुनिकीकरण के महत्वपूर्ण दौर में हैं।'

शी ने पीएम मोदी से कहा, 'चीन और भारत द्विपक्षीय संबंधों के विकास की ऐतिहासिक प्रवृत्ति और दिशा को सही ढंग से समझते हैं जो दोनों देशों और उसके लोगों के हित में है। दोनों पक्षों को संचार और सहयोग को मजबूत करना चाहिए। मतभेदों को ठीक से संभालना चाहिए और एक-दूसरे के विकास के सपनों को हासिल करना चाहिए।'

शी ने कहा, 'दोनों पक्षों को अपनी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियां नभानी चाहिए। बड़ी संख्या में विकासशील देशों को एकजुट होने और खुद को मजबूत करने के लिए एक उदाहरण स्थापित करना चाहिए और बहुध्रुवीय दुनिया को बढ़ावा देने और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लोकतंत्रीकरण में योगदान देना चाहिए।'

दोनों नेताओं के बीच ये मुलाकात बेहद महत्वपूर्ण है। क्योंकि पड़ोसी होने के बावजूद दोनों देशों के नेता आपस में 5 साल तक नहीं मिले। साल 2020 में पूर्वी लद्दाख के गलवान में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हो गई थी जिसमें भारत के 20 सैनिक मारे गए थे जबकि चीन के कई सैनिक हताहत हुए थे। इसके बाद से दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। इसके क़रीब साढ़े चार साल बाद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध सामान्य करने को लेकर पहल के संकेत तब मिले जब बीते सोमवार को भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम करने को लेकर दोनों देशों के बीच समझौते की घोषणा की।