तूफान ‘दाना’ कितनी तबाही लाएगा, कैसे बनते हैं चक्रवात, किसने दिया यह नाम?
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
चक्रवाती तूफान दाना अपना असर दिखाने लगा है. आज देर रात यह ओडिशा के तट से टकराएगा. बंगाल की खाड़ी से उठे इस चक्रवाती तूफान का असर पश्चिम बंगाल में भी होगा. यह आगे बढ़ रहा है. दोनों राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. 500 से ज्यादा ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है. ओडिशा और बंगाल में 16 घंटों के लिए उड़ानों पर रोक लगा दी गई है. दोनों राज्याें में लोगों को डेंजर जोन छोड़ने के लिए कहा दिया गया है. खतरे को देखते हुए NDRF की टीम तैनात कर दी गई है.
अब सवाल उठता है कि आखिर चक्रवाती तूफान क्यों आते हैं, किसने इसे ‘दाना’ नाम दिया और बंगाल की खाड़ी से उठा यह चक्रवाती तूफान कितनी तबाही ला सकता है?
क्यों आते हैं चक्रवाती तूफान?
ब्यूरो ऑफ मेट्रोलॉजी के अनुसार, चक्रवात एक खास तरह की स्थिति में बनता है. ऐसा तब होता है जब समुद्र की सतह का ट्रेम्प्रेचर 26.5 डिग्री को पार कर जाता है और हवाएं समुद्र से ऊपर की तरफ उठने लगती हैं. ये गर्म हवाएं ऊपर उठती हैं और नीचे की तरफ कम दबाव वाला क्षेत्र बनता है. जैसे-जैसे समय बीतता है आसपास चलने वाली हवाओं से कम दबाव वाले क्षेत्र में दबाव बढ़ता है. ऐसा होने वाले चक्रवात की स्थिति बनती है. चक्रवात कुछ दिन तक या कुछ हफ्तों तक बना रह सकता है.
क्या है दाना का मतलब, किसने दिया यह नाम?
अगस्त में आए चक्रवात असना के बाद दाना पिछले दो महीने के अंदर भारतीय तट से टकराने वाला दूसरा तूफान है. एशिया में तूफानों के नामकरण का भी एक सिस्टम है. इनके नामकरण की शुरुआत साल 2000 में विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO)/एशिया और प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग के तहत हुई थी.
इस समूह में बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, श्रीलंका, पाकिस्तान और थाईलैंड शामिल किए गए थे. हालांकि, 2018 में पांच और देश ईरान, क़तर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन को शामिल किया गया. ये देश अपनी तरफ से तूफानों के नाम देते हैं. इन देशों ने अपनी-अपनी तरफ से तूफानों के नाम प्रस्तावित किए हैं. WMO ने देशों द्वारा दिए गए नामों की सूची बना रखी है. यही वजह है कि तूफान आने से पहले तय हो जाता है कि उसका नाम क्या होगा. इस सूची को हर छह साल में बदला जाता है.
वर्तमान में जिस चक्रवाती तूफान ‘दाना’ की चर्चा है वो शब्द को अरबी भाषा से लिया गया है. इसका मतलब होता है ‘उदारता’. यह नाम कतर की तरफ से दिया गया है.
कितनी तबाही ला सकता है दाना?
दोनों राज्यों में तूफान का असर दिख रहा है. तेज हवाएं चल रही हैं. कुछ जगहों पर बारिश हो रही है. बीबीसी की रिपोर्ट में ओडिशा में भारतीय मौसम विभाग की निदेशक मनोरमा मोहंती का कहना है, चक्रवाती तूफान दाना ने घातक रूप ले लिया है. यह उत्तर-पश्चिम दिशा की तरफ आगे बढ़ रहा है.
दाना तूफान 24 अक्टूबर यानी आज देर रात करीब 2 बजे ओडिशा के तट से टकराएगा. मौसम विभाग के मुताबिक, तूफान 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ओडिशा के उत्तरी हिस्से से गुजरेगा. इलाकों में 30 सेमी तक बारिश हो सकती है. तूफान कितनी तबाही मचा सकता है, यह इस बात से समझा जा सकता है कि ओडिशा के 14 जिलों से 10 लाख लोगों को एक से दूसरी जगह भेजा गया है.
दाना का असर सिर्फ ओडिशा और पश्चिम बंगाल तक ही सीमित नहीं रहेगा, इस असर छत्तीसगढ़ के मध्य, दक्षिण और उत्तरी हिस्से में भी देखने को मिलेगा. कई इलाकों में तेज हवाएं चलेंगी. बारिश होगी.
Oct 24 2024, 15:50