भारत-चीन के साथ मिलकर अमेरीका का दबदबा खत्म करना चाहता है रूस, जानें क्या है पुतिन का प्लान?
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ढाई साल से भी लंबे समय से यूक्रेन के साथ युद्ध लड़ रहे रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों ने एक के बाद एक कार्रवाई, पाबंदियों लगाई। यूक्रेन को आर्थिक-सामरिक समर्थन दिया। हालांकि, क्रेमलिन को कमजोर नहीं कर सके। बल्कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिम को एक तरह से पटकनी देने की पूरी प्लानिंग कर ली है। इसकी झलकी रूस में चल रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में साफ देखी जा सकती है।
पुतिन रूस के कजान शहर में ब्रिक्स सम्मेलन की मेजबानी कर रहे हैं। यहां एक मंच पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, तुर्किये के रेसेप तैय्यप एर्दोगन और ईरान के मसूद पेजेश्कियान साथ दिखें। यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका की आलोचना का सामना कर रहे पुतिन ने रूस ने इस तरह बड़ी बैठक के जरिए यह दिखाने की भी कोशिश कर रहे हैं कि पश्चिम के मॉस्को को अलग-थलग करने के प्रयास विफल रहे हैं।
यही नहीं, ब्रिक्स के दो सबसे अहम सदस्यों भारत और चीन के बीच मतभेद रहे हैं। तमाम मतभेद के बावजूद दोनों देश ब्रिक्स में मंच साझा कर रहे हैं, इसे भी पुतिन की सफलता की तरह देखा जा रहा है। मॉस्को ने इस समिट को एक कूटनीतिक जीत के रूप में पेश किया है, जो पश्चिमी आधिपत्य को चुनौती देने के लिए गठबंधन बनाने में मदद करेगी। उसके एजेंडे के मुख्य मुद्दों में ब्रिक्स के नेतृत्व वाली भुगतान प्रणाली है। ये स्विफ्ट को टक्कर देगी, जो एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय नेटवर्क है। इससे रूसी बैंकों को 2022 में काट दिया गया था।
इसके लिए उन्होंने ब्रिक्स समूह के देशों से खास अपील कर दी है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि ब्रिक्स समूह को पश्चिमी प्रतिबंधों से मुक्त स्विफ्ट जैसी सीमा-पार भुगतान प्रणाली की संभावनाएं तलाशनी चाहिए। उन्होंने साथ ही अमेरिकी डॉलर के वर्चस्व को खत्म करने के लिए निवेश परियोजनाओं के वित्तपोषण में राष्ट्रीय डिजिटल मुद्राओं के इस्तेमाल पर जोर दिया। रूस की मेजबानी में आयोजित ब्रिक्स नेताओं के 16वें वार्षिक शिखर सम्मेलन से पहले पुतिन ने यह भी कहा कि एक साझा ब्रिक्स मुद्रा के लिए अभी समय नहीं आया है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि 10 देशों का समूह डिजिटल मुद्रा के उपयोग की संभावना तलाश रहा है जिसके लिए उनका देश भारत और अन्य देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है।
रूस के राष्ट्रपति ने यह टिप्पणी ब्रिक्स के आरक्षित मुद्रा बनाने की योजना के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में की। माना जाता है कि पश्चिम के भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक गठजोड़ के जवाब में ब्रिक्स समूह की परिकल्पना की गई। एक प्रश्न का उत्तर देते हुए पुतिन ने कहा कि ब्रिक्स अब राष्ट्रीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ाने तथा ऐसे उपकरणों के निर्माण की संभावना का अध्ययन कर रहा है जो इस तरह के काम को सुरक्षित बना सकें। साथ ही उन्होंने कहा कि विशेष रूप से ब्रिक्स देश इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उपयोग की संभावना पर विचार कर रहे हैं।
रूस एक नए पेमेंट सिस्टम में साथ देने के लिए भागीदार देशों का सहयोग मांग सकता है, जो ग्लोबल बैंक मैसेजिंग सिस्टम स्विफ्ट का विकल्प बने और मास्को को प्रतिबंधों की फिक्र किए बिना अपने सहयोगियों के साथ व्यापार करने में सक्षम बनाए। रूस की योजना है कि अगर एक ऐसा प्लेटफार्म तैयार हो जाता है, जिसमें चीन, भारत, रूस, ब्राजील और सऊदी अरब जैसे अमेरिका के भी महत्वपूर्ण साझीदार शामिल होते हैं, तो अमेरिका इसके पीछे नहीं पड़ेगा और अपनी अनुमति दे देगा।
इसके लिए रूस ने ब्रिक्स समूह के विस्तार को अपनी विदेश नीति का एक हिस्सा बना लिया है। अब इस संगठन के कुछ चुनिंदा सदस्य नहीं रह गए हैं। शुरुआत में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे पांच राष्ट्रों का ब्रिक्स गठित करने का उद्देश्य पश्चिमी दबदबे वाली दुनिया में एक संतुलन बनाना था। हालांकि, इस वर्ष इसमें तेजी से बढ़ोतरी हुई। जनवरी में ईरान, इजिप्ट, इथियोपिया और यूएई ब्रिक्स से जुड़ गए, जबकि तुर्किये, अजरबैजान और मलेशिया ने औपचारिक रूप से इसमें शामिल होने के लिए आवेदन कर दिया है। इसके अलावा कई अन्य देश भी इससे जुड़ने में अपनी दिलचस्पी दिखा चुके हैं। रूस इसे एक बड़ी सफलता मान रहा है।
इस बढ़ते हुए ब्रिक्स समूह का क्या नाम होगा ये अभी साफ़ नहीं है लेकिन अभी इसे ब्रिक्स प्लस कहा जा रहा है। इस समूह के देशों की बात करें तो इनकी संयुक्त आबादी 3.5 अरब है, जो दुनिया की कुल जनसंख्या का 45 फीसदी है। इन सदस्य देशों की संयुक्त अर्थव्यवस्थाएं 28.5 लाख करोड़ डॉलर का दमखम रखती हैं, जो दुनिया की अर्थव्यवस्था का करीब 28 फीसदी हिस्सा है। अगर ईरान, सऊदी अरब और यूएई की बात करें तो ब्रिक्स के ये सदस्य दुनिया के कुल कच्चे तेल के 44 फीसदी का खुद उत्पादन करते हैं।ऐसे में ब्रिक्स उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक बड़ी आवाज़ और उनका प्रतिनिधि बनना चाहता है।
Oct 23 2024, 19:27