भाजपा के टिकट पर उठे परिवारबाद को लेकर बाबूलाल मरांडी ने दी परिवारवाद की परिभाषा
कहा-परिवार बाद का मतलब होता हैं एक परिवार की पार्टी जिसे उस परिवार के लोग करते हैं संचालित
झारखंड डेस्क
रांची। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि परिवार वाद का मतलब परिवार से ही पार्टी की पहचान और परिवार से ही पार्टी संचालित होना है। देश में कांग्रेस पार्टी की पहचान और संचालन गांधी परिवार से होता है। झारखंड में झामुमो की पहचान और संचालन शिबू सोरेन के परिवार से होता है। बिहार में राष्ट्रीय जनता दल की पहचान और संचालन लालू प्रसाद यादव के परिवार से होता है।
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की पहचान और संचालन भी मुलायम सिंह यादव के परिवार से होता है। इसे परिवारवाद कहते हैं।
श्री मरांडी ने कहा कि कोई चुनाव लड़ता है तो कहीं ना कहीं किसी का कोई बेटा होता है। कोई बहू होती है। कोई पत्नी होती है। कोई भाई होता है। यह हो सकता है, लेकिन पार्टी का संचालन वे नहीं करते हैं। पार्टी का संचालन कार्यकर्ता करते हैं। भारतीय जनता पार्टी का एक सिस्टम है। इसी सिस्टम के तहत पार्टी का संचालन होता है। इसे परिवारवाद कहना गलत है। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय कुछ लोगों की नाराजगी होती है। सभी से हम लोग बात कर रहे हैं।
श्री मरांडी ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा को यह पता है कि वह चुनाव बुरी तरीके से हार रहे हैं। इसलिए अभी से उन्होंने बहाना बनाना शुरू कर दिया है। आरोप लगाना शुरू कर दिया है कि बीजेपी चुनाव आयोग से मिली हुई है। कोई सबूत तो दे दे।
Oct 22 2024, 13:15