शरद पवार का दावा: महा विकास अघाड़ी में 200 सीटों पर सहमति बनी"..
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही अब महायुति और महा विकास अघाड़ी के घटक दलों में सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत तेज हो गयी है. महा विकास अघाड़ी में कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार) और शिव सेना (उद्धव ठाकरे) पार्टियां शामिल हैं. गुरुवार को एनसीपी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार ने दावा किया कि महा विकास अघाड़ी के सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर 200 सीटों पर सहमति बना गई है. बता दें कि महाराष्ट्र में कुल विधानसभा सीटों की संख्या 288 है और 20 नवंबर को राज्य में चुनाव कराने का ऐलान चुनाव आयोग ने किया है.
महाराष्ट्र के सतारा जिले के कराड में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए शरद पवार ने दावा किया कि हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणाम का महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
सीट बंटवारे के बारे में पूछे जाने पर शरद पवार ने कहा कि वह सीधे तौर पर सीट बंटवारे की प्रक्रिया में शामिल नहीं है. एनसीपी-एसपी राज्य इकाई प्रमुख जयंत पाटिल बातचीत में उनकी पार्टी की ओर से शामिल हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सतारा जिले सहित किन सीटों पर एनसीपी (एसपी) चुनाव लड़ेगी. इसका फैसला जयंत पाटिल ही करेंगे.
हरियाणा चुनाव परिणाम का नहीं पड़ेगा प्रभाव
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी और महायुति के बीच मुकाबला है. शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के खिलाफ महा विकास अघाड़ी की पार्टियों का मुकाबला है.
जून 2022 में शिव सेना में विभाजन हुआ था और शिव सेना (एकनाथ शिंदे) और शिव सेना (उद्धव ठाकरे) का गठन हुआ था तो जुलाई 2023 में शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने अलग पार्टी का गठन किया था. हालांकि चुनाव आयोग ने अजित पवार की पार्टी को असली एनसीपी माना है. इस विभाजन के बाद महाराष्ट्र में यह पहला विधानसभा चुनाव है. शरद पवार ने साफ कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणाम का प्रभाव महाराष्ट्र विधासनभा चुनाव पर नहीं पड़ेगा.
चुनाव के बाद क्या बढ़ेगा जयंत पाटिल का कद?
इस बीच, एनसीपी (सपा) ने चुनाव आयोग से आग्रह किया था कि उपलब्ध प्रतीकों की सूची से तुरही प्रतीक को फ्रीज कर दिया जाए, क्योंकि यह पार्टी को औपचारिक रूप से आवंटित “तुरहा फूंकने वाले आदमी” प्रतीक से मिलता-जुलता है. लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने कुछ निर्दलीय उम्मीदवारों को तुरही प्रतीक आवंटित किया था. शरद पवार ने कहा कि इससे भ्रम की स्थिति पैदा हुई थी. उसके बाद उनकी पार्टी ने तुरही प्रतीक चिह्न की फ्रीज करने की मांग की है.
महा विकास अघाड़ी के सीएम चेहरे को लेकर शरद पवार ने कहा कि मुद्दा तीन घटकों – शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी (सपा) के बीच यह मुद्दा हल हो गया है. हालांकि शरद पवार ने संकेत दिया कि चुनाव के बाद जयंत पाटिल की भूमिका बढ़ सकती है. इससे ऐसी अटकलें लगने लगी है कि शरद पवार जयंत पाटिल को सीएम पद के चेहरे के रूप में पेश कर सकते हैं.
Oct 17 2024, 17:57