शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व: योगी गुरुजी( आध्यात्मिक गुरु) गोदावरी, गयाजी धाम (बिहार) पिन कोड:-823001 संपर्क सूत्र:- 8789159320
शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व
हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा मनाई जाती है। सभी पूर्णिमा में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। आश्विन महीने की इस पूर्णिमा को 'शरद पूनम' या 'रास पूर्णिमा' भी कहते हैं, जो कि शरद ऋतु के आने का संकेत है। इसके कोजागर के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन भगवान कृष्ण ने गोपियों के संग रास रचाया था इसलिए इसे रास पूर्णिमा कहते हैं। वहीं दूसरी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी भूमिलोक पर भ्रमण करने के लिए आती हैं, इसलिए इसे कोजागर पूर्णिमा कहते हैं। शरद पूर्णिमा के दिन रात पर खुले आसमान के नीचे चांद की रौशनी में खीर रखने का विधान है। शरद पूर्णिमा की तिथि और चंद्रोदय का समय
इस साल शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर को है। हिंदू पंचांग के अनुसार, अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 16 अक्तूबर को रात 8 बजकर 40 मिनट पर होगा। पूर्णिमा तिथि का समापन अगले दिन शाम 4 बजकर 55 मिनट पर होगा। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय का समय शाम 5 बजकर 7 मिनट का रहेगा।
शरद पूर्णिमा को खीर क्यों रखी जाती है?
शरद पूर्णिमा की रात को चांद की रोशनी बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन चंद्रमा सोलह कलाओं के साथ चमकता है। इसके अलावा कहते हैं कि शरद पूर्णिमा की रात को चांद की रोशनी में कुछ ऐसे तत्व मौजूद होते हैं, जो हमारे शरीर और मन को शुद्ध करके एक पॉजिटिव ऊर्जा प्रदान करते हैं। इसके साथ ही यह भी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के चन्द्रमा की किरणें अमृतमयी होती हैं। इसलिए शरद पूर्णिमा की रात को दूध, चावल की खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि चंद्रमा की किरणों से इस मिठाई में अमृत जैसे औषधीय गुण आ जाते हैं। इस दिन दूध, चावल की खीर बनाकर, एक बर्तन में रखकर उसे जालीदार कपड़े से ढक्कर चांद की रोशनी में रखा जाता है। इसके बाद अगली सुबह ब्रह्म मुहूर्त में श्री विष्णु को उस खीर का भोग लगा कर सेवन किया जाता है और परिवारजनों में बांटा जाता है।
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शरद पूर्णिमा के दिन क्या करें?
चंद्रमा को जल चढ़ाएं और मंत्रों का जाप करें। देवी लक्ष्मी की पूजा करें और धन के लिए प्रार्थना करें। घर में दीपक जलाएं, इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आएगी। देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें। धार्मिक ग्रंथ पढ़ें। जरूरतमंदों को दान करें। शरद पूर्णिमा के दिन न करें ये काम
नकारात्मक विचारों को अपने मन में न आने दें। किसी से विवाद न करें। क्रोध न करें। आपको झूठ नहीं बोलना चाहिए।
इन बातों पर विशेष ध्यान दें
शरद पूर्णिमा के दिन भूलकर भी तामसिक भोजन न करें। साथ ही इस दिन लहसुन और प्याज का सेवन भी वर्जित है। इस दिन काले रंग का प्रयोग न करें और काले कपड़े ना पहने। चमकीले सफेद कपड़े पहनें तो बेहतर रहेगा।
योगी गुरुजी( आध्यात्मिक गुरु) ज्योतिषी और हस्तरेखाविद मो: 8789159320 नोट- अगर आप अपना भविष्य जानना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए मोबाइल नंबर पर कॉल करके या व्हाट्स एप पर मैसेज भेजकर पहले शर्तें जान लेवें, इसी के बाद अपनी बर्थ डिटेल और हैंडप्रिंट्स भेजें।
बृहद ज्योतिष अनुसंधान केंद्र गोदावरी, गयाजी धाम ( बिहार) जय श्री कृष्ण जय गौ माता


शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व

जय श्री कृष्ण जय श्री राधे
गया/शेरघाटी। भूमि विवाद को लेकर मारपीट में चाचा ने भतीजे को मारा चाकू भतीजा गंभीर रूप से हुआ घायल।
गया। गया शहर के विष्णुपद स्थित देवघाट फल्गु नदी में फल्गु सेवा समिति के बैनर तले बुधवार को शाम 7 बजे शरद पूर्णिमा के अवसर फल्गु महाआरती का आयोजन किया गया। इस फल्गु महाआरती को देखने के लिए श्रद्धालुओं और भक्तों की काफी संख्या में भीड़ लगी रही। फल्गु सेवा समिति के अध्यक्ष मुन्ना लाल धोकड़ी पाठक की अध्यक्षता में फल्गु महाआरती का आयोजन की गई। फल्गु सेवा समिति के अध्यक्ष मुन्ना लाल धोकड़ी पाठक ने बताया कि आज शरद पूर्णिमा का शुभ दिन है। फल्गु महाआरती के बाद भक्तों के बीच में महाप्रसाद का वितरण किया गया।
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गया/बाराचट्टी। गया जिले के धनगांई थाना क्षेत्र के अंतर्गत मंगलवार को रात्रि 8:00 बजे के आसपास थाने की पुलिस को मिली गुप्त सूचना पर इटमां नदी घाट पर बालू के अवैध तरीके से उत्खनन कर रहे एक ट्रैक्टर को जप्त कर कार्रवाई करने गई थी।
गया। गया पुलिस और एसटीएफ की टीम ने अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी शेरघाटी के नेतृत्व में गुरुआ थाने की पुलिस के सहयोग से बीती रात कठबारा गांव के एक घर में छापेमारी की। छापेमारी में गया पुलिस व एसटीएफ की टीम ने घर से एक रायफल व इक्कीस जिंदा कारतूस के साथ पूर्व नक्सली को धर दबोचा।
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Oct 17 2024, 17:52
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