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राज्य के वित्त संपोषित डिग्री कॉलेजों के लिए बड़ी खबर, जल्द मिलेगा बकाया अनुदान की राशि

डेस्क : प्रदेश के वित्त संपोषित डिग्री कॉलेजों के लिए बड़ी खबर है। कॉलेजों को शीघ्र ही बकाया अनुदान राशि मिलेगी। इसकी तैयारी अंतिम चरण में है। शिक्षा विभाग की ओर से इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। विभागीय मंत्री की सहमति मिलने के बाद इसे लोक वित्त समिति को भेजा जाएगा। कैबिनेट की स्वीकृति के बाद संस्थानों को अनुदान जारी कर दिया जाएगा।

गौरतलब है कि वित्त संपोषित डिग्री कॉलेजों को शैक्षणिक सत्र 2014-17 से ही अनुदान नहीं मिला है। फिलहाल एक साल की अनुदान राशि भेजी जाएगी। शेष सत्रों का अनुदान आगे के चरण में भेजे जाएंगे। राज्य में वित्त संपोषित डिग्री कॉलेजों की संख्या करीब 225 है।

मिली जानकारी के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में करीब 230 करोड़ का प्रबंध इसके लिए किया गया है। राशि संबंधित विश्वविद्यालयों को भेजी जाएगी। फिर विश्वविद्यालय के माध्यम से राशि संबंधित कॉलेजों को दी जाएगी। इस राशि से कॉलेजों के शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को वेतन भुगतान किया जाएगा। इस राशि का उपयोग किसी अन्य कार्य के लिए नहीं किया जाएगा। इससे करीब दस हजार शिक्षकों-कर्मियों को बकाया वेतन मिल सकेगा।

कॉलेजों में उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं की संख्या के आधार पर इनकी अनुदान राशि तय होती है। विभागीय पदाधिकारी बताते हैं कि विश्वविद्यालयों की ओर से पूर्व में भेजी गयी अनुदान राशि का उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं आने के कारण भुगतान लंबित रहा है।

*गाड़ी के आरसी और ड्राइविंग लाइसेंस में जल्द करवा ले यह काम, नही तो होगी कार्रवाई

डेस्क : वाहन निबंधन और ड्राइविंग लाइसेंस में मोबाइल नंबर को अपडेट करवाने में लोग रुचि नहीं ले रहे हैं। इसको लेकर जिला परिवहन कार्यालय सख्त हो गया है। अब ऐसे लोगों को चिह्नित किया जाएगा, जिन्होंने अपने मोबाइल नंबर को अपडेट नहीं किया है। जिला परिवहन कार्यालय की मानें तो ऐसे सैकड़ों लोग हैं, जिन्होंने अभी तक मोबाइल नंबर अपडेट नहीं किया है। ऐसे लोगों को परिवहन कार्यालय ने जल्द से जल्द मोबाइल अपडेट करने की जानकारी भी दी थी। परिवहन विभाग ने आम लोगों से वाहन रजिस्ट्रेशन और ड्राइविंग लाइसेंस के लिए मोबाइल नंबर अपडेट करने का निर्देश दिया था। इसके लिए एक महीने का समय दिया गया था। आधार नंबर से लिंक मोबाइल नंबर को ही अपडेट करना है। इसके लिए आम लोगों को वाहन और ड्राइविंग लाइसेंस का डेटा वाहन और सारथी पोर्टल पर अपडेट करना है। अपडेट की पूरी प्रक्रिया परिवहन सेवा पोर्टल से होगी। नंबर अपडेट नहीं होने की स्थिति में संबंधित वाहन का प्रदूषण प्रमाणपत्र भी नहीं बन पाएगा। मोबाइल नंबर अपडेट नहीं होने से ई-चालान में दिक्कत हो रही है। इसके अलावा दुर्घटना एवं अन्य घटना की स्थिति में वाहन मालिक की पहचान में परेशानी होती है। वाहन रजिस्ट्रेशन से लिंक मोबाइल नंबर अपडेट नहीं होने से यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालोंपर कार्रवाई नहीं हो पाती है।
बिहार से मानसून की हो गई विदाई, सामान्य से इतने प्रतिशत कम हुई बारिश

डेस्क : बिहार में इस साल भी किसानों को मानसून की मार झेलनी पड़ी है। बीते रविवार को पटना सहित प्रदेश से मानसून की विदाई हो गई। इस बार राज्य में सामान्य से 20 प्रतिशत कम बारिश हुई। वहीं, पटना जिले में 39कम बारिश रिकॉर्ड की गई। इस वर्ष प्रदेश में एक सप्ताह की देरी से 20 जून को मानसून ने दस्तक दी थी। वहीं 28 जून तक पूरे प्रदेश में इसका प्रसार हुआ था।

मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार से मानसून की वापसी का सिलसिला प्रारंभ हुआ था। प्रदेश में सामान्य तौर पर 992.2 मिमी बारिश होनी चाहिए थी। लेकिन, इस बार 798.3 मिमी ही वर्षा हुई। इस दौरान औरंगाबाद, किशनगंज, नवादा और शेखपुरा जिलों में ही सामान्य से अधिक जबकि, बांका में सामान्य बारिश हुई।

राज्य के 33 जिलों में 1 से लेकर 49 प्रतिशत तक सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई। लगातार तीसरे वर्ष सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई। वर्ष 2024 में पिछले साल की अपेक्षा थोड़ी ज्यादा बारिश हुई। 2023 में 760 जबकि इस बार 798 मिमी बारिश हुई। 2023 में समय से एक दिन पहले 12 जून को मानसून आया था। वहीं, वर्ष 2022 में मानसून अपने निर्धारित समय पर 13 जून को प्रवेश कर गया था। लेकिन 683 मिमी बारिश हुई।

हैवानियत की सारी सीमांओ को किया पार, दशहरा का मेला देखकर लौट रही मासूम को बनाया हवश का शिकार

डेस्क : बेगूसराय से मानवता को शर्मसार करने वाली एक खबर सामने आई है। जहां एक मासूम बच्ची के साथ दरिंदों ने दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया है। बच्ची बीते शनिवार की रात विजयादशमी का मेला घूमने गई थी। उसके बाद देर रात वह घर वापस नहीं आई तो परिजन परेशान हो गए। उसके बाद इसकी पड़ताल शुरू हो गई। इसके साथ ही पुलिस को इसकी सुचना दे दी गई। उसके बाद पुलिस की टीम भी मामले की जांच में जूट गई है। बच्ची को शनिवार की रात करीब 2 बजे चकिया थाना पुलिस ने एक चिमनी के पास सड़क किनारे से अर्धनग्न और बेहोशी की हालत में बरामद किया।

बताया जा रहा है कि बच्ची को शनिवार की रात करीब 2 बजे चकिया थाना पुलिस ने एक चिमनी के पास सड़क किनारे से अर्धनग्न और बेहोशी की हालत में बरामद किया। जिसके बाद पुलीस उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल बेगूसराय में भर्ती कराया गया। वहीं दूसरी ओर बच्ची के मेला देखकर घर नहीं लौटने पर परिजन खोजबीन कर रहे थे। तभी बेगूसराय सदर अस्पताल में बच्ची की होने की जानकारी मिली जिसके बाद परिजन सदर अस्पताल पहुंचे और उसकी पहचान हुई।

बच्ची के परिजनों की माने तो उसे एक साइकिल सवार के द्वारा बहला फुसलाकर कर चिमनी के पास ले जाया गया और उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया है। इस संबंध में पिता ने बताया कि मेला देखकर घर जा रही थी, लेकिन पिता मेला में बेटी को ढूंढते रह गया पूरी रात कुछ आता पता नहीं चला। इस मामले में सदर डीएसपी-टू भास्कर रंजन ने बताया कि रात मेला देखने गई एक सात आठ साल बच्ची को अगवा किया गया और उसके साथ रेप की घटना को अंजाम दिया गया है।

वहीं घटना की गंभीरता को देखते हुए सदर डीएसपी-टू भास्कर रंजन के नेतृत्व में चकिया थाने की पुलीस पूरी टीम के साथ सदर अस्पताल पहुंचकर परिजनों से पूछताछ की। घटना के बारे में विस्तृत जानकारी ली। घटना के बाद एफएसएल की टीम भी घटनास्थल पर पहुंची है पूरे मामले की जांच पड़ताल कर रही है।

फिलहाल मेडिकल बोर्ड के द्वारा पूरे मामले की जांच कराई जा रही है बच्ची की हालत गंभीर होने पर उसे बाल चिकित्सा वार्ड आईसीयू में भर्ती कराया गया है जहां उसका इलाज चल रहा है। विजयदशमी के मौके पर जिस तरह से दरिंदों ने एक नाबालिक बच्ची को अगवा कर रेप की घटना को अंजाम दिया है वह अपने आप में एक बड़ा सवाल खड़ी कर रही है।

डीएसपी ने कहा कि पूरे मामले की जांच के साथ-साथ आरोपी की पहचान के लिए इलाके में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है और जल्दी बदमाशों की पहचान कर गिरफ्तार किया जाएगा। हालांकि मेडिकल जांच के बाद ही स्पष्ट होगा की बच्ची के साथ एक युवक ने रेप किया है या उसके साथ सामूहिक रेप की घटना को अंजाम दिया गया है क्योंकि बच्ची अभी भी बोलने की स्थिति में नहीं है।

मुम्बई में बाबा सिद्दकी की हत्या पर बिहार की सियासत गरम, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने एनडीए पर साधा निशाना

डेस्क : बीती रात एनसीपी के नेता और महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या अपराधियों ने बांद्रा में कर दी। बांद्रा के खेर वाड़ी सिग्नल के पास उनके बेटे जीशान सिद्दीकी के दफ्तर के बाहर ही गोली मार कर बाबा सिद्दीकी की हत्या कर दी गई। वहीं इस घटना के बाद देश की सियासत गरमाई हुई है। तेजस्वी भी इस घटना को लेकर एनडीए सरकार पर जमकर निशाना साधा हैं।

तेजस्वी यादव ने पहले ट्विट कर एनडीए सरकार पर हमला बोला था। तेजस्वी ने कहा था कि, "महाराष्ट्र के वरीय नेता बाबा सिद्दक़ी की हत्या का समाचार बेहद दुखद है। परवरदिग़ार से इल्तिजा है कि मरहूम को जन्नत में आला मक़ाम दें और परिजनों को सब्र और हिम्मत। महाराष्ट्र में NDA शासन में लगातार हो रही ऐसी आपराधिक घटनाओं को क्या नाम देंगे"?

वहीं आज दिल्ली जाने से पहले पटना एयरपोर्ट पर तेजस्वी यादव ने बाबा सिद्दीकी की हत्या पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आश्चर्य की बात है कि मुंबई के बांद्रा जैसे जगह में यह हत्या हो गई। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन को पूरे मामला को गंभीरता से देखना चाहिए।

उन्होंने कहा कि बाबा सिद्दीकी हमारे जिला गोपालगंज के रहने वाले हैं और बिहार के निवासी है। कुछ दिन पहले ही हमारी उनसे बातचीत हुई थी। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से बाबा सिद्दीकी की हत्या हुई है उसे लग रहा है कि कोई भी सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि आज सरकार को लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को सुधारना चाहिए।

बड़ी खबर : प्लास्टिक फैक्ट्री में लगी भीषण आग, तकरीबन 1 करोड़ से अधिक रुपये की संपत्ति के नुकसान की जताई जा रही आशंका

डेस्क : बिहार के बेगूसराय जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां आज अहले सुबह प्लास्टिक फैक्ट्री में भीषण आगलगी की घटना में तकरीबन 1 करोड़ रुपये से अधिक के संपत्ति के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। घटना जिले के रिफाइनरी थाना क्षेत्र के मोसादपुर औद्योगिक क्षेत्र की है। आगलगी का कारण बिजली की शार्ट सर्किट बताया जा रहा है।

बताया जा रहा है कि आज जैसे ही लोगों की आंख खुली और लोग बाहर निकले तो देखा कि मोसादपुर देवना स्थित बियाडा के द्वारा संचालित एक निजी प्लास्टिक के फैक्ट्री में आग लगी हुई थी। जिसके बाद स्थानीय लोगों ने अग्निशमन विभाग को इसकी सूचना दी ।

जबतक अग्निशमन विभाग वहां पहुंचकर आग पर काबू पाती तब तक धू धू कर पूरी फैक्ट्री जल चुकी थी। उक्त फैक्ट्री में प्लास्टिक के बोतल, ढक्कन, आर ओ प्लांट में उपयोग होने वाले प्लास्टिक के बर्तन सहित कई प्लास्टिक की सामग्री बनाई जाती थी।

काफी मशक्कत के बाद अग्नि समन विभाग ने आग पर काबू पाया। गनीमत रही की आसपास के अन्य औद्योगिक प्रतिष्ठान में आग नहीं लगी अगर समय रहते आग पर काबू नहीं पाया जाता तो काफी बड़ी क्षति हो सकती थी। फिलहाल अग्निशमन विभाग के द्वारा आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया है।

NCP के वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दकी की हत्या पर नेता प्रतिपक्ष समेत बिहार के कई नेताओं ने जताया गहरा दुख

डेस्क : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की बीते शनिवार की रात मुंबई के बांद्रा ईस्ट इलाके में तीन लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी। महाराष्ट्र की राजनीति में उनका एक बड़ा राजनीतक कद रहा है। मूल रुप से बाबा सिद्दीकी बिहार के निवासी थे। उनका जन्म 1956 में पटना में हुआ था। गोपालगंज उनका पुश्तैनी घर है। बिहार के मूल निवासी होने के वाबजूद बाबा सिद्दीकी ने मुंबई को अपना कर्म क्षेत्र बनाया और महाराष्ट्र की राजनीति में अपनी एक अलग पहचान बनाई।

इधर बाबा सिद्दीकी की हत्या पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने उनकी हत्या पर गहरा शोक प्रकट किया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया के पोस्ट में लिखा है “महाराष्ट्र के वरीय नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या का समाचार बेहद दुखद है। परवरदिगार से इल्तिजा है कि मरहूम को जन्नत में आला मकाम दें और परिजनों को सब्र और हिम्मत। महाराष्ट्र में एनडीए शासन में लगातार हो रही ऐसी आपराधिक घटनाओं को क्या नाम देंगे?”

इधर, पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बाबा सिद्दीकी की हत्या बहुत दुखद है। दो आरोपियों को पकड़ लिया गया है, एक फरार है। शिवसेना-बीजेपी के राज में कोई भी हत्या करके बच नहीं सकता है। अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा।

वहीं बाबा सिद्दीकी की हत्या पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने एक्स पर लिखा, “बिहार से ताल्लुक रखने वाले एनसीपी के बड़े लीडरान में शामिल बाबा सिद्दीकी साहब के कत्ल की खबर बेहद गमजदा कर देने वाली है। वह एक जिन्दादिल इंसान थे। पाक परवरदिगार से दरखास्त है कि उन्हें जन्नत-उल-फिरदौस में उंचा मुकाम दें और उनके चाहने वालों को सब्र अता करें।”

जेल में बंद पति से मिलने नहीं गई पत्नी, तो जमानत पर बाहर आते ही बीवी को पीट-पीटकर मार डाला

डेस्क: भोजपुर जिले के बड़हरा थाना क्षेत्र के रामशहर के छितनी के टोला गांव में शुक्रवार की देर रात जेल से जमानत पर छूटकर आए नशेड़ी पति ने अपनी पत्नी की लोहे के राड और लाठी-डंडे से पीटकर हत्या कर दी।

मृतका 34 वर्षीय कविता देवी बड़हरा थाना क्षेत्र छितनी टोला निवासी भोला लाल की पत्नी थी । वह महिला समूह में काम करती थी।शनिवार की सुबह शव का पोस्टमार्टम सदर अस्पताल, आरा में कराया गया।

मृतक के सिर समेत शरीर के अन्य भाग में जख्म के निशान पाए गए हैं। पुलिस ने आरोपित पति को गिरफ्तार कर लिया है। घटना के पीछे पत्नी द्वारा जेल जाकर मुलाकात नहीं किए जाने को लेकर उपजे विवाद की बात सामने आ रही है।

पहले भी पत्नी के साथ मारपीट करने में गया था जेल

इधर ,बड़हरा थाना क्षेत्र के गुलाब छपरा गांव निवासी मृतका के पिता बलिराम लाल ने बताया कि उन्होंने अपनी पुत्री कविता की शादी वर्ष 2013 के अप्रैल महीने में राम शहर छितनी के बाग गांव निवासी भोला लाल से की थी।

पहले वह कपड़े का फेरी करता था। लेकिन ,शादी के कुछ दिन बाद से ही उसे नशे की लत लग गई। जिसके कारण उसने फेरी करना छोड़ दिया। इसके बाद उनकी बेटी महिला समूह में काम कर अपने दोनों बच्चों का पालन-पोषण और घर का खर्च चलाती थी।

छह माह पूर्व उसने भोला लाल जिद करने पर उसे सेकंड हैंड ऑटो खरीद कर दिया था, पर उसने वह भी नहीं चलाया। 10 सितंबर को उसके नशेड़ी पति भोला लाल ने दांत शरीर उसके शरीर को कई जगह पर काट लिया था। जिससे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गई थी।

इसके बाद उसने पति को पुलिस के हवाले कर दिया था। पुलिस ने 11 सितंबर को पत्नी के साथ मारपीट के मामले में उसे जेल भेज दिया था। उसी समय से उनकी बेटी मायके में ही रह रही थी।

इस बीच 10 अक्टूबर को आरोपित पति मैला जेल से बाहर आया और अपनी पत्नी कविता देवी से यह बोलकर लड़ने लगा कि जेल में मुझसे मिलने क्यों नहीं आई। इसके बाद वह उसे बहला-फुसला कर वापस ससुराल ले गया। वहां ले जाने के बाद शुक्रवार की रात लाठी-डंडे एवं लोहे के राड से पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी।

सूचना पर स्वजन तत्काल वहां पहुंच गए। इसके बेटे ने बताया कि पापा ने मम्मी को लाठी-डंडे एवं लोहे के राड से मारकर उन्हें मार डाला है। इसके बाद स्वजन द्वारा इसकी सूचना स्थानीय थाना को दी गई।

मृतका के पिता बलिराम लाल ने उसके पति भोला लाल पर नशा करने के लिए पैसे की मांग करने व जेल में मिलने नहीं जाने के कारण अपनी बेटी की लाठी-डंडे एवं लोहे के राड से पीटकर उसकी हत्या करने का आरोप लगाया है।

मृतका अपने चार बहन व दो भाई में दूसरे स्थान पर थी। परिवार में मां दौलत देवी व दो पुत्र आयुष एवं सार्थक है। मृतका की मां दौलत देवी एवं परिवार के सभी सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है।

मम्मी पापा से मिलने जेल पर नहीं जाती थी,इसलिए बाहर आकर पापा ने लोहे के रॉड और डंडा से मारकर मम्मी को मार डाला । ये बातें मृत महिला के छह वर्षीय पुत्र आयुष ने कहा है। आयुष के सामने ही उसके पिता ने उसकी मम्मी की हत्या कर दी है।

2025 के चुनाव जगंल राज बनाम सुशासन के बदले अपने के आधार पर जदयू मांगेगी वोट, आखिर क्यों !

डेस्क : बिहार में अगले साल 2025 में विधान सभा चुनाव होने है। जिसकी तैयारी में प्रदेश के सभी राजनीतिक दल अभी से जुटे गए है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनो ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी अब धीरे-धीरे चरम पर पहुंचने लगा है। सत्ताधारी एनडीए जहां अपने शासनकाल में चहुमुंखी विकास का दावा करता रहा है। वहीं विपक्ष प्रदेश की सत्ताधारी एनडीए पर सिर्फ हवाबाजी और जुमलेबाजी करने का आरोप लगाता रहा है। घूम फिरकर बात जंगलराज बनाम सुशासन पर आ जाती है। लेकिन इसबार जदयू अपना एजेंडा बदल दिया है। जदयू इसबार जंगलराज बनाम सुशासन के नाम पर चुनाव मैदान में नहीं जाएगी। सीएम नीतीश कुमार ने साफ कहा है कि इसबार हम अपने काम के आधार पर जनता के बीच जाएंगे और उनसे वोट मांगगे। मतलब साफ ही इसबार जदयू का एजेंडा उसके 19 साल के कार्यकाल के दौरान किए गए काम होंगे।

बीते दिनों जदयू राज्य कार्यकारिणी की बैठक हुई। इस बैठक में नीतीश कुमार के साथ पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा समेत पार्टी के मंत्री, सीनियर नेता व पदाधिकारी आदि मौजूद रहे। बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया गया और 6 फैसलों पर मुहर लगायी गयी। वहीं नीतीश कुमार के नेतृत्व में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कही गयी।

वही इस बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर साफ तौर पर कहा कि इसबार हम जनता के बीच अपने काम को लेकर जाएंगे। उन्होंने नेताओं को कहा कि जनता के बीच जाकर सरकार के कामों से अवगत कराएं। इसकी तैयारी में अभी से लग जाना है।

अब सबसे अहम सवाल यह है कि बिहार में पिछले तकरीबन 20 सालों से चुनाव का मुद्दा जंगलराज बनाम सुशासन रहा है और उसके बल पर ही प्रदेश में 2005 से लेकर 2024 तक बीच के एक-दो साल छोड़ दिया जाए तो एनडीए सत्ता पर काबिज रही है, तो फिर नीतीश कुमार अगले चुनाव में इससे क्यों किनारा कर रहे है।

यदि बीते कुछ वर्षो में प्रदेश के हालात पर नजर डाले तो बहुत कुछ साफ हो जाएगा। राजद के शासन काल को खत्म कर जब प्रदेश की सत्ता पर काबिज हुए तो यह सही है कि उन्होंने सबसे पहले अपराध पर लगाम लगाया था। लेकिन बीते कुछ वर्षों में बिहार में अपराध एकबार फिर से बढ़ा है। जिसकी चर्चा प्रतिदिन बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव करते रहते है। सबसे बड़ी बात यह है कि तेजस्वी प्रदेश कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़ा करने के दौरान अपनी पार्टी के शासन काल को लेकर माफी भी मांगते है। ऐसे नीतीश कुमार को यह समझ में आने लगा है कि अब जंगल राज बनाम सुशासन जैसे घिसे-पिटे मुद्दे पर जनता को पूरी तरह अपने पक्ष में नहीं किया जा सकता है। वहीं अब बिहार में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अपनी राजनीतिक पार्टी जनसुराज का एलान कर खलबली मचा दिया है।

प्रशांत किशोर ने दो साल तक जनता के बीच रहकर कड़ी मेहनत की है। इस दौरान उन्होंने कही भी अपराध या जंगलराज बनाम सुशासन जैसी बात कहकर बिहार के छत्रप राजद और जदयू को कटघरे में खड़ा नहीं किया है। उन्होंने राजद, जदयू और बीजेपी को कटघड़े में खड़ा किया है अपने अलग तरीके से। उन्होंने शिक्षा पर ज्यादा जोर दिया है। आर्थिक मजबूती की बात की है। वहीं उनकी पार्टी के लांचिग के मौके पर पटना में जो भीड़ उमड़ी थी वे राजद, जदयू और बीजेपी तीनो बड़ी पार्टियों के लिए खतरे के संकेत थे। यदि वह भीड़ सही मायने में पीके के जनसुराज के साथ चली जाती है तो प्रदेश के सत्ताधारी एनडीए और महागठबंधन दोनो को भारी पड़ सकता है।

इस पूरे गणित को देखते हुए अब नीतीश कुमार को यह लगने लगा है कि राजद के गुंडाराज शासन की बात कर जनता को अपनी ओर नहीं किया जा सकता है। बात भी सही है। पिछले 19 सालों से बिहार पर उनका शासन है। ऐसे में जनता यह सवाल कर सकती है कि अपराध तो आपने कम कर दिया, लेकिन शिक्षा और रोजगार जैसे मुद्दे भी अपनी जगह कायम है और यही वजह है कि नीतीश कुमार जहां चुनाव से पहले 10 लाख नौकरी की बात कर रहे है। वहीं जनता के बीच अपने शासन काल मे किये गए कार्यों को जनता के बीच पहुंचाने की बात कर उस आधार पर इसबार चुनाव मैदान में जाने की बात कर रहे है।

सीएम नीतीश ने बाढ़ पीड़ित लाभुकों के खाते में भेजे 7-7 हजार रुपये की राशि, दीवाली से पहले किसानों को फसल क्षति की राशि देने के दिए निर्देश*

डेस्क : बिहार के 18 जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है। हालांकि इनके राहत के लिए प्रदेश की नीतीश सरकार द्वारा खजाना खोल दिया गया है। सीएम नीतीश कुमार ने स्पष्ट रुप से कहा है कि सरकार के खजाने पर पहला हक बाढ़ पीड़ितों का है। वहीं बीते गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 18 जिलों के 3.21 लाख बाढ़ पीड़ित लाभुकों के खाते में 7-7 हजार रुपये की राशि डीबीटी के माध्यम से भेजी। गुरुवार को अपने आवास में आयोजत कार्यक्रम में उन्होंने भुगतान का माउस क्लिक कर दूसरे चरण के लाभुकों के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के द्वारा 225.25 करोड़ रुपए की राशि भेजी। बता दें मुख्यमंत्री की ओर से प्रथम चरण में 4 लाख 38 हजार 529 परिवारों के खाते में 306.97 करोड़ रुपए भेजे गए थे। आज दूसरे चरण में 3 लाख 21 हजार 792 परिवारों के खाते में 225.25 करोड़ भेजे गए। इस प्रकार अबतक कुल 7 लाख 60 हजार 321 परिवारों के खाते में 532.22 करोड़ रुपए भेजे गए। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा भी की। उन्होंने अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसानों को फसल क्षति की राशि दीपावली के पहले उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। कहा कि बाढ़ के दौरान जिन किसानों की फसल क्षति हुई है, उसमें कोई छूटें नहीं। सभी प्रभावित परिवारों को राशि अवश्य मिल जाय। कृषि विभाग इसके लिये तेजी से काम करे।