पूर्णिया के कई गांव के लोग आज भी कच्ची सड़क पर चलते है । एक अदद पक्की सड़क के लिए चल रहा है संघर्ष
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आज़ादी के कई दशक बीतने के बावजूद अमौर विधानसभा अंतर्गत रहरिया-केमा सड़क नहीं बन पाया । अधांग एवं झौवारी पंचायत के अंतर्गत पडऩे वाले इस सड़क से लोगों के लिये इस सड़क से गुजरना एक चुनौती है। अन्य सड़क न होने पर मजबूर हैं। रहरिया-केमा सड़क अमौर की मुख्य चार पंचायतों को जोड़ती है। अधांग, तियरपाड़ा, झौवारी और पोठिया गंगेली के लोग हर दिन इस सड़क से गुजरते हैं। अबतक सड़क निर्माण नहीं हो पाई, सड़क की लंबाई तक़रीबन एक किलोमीटर है, जब बारिश का मौसम होता है तो पहली बारिश के बाद इस सड़क से गुज़रना किसी खतरे से खाली नहीं है, इस सड़क से होकर सैकड़ों छात्र हर रोज झौवारी प्लस टू स्कूल आते हैं।
सबसे ज्यादा परेशानी बात के समय होती है। अगर सैलाब के वक्त कोई बीमार पड़ गया और उसको हास्पिटल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ गई तो संभव नहीं हो पाता है, जनप्रतिनिधि चुनाव के वक्त वादे तो खूब करते हैं, लेकिन जीत जाने के बाद दोबारा इलाके के लोगों का हाल नहीं पूछते हैं, ग्रामीणों का ऐसा आरोप है,जबकि इस सड़क निर्माण को लेकर धरना प्रदर्शन से लेकर लोकसभा चुनाव में वोट बहिष्कार किया गया था, लेकिन इसके बावजूद भी सिर्फ आश्वासन मिलता है, मुखिया सरबर आलम बताते हैं कि सड़क मार्ग की लंबाई अधिक है जो मेरे द्वारा योजनाओं से पुरा नहीं किया जा सकता है, दोनों ओर मुख्यमंत्री सड़कों का निर्माण हो चूका है, आगे उन्होंने बताया कि कई सांसद विधायक बने,
लेकिन सड़क निर्माण को लेकर सिर्फ़ अधिकारियों द्वारा डीपीआर ही तैयार होता है, बच्चे बुढ़े होने चले लेकिन पुल सड़क निर्माण नहीं हो पाई सड़क के अभाव में रिश्ते के लिए भी लोग नहीं आते हैं, उन्होंने कहा कि हो सकता है शायद यह सड़क बिहार के मानचित्र पर नही है,सड़क निर्माण को लेकर मुखिया सरबर आलम पंचायत समिति सदस्य तैयब आलम मनौवर आलम नौशाद आलम मोo खालिक आसिफ आलम अन्य लोगों ने जिला पदाधिकारी से सड़क निर्माण कराने की मांग की है,


संघर्ष समिति के संयोजक दिलीप कुमार दीपक बाल गोपाल प्रसाद राजीव भारती ज्ञानेंद्र राय सुमंत्रालाल शाह धनेश जेठानी नरेंद्र चौधरी एवं जन संघर्ष सeमिति के संयोजक बालेश्वर प्रसाद वर्मा सभी को मीशा कानून के अंतर्गत गिरफ्तार कर पहले अररिया जेल भेजा गया बाद में उन्हें भागलपुर सेंट्रल जेल भेजा गया था इन लोगों पर यह आरोप था की इन लोगों ने कलेक्टर को झंडा फहराने नहीं दिया यह लोग पूर्णिया कॉलेज के प्रोफेसर बृजेंद्र शरण की मदद से बम बनाया करते थे तथा कलेक्ट्रेट को बम से उड़ने की योजना भी बना रखे थे ज्ञातव्य है की झंडा फहराने का निर्धारित समय तक जिला पदाधिकारी के नहीं पहुंचने पर छात्रों द्वारा झंडा फहरा दिया गया था जिसके कारण लाठी चार्ज हुआ था और उपरोक्त सभी नेताओं को पकड़ कर जेल भेज दिया गया जिसकी गूंज बीबीसी लंदन तक सुनाई दी थी यही कारण है कि आज भी जीपी आंदोलन की चर्चा होती रहती है इस आंदोलन की योजना जेल में 9 अगस्त को गिरफ्तार होकर आंदोलन के नेता एवं साहित्यकार फणीश्वर नाथ रेणु के द्वारा बनाई गई थी जिसे अमली जामा पहनाने का काम छात्रों द्वारा किया गया था
पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्णिया मेरा घर है और मां का आशीर्वाद लेने अपने घर आया हूं । मां से कामना किया हूं कि बिहार तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़े और भारत विश्व गुरु बने जिसकी परिकल्पना हम लोगों ने किया है ।
पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने आज रुपौली प्रखंड के विजय मोहनपुर पंचायत के मोहनपुर गांव और भौवा प्रवल पंचायत के अंझरी गांव में बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं का जायजा लिया। सांसद ने बाढ़ प्रभावित परिवारों की आर्थिक मदद करते हुए उन्हें राहत सामग्री वितरित की। साथ ही उन्होंने घोषणा की कि कल 1 हजार सूखा राशन सामग्री पॉकेट, 1 हजार साड़ी और 1 हजार लुंगी प्रभावित गांवों में भेजी जाएगी। सांसद पप्पू यादव ने निरीक्षण के दौरान बताया कि अब तक सरकार की ओर से कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे बाढ़ प्रभावित लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सांसद ने कहा, "लोगों की समस्याओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हम हरसंभव सहायता प्रदान कर रहे हैं और इस कठिन समय में बाढ़ पीड़ितों के साथ मजबूती से खड़े हैं।
Oct 13 2024, 14:28
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