हादसों को दावत दे रहा कुंआंनों नदी के पुल का टूटा रेलिंग
खजनी गोरखपुर। तहसील क्षेत्र के सिकरीगंज कस्बे में राम जानकी मार्ग पर स्थित कुंआंनों नदी पर बने पुल की लोहे की रेलिंग टूट गई है। जिससे असावधानी में किसी के भी नदी में गिरने की संभावना बनी हुई है। इतना ही नहीं पुल से नदी के पानी में छलांग लगाने की दर्जनों घटनाएं हो चुकी हैं, किंतु जिम्मेदार प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं है।
लंबे समय से पुल की टूटी हुई रेलिंग की अब तक मरम्मत नहीं कराई गई। गोरखपुर और संतकबीरनगर जिले को जोड़ने वाले इस मार्ग से होकर निरंतर वाहनों का आवागमन बना रहता है। जिससे हमेशा किसी गंभीर हादसे की आशंका बनी रहती है। स्थानीय लोगों में सद्दाम, जावेद, सतीश, रामपलट, रामा, अवधेश कुमार, शिवम जायसवाल सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि जिले पर स्थित राप्ती नदी पुल से कूद कर आत्महत्या करने की घटनाओं के बाद पुल पर ऊंची रेलिंग लगा दी गई। किंतु कुंआंनों नदी पर बने इस पुल के टूटे हुए रेलिंग की मरम्मत नहीं कराई जा रही है।
लोगों ने बताया कि बरसात के मौसम में नदी में पानी भरा हुआ है, पुल से नवरात्र में दुर्गा पूजा पांडालों में स्थापित मूर्तियों का विसर्जन भी किया जाता है, रेलिंग की ऊंचाई भी बेहद कम है जिससे पुल से नदी में छलांग लगाने की घटनाएं होती रहती हैं। इसकी ऊंचाई बढ़ाने और उपर लोहे की जाली लगाने की जरूरत है।हादसों को दावत दे रहा कुंआंनों नदी के पुल का टूटा रेलिंग
खजनी गोरखपुर। तहसील क्षेत्र के सिकरीगंज कस्बे में राम जानकी मार्ग पर स्थित कुंआंनों नदी पर बने पुल की लोहे की रेलिंग टूट गई है। जिससे असावधानी में किसी के भी नदी में गिरने की संभावना बनी हुई है। इतना ही नहीं पुल से नदी के पानी में छलांग लगाने की दर्जनों घटनाएं हो चुकी हैं, किंतु जिम्मेदार प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं है।
लंबे समय से पुल की टूटी हुई रेलिंग की अब तक मरम्मत नहीं कराई गई। गोरखपुर और संतकबीरनगर जिले को जोड़ने वाले इस मार्ग से होकर निरंतर वाहनों का आवागमन बना रहता है। जिससे हमेशा किसी गंभीर हादसे की आशंका बनी रहती है। स्थानीय लोगों में सद्दाम, जावेद, सतीश, रामपलट, रामा, अवधेश कुमार, शिवम जायसवाल सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि जिले पर स्थित राप्ती नदी पुल से कूद कर आत्महत्या करने की घटनाओं के बाद पुल पर ऊंची रेलिंग लगा दी गई। किंतु कुंआंनों नदी पर बने इस पुल के टूटे हुए रेलिंग की मरम्मत नहीं कराई जा रही है।
लोगों ने बताया कि बरसात के मौसम में नदी में पानी भरा हुआ है, पुल से नवरात्र में दुर्गा पूजा पांडालों में स्थापित मूर्तियों का विसर्जन भी किया जाता है, रेलिंग की ऊंचाई भी बेहद कम है जिससे पुल से नदी में छलांग लगाने की घटनाएं होती रहती हैं। इसकी ऊंचाई बढ़ाने और उपर लोहे की जाली लगाने की जरूरत है।
Oct 07 2024, 18:45