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केन्द्र सरकार ने जारी की जनगणना की अधिसूचना, पूरी तरह होगा डिजिटल, तैयार किए जाएंगे मोबाइल एप

#governmentissuedcensus_notification 

भारत सरकार ने जनगणना को लेकर औपचारिक ऐलान कर दिया है। गृह मंत्रालय ने सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी, जिसके बाद अब जनगणना की तैयारियों को अंतिम रूप देने का काम शुरू हो गया है।सरकारी बयान के अनुसार, यह जनगणना पूरी तरह डिजिटल होगी। 

16 भाषाओं में उपलब्ध होंगे मोबाइल एप

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि जनगणना 2027 में होगी और इसे 2 चरणों में कराई जाएगी। इसके लिए लोगों से हर स्तर पर जानकारी ली जाएगी। मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग करते हुए यह डिजिटल माध्यम से कराई जाएगी। इसके लिए मोबाइल एप तैयार किए जाएंगे और उसी में जनगणना से जुड़ी सभी जानकारी एकत्र की जाएगी। एप 16 भाषाओं में उपलब्ध होंगे।

पहली बार जाति गणना

गृह मंत्री शाह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा था, 16वीं जनगणना में पहली बार जाति गणना शामिल होगी। 34 लाख गणक और सुपरवाइजर, 1.3 लाख जनगणना पदाधिकारी आधुनिक मोबाइल और डिजिटल उपकरणों के साथ यह कार्य करेंगे। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख और हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड में 1 अक्तूबर, 2026 से और देश के बाकी हिस्से में 1 मार्च, 2027 से जातियों की गणना और जनगणना का कार्य शुरू होगा।

Gavi Infra Secures Key Wins in Smart City, Solar, and Power Infrastructure Projects Across India

India’s push toward urban modernization has created demand for EPC companies that can deliver not just on paper — but on-site. Enter Gavi Infra, a next-generation infrastructure firm founded by Mr. Jain, now recognized for its fast-paced execution across power, civil, solar, and smart city projects.

In the last 18 months, Gavi Infra has completed and mobilized projects across multiple states, including:

- 11kV–220kV HT line trenching

- solar corridors for industrial rooftops

- Sewage EPC under Smart City schemes

- Builder utility backbones including feeder rooms, ducting, and drainage

“We believe in speed and integration,” says Jain. “If you’re hiring one company for solar, another for civil, and a third for HT works — your project is already late.”

What sets Gavi apart is its full-spectrum EPC capability. With a trained in-house crew and zero subcontractor dependency, Gavi Infra is executing tenders faster than legacy firms, while maintaining technical depth and documentation standards needed for public sector compliance.

Whether it’s a smart city streetlight backbone or a 132kV switchyard in a private SEZ, Gavi Infra is winning the trust of both governments and developers alike.

For those watching the evolution of India’s infrastructure space, Gavi is the brand to track.

To explore Gavi’s full capabilities, visit: https://gaviinfra.com

मणिपुर से हटेगा राष्ट्रपति शासन? बीजेपी ने राज्यपाल से मिल 44 विधायकों के समर्थन का किया दावा

#manipurbjpstakeclaimtoformgovernment

मणिपुर में एक बार फिर राजनीति हलचल देखी जा रही है। मणिपुर में 10 विधायकों ने बुधवार को राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है। इनमें 8 भाजपा, एनपीपी और निर्दलीय के एक-एक विधायक हैं। इन्होंने दावा किया है इनके पास 44 विधायकों का समर्थन है।

विधायक राधेश्याम ने इस मुलाकात के बाद घोषणा की कि 44 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जो एक लोकप्रिय और स्थिर सरकार बनाने के लिए तैयार हैं।विधायक राधेश्याम ने मीडिया से बातचीत में कहा, हमारे पास 44 विधायकों का समर्थन है, और सभी भाजपा विधायक एकजुट होकर जनता की इच्छा के अनुरूप सरकार बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम राज्यपाल से अनुरोध करते हैं कि वे हमारे बहुमत को मान्यता दें और शीघ्र कार्रवाई करें।

विधानसभा अध्यक्ष ने 44 विधायकों से मुलाकात की

बीजेपी नेता राधेश्याम सिंह ने कहा, यह बताना कि हम तैयार हैं, सरकार बनाने का दावा पेश करने जैसा है। विधानसभा अध्यक्ष सत्यव्रत ने 44 विधायकों से व्यक्तिगत और संयुक्त रूप से मुलाकात की है। किसी ने भी नई सरकार के गठन का विरोध नहीं किया है। उन्होंने कहा, लोगों को बहुत अधिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। पिछले कार्यकाल में कोविड के कारण दो साल बर्बाद हो गए थे और इस कार्यकाल में संघर्ष के कारण दो और साल बर्बाद हो गए हैं।

विधानसभा अध्यक्ष केंद्रीय नेतृत्व के बुलावे पर दिल्ली रवाना

दूसरी तरफ, विधानसभा अध्यक्ष सत्यव्रत केंद्रीय नेतृत्व के बुलावे पर दिल्ली रवाना हो गए हैं। जल्द ही सरकार बनाने पर आलाकमान का फैसला आ सकता है। मणिपुर में 60 विधानसभा सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 31 है।

13 फरवरी से मणिपुर में लागू है राष्ट्रपति शासन

बता दें कि मणिपुर में एन. बीरेन सिंह की सरकार 9 फरवरी 2025 को उनके इस्तीफे के साथ गिर गई थी।मई 2023 से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच राज्‍य में जातीय हिंसा जारी है, जिसमें 250 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस मुद्दे पर उनकी सरकार पर दबाव बढ़ा। विपक्ष और भाजपा के 19 विधायकों ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी की, जिसके डर से बीरेन ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद 13 फरवरी 2025 को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू हुआ। ऐसा इस‍लिए हुआ क्‍योंकि भाजपा नया मुख्यमंत्री नहीं चुन पाई थी।

Thanks Given to Prime Minister Modi for Caste Census by Suheldev Bharatiya Samaj Party in Budhanpur Tehsil
Under the leadership of District Vice President ,Ramashankar Rajbhar of the Suheldev Bharatiya Samaj Party (SBSP), a letter of gratitude addressed to Prime Minister Narendra Modi regarding the government's decision to conduct a caste census was submitted through the Sub-Divisional Magistrate (SDM) of Budhanpur Tehsil. Ramashankar Rajbhar stated that the party's national president, Om Prakash Rajbhar, had instructed all party members and workers to submit a letter of thanks to the Prime Minister through their respective SDMs. Following this directive, all party workers gathered at 12 PM and submitted the letter to SDM S.N. Tripathi.There was great enthusiasm among the party workers. SDM S.N. Tripathi confirmed that the SBSP representatives had handed over a letter of gratitude for the Prime Minister, which would be forwarded to him promptly.On this occasion, several people including Tejai Rajbhar, Ramchandra Rajbhar, Gajraj, Laxmi, Rajmati, Archana, Anita, Radhika, and Sanjay were present.
स्वास्थ्य विभाग की एक और खरीदी में हुआ बड़ा घोटाला, मर्चुरी कैबिनेट बॉक्स की खरीदी में कम रेट वालों को किया गया बाहर

रायपुर- छत्तीसगढ़ में कुछ महीने पहले CGMSC (छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड) से 660 करोड़ की मेडिकल उपकरण की खरीदी का घोटाला सामने आया था, जिसके बाद EOW-ACB मामले की जांच कर रही है। इस बीच कांकेर जिले के दुर्गकोंदल में पदस्थ ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी मनोज किशोरे के कार्यकाल में मर्चुरी कैबिनेट बॉक्स की खरीदी को लेकर बड़ा भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। यह टेंडर GEM पोर्टल (Government e-Marketplace) पर दिनांक 7 अप्रैल 2025 को क्रमांक GEM/2025/B/6119475 के अंतर्गत जारी हुआ था, जिसमें 8 मर्चुरी कैबिनेट बॉक्स की खरीदी होनी थी।

चौंकाने वाली बात यह है कि इस टेंडर में एक ही ब्रांड ‘Infinity Mortuary Cabinet Box’ को फिक्स कर तीन अलग-अलग फर्मों, मॉडल ग्रुप (L1), नेशनल ट्रेडर (L2), और श्री ग्रुप ऑफ कंपनी (L3) ने बिड डाला था। तीनों कंपनियों का ब्रांड और OEM एक ही होने की वजह से यह पूरा मामला संदेह के घेरे में आ गया है।

बाजार दर से दोगुनी कीमत पर दिया गया टेंडर

सबसे हैरानी की बात यह है कि अन्य बिडरों ने यह मर्चुरी कैबिनेट बॉक्स 11 से 12 लाख रुपये प्रति यूनिट की दर से उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दिया था, वहीं मॉडल ग्रुप ने 28.78 लाख (L1), नेशनल ट्रेडर ने 30.97 लाख (L2), और श्री ग्रुप ऑफ कंपनी ने 32.53 लाख (L3) की दर से टेंडर उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दिया। इनमें से 28 लाख 78 हजार 400 रू डालने वाले बीडर मॉडल ग्रुप को टेंडर जारी कर दिया गया, यह कीमत बाजार दर से दोगुनी से भी अधिक है।

जानकारी के मुताबिक, टेंडर प्रक्रिया में अन्य बिडरों को दस्तावेज मूल्यांकन के दौरान अपात्र घोषित कर बाहर कर दिया गया। आरोप है कि कुछ जरूरी दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड होने के बावजूद यह कहकर खारिज कर दिया गया कि उनकी हार्ड कॉपी समय पर नहीं दी गई। जब संबंधित बिडर हार्ड कॉपी जमा करने गए, तो उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।

यह सब तब हो रहा है जब सरकार ‘सुशासन तिहार’ मना रही है और स्वास्थ्य विभाग में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से DPDMIS पोर्टल को सार्वजनिक किया गया है। वहीं CGMSCL के कई अधिकारियों पर EOW द्वारा शिकंजा कसने की घटनाएं पहले से सामने आ चुकी हैं। बाकी बिडरों ने GEM पोर्टल के उच्चाधिकारियों, राज्य सरकार और सुशासन तिहार के मंच पर इस भ्रष्टाचार की शिकायत करने की बात कही है। उनका कहना है कि जब तक ऐसी मनमानी टेंडर प्रक्रियाएं बंद नहीं होतीं, तब तक सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता की बात केवल दिखावा है।

ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी मनोज किशोरे ने दी ये सफाई

इस पूरे मामले पर जब ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी मनोज किशोरे से प्रतिक्रिया ली गई, तो उन्होंने कहा कि “टेंडर GEM पोर्टल में निकाला गया है। नियमानुसार बिडरों ने टेंडर भरा है। L1, L2, L3 तय हुआ और कम दर वाली फर्म को टेंडर दिया गया है। मैन्युफैक्चरिंग से कितने लोग जुड़े हैं या किसको क्या सम्बद्धता दी गई है, यह मैं नहीं कह सकता।”

अब “डिजिटल स्ट्राइक”, भारत में पाकिस्तान का एक्स अकाउंट सस्पेंड, पहलगाम अटैक के बाद एक और एक्शन

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पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले के बाद केंद्र सरकार लगातार एक्शन में हैं। भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। भारत ने पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट की देश में पहुंच को रोक दिया है यानी पाकिस्तान सरकार का एक्स हैंडल भारत में नहीं दिखेगा और ना ही उसके कोई पोस्ट नजर आएंगे। हालांकि पाकिस्तान और भारत के बाहर अन्य देशों में यह अकाउंट एक्टिव दिखेगा। इसे भारत की तरफ से “डिजिटल स्ट्राइक” माना जा रहा है।

इससे एक दिन पहले यानी बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक हुई। इसमें इस कायरतापूर्ण हमले के प्रति भारत के जवाबी कदमों को अंतिम रूप दिया गया। इस बैठक में भारत ने पाकिस्न पर पांच कड़े प्रहार किए है।

सीमा पार आतंकवाद के लिंकेज सामने आने के बाद सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है, उनका वीजा रद्द कर दिया गया है। सार्क के तहत वीजा सुविधा भी खत्म कर दी गई है। इसके अलावा, भारत ने सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को दी जाने वाली पानी की सप्लाई रोक दी है और अटारी चौकी को बंद किए जाने का फैसला लिया। साथ ही, भारत अपने राजनयिकों को पाकिस्तान से वापस बुला रहा है।

इस बीच सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल होंगे।सर्वदलीय बैठक बुलाने का निर्णय बुधवार को लिया गया और राजनाथ सिंह और अमित शाह ने विभिन्न दलों से संपर्क किया। राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर असर डालने वाली किसी भी घटना के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाने की परंपरा रही है, जैसा कि 2019 में पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद या 2020 में भारत-चीन गतिरोध के दौरान देखा गया था। इससे संकट के समय में राष्ट्रीय एकता की तस्वीर पेश होती है और विपक्षी नेताओं को सरकार तक अपने विचार पहुंचाने और आधिकारिक स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने का अवसर मिलता है।

अब दर्द से कराह उठेगा पाकिस्तान, पहलगाम आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार ने चलाया चाबुक

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आतंकियों को पनाह देने वाला और “हिंसा में हंसने” वाला पाकिस्तान अब कराह उठेगा। पहलगाम आंतकी हमले के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने जबरदस्त एक्शन दिखाया है। पीएम मोदी सऊदी अरब का दौरा रद्द करके वापस दिल्ली लौटे और सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति यानी सीसीएस की अहम बैठक की। इस बैठक में सरकार ने आतंकवाद पर चोट देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले किए हैं। सरकार ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता को रोक दिया है। इसके अलावा भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर एक मई तक उन्हें भारत छोड़ने का आदेश दिया है।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए इसकी जानकारी दी। मिस्री ने कहा, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सीसीएस की बैठक हुई। सीमा पार आतंकवाद के लिंकेज सामने आने के बाद सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है, उनका वीजा रद्द कर दिया गया है। सार्क के तहत वीजा सुविधा भी खत्म कर दी गई है। इसके अलावा, भारत ने सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को दी जाने वाली पानी की सप्लाई रोक दी है। साथ ही, भारत अपने राजनयिकों को पाकिस्तान से वापस बुला रहा है।

सीसीएस बैठक में लिए 5 कड़े फैसले

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, इस आतंकवादी हमले की गंभीरता को समझते हुए सीसीएस ने निम्नलिखित उपायों पर निर्णय लिया-

• 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता।

• एकीकृत चेक पोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा। जो लोग वैध तरीके के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे 1 मई 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं।

• पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी SPES वीजा को रद्द माना जाएगा। SPES वीजा के तहत वर्तमान में भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे हैं।

• नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाता है। उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है।

• भारत इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे। दोनों देशों से 5-5 सहयोगी स्टाफ भी हटाए जाएंगे। विदेश सच‍िव ने बताया क‍ि राजनयिक स्टाफ की संख्या घटाई जाएगी। दोनों हाई कमीशनों में स्टाफ की संख्या 55 से घटाकर 30 की जाएगी। यह बदलाव 1 मई 2025 तक प्रभावी होगा।

पाकिस्तान पर क्या प्रभाव पड़ेगा

-सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को सिंधु, झेलम, और चिनाब नदियों का 80% पानी मिलता है, जो उसकी कृषि और अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। पाकिस्तान में 47 मिलियन एकड़ से अधिक भूमि की सिंचाई इन नदियों पर निर्भर है। पानी की आपूर्ति रोकने से पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांतों में कृषि उत्पादन, विशेष रूप से गेहूं और चावल, पर गंभीर असर पड़ेगा, जिससे खाद्य संकट और आर्थिक अस्थिरता बढ़ सकती है। भारत का यह कदम "पानी की सर्जिकल स्ट्राइक" के रूप में देखा जा रहा है।

-अटारी-वाघा सीमा भारत-पाकिस्तान के बीच सीमित व्यापार का प्रमुख केंद्र है। इसे बंद करने से पाकिस्तान का भारत के साथ आयात-निर्यात, विशेष रूप से कृषि और कपड़ा उत्पादों का व्यापार, प्रभावित होगा। इससे पाकिस्तान की पहले से कमजोर अर्थव्यवस्था पर और बोझ पड़ेगा।

-पाकिस्तानी नागरिकों को भारत यात्रा से रोकने और मौजूदा SPES वीजा निरस्त करने से पाकिस्तान का क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) में प्रभाव कमजोर होगा। यह कदम पाकिस्तान से भारत में संदिग्ध व्यक्तियों की घुसपैठ को रोकने में प्रभावी हो सकता है

- 48 घंटे का अल्टीमेटम पाकिस्तान को यह संदेश देता है कि भारत अब आतंकवाद के जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रहा है।

- पाकिस्तानी रक्षा सलाहकारों को निष्कासित करना और भारत के रक्षा सलाहकारों को वापस बुलाना दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक संबंधों को न्यूनतम स्तर पर ला देगा। यह पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर अलग-थलग करने की भारत की रणनीति का हिस्सा है।

Thinking of Going Solar? Here's What ANMAK SOLAR Wants You to Know

With electricity costs climbing and environmental concerns on the rise, switching to solar seems like a no-brainer. But many homeowners hesitate because of unanswered questions. ANMAK SOLAR, a trusted rooftop solar company from Meerut, answers your most common doubts.

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शिक्षक भर्ती मामले में ममता सरकार को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच पर लगाई रोक


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शिक्षक भर्ती मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। पश्चिम बंगाल में शिक्षकों और स्कूल कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त पद बनाने के मामले की सीबीआई जांच नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया है। बंगाल सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें शिक्षकों और स्कूल कर्मचारियों के अतिरिक्त पद बनाने के राज्य सरकार के 2022 के फैसले की सीबीआई जांच का आदेश दिया गया था। सर्वोच्च अदालत ने हाई कोर्ट द्वारा दिए गए सीबीआई जांच के आदेश को रद्द कर दिया है। उच्चतम न्यायालय ने हालांकि कहा कि पश्चिम बंगाल में 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति के अन्य पहलुओं के संबंध में सीबीआई जांच जारी रहेगी।

 

कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से सुपरन्यूमेरी पोस्ट बनाने के फैसले की सीबीआई जांच के हाई कोर्ट के आदेश को रद्द किया। दरअसल बंगाल सरकार ने दागी उम्मीदवारों को समायोजित करने के लिए अतिरिक्त शिक्षक पदों का सृजन किया था। कलकत्ता कोर्ट ने 25 हजार से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने के साथ-साथ इन पोस्ट के सृजन के ममता सरकार के फैसले की भी सीबीआई जांच का आदेश दिया था।

आज सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त पदों बनाने के फैसले की सीबीआई जांच के हाई कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया कि आज का आदेश अतिरिक्त पदों के सृजन की जांच करने के मामले तक सीमित है और किसी भी तरह से इस पूरे घोटाले के अन्य पहलुओं में जो सीबीआई जांच कर रही है या चार्जशीट दाखिल कर रही है , उस पर इसका कोई असर नहीं होगा।

बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट शिक्षक भर्ती को रद्द कर चुका है। शीर्ष अदालत ने 3 अप्रैल को बंगाल में सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य करार दिया था। इन कर्मचारियों का चयन 2016 में राज्य स्कूल सेवा आयोग के एक भर्ती अभियान के माध्यम से चुना गया था।

सोमवार को इस फैसले से प्रभावित शिक्षकों से सीएम ममता बनर्जी ने मुलाकात की। सीएम ने कहा कि हम कोर्ट के आदेश से बंधे हुए हैं। यह फैसला उनके लिए अन्याय है जो काबिल हैं। सीएम ने नेताजी इनडोर स्टेडियम में शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोग यह मत समझिए कि हमने फैसला स्वीकार कर लिया है। हम पत्थरदिल नहीं है। मुझे ऐसा कहने के लिए वे जेल में भी डाल सकते हैं। वहीं इस मामले में शिक्षकों ने कहा कि घोटाल में सीएम, उनका मंत्रिमंडल और आयोग भी शामिल हैं। नौकरियों के बदले रिश्वत ली गई है। सीएम ने आज हमें लॉलीपॉप दिया है। वहीं सरकार इस फैसले के खिलाफ जल्द ही समीक्षा याचिका दायर कर सकती है।

बांग्लादेश की यूनुस सरकार का भारत विरोधी एजेंडा, चीन को दिया बड़ा ऑफर, कोलकाता के बगल में...

#bangladeshsyunusgovernmentsantiindia_agenda

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद बनी अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने कई ऐसे फैसले लिए जिसमें भारत का विरोध झलका। सत्ता संभालने के बाद यूनुस के फैसले बांग्लादेश को चीन और पाकिस्तान के करीब लाते हैं, जबकि भारत के लिए मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। मोहम्मद यूनुस ने कई ऐसे फैसले लिए हैं, जिससे भारत की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ती है। पहले पाकिस्तान से गलबहियां करने के बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया यूनुस ने हाल ही में चीन का दौरा किया। अपने इस दौरे के दौरान यूनुस ने भारत के खिलाफ चीन को “चारा” देने की कोशिश की।

प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद भी बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार डॉ. मोहम्मद यूनुस का भारत विरोधी रवैया जारी है। बिमस्टेक समिट में पीएम मोदी से मुलाकात के बाद भी यूनुस सरकार ने चीन और पाकिस्तान को रणनीतिक जगहों पर अहम प्रोजेक्ट सौंप दिए हैं। इनमें एक पोर्ट और एक एयरबेस शामिल है। अपनी चीन यात्रा के दौरान बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने चीन को बड़ा ऑफर दिया। उन्होंने बांग्लादेश के लालमोनिरहाट जिले में एयरबेस बनाने का न्योता दे डाला।

इकोनॉमिक टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में ये दावा किया गया है। ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक आधिकारिक दस्तावेजों में तो इस एयरबेस का जिक्र नहीं किया गया है लेकिन माना जा रहा है कि मोहम्मद यूनुस ने जब पिछले दिनों बीजिंग की यात्रा की थी तो उन्होंने चीनी अधिकारियों के साथ इस एयरबेस को लेकर बात की थी।

कोलकाता से सिर्फ 200 किमी पोर्ट की जिम्मेदारी चीन को

बांग्लादेश में शेख हसीना (सरकार के सत्ता से बाहर होने और मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के गठन के बाद भारत-बांग्लादेश संबंधों में बदलाव देखने को मिला है। इस बीच नई सरकार ने चीन से घनिष्ठ संबंध बनाने के संकेत दिए हैं। हाल ही में बिजिंग के दौरे पर पहुंचे बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी। इस दौरान बांग्लादेश ने भारत के कोलकाता से सिर्फ 200 किमी दूर मोंगला पोर्ट के विस्तार की जिम्मेदारी चीन को दी है। यूनुस की हालिया बीजिंग यात्रा के दौरान इस डील पर मुहर लगी थी। चीन ने इस पोर्ट के डेवलपमेंट के लिए 400 मिलियन डॉलर (करीब 3,300 करोड़ रुपए) देने का वादा किया है।

चीन को बांग्लादेश में एयरबेस बनाने का न्योता दिया

वहीं, बांग्लादेशी सरकार लालमोनिरहाट जिले में एक सैन्य एयरबेस बना रही है, जो भारत के 'चिकन नेक' यानी सिलीगुड़ी कॉरिडोर से सिर्फ 120 किमी दूर है। मोहम्मद यूनुस ने चीन को बांग्लादेश में एयरबेस बनाने का न्योता दिया। सूत्रों के मुताबिक इसी साल अक्टूबर तक एयरबेस का निर्माण कार्य शुरू हो सकता है। वहीं एक पाकिस्तानी कंपनी एयरबेस निर्माण में सहयोग करेगी। बांग्लादेश के वरिष्ठ पत्रकार सलाहउद्दीन शोएब चौधरी ने एक वेबसाइट पर लिखे अपने लेख में यह दावा किया।

चिकन नेक को लेकर यूनुस का बयान भी अहम

मोहम्मद यूनुस ने चीन जाकर 'चिकन नेक' को लेकर जो बयान दिया था, जिसे भारत की ओर से भड़काऊ बताया गया था यूनुस ने कहा था, 'भारत के सात, राज्य भारत के पूर्वी हिस्से...जिन्हें सेवन सिस्टर्स कहा जाता है, ये भारत के लैंडलॉक्ड इलाके हैं। समुद्र तक उनकी पहुंच का कोई रास्ता नहीं। इस पूरे क्षेत्र के लिए समंदर के अकेले संरक्षक हम हैं। यह चीनी इकनॉमी के लिए मौका हो सकता है।

चिकन नेक क्या है?

चिकन नेक को सिलीगुड़ी कॉरिडोर के नाम से भी जाना जाता है। चिकन नेक, पश्चिम बंगाल में भारत का वह 22 से 25 किलोमीटर चौड़ा गलियारा है जो पूरे पूर्वोत्तर भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है। यह गलियारा नेपाल और भूटान तथा बांग्लादेश से घिरा हुआ है। यह गलियारा दक्षिण-पश्चिम में बांग्लादेश, उत्तर-पश्चिम में नेपाल और उत्तर में भूटान के समीप स्थित है। सिक्किम और भूटान के बीच चुम्बी घाटी तिब्बती क्षेत्र स्थित है। डोलम पठार या डोकलाम ट्राइबाउंड्री क्षेत्र का दक्षिणी छोर गलियारे में ढलान पर है। सबसे संकरी जगह पर, गलियारा आम तौर पर पूर्व में मेची नदी द्वारा निर्मित होता है; नेपाल का भद्रपुर नदी के तट पर स्थित है। आगे उत्तर में मेची ब्रिज मेचीनगर को जोड़ता है। इसकी सबसे पतली चौड़ाई केवल 20 किलोमीटर है।

चिकन नेक पर चीन की नजर?

इस रूट की कोई भी नाकाबंदी भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को मुख्यभूमि से काट सकती है। इसे काटना मतलब 7 राज्यों को भारत के बाकी हिस्सों से काट देना है। लिहाजा बांग्लादेश को चीन को एयरबेस बनाने का न्योता देना भारत के खिलाफ न सिर्फ भौगोलिक, बल्कि सैन्य, राजनीतिक और रणनीतिक लड़ाई की शुरूआत है। ऐसे में अगर इस कॉरिडोर से कुछ किलोमीटर दूर चीन को एयरबेस बनाने की छूट मिल जाती है, तो क्या वह इस जगह की सेंसेटिविटी का फायदा नहीं उठाएगा? यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक मोहम्मद यूनुस ने खुले तौर पर चीन को ‘बांग्लादेश में निवेश’ का न्योता दिया है और यह भी कहा कि वह सैन्य उपयोग की संभावनाओं से इनकार नहीं करते।

केन्द्र सरकार ने जारी की जनगणना की अधिसूचना, पूरी तरह होगा डिजिटल, तैयार किए जाएंगे मोबाइल एप

#governmentissuedcensus_notification 

भारत सरकार ने जनगणना को लेकर औपचारिक ऐलान कर दिया है। गृह मंत्रालय ने सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी, जिसके बाद अब जनगणना की तैयारियों को अंतिम रूप देने का काम शुरू हो गया है।सरकारी बयान के अनुसार, यह जनगणना पूरी तरह डिजिटल होगी। 

16 भाषाओं में उपलब्ध होंगे मोबाइल एप

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि जनगणना 2027 में होगी और इसे 2 चरणों में कराई जाएगी। इसके लिए लोगों से हर स्तर पर जानकारी ली जाएगी। मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग करते हुए यह डिजिटल माध्यम से कराई जाएगी। इसके लिए मोबाइल एप तैयार किए जाएंगे और उसी में जनगणना से जुड़ी सभी जानकारी एकत्र की जाएगी। एप 16 भाषाओं में उपलब्ध होंगे।

पहली बार जाति गणना

गृह मंत्री शाह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा था, 16वीं जनगणना में पहली बार जाति गणना शामिल होगी। 34 लाख गणक और सुपरवाइजर, 1.3 लाख जनगणना पदाधिकारी आधुनिक मोबाइल और डिजिटल उपकरणों के साथ यह कार्य करेंगे। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख और हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड में 1 अक्तूबर, 2026 से और देश के बाकी हिस्से में 1 मार्च, 2027 से जातियों की गणना और जनगणना का कार्य शुरू होगा।

Gavi Infra Secures Key Wins in Smart City, Solar, and Power Infrastructure Projects Across India

India’s push toward urban modernization has created demand for EPC companies that can deliver not just on paper — but on-site. Enter Gavi Infra, a next-generation infrastructure firm founded by Mr. Jain, now recognized for its fast-paced execution across power, civil, solar, and smart city projects.

In the last 18 months, Gavi Infra has completed and mobilized projects across multiple states, including:

- 11kV–220kV HT line trenching

- solar corridors for industrial rooftops

- Sewage EPC under Smart City schemes

- Builder utility backbones including feeder rooms, ducting, and drainage

“We believe in speed and integration,” says Jain. “If you’re hiring one company for solar, another for civil, and a third for HT works — your project is already late.”

What sets Gavi apart is its full-spectrum EPC capability. With a trained in-house crew and zero subcontractor dependency, Gavi Infra is executing tenders faster than legacy firms, while maintaining technical depth and documentation standards needed for public sector compliance.

Whether it’s a smart city streetlight backbone or a 132kV switchyard in a private SEZ, Gavi Infra is winning the trust of both governments and developers alike.

For those watching the evolution of India’s infrastructure space, Gavi is the brand to track.

To explore Gavi’s full capabilities, visit: https://gaviinfra.com

मणिपुर से हटेगा राष्ट्रपति शासन? बीजेपी ने राज्यपाल से मिल 44 विधायकों के समर्थन का किया दावा

#manipurbjpstakeclaimtoformgovernment

मणिपुर में एक बार फिर राजनीति हलचल देखी जा रही है। मणिपुर में 10 विधायकों ने बुधवार को राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है। इनमें 8 भाजपा, एनपीपी और निर्दलीय के एक-एक विधायक हैं। इन्होंने दावा किया है इनके पास 44 विधायकों का समर्थन है।

विधायक राधेश्याम ने इस मुलाकात के बाद घोषणा की कि 44 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जो एक लोकप्रिय और स्थिर सरकार बनाने के लिए तैयार हैं।विधायक राधेश्याम ने मीडिया से बातचीत में कहा, हमारे पास 44 विधायकों का समर्थन है, और सभी भाजपा विधायक एकजुट होकर जनता की इच्छा के अनुरूप सरकार बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम राज्यपाल से अनुरोध करते हैं कि वे हमारे बहुमत को मान्यता दें और शीघ्र कार्रवाई करें।

विधानसभा अध्यक्ष ने 44 विधायकों से मुलाकात की

बीजेपी नेता राधेश्याम सिंह ने कहा, यह बताना कि हम तैयार हैं, सरकार बनाने का दावा पेश करने जैसा है। विधानसभा अध्यक्ष सत्यव्रत ने 44 विधायकों से व्यक्तिगत और संयुक्त रूप से मुलाकात की है। किसी ने भी नई सरकार के गठन का विरोध नहीं किया है। उन्होंने कहा, लोगों को बहुत अधिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। पिछले कार्यकाल में कोविड के कारण दो साल बर्बाद हो गए थे और इस कार्यकाल में संघर्ष के कारण दो और साल बर्बाद हो गए हैं।

विधानसभा अध्यक्ष केंद्रीय नेतृत्व के बुलावे पर दिल्ली रवाना

दूसरी तरफ, विधानसभा अध्यक्ष सत्यव्रत केंद्रीय नेतृत्व के बुलावे पर दिल्ली रवाना हो गए हैं। जल्द ही सरकार बनाने पर आलाकमान का फैसला आ सकता है। मणिपुर में 60 विधानसभा सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 31 है।

13 फरवरी से मणिपुर में लागू है राष्ट्रपति शासन

बता दें कि मणिपुर में एन. बीरेन सिंह की सरकार 9 फरवरी 2025 को उनके इस्तीफे के साथ गिर गई थी।मई 2023 से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच राज्‍य में जातीय हिंसा जारी है, जिसमें 250 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस मुद्दे पर उनकी सरकार पर दबाव बढ़ा। विपक्ष और भाजपा के 19 विधायकों ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी की, जिसके डर से बीरेन ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद 13 फरवरी 2025 को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू हुआ। ऐसा इस‍लिए हुआ क्‍योंकि भाजपा नया मुख्यमंत्री नहीं चुन पाई थी।

Thanks Given to Prime Minister Modi for Caste Census by Suheldev Bharatiya Samaj Party in Budhanpur Tehsil
Under the leadership of District Vice President ,Ramashankar Rajbhar of the Suheldev Bharatiya Samaj Party (SBSP), a letter of gratitude addressed to Prime Minister Narendra Modi regarding the government's decision to conduct a caste census was submitted through the Sub-Divisional Magistrate (SDM) of Budhanpur Tehsil. Ramashankar Rajbhar stated that the party's national president, Om Prakash Rajbhar, had instructed all party members and workers to submit a letter of thanks to the Prime Minister through their respective SDMs. Following this directive, all party workers gathered at 12 PM and submitted the letter to SDM S.N. Tripathi.There was great enthusiasm among the party workers. SDM S.N. Tripathi confirmed that the SBSP representatives had handed over a letter of gratitude for the Prime Minister, which would be forwarded to him promptly.On this occasion, several people including Tejai Rajbhar, Ramchandra Rajbhar, Gajraj, Laxmi, Rajmati, Archana, Anita, Radhika, and Sanjay were present.
स्वास्थ्य विभाग की एक और खरीदी में हुआ बड़ा घोटाला, मर्चुरी कैबिनेट बॉक्स की खरीदी में कम रेट वालों को किया गया बाहर

रायपुर- छत्तीसगढ़ में कुछ महीने पहले CGMSC (छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड) से 660 करोड़ की मेडिकल उपकरण की खरीदी का घोटाला सामने आया था, जिसके बाद EOW-ACB मामले की जांच कर रही है। इस बीच कांकेर जिले के दुर्गकोंदल में पदस्थ ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी मनोज किशोरे के कार्यकाल में मर्चुरी कैबिनेट बॉक्स की खरीदी को लेकर बड़ा भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। यह टेंडर GEM पोर्टल (Government e-Marketplace) पर दिनांक 7 अप्रैल 2025 को क्रमांक GEM/2025/B/6119475 के अंतर्गत जारी हुआ था, जिसमें 8 मर्चुरी कैबिनेट बॉक्स की खरीदी होनी थी।

चौंकाने वाली बात यह है कि इस टेंडर में एक ही ब्रांड ‘Infinity Mortuary Cabinet Box’ को फिक्स कर तीन अलग-अलग फर्मों, मॉडल ग्रुप (L1), नेशनल ट्रेडर (L2), और श्री ग्रुप ऑफ कंपनी (L3) ने बिड डाला था। तीनों कंपनियों का ब्रांड और OEM एक ही होने की वजह से यह पूरा मामला संदेह के घेरे में आ गया है।

बाजार दर से दोगुनी कीमत पर दिया गया टेंडर

सबसे हैरानी की बात यह है कि अन्य बिडरों ने यह मर्चुरी कैबिनेट बॉक्स 11 से 12 लाख रुपये प्रति यूनिट की दर से उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दिया था, वहीं मॉडल ग्रुप ने 28.78 लाख (L1), नेशनल ट्रेडर ने 30.97 लाख (L2), और श्री ग्रुप ऑफ कंपनी ने 32.53 लाख (L3) की दर से टेंडर उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दिया। इनमें से 28 लाख 78 हजार 400 रू डालने वाले बीडर मॉडल ग्रुप को टेंडर जारी कर दिया गया, यह कीमत बाजार दर से दोगुनी से भी अधिक है।

जानकारी के मुताबिक, टेंडर प्रक्रिया में अन्य बिडरों को दस्तावेज मूल्यांकन के दौरान अपात्र घोषित कर बाहर कर दिया गया। आरोप है कि कुछ जरूरी दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड होने के बावजूद यह कहकर खारिज कर दिया गया कि उनकी हार्ड कॉपी समय पर नहीं दी गई। जब संबंधित बिडर हार्ड कॉपी जमा करने गए, तो उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।

यह सब तब हो रहा है जब सरकार ‘सुशासन तिहार’ मना रही है और स्वास्थ्य विभाग में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से DPDMIS पोर्टल को सार्वजनिक किया गया है। वहीं CGMSCL के कई अधिकारियों पर EOW द्वारा शिकंजा कसने की घटनाएं पहले से सामने आ चुकी हैं। बाकी बिडरों ने GEM पोर्टल के उच्चाधिकारियों, राज्य सरकार और सुशासन तिहार के मंच पर इस भ्रष्टाचार की शिकायत करने की बात कही है। उनका कहना है कि जब तक ऐसी मनमानी टेंडर प्रक्रियाएं बंद नहीं होतीं, तब तक सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता की बात केवल दिखावा है।

ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी मनोज किशोरे ने दी ये सफाई

इस पूरे मामले पर जब ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी मनोज किशोरे से प्रतिक्रिया ली गई, तो उन्होंने कहा कि “टेंडर GEM पोर्टल में निकाला गया है। नियमानुसार बिडरों ने टेंडर भरा है। L1, L2, L3 तय हुआ और कम दर वाली फर्म को टेंडर दिया गया है। मैन्युफैक्चरिंग से कितने लोग जुड़े हैं या किसको क्या सम्बद्धता दी गई है, यह मैं नहीं कह सकता।”

अब “डिजिटल स्ट्राइक”, भारत में पाकिस्तान का एक्स अकाउंट सस्पेंड, पहलगाम अटैक के बाद एक और एक्शन

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पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले के बाद केंद्र सरकार लगातार एक्शन में हैं। भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। भारत ने पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट की देश में पहुंच को रोक दिया है यानी पाकिस्तान सरकार का एक्स हैंडल भारत में नहीं दिखेगा और ना ही उसके कोई पोस्ट नजर आएंगे। हालांकि पाकिस्तान और भारत के बाहर अन्य देशों में यह अकाउंट एक्टिव दिखेगा। इसे भारत की तरफ से “डिजिटल स्ट्राइक” माना जा रहा है।

इससे एक दिन पहले यानी बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक हुई। इसमें इस कायरतापूर्ण हमले के प्रति भारत के जवाबी कदमों को अंतिम रूप दिया गया। इस बैठक में भारत ने पाकिस्न पर पांच कड़े प्रहार किए है।

सीमा पार आतंकवाद के लिंकेज सामने आने के बाद सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है, उनका वीजा रद्द कर दिया गया है। सार्क के तहत वीजा सुविधा भी खत्म कर दी गई है। इसके अलावा, भारत ने सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को दी जाने वाली पानी की सप्लाई रोक दी है और अटारी चौकी को बंद किए जाने का फैसला लिया। साथ ही, भारत अपने राजनयिकों को पाकिस्तान से वापस बुला रहा है।

इस बीच सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल होंगे।सर्वदलीय बैठक बुलाने का निर्णय बुधवार को लिया गया और राजनाथ सिंह और अमित शाह ने विभिन्न दलों से संपर्क किया। राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर असर डालने वाली किसी भी घटना के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाने की परंपरा रही है, जैसा कि 2019 में पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद या 2020 में भारत-चीन गतिरोध के दौरान देखा गया था। इससे संकट के समय में राष्ट्रीय एकता की तस्वीर पेश होती है और विपक्षी नेताओं को सरकार तक अपने विचार पहुंचाने और आधिकारिक स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने का अवसर मिलता है।

अब दर्द से कराह उठेगा पाकिस्तान, पहलगाम आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार ने चलाया चाबुक

#bigactionmodigovernmentafterpahalgamattack

आतंकियों को पनाह देने वाला और “हिंसा में हंसने” वाला पाकिस्तान अब कराह उठेगा। पहलगाम आंतकी हमले के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने जबरदस्त एक्शन दिखाया है। पीएम मोदी सऊदी अरब का दौरा रद्द करके वापस दिल्ली लौटे और सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति यानी सीसीएस की अहम बैठक की। इस बैठक में सरकार ने आतंकवाद पर चोट देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले किए हैं। सरकार ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता को रोक दिया है। इसके अलावा भारत में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर एक मई तक उन्हें भारत छोड़ने का आदेश दिया है।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए इसकी जानकारी दी। मिस्री ने कहा, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सीसीएस की बैठक हुई। सीमा पार आतंकवाद के लिंकेज सामने आने के बाद सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है, उनका वीजा रद्द कर दिया गया है। सार्क के तहत वीजा सुविधा भी खत्म कर दी गई है। इसके अलावा, भारत ने सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को दी जाने वाली पानी की सप्लाई रोक दी है। साथ ही, भारत अपने राजनयिकों को पाकिस्तान से वापस बुला रहा है।

सीसीएस बैठक में लिए 5 कड़े फैसले

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, इस आतंकवादी हमले की गंभीरता को समझते हुए सीसीएस ने निम्नलिखित उपायों पर निर्णय लिया-

• 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता।

• एकीकृत चेक पोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा। जो लोग वैध तरीके के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे 1 मई 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं।

• पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी SPES वीजा को रद्द माना जाएगा। SPES वीजा के तहत वर्तमान में भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे हैं।

• नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाता है। उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है।

• भारत इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे। दोनों देशों से 5-5 सहयोगी स्टाफ भी हटाए जाएंगे। विदेश सच‍िव ने बताया क‍ि राजनयिक स्टाफ की संख्या घटाई जाएगी। दोनों हाई कमीशनों में स्टाफ की संख्या 55 से घटाकर 30 की जाएगी। यह बदलाव 1 मई 2025 तक प्रभावी होगा।

पाकिस्तान पर क्या प्रभाव पड़ेगा

-सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को सिंधु, झेलम, और चिनाब नदियों का 80% पानी मिलता है, जो उसकी कृषि और अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। पाकिस्तान में 47 मिलियन एकड़ से अधिक भूमि की सिंचाई इन नदियों पर निर्भर है। पानी की आपूर्ति रोकने से पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांतों में कृषि उत्पादन, विशेष रूप से गेहूं और चावल, पर गंभीर असर पड़ेगा, जिससे खाद्य संकट और आर्थिक अस्थिरता बढ़ सकती है। भारत का यह कदम "पानी की सर्जिकल स्ट्राइक" के रूप में देखा जा रहा है।

-अटारी-वाघा सीमा भारत-पाकिस्तान के बीच सीमित व्यापार का प्रमुख केंद्र है। इसे बंद करने से पाकिस्तान का भारत के साथ आयात-निर्यात, विशेष रूप से कृषि और कपड़ा उत्पादों का व्यापार, प्रभावित होगा। इससे पाकिस्तान की पहले से कमजोर अर्थव्यवस्था पर और बोझ पड़ेगा।

-पाकिस्तानी नागरिकों को भारत यात्रा से रोकने और मौजूदा SPES वीजा निरस्त करने से पाकिस्तान का क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) में प्रभाव कमजोर होगा। यह कदम पाकिस्तान से भारत में संदिग्ध व्यक्तियों की घुसपैठ को रोकने में प्रभावी हो सकता है

- 48 घंटे का अल्टीमेटम पाकिस्तान को यह संदेश देता है कि भारत अब आतंकवाद के जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रहा है।

- पाकिस्तानी रक्षा सलाहकारों को निष्कासित करना और भारत के रक्षा सलाहकारों को वापस बुलाना दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक संबंधों को न्यूनतम स्तर पर ला देगा। यह पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर अलग-थलग करने की भारत की रणनीति का हिस्सा है।

Thinking of Going Solar? Here's What ANMAK SOLAR Wants You to Know

With electricity costs climbing and environmental concerns on the rise, switching to solar seems like a no-brainer. But many homeowners hesitate because of unanswered questions. ANMAK SOLAR, a trusted rooftop solar company from Meerut, answers your most common doubts.

1. Is solar expensive?

Not really. The initial cost has dropped significantly, and with government subsidies, payback can be as quick as 3–5 years. ANMAK helps you with all subsidy paperwork.

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Founded in 2017 by Mr. Manoj Gupta, ANMAK SOLAR has transformed hundreds of rooftops into energy powerhouses. Their honest approach, local knowledge, and top-quality materials make them the go-to choice for solar in Meerut

शिक्षक भर्ती मामले में ममता सरकार को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच पर लगाई रोक


#mamata_government_relief_supreme_court_teacher_recruitment

शिक्षक भर्ती मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। पश्चिम बंगाल में शिक्षकों और स्कूल कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त पद बनाने के मामले की सीबीआई जांच नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया है। बंगाल सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें शिक्षकों और स्कूल कर्मचारियों के अतिरिक्त पद बनाने के राज्य सरकार के 2022 के फैसले की सीबीआई जांच का आदेश दिया गया था। सर्वोच्च अदालत ने हाई कोर्ट द्वारा दिए गए सीबीआई जांच के आदेश को रद्द कर दिया है। उच्चतम न्यायालय ने हालांकि कहा कि पश्चिम बंगाल में 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति के अन्य पहलुओं के संबंध में सीबीआई जांच जारी रहेगी।

 

कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से सुपरन्यूमेरी पोस्ट बनाने के फैसले की सीबीआई जांच के हाई कोर्ट के आदेश को रद्द किया। दरअसल बंगाल सरकार ने दागी उम्मीदवारों को समायोजित करने के लिए अतिरिक्त शिक्षक पदों का सृजन किया था। कलकत्ता कोर्ट ने 25 हजार से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने के साथ-साथ इन पोस्ट के सृजन के ममता सरकार के फैसले की भी सीबीआई जांच का आदेश दिया था।

आज सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त पदों बनाने के फैसले की सीबीआई जांच के हाई कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया कि आज का आदेश अतिरिक्त पदों के सृजन की जांच करने के मामले तक सीमित है और किसी भी तरह से इस पूरे घोटाले के अन्य पहलुओं में जो सीबीआई जांच कर रही है या चार्जशीट दाखिल कर रही है , उस पर इसका कोई असर नहीं होगा।

बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट शिक्षक भर्ती को रद्द कर चुका है। शीर्ष अदालत ने 3 अप्रैल को बंगाल में सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य करार दिया था। इन कर्मचारियों का चयन 2016 में राज्य स्कूल सेवा आयोग के एक भर्ती अभियान के माध्यम से चुना गया था।

सोमवार को इस फैसले से प्रभावित शिक्षकों से सीएम ममता बनर्जी ने मुलाकात की। सीएम ने कहा कि हम कोर्ट के आदेश से बंधे हुए हैं। यह फैसला उनके लिए अन्याय है जो काबिल हैं। सीएम ने नेताजी इनडोर स्टेडियम में शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोग यह मत समझिए कि हमने फैसला स्वीकार कर लिया है। हम पत्थरदिल नहीं है। मुझे ऐसा कहने के लिए वे जेल में भी डाल सकते हैं। वहीं इस मामले में शिक्षकों ने कहा कि घोटाल में सीएम, उनका मंत्रिमंडल और आयोग भी शामिल हैं। नौकरियों के बदले रिश्वत ली गई है। सीएम ने आज हमें लॉलीपॉप दिया है। वहीं सरकार इस फैसले के खिलाफ जल्द ही समीक्षा याचिका दायर कर सकती है।

बांग्लादेश की यूनुस सरकार का भारत विरोधी एजेंडा, चीन को दिया बड़ा ऑफर, कोलकाता के बगल में...

#bangladeshsyunusgovernmentsantiindia_agenda

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद बनी अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने कई ऐसे फैसले लिए जिसमें भारत का विरोध झलका। सत्ता संभालने के बाद यूनुस के फैसले बांग्लादेश को चीन और पाकिस्तान के करीब लाते हैं, जबकि भारत के लिए मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। मोहम्मद यूनुस ने कई ऐसे फैसले लिए हैं, जिससे भारत की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ती है। पहले पाकिस्तान से गलबहियां करने के बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया यूनुस ने हाल ही में चीन का दौरा किया। अपने इस दौरे के दौरान यूनुस ने भारत के खिलाफ चीन को “चारा” देने की कोशिश की।

प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद भी बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार डॉ. मोहम्मद यूनुस का भारत विरोधी रवैया जारी है। बिमस्टेक समिट में पीएम मोदी से मुलाकात के बाद भी यूनुस सरकार ने चीन और पाकिस्तान को रणनीतिक जगहों पर अहम प्रोजेक्ट सौंप दिए हैं। इनमें एक पोर्ट और एक एयरबेस शामिल है। अपनी चीन यात्रा के दौरान बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने चीन को बड़ा ऑफर दिया। उन्होंने बांग्लादेश के लालमोनिरहाट जिले में एयरबेस बनाने का न्योता दे डाला।

इकोनॉमिक टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में ये दावा किया गया है। ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक आधिकारिक दस्तावेजों में तो इस एयरबेस का जिक्र नहीं किया गया है लेकिन माना जा रहा है कि मोहम्मद यूनुस ने जब पिछले दिनों बीजिंग की यात्रा की थी तो उन्होंने चीनी अधिकारियों के साथ इस एयरबेस को लेकर बात की थी।

कोलकाता से सिर्फ 200 किमी पोर्ट की जिम्मेदारी चीन को

बांग्लादेश में शेख हसीना (सरकार के सत्ता से बाहर होने और मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के गठन के बाद भारत-बांग्लादेश संबंधों में बदलाव देखने को मिला है। इस बीच नई सरकार ने चीन से घनिष्ठ संबंध बनाने के संकेत दिए हैं। हाल ही में बिजिंग के दौरे पर पहुंचे बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी। इस दौरान बांग्लादेश ने भारत के कोलकाता से सिर्फ 200 किमी दूर मोंगला पोर्ट के विस्तार की जिम्मेदारी चीन को दी है। यूनुस की हालिया बीजिंग यात्रा के दौरान इस डील पर मुहर लगी थी। चीन ने इस पोर्ट के डेवलपमेंट के लिए 400 मिलियन डॉलर (करीब 3,300 करोड़ रुपए) देने का वादा किया है।

चीन को बांग्लादेश में एयरबेस बनाने का न्योता दिया

वहीं, बांग्लादेशी सरकार लालमोनिरहाट जिले में एक सैन्य एयरबेस बना रही है, जो भारत के 'चिकन नेक' यानी सिलीगुड़ी कॉरिडोर से सिर्फ 120 किमी दूर है। मोहम्मद यूनुस ने चीन को बांग्लादेश में एयरबेस बनाने का न्योता दिया। सूत्रों के मुताबिक इसी साल अक्टूबर तक एयरबेस का निर्माण कार्य शुरू हो सकता है। वहीं एक पाकिस्तानी कंपनी एयरबेस निर्माण में सहयोग करेगी। बांग्लादेश के वरिष्ठ पत्रकार सलाहउद्दीन शोएब चौधरी ने एक वेबसाइट पर लिखे अपने लेख में यह दावा किया।

चिकन नेक को लेकर यूनुस का बयान भी अहम

मोहम्मद यूनुस ने चीन जाकर 'चिकन नेक' को लेकर जो बयान दिया था, जिसे भारत की ओर से भड़काऊ बताया गया था यूनुस ने कहा था, 'भारत के सात, राज्य भारत के पूर्वी हिस्से...जिन्हें सेवन सिस्टर्स कहा जाता है, ये भारत के लैंडलॉक्ड इलाके हैं। समुद्र तक उनकी पहुंच का कोई रास्ता नहीं। इस पूरे क्षेत्र के लिए समंदर के अकेले संरक्षक हम हैं। यह चीनी इकनॉमी के लिए मौका हो सकता है।

चिकन नेक क्या है?

चिकन नेक को सिलीगुड़ी कॉरिडोर के नाम से भी जाना जाता है। चिकन नेक, पश्चिम बंगाल में भारत का वह 22 से 25 किलोमीटर चौड़ा गलियारा है जो पूरे पूर्वोत्तर भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है। यह गलियारा नेपाल और भूटान तथा बांग्लादेश से घिरा हुआ है। यह गलियारा दक्षिण-पश्चिम में बांग्लादेश, उत्तर-पश्चिम में नेपाल और उत्तर में भूटान के समीप स्थित है। सिक्किम और भूटान के बीच चुम्बी घाटी तिब्बती क्षेत्र स्थित है। डोलम पठार या डोकलाम ट्राइबाउंड्री क्षेत्र का दक्षिणी छोर गलियारे में ढलान पर है। सबसे संकरी जगह पर, गलियारा आम तौर पर पूर्व में मेची नदी द्वारा निर्मित होता है; नेपाल का भद्रपुर नदी के तट पर स्थित है। आगे उत्तर में मेची ब्रिज मेचीनगर को जोड़ता है। इसकी सबसे पतली चौड़ाई केवल 20 किलोमीटर है।

चिकन नेक पर चीन की नजर?

इस रूट की कोई भी नाकाबंदी भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को मुख्यभूमि से काट सकती है। इसे काटना मतलब 7 राज्यों को भारत के बाकी हिस्सों से काट देना है। लिहाजा बांग्लादेश को चीन को एयरबेस बनाने का न्योता देना भारत के खिलाफ न सिर्फ भौगोलिक, बल्कि सैन्य, राजनीतिक और रणनीतिक लड़ाई की शुरूआत है। ऐसे में अगर इस कॉरिडोर से कुछ किलोमीटर दूर चीन को एयरबेस बनाने की छूट मिल जाती है, तो क्या वह इस जगह की सेंसेटिविटी का फायदा नहीं उठाएगा? यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक मोहम्मद यूनुस ने खुले तौर पर चीन को ‘बांग्लादेश में निवेश’ का न्योता दिया है और यह भी कहा कि वह सैन्य उपयोग की संभावनाओं से इनकार नहीं करते।