वीबीडीए कोडरमा एवं के एस एच यूथ फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हुआ थैलेसीमिया जागरूकता अभियान
वॉलंटरी ब्लड डोनर एसोसिएशन कोडरमा एवं के एस एच यूथ फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में चाइल्ड प्रोग्रेसिव स्कूल के सभागार में थैलेसीमिया जागरूकता अभियान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम में वॉलंटरी ब्लड डोनर एसोसिएशन के संस्थापक एवं अध्यक्ष सुनील मुखर्जी जी,सचिव कमल घोष जी, एवं पूर्व सचिव प्रदीप घोषाल जी टाटा जमशेदपुर से चल कर कोडरमा पहुंचें एवं कार्यक्रम में थैलेसीमिया से सम्बन्धित कई प्रकार की जानकारियां साझा किया। कार्यक्रम की शुरुवात दीप प्रज्वलन कर के किया गया। एवं उक्त कार्यक्रम में आकाश योग केंद्र के बच्चों द्वारा योग नृत्य के द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया।कार्यक्रम में मंच संचालन आकाश कुमार द्वारा किया जा रहा था। उक्त कार्यक्रम में लायंस क्लब की ओर से लायंस क्लब का कोडरमा डॉ.सुनील अंबस्था, रोटरी क्लब की ओर से सचिव प्रवीण बर्णवाल एवं जनसंपर्क निदेशक नवीन जैन, बाल कल्याण से अनिल सिंह जी, मारवाड़ी युवा मंच प्रेरणा शाखा मंडल 1 प्रांतीय सहायक मंत्री श्रेया केडिया,प्रेरणा शाखा अध्यक्ष सारिका लट्ठा, सचिव शीतल पोद्दार,ज्ञान बुद्धि इंटरनेशनल स्कूल की निर्देशिका बिना पटेल,टीम जीरो से अली हैदर बंटी,रक्त सेवा संघ की ओर से पिंटू कुमार गुप्ता, जीत कुमार,आरिफ अंसारी समेत सभी अतिथियों को ग्रीन कोडरमा,क्लीन कोडरमा के उद्देश्य के साथ पौधा दे कर सभी का स्वागत किया गया। के एस एच यूथ फाउंडेशन के अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सिंह,उपाध्यक्ष तौफीक हुसैन,वॉलंटरी ब्लड डोनर एसोसिएशन कोडरमा के अध्यक्ष रितेश माधव ने सभी अतिथियों का स्वागत संबोधन किया। थालासेमिया जागरूकता अभियान में टाटा जमशेदपुर से वॉलंटरी ब्लड डोनर एसोसिएशन के संस्थापक एवं अध्यक्ष सुनील मुखर्जी जी,सचिव कमल घोष जी,एवं पूर्व सचिव प्रदीप घोषाल जी ने जागरूकता अभियान सुरु करते हुए कहा की
थैलेसीमिया की जानकारी से थम सकती है थैलेसीमिया बीमारी:- सुनील मुखर्जी
वॉलंटरी ब्लड डोनर एसोसिएशन के संस्थापक एवं अध्यक्ष सुनील मुखर्जी जी ने बताया की थैलेसीमिया की जानकारी के अभाव से आज समाज में थैलेसीमिया के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। अगर लोगों में थैलेसीमिया के बारे में जानकारी हो तो यह बीमारी नहीं फैलेगी। उन्होंने यह भी बताया की हर एक व्यक्ति को विवाह से पहले अपना थैलेसीमिया माइनर का जांच अवश्य करवानी चाहिए। एवं अपने विवाह से पहले होने वाले वर वधु में से दोनों थैलेसीमिया माइनर ना हो या दोनों में से कोई एक थैलेसीमिया माइनर हो तो हीं एक दूसरे के साथ विवाह के बंधन में बंधना चाहिए। यदि वर वधु दोनो थैलेसीमिया माइनर होते हैं और दोनों एक दूसरे से विवाह करते हैं तो उनके द्वारा होने वाला संतान थैलेसीमिया मरीज होने की संभावनाएं ज्यादा होती है। *नवजात छोटे नन्हें मासूम बच्चे जन्म से हीं होते हैं थैलेसीमिया मरीज:- प्रदीप घोषाल* वॉलंटरी ब्लड डोनर एसोसिएशन के पूर्व सचिव प्रदीप घोषाल ने बताया कि इस बीमारी से जूझ रहे मरीज जन्म से थैलेसीमिया बीमारी से ग्रसित होते हैं। यह बीमारी में मरीज के खून की कोशिकाएं टूट जाती हैं एवं ने रक्त कोशिकाएं नहीं बन पाती। जिसके वजह से मरीज को हर महीने या 15 दिन में उन्हें रक्त चढ़ाना होता है। हमारे देश विदेश के डॉक्टरों की टीम इस बीमारी के ठोस इलाज के लिए लगातार रिसर्च कर रहे हैं। उक्त कार्यक्रम के अंतिम पड़ाव में के एस एच यूथ फाउंडेशन के उपाध्यक्ष तौफिक हुसैन द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया एवं राष्ट्रीय गान हा कर कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम से प्रभावित हो कर मौके पर मौजूद कई लोगों ने के एस एच यूथ फाउंडेशन संस्था का सदस्यता भी ग्रहण किया। उक्त कार्यक्रम में के एस एच यूथ फाउंडेशन के निर्देशक रोहित कुमार बरनवाल, सह सचिव राहुल कुमार गुप्ता, सदस्य संदीप कुमार सिन्हा, पियूष कुमार पारस, अरुण कुमार बौद्ध,धर्मेंद्र कुमार पण्डित,आदर्श कुमार, रामू कुमार,समेत जिले के कई खिलाड़ी,समाज सेवी,आमजन भी शामिल हो कर थैलेसीमिया बीमारी के बारे में जानकारी प्राप्त किया। इस कार्यक्रम में कई संस्था के पदाधिकारी, निदेशक,प्राचार्य,शिक्षक,शिक्षिका एवं बच्चें उपस्थित हुए!
Oct 07 2024, 14:33