अग्रसेन जयंती समारोह के दूसरे दिन निकली शोभायात्रा, महाराजा अग्रसेन के सिद्धांतों को किया याद धर्म के प्रकाश को देश के विकाश को अग्रवंशो की टोली
झुमरी तिलैया श्री अग्रवाल समाज के तत्वाधान में चल रहे चार दिवसीय श्री अग्रसेन जयंती समारोह 2024 के दूसरे दिन, मंगलवार को भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया। शोभायात्रा झुमरी तिलैया के अड्डी बंगला रोड स्थित सीताराम जी ठाकुरबाड़ी से प्रारंभ होकर श्री अग्रसेन भवन तक संपन्न हुई।
शोभायात्रा में बड़ी संख्या में समाज के पुरुष और महिलाएं शामिल हुए, जिन्होंने महाराजा अग्रसेन के सिद्धांतों और आदर्शों को याद किया। महाराजा अग्रसेन की झांकी निकली शहर की सड़कों पर शोभायात्रा की शुरुआत महाराजा अग्रसेन की भव्य झांकी के साथ हुई, जिसे एक सुसज्जित वाहन पर सजाया गया था। समाज के पूर्व अध्यक्ष श्याम सुंदर सिंघानिया ने नारियल पधारकर और पूजन कर इस शोभायात्रा की विधिवत शुरुआत की। शोभायात्रा में पुरुषों ने श्वेत कुर्ता-पायजामा और महिलाओं ने गुलाबी साड़ियाँ पहनकर हिस्सा लिया, जिससे शोभायात्रा का दृश्य बेहद आकर्षक हो गया। महाराजा अग्रसेन के सिद्धांत आज भी प्रासंगिक समाज के अध्यक्ष गोपी कृष्ण अग्रवाल और सचिव हिमांशु केडिया ने अपने उद्बोधन में महाराजा अग्रसेन के सिद्धांतों की प्रासंगिकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि महाराजा अग्रसेन का "एक रुपया और एक ईंट" का सिद्धांत आज भी समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनके हरियाणा स्थित अग्रोहा धाम में देश का सबसे बड़ा मंदिर विकसित किया गया है, जो उनके सामाजिक और आर्थिक सिद्धांतों का प्रतीक है। इस सिद्धांत के तहत उनके राज्य में आने वाले नए लोगों को व्यापार और आवास के लिए समाज के सभी सदस्यों से एक-एक रुपया और एक-एक ईंट दी जाती थी। इससे न केवल उनकी आर्थिक सहायता होती थी, बल्कि समाज में आपसी सहयोग और समानता को बढ़ावा मिलता था। ढोल-नगाड़ों के बीच गूंजते रहे 'एक रुपया, एक ईंट' के नारे शोभायात्रा भदानी रोड, स्टेशन रोड, और झंडा चौक होते हुए श्री अग्रसेन भवन तक पहुंची। शोभायात्रा में ढोल-नगाड़ों की धुन पर समाज के लोगों ने 'एक रुपया, एक ईंट, महाराजा अग्रसेन की यही रीत' के नारों से पूरे शहर को गुंजायमान कर दिया। शोभायात्रा में सबसे आगे महाराजा अग्रसेन के 18 गोत्र का बैनर लेकर समाज के लोग चल रहे थे। भजनों की धुन पर झूमे श्रद्धालु शोभायात्रा के दौरान कोडरमा के प्रसिद्ध गायक नवीन पांड्या ने धार्मिक और प्रेरणादायक भजन प्रस्तुत किए। उनके भजनों "धर्म के प्रकाश को देश के विकास के लिए अग्रवंशों की टोली चली," "आन बान और शान है यह अग्रवाल समाज की," और "हम अग्रसेन की महिमा करते हैं" पर श्रद्धालु भक्त झूमते नजर आए। शोभायात्रा का वातावरण भक्तिमय और उत्साहपूर्ण हो गया। नृत्य प्रतियोगिता और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन शोभायात्रा के बाद विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें नृत्य प्रतियोगिता प्रमुख रही। इस कार्यक्रम की परियोजना निदेशक सलोनी अग्रवाल थीं, जिन्होंने सफलतापूर्वक इसका संचालन किया। इसके बाद 1 मिनट शो का आयोजन भी किया गया, जिसके परियोजना निदेशक मोहन सुल्तानिया, आयुष पोद्दार, उमंग कंदोई और यश बंसल थे।कार्यक्रम में सह सचिव अरविंद चौधरी, कोषाध्यक्ष प्रदीप बंसल, कार्यक्रम के परियोजना निदेशक विपुल चौधरी के अलावा प्रदीप केडिया,संजीव खेतान ,संजय खेमानी, अशोक पिलानिया, संजय नरेड़ी, संतोष लड्ढा, संजय अग्रवाल, मनोज केडिया, दीपक सिंघानिया, कैलाश चौधरी,आयुष पोद्दार,विजय केडिया, प्रदीप नबाब, शैलेश दारूका,प्रीति केडिया, रजनी अग्रवाल, शीतल पोद्दार, प्रीति जगनानी, रिचा भोजन, विकाश अग्रवाल, जितेन्द्र टिब्रेवाल, रमेश कंन्दोई, सुभाष अग्रवाल, सुरेंद्र गुप्ता, अभिषेक गुप्ता,किशोर बंसल, गोविन्द फतेसरिया,गोपाल मोदी, रमेश कंन्दोई,प्रदीप हिसारिया, गोपाल सराफ,सुधीर गुटगुटिया, राकेश सुरेखा सहित अन्य मौजूद थे समारोह में उत्साह का माहौल श्री अग्रसेन जयंती समारोह के दूसरे दिन के कार्यक्रम में समाज के लोगों के बीच उत्साह और भक्ति का माहौल देखने को मिला। महाराजा अग्रसेन के आदर्शों और सिद्धांतों को याद करते हुए समाज ने उन्हें एक प्रेरणास्त्रोत के रूप में अपनाने का संकल्प लिया।
Oct 02 2024, 20:35