तिलैया जलाशय में मछलियों का स्वास्थ्य और AMR पर शोध, वैज्ञानिकों ने मछली पालकों को दी महत्वपूर्ण जानकारी
रिपोर्टर पिंटू कुमार।
हजारीबाग जिले में तिलैया जलाशय के केज कल्चर में मछलियों की स्वास्थ्य स्थिति और रोगाणु रोधी प्रतिरोध (Antimicrobial Resistance - AMR) की जांच के लिए आज नेशनल ब्यूरो ऑफ फिश जेनेटिक रिसोर्सेस (NBFGR), लखनऊ के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. गौरव राठौर और वैज्ञानिक डॉ. चंद्रभूषण कुमार द्वारा महत्वपूर्ण कार्य किया गया।
वैज्ञानिकों ने जलाशय में लगे केजों से मछलियों के नमूनों को एकत्रित किया और इस क्षेत्र के मछली पालकों को मछलियों के स्वास्थ्य और रोगाणुरोधी प्रतिरोध से संबंधित आवश्यक जानकारी प्रदान की।इस पहल का उद्देश्य AMR का अध्ययन और नियंत्रण करना है, ताकि मछलियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सके और जलाशय आधारित मत्स्य पालन को प्रोत्साहित किया जा सके।
नमूनों की जांच से यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि मछलियों में एंटीबायोटिक दवाओं का प्रभाव कम हो रहा है, जिससे आने वाले समय में मछलियों की प्रजनन दर और उत्पादन में कमी आ सकती है।इस अवसर पर, डॉ. राठौर ने मछलीपालकों को मछलियों के स्वस्थ जीवन और रोग नियंत्रण के उपायों पर जागरूक किया। उन्होंने किसानों को एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग में सावधानी बरतने और जैव सुरक्षा उपायों को अपनाने की सलाह दी।
इस प्रयास में हजारीबाग जिला प्रशासन और मत्स्य विभाग का पूर्ण सहयोग प्राप्त है, जो जिले में मत्स्य पालन की संभावनाओं को बढ़ाने और किसानों की आय में वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।
Sep 25 2024, 19:22