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देश के किसी हिस्से को पाकिस्तान नहीं कह सकते”, जानें सीजेआई ने क्यों कही ये बात?

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सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि देश के किसी भी हिस्से को पाकिस्तान नहीं कहा जा सकता है। चंद्रचूड़ ने यह टिप्पणी कर्नाटक हाई कोर्ट के एक जज के मामले में सुनवाई के दौरान की। जज ने बेंगलुरु के एक हिस्से को पाकिस्तान कह दिया था। कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस वी श्रीशनंदा के इस कमेंट का वीडियो वायरल हो गया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने खुद इस मामले की सुनवाई शुरू की।

वीडियो के वायरल होने के बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने बिना परमिशन के कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग पर रोक लगा दी थी।कर्नाटक हाईकोर्ट के विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में पीठ का गठन किया था। सीजेआई चंद्रचूड़ की आगुवाई वाली पांच जजों की पीठ, जिसमें जस्टिस एस खन्ना, बीआर गवई, एस कांत और एच रॉय शामिल हैं।

जस्टिस श्रीशानंद के खिलाफ कार्रवाई को बंद करते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, कोई भी भारत के किसी भी हिस्से को ‘पाकिस्तान’ नहीं कह सकता। यह देश की क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ है। हमारा मकसद कोर्ट में हुए मुद्दे को प्रकाश में ला कर फोकस में रखना है, ना कि उसे दबाना। इस विवाद इसका जवाब, अदालत को बंद करना नहीं है।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने आज कहा, ‘कोर्ट में आचानक की गई टिप्पणियां व्यक्तिगत पूर्वाग्रहों की ओर इंगित करती हैं, खासकर आप जब किसी खास लिंग या समुदाय को टारगेट करते हैं। इसलिए आपको भी पितृसत्तात्मक या स्त्री-द्वेषी टिप्पणी करने से सावधान रहना चाहिए। हम एक खास लिंग या समुदाय पर टिप्पणियों के बारे में अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं। ऐसी टिप्पणियों को नकारात्मक रूप में समझा जा सकता है। हमें उम्मीद है और भरोसा है कि सभी हितधारकों को सौंपी गई जिम्मेदारियों को बिना किसी पूर्वाग्रह और सावधानी के पूरा किया जाएगा।

इसके बाद जस्टिस श्रीशनंदा ने सुप्रीम कोर्ट से माफी मांग ली। सीजेआई की बेंच ने माफी मंजूर करते हुए केस बंद कर दिया है।

कर्नाटक सीएम सिद्दरमैया की बढ़ी मुश्किलें, कोर्ट ने लोकायुक्त को सौंपी जांच; तीन महीने में देनी होगी रिपोर्ट

#muda_case_special_court_orders_probe_lokayukta

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। हाईकोर्ट के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया को बुधवार को एमपी/एमएलए कोर्ट से भी बड़ा झटका लगा है। विशेष अदालत ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) घोटाला में सीएम सिद्दरमैया के खिलाफ लोकायुक्त जांच की मंजूरी दी है। कर्नाटक लोकायुक्त की मैसूरु जिला पुलिस को MUDA घोटाले की जांच कर 3 महीने में रिपोर्ट सौंपनी होगी।

न्यायाधीश संतोष गजानन भट ने मामले की जांच मैसूर जिले के लोकायुक्त अधीक्षक को सौंपी है। उन्हें तीन महीने यानी 24 दिसंबर को अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी।जांच अधिकारी के पास सीएम से पूछताछ करने और गिरफ्तार करने का भी अधिकार होगा। अदालत ने स्पष्ट कहा कि मामले की जांच सीआरपीसी की धारा 156 (3) के प्रावधानों के तहत की जाएगी। सीएम सिद्दरमैया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद जांच शुरू की जाएगी।

बता दें, याचिकाकर्ता कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने एक निजी शिकायत के साथ जनप्रतिनिधियों के लिए विशेष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। इसी पर कोर्ट ने जांच का आदेश दिया।

याचिकाकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत के सामने मुडा घोटाला उठाया था। राज्यपाल ने सीएम के खिलाफ अभियोजन चलाने की मंजूरी दी थी। मगर 19 अगस्त को सीएम सिद्दरमैया ने राज्यपाल के आदेश को कर्नाटक हाईकोर्ट में चुनौती दी। मगर वहां भी राहत नहीं मिली। हाईकोर्ट ने राज्यपाल के आदेश को बरकरार रखा।

अदालत के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि उच्च न्यायालय ने कल धारा 17 ए के तहत जांच का आदेश दिया। हाईकोर्ट के आदेश के बाद जन प्रतिनिधि अदालत ने फैसला सुनाया है। कोर्ट के आदेश की कॉपी मिलने के बाद मैं जवाब दूंगा। उन्होंने कहा कि मैं जांच का सामना करने के लिए तैयार हूं। मुझे जांच से कोई डर नहीं है। उन्होंने कहा कि पूरे आदेश की कॉपी मिलने के बाद अगला निर्णय लिया जायेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोर्ट का आदेश मिलने के बाद वह वकील से चर्चा करेंगे और फिर सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे।

हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने अपनाया “योगी मॉडल”, रेहड़ी-पटरी वालों को लगानी होगी नाम और फोटो ID

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हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार भी उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की राह पर चलती दिख रही है।शिमला से शुरू हुई मस्जिद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मस्जिद विवाद के साथ सड़क किनारे बैठे बाहरी लोगों को लेकर भी आन्दोलन हों रहे हैं। इसी बीच हिमाचल प्रदेश में भी हर भोजनालय और फास्टफूड रेड़ी पर ओनर की आईडी लगाने का फैसला लिया गया है। यह बात हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कही।

हिमाचल सरकार ने आज बुधवार को नई स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी तैयार की है। शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शिमला के एमएलए मेयर और व्यापार मंडल के साथ बैठक की। बैठक में 2014 की केन्द्र की स्ट्रीट वेंडर नीति को लागू करने की चर्चा के आलावा चयनित जगह में जरूरतमंद लोगों को प्राथमिकता देने पर बल दिया गया। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि शिमला में 1060 स्ट्रीट वेंडर पंजीकृत हैं। इसके अलावा 540 लोग ऐसे ही बैठें हैं। इसमें कमेटी देखेगी की नियमों के तहत कहां किसको जगह देनी है।

नई पॉलिसी के तहत अब हिमाचल प्रदेश में रेहड़ी, पटरी और होटल वालों को अपनी आईडी दिखानी होगी। नई पॉलिसी के तहत खाने-पीने की चीज बेचने वालों को अब अपनी नेमप्लेट लगानी होगी। साथ ही आईडी कार्ड भी दिखाना होगा. हर तरह के वेंडर को अपना नाम और फोटो पहचान दिखाना होगा। इन सभी का रजिस्ट्रेशन भी किया जाएगा. स्ट्रीट वेंडिग कमेटी की ओर से आईडी कार्ड जारी किए जाएंगे। ये सारी प्रक्रिया 30 दिसंबर तक पूरी कर ली जाएगी।

विक्रमादित्य सिंह यह सुनिश्चित करने के लिए कि स्वच्छ भोजन बेचा जाए, सभी स्ट्रीट वेंडर्स के लिए एक निर्णय लिया गया है. लोगों ने बहुत सारी चिंताएं और आशंकाएं व्यक्त की थी और जिस तरह से उत्तर प्रदेश में रेहड़ी-पटरी वालों के लिए यह अनिवार्य किया गया है कि उनको अपना नाम-आईडी लगानी होगी।

'चीन के साथ सब कुछ ठीक नहीं...'यूएस में बोले भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर चीन के साथ संबंधों को लेकर बयान दिया है। अमेरिका में एक कार्यक्रम में बोलते हुए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के साथ 75% विवाद हल होने वाले बयान को लेकर सफाई दी है। जयशंकर ने चीन के साथ भारत के 'कठिन इतिहास' को स्वीकार करते हुए कहा कि जब मैंने दोनों देशों के बीच सीमा विवाद का 75 प्रतिशत हल होने की बात कही, तो वह केवल 'सैनिकों के पीछे हटने' वाले हिस्से के बारे में थी। विदेश मंत्री ने कहा कि अभी दूसरे पहलुओं में चुनौती बनी हुई है।

'समझौते का उल्लंघन किया'

न्यूयॉर्क में एशिया सोसाइटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट में बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ भारत का इतिहास मुश्किलों से भरा रहा है। जयशंकर ने कहा कि चीन साथ एलएसी पर हमारा साफ समझौता था। लेकिन उन्होंने साल 2020 में कोरोना महामारी के दौरान कई सैनिकों को तैनात कर समझौते का उल्लंघन किया। इसके बाद आशंका थी कि कोई हादसा होगा और ऐसा हुआ भी। झड़प हुई और दोनों तरफ के लोग हताहत हुए।

'अगला कदम तनाव कम करना'

जयशंकर ने मंगलवार को यहां एशिया सोसायटी और एशिया सोसायटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित ‘भारत, एशिया और विश्व’ विषयक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि चीन के इस फैसले से दोनों तरफ के रिश्ते प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि अब हम टकराव वाले बिंदुओं पर पीछे हटने के ज्यादातर मामलों को सुलझाने में सक्षम हैं। लेकिन गश्त से जुड़े कुछ मुद्दों को हल करने की जरूरत है। अब अगला कदम तनाव कम करना होगा।

'भारत-चीन संबंध पूरी दुनिया के लिए अहम'

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि भारत-चीन संबंध एशिया के भविष्य के लिए अहम है और इसका असर न केवल इस महाद्वीप बल्कि पूरी दुनिया पर पड़ेगा। एक तरह से आप कह सकते हैं कि अगर दुनिया को बहु-ध्रुवीय बनाना है, तो एशिया को बहु-ध्रुवीय होना होगा। इसलिए यह रिश्ता न केवल एशिया के भविष्य पर, बल्कि संभवत: दुनिया के भविष्य पर भी असर डालेगा। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों का ‘‘समानांतर विकास’’ आज की वैश्विक राजनीति में ‘‘बहुत अनोखी समस्या’’ पेश करता है।

'भारत-चीन का समानांतर विकास अनोखी समस्या'

जयशंकर ने कहा कि आपके पास दो ऐसे देश हैं जो आपस में पड़ोसी हैं, वे इस दृष्टि से अनोखे भी हैं कि वे ही एक अरब से अधिक आबादी वाले देश भी हैं, दोनों वैश्विक व्यवस्था में उभर रहे हैं और उनकी सीमा अक्सर अस्पष्ट हैं तथा साथ ही उनकी एक साझा सीमा भी है। इसलिए यह बहुत जटिल मुद्दा है। मुझे लगता है कि अगर आप आज वैश्विक राजनीति में देखें तो भारत और चीन का समानांतर विकास बहुत, बहुत अनोखी समस्या है।

इससे पहले विदेश मंत्री जयशंकर ने 12 सितंबर को जेनेवा में एक समिट में कहा था कि भारत ने चीन के साथ सीमा वार्ता में सफलता मिल रही है और लगभग 75% विवाद सुलझ गए हैं। उन्होंने कहा था कि सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं का एक-दूसरे के करीब होना एक बड़ा मुद्दा है। अगर सीमा विवाद का समाधान हो जाता है, तो भारत-चीन संबंधों में सुधार संभव है। जयशंकर ने कहा था कि 2020 में चीन और भारत के बीच गलवान में हुई झड़प ने दोनों देशों के रिश्तों को बुरी तरह प्रभावित किया। सीमा पर हिंसा होने के बाद कोई यह नहीं कह सकता कि बाकी रिश्ते इससे प्रभावित नहीं होंगे।

शिमला में आधार कार्ड का फ्रॉड, क्या किसी साजिश की है शुरूआत?

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देश में मुस्लिम तबके की आबादी तेजी से बढ़ी है, जबकि कई क्षेत्रों में पहले से मौजूद दूसरे मतावलंबियों की आबादी घटती गई। देश में षड्यंत्रकारि तत्वों द्वारा उत्तर भारत में एक गलियारा तैयार करने की योजना है, ताकि बांग्लादेश और पाकिस्तान को आपस में जोड़ा जा सके। यह गलियारा बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और हरियाणा होते हुए पाकिस्तान से जा मिलेगा। इस गलियारे में घुसपैठियों को लाकर बसाने का काम योजनाबद्ध ढंग से किया जा रहा है। बांग्लादेश से असम में आए घुसपैठियों के खिलाफ वहां चले जन आंदोलन के बाद इस्लामिक षड्यंत्रकारियों ने उन्हें झारखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल आदि राज्यों में भेजना शुरू किया है। इसकी झलकी हाल के दिनों में शिमला में देखी गई।

शिमला में पहले अवैध मस्जिदों निर्माण का मामला गरमाया। उसके बाद गड़बड़ आधार कार्ड के साथ समुदाय विशेष के लोग पकड़े गए हैं। शिमला के घुमा क्षेत्र में 35 से ज्यादा मुस्लिम व्यापारियों के पहचान पत्र एक जैसे हैं। मतलब जन्म की तारीख और जन्म का महीना एक जैसा ही है। घुमा इलाके में स्थानीय लोगों ने करीब 100 मुस्लिम व्यापारियों के आधार कार्ड चेक किए। आधार कार्ड से उन्हें बड़े फ्रॉड का पता चला। आधार कार्ड में जन्म की तारीख और महीना एक ही है। सबके आधार पर तारीख 1 और महीना जनवरी लिखा है। हालांकि जन्म का साल अलग-अलग है। इस खुलासे के बाद लोग भड़क गए और उन्होंने पुलिस से शिकायत दर्ज की। स्थानीय लोग कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

व्यापार मंडल गुम्मा के प्रधान देविंद्र सिंह ने बताया कि गुम्मा में बाहरी राज्यों से विशेष समुदाय के 86 व्यापारी हैं, जिनके व्यापार मंडल ने आधार कार्ड एकत्रित किए हैं। इनमें से 46 व्यापारी ऐसे हैं, जिनकी जन्मतिथि आधार कार्ड पर एक जनवरी है। इस संदर्भ में पुलिस थाने में शिकायत दी गई है। व्यापार मंडल ने मांग उठाई है कि आधार कार्डों की सच्चाई क्या है, इसकी जांच की जाए। बाहरी राज्यों से आए व्यापारी अपनी दुकान चलाने से पहले बोनाफाइड सर्टिफिकेट, चरित्र प्रमाण पत्र और मतदाता पहचान पत्र व्यापार मंडल और पुलिस थाने में जमा करवाएं। जब तक सभी दस्तावेज सत्यापित नहीं होते, तब तक बाहरी राज्यों के व्यापारियों को दुकानें चलाने की अनुमति न दी जाए।

भारतीयों के लिए उनका एक आधार कार्ड उनकी पहचान का सबूत है, लेकिन घुमा में एक आधार, कई लोगो की पहचान बना हुआ है। ऐसे में साजिश की आशंका ने जन्म ले लिया है।

ये पूरा मामला सामने आया 30 अगस्त को। जब मल्याणा क्षेत्र में रहने वाले यशपाल का सैलून चलाने वाले कुछ मुस्लिम युवकों से विवाद हुआ था। पुलिस के मामला दर्ज करने पर पता चला कि जिन युवकों पर मारपीट का आरोप है, वे संजौली की मस्जिद में रहते हैं। ये लोग मूल रूप से यूपी के मुरादाबाद के थे। पुलिस ने अभियुक्तों के आधार कार्ड की जांच की तो उनमें से अधिकांश की जन्मतिथि एक जनवरी थी। इस पहलू को लेकर शक होने पर मल्याणा, चम्याणा के स्थानीय लोगों ने इनके दस्तावेज़ों की जांच की मांग की।

इसके बाद गांव के लोगों ने दो सितंबर को मस्जिद के पास धरना दिया। इस दौरान मस्जिद के अवैध निर्माण का मुद्दा भी उठा। इसी दिन संजौली की मस्जिद की घेराबंद करते हुए इसके अवैध ढांचे को गिराने की मांग पहली बार उठी। स्थानीय लोगों का मस्जिद को गिराने को लेकर प्रदर्शन इतना तीव्र हुआ कि 11 सितंबर को इस प्रदर्शन पर क़ाबू पाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।

हिमाचल में हिंदू और मुसलमान सदियो से साथ रहते आ रहे हैं। मुसलमानों की संख्या भले ही यहां कम थी, लेकिन वह पूरे व्यवहार और शिष्टाचार के साथ समाज में रहते थे। पिछले कुछ समय से बाहर से आ रहे लोगों के सत्यापन न होने के कारण संजौली सहित शहर के कई क्षेत्रों में उनकी संख्या बढ़ रही थी। इसलिए लोग के बीच में गुस्सा भी पनप रहता है , यह गुस्सा मल्याणा की हिंसा के बाद फूट गया। ये लोग बिना किसी अनुमति के दुकानें भी लगा रहे हैं, ये भी नाराजगी का कारण है।

अरविंद केजरीवाल ने RSS प्रमुख मोहन भागवत को लिखी चिट्ठी, पूछे ये 5 सवाल

#arvindkejriwalwrotelettermohan_bhagwat

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को चिट्ठी लिखी है। दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने मोहन भागवत को पत्र लिखकर उनसे केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग से लेकर पीएम मोदी के रिटायरमेंट को लेकर सवाल पूछे हैं। अरविंद केजरीवाल ने इस चिट्ठी में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से 5 सवाल पूछे हैं। अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद से लगातार बीजेपी को लेकर आएसएस से सवाल पूछ रहे हैं। पहले उन्होंने जनता की अदालत में आरएसएस चीफ मोहन भागवत से पांच सवाल पूछे थे।

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस्तीफा देने के बाद से लगातार बीजेपी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर हमलावर नजर आ रहे हैं। अब एक बार फिर उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से 5 सवाल किए और इस बार आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने संघ प्रमुख मोहन भागवत को सीधा चिट्ठी लिखा है और जमकर निशाना साधा है।

अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''मैं आशा करता हूं कि आप स्वस्थ होंगे। मैं यह पत्र एक राजनैतिक पार्टी के नेता की हैसियत से नहीं लिख रहा हूं बल्कि इस देश के एक सामान्य नागरिक के तौर पर लिख रहा हूं। आज देश के हालात को लेकर मैं बहुत चिंतित हूं। जिस दिशा में बीजेपी की केंद्र सरकार देश और देश की राजनीति को ले जा रहीं है, यह पूरे देश के लिए हानिकारक है।''

पूर्व सीएम ने कहा, ''अगर यही चलता रहा तो हमारा लोकतंत्र खत्म हो जाएगा, हमारा देश खत्म हो जाए‌गा। पार्टियां तो आती-जाती रहेंगी, चुनाव आते-जाते रहेंगे, नेता आते-जाते रहेंगे, लेकिन भारत देश हमेशा रहेगा। इस देश का तिरंगा आसमान में गर्व से हमेशा लहराए, ये सुनिश्चित करना हमारी सबकी ज़िम्मेदारी है। इसी संबंध में जनता के मन में कुछ सवाल हैं जो में आपके समक्ष रख रहा हूं। मेरी मंशा सिर्फ भारतीय लोकतंत्र को बचाने और मजबूत करने की है।''

अरविंद केजरीवाल के 5 सवाल

1. देशभर में तरह-तरह के लालच देकर या फिर ईडी-सीबीआई की धमकी देकर दूसरी पार्टी के नेताओं को तोड़ा जा रहा है, उनकी पार्टियों को तोड़ा जा रहा है और दूसरी पार्टियों की सरकारों को गिराया जा रहा है। क्या इस तरह से चुनी हुई सरकारें गिराना देश और देश के लोकतंत्र के लिए सही है? किसी भी तरह बेईमानी करके सत्ता हासिल करना, क्या आपको या आरएसएस को यह मंजूर है?

2. देश के कुछ नेताओं को खुद प्रधानमंत्री और अमित शाह ने सार्वजनिक मंच से भ्रष्टाचारी कहा और उसके कुछ दिन बाद ही उन्हें भारतीय जनता पार्टी में शामिल करा लिया। जैसे 28 जून 2023 को मोदी ने एक सार्वजनिक भाषण में एक पार्टी और उनके एक नेता पर 70 ह‌ज़ार करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया। उसके कुछ दिन बाद ही उस पार्टी को तोड़ कर उसी नेता के साथ सरकार बना ली और उसी नेता को, जिसे कल तक भ्रष्ट कहते थे, उसे उपमुख्यमंत्री बना दिया। ऐसे कई मामले हैं जब दूसरी पार्टियों के भ्रष्ट नेताओं को बीजेपी में शामिल करवाया गया। क्या आपने या आरएसएस कार्यकर्ताओं ने ऐसी बीजेपी की कल्पना की थी? क्या ये सब देखकर आपको कष्ट नहीं होता?

3. बीजेपी वो पार्टी थी जो आरएसएस की कोख से पैदा हुई। ये आरएसएस की जिम्मेदारी है कि यदि बीजेपी पथ भ्रमित हो तो उसे सही रास्ते पर लाए। क्या आपने कभी प्रधानमंत्री को ये सब गलत काम करने से रोका?

4. जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा कि बीजेपी को अब आरएसएस की जरूरत नहीं है। आरएसएस एक तरह से बीजेपी की मां है। क्या बेटा इतना बड़ा हो गया कि मां को आँखे दिखाने लगा है? मुझे पता चला है कि नड्डा जी के इस बयान ने हर आरएसएस कार्यकर्ता को बेहद आहत किया। देश जानना चाहता है कि उनके बयान से आपके दिल पर क्या गुजरी?

5. आप सबने मिलकर कानून बनाया कि 75 साल की उम्र के बाद बीजेपी नेता रिटायर ही जाएंगे। इस कानून का खूब प्रचार किया गया और इसी क़ानून के तहत आडवाणी जी और मुरली मनोहर जोशी जी जैसे कई कद्दावर बीजेपी नेताओं को रिटायर किया गया। पिछले दस वर्षों में इस कानून के तहत अन्य कई बीजेपी नेताओं को रिटायर किया गया जैसे खंडूरी जी, शांता कुमार जी, सुमिता महाजन जी आदि। अब अमित शाह जी का कहना है कि यो क़ानून मोदी जी पर लागू नहीं होगा। क्या इस पर आपकी सहमति है कि जिस कानून के तहत आडवाणी जी को रिटायर किया गया, वो कानून अब मोदी जी पर लागू नहीं होगा? क्या सबके लिए क़ानून समान नहीं होना चाहिए?

जम्मू-कश्मीर में चुनावी प्रक्रिया देखने आए 16 देशों के राजनयिक, नाराज उमर बोले- यह अच्छा नहीं

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जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में मतदान हो रहा है। इसी बीच विदेशों से वरिष्ठ राजनयिकों का एक हाई लेवल डेलिगेशन जम्मू-कश्मीर पहुंचा, जो जम्मू-कश्मीर में चल रहे चुनाव की प्रक्रिया को देखने पहुंचे। इनमें संयुक्त राज्य अमेरिका, मैक्सिको, गुयाना, दक्षिण कोरिया, सोमालिया, पनामा, सिंगापुर, नाइजीरिया, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका, नॉर्वे, तंजानिया, रवांडा, अल्जीरिया समेत 16 देशों के राजनयिक जम्मू-कश्मीर दौरे पर हैं। लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने नाराजगी जाहिर की और कहा कि यह बात अच्छी नहीं है।

विदेशी राजनायिकों के दौरे पर विवाद

जम्मू-कश्मीर में मतदान प्रक्रिया देखने के लिए आए विदेशी प्रतिनिधिमंडल के दौरे पर जेकेएनसी के उपाध्यक्ष और उम्मीदवार उमर अब्दुल्ला ने कहा, "मैं इसे समझ नहीं पा रहा हूं। जब वही लोग जम्मू-कश्मीर पर टिप्पणी करते हैं, तो भारत सरकार एक बयान जारी करती है कि जम्मू-कश्मीर हमारा आंतरिक मामला है और दूसरों को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। अगर आप हस्तक्षेप या उनकी टिप्पणियों को नहीं चाहते हैं, तो उन्हें यहां क्यों लाया जा रहा है?

उमर अब्दुल्ला ने उठाया सवाल

उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा कि सरकार ने पिछले 6-7 वर्षों में लोगों को परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, लेकिन भारत सरकार सारा श्रेय चाहती है। अगर राजनयिकों को यहां लाया जा सकता है, तो विदेशी पत्रकारों को यहां आकर चुनाव कवर करने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है। राजनयिकों को गाइडेड टूरिस्ट के तौर पर यहां लाया जा रहा है। यह अच्छा नहीं है।

'वोट डालने के लिए यहां आए लोगों के बीच होना अद्भुत है'

श्रीनगर के बेमिना में एसडीए मतदान केंद्र पर भारत में दक्षिण कोरियाई दूतावास के डीसीएम लिम सांग वू कहते हैं, "मैं पहली बार यहां आया हूं। यह बहुत खूबसूरत है। वोट डालने के लिए यहां आए लोगों के बीच होना अद्भुत है। मैं वाकई जोश से भरा उत्साह देख रहा हूं और यह वास्तव में लोकतंत्र का काम है। इसलिए, बधाई। यह अच्छी तरह से आयोजित किया गया है। मैं छोटे बच्चों को उनके माता-पिता के साथ देखकर खुश था... मुझे लगता है कि वे अपने माता-पिता से यह सीखने आए हैं कि लोकतंत्र कैसे काम करता है। यह वाकई प्रभावशाली था..."

तंजानिया के राजनयिक ने क्या कहा?

श्रीनगर के बेमिना में एसडीए मतदान केंद्र पर तंजानिया के एक राजनयिक देव कहते हैं, "मैं देख रहा हूं कि लोग मतदान करने के लिए उत्साहित हैं और वे अपने साथ बच्चों को भी ला रहे हैं ताकि वे सीख सकें कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया क्या है, मैंने इस तरह की प्रथा पहले कभी नहीं देखी, यह मेरा पहला मौका है। इसलिए, यह बहुत अच्छा है। "

सिंगापुर राजनयिक ने क्या कहा?

श्रीनगर के बेमिना में SDM मतदान केंद्र पर, सिंगापुर हाईकमीशन की ऐलिस चेंग ने कहा कि संगठन सिंगापुर के से काफी मिलता-जुलता है. जहां आप लोगों के लिए इसे सरल बनाने के लिए सरकारी बिल्डिंग का इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए, हम इस यात्रा के आयोजन के लिए विदेश मंत्रालय के शुक्रगुजार हैं. हम आएं और चल रहे मतदान को देखा

क्वाड सम्मेलन के तुरंत बाद चीन ने दुनिया को दिखाई महाव‍िनाशक ताकत, प्रशांत महासागर में किया मिसाइल का टेस्ट

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चीन ने एक महाविनाशक मिसाइल का परीक्षण किया है। चीन ने बुधवार को प्रशांत महासागर में एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का सफल परीक्षण किया। चीन ने बुधवार को इस परीक्षण की जानकारी दी। यह अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल अमेरिका, ताइवान और जापान के लिए खतरा पैदा कर सकती है।इसे लेकर भी चीन ने जवाब दिया। चीन का कहना है कि यह लॉन्च किसी भी देश या टार्गेट की ओर नहीं लॉन्च किया गया था। चीन के मुताबिक मिसाइल का लॉन्च इंटरनेशनल कानूनों के हिसाब से है। मिसाइल की ताकत, रेंज या इसके लॉन्च की जगह को लेकर चीन ने कोई जानकारी नहीं दी है।

चीन के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'चीनी सेना के रॉकेट फोर्स ने 25 सितंबर को सुबह 08:44 बजे प्रशांत महासागर में एक डमी हथियार ले जाते हुए एक आईसीबीएम लॉन्च किया। मिसाइल उसी समुद्री क्षेत्र में गिरी जहां उम्मीद थी। यह लॉन्च हमारे वार्षिक प्रशिक्षण योजना में एक नियमित व्यवस्था है। यह लॉन्च अंतरराष्ट्रीय कानून और अंतरराष्ट्रीय अभ्यास के अनुरूप है। किसी भी देश की ओर इसे टार्गेट नहीं किया गया था।'

ग्लोबल टाइम्स ने रक्षा मंत्रालय के बयान के हवाले से बताया है कि डमी हथियार ले जाने वाली इस मिसाइल को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के रॉकेट फोर्स द्वारा दागा गया था। मिसाइल को प्रशांत महासागर के ऊंचे समुद्र में गिरा दिया गया। चीन के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, मिसाइल टेस्ट ने हथियार प्रदर्शन और सैन्य प्रशिक्षण की प्रभावशीलता का परीक्षण किया और अपने लक्ष्यों को हासिल किया है।

चीनी मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, पीएलए ने पहले ही परीक्षण के बारे में संबंधित देशों को सूचित कर दिया था। रिपोर्ट्स में मिसाइल के मार्ग और प्रशांत महासागर में वह कहां गिरी, इसकी जानकारी नहीं दी गई है। चीन की सेना पीएलए की रॉकेट फोर्स, देश की पारंपरिक और परमाणु मिसाइलों के संचालन की देखरेख करती है। इस रॉकेट फोर्स को चीन की परमाणु ताकतों को आधुनिक बनाने का काम सौंपा गया है, ताकि अमेरिकी मिसाइल रक्षा, बेहतर निगरानी क्षमता और मजबूत गठबंधन का मुकाबला किया जा सके।

खास बात ये भी है कि चीन ने 1989 के बाद पहली बार आईसीबीएम का सफलतापूर्वक वायुमंडलीय परीक्षण की जानकारी दी है। चीनी ICBM का पहला परीक्षण मई 1980 में हुआ था और तब से चीन के अधिकांश परमाणु हथियार परीक्षण भूमिगत रूप से किए गए हैं।

मिसाइल लॉन्च ऐसे समय पर हुआ है जब इस साल की शुरुआत में हिंद प्रशांत क्षेत्र में दिखी नई अमेरिकी मिसाइल प्रणाली को लेकर चीन नाराज है। चीन के अधिकारियों ने इस हथियार के बारे में बार-बार शिकायत की है। पिछले साल अक्टूबर में अमेरिकी रक्षा विभाग ने कहा था कि चीन अपने परमाणु शस्त्रागार को अमेरिका से भी ज्यादा तेजी से बना रहा है।

अमेरिका में चुनाव हुआ हिंसक! ट्रंप के बाद निशाने पर कमला हैरिस, चुनावी ऑफिस पर चली गोलियां

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अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। हालांकि, वोटिंग से पहले अमेरिका में हिंसा की लगातार खबरें सामने आ रही हैं। पहले पूर्व राष्ट्रपति व रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की कोशिश की गई। अब डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस के चुनावी ऑफिस पर भी गोली चलने की खबर सामने आई है। अमेरिका के एरिजोना में उपराष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस के अभियान कार्यालय में गोलीबारी की गई।

पुलिस के मुताबिक आधी रात के बाद किसी ने गोली चला दी। हालांकि, इस दौरान कार्यालय के अंदर कोई भी मौजूद नहीं था, लेकिन इस घटना के बाद इमारत के अंदर काम करने और आसपास रहने वालों की सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा हो गई। जासूस अब घटनास्थल पर सबूत जमा कर रहे हैं। पुलिस ने बताया कि क्षेत्र में कर्मचारियों और अन्य लोगों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जा रहे हैं।

दो बार हमला हो चुका है

यह दूसरी बार है, जब हाल के दिनों में ऑफिस पर गोलियां चलीं हैं। पुलिस ने बताया कि 16 सितंबर को आधी रात के ठीक बाद, सामने की खिड़कियों पर बीबी गन या पेलेट गन से गोली चलाई गई। दोनों ही घटनाओं में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। अधिकारियों द्वारा सभी संभावित पहलुओं की जांच की जा रही है।

डोनाल्ड ट्रंप पर भी दो बार हो चुका है हमला

बता दें कि रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर चुनावी रैली के दौरान दो बार जानलेवा हमले हो चुके हैं। ट्रंप हमला के आरोप में हवाई के रहने वाले 58 वर्षीय साल रयान राउथ को तब गिरफ़्तार किया गया। सीक्रेट सर्विस ने उन्हें फ्लोरिडा के वेस्ट पाम बीच में ट्रंप के नेशनल गोल्फ क्लब में एके-47, एक गोप्रो कैमरा और अन्य सामान के साथ छिपे हुए देखा। उस समय, पूर्व राष्ट्रपति उस स्थान पर गोल्फ खेल रहे थे। सीक्रेट सर्विस ने देखते ही गोली चला दी। लेकिन, राउथ कार से भाग गया। हालांकि, बाद में उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया।

इससे कुछ दिन पहले, ट्रंप की पेंसिल्वेनिया रैली में एक जानलेवा अटैक हुआ था। हालांकि, वह हमले में बाल-बाल बच गए थे।स्नाइपर्स ने 20 साल हमलावर थॉमस मैथ्यू क्रूक्स को मार गिराया था।

जम्मू-कश्मीर विस चुनावः दूसरे चरण में उमर अब्दुल्ला से लेकर रविंदर रैना तक की किस्मत दांव पर

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जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 6 जिलों की 26 विधानसभा सीटों पर वोटिंग सुबह 7 बजे से शुरू हो गई है। इसमें 25.78 लाख मतदाता शाम 6 बजे तक वोट डाल सकेंगे। सुबह 9 बजे तक 10.22 फीसदी वोटिंग हुई है। सबसे ज्यादा पूंछ में 14.41% वोटिंग हुई, जबकि श्रीनगर में सबसे कम 4.70% वोट डले। सेकेंड फेज की 26 सीटों में से 15 सीटें सेंट्रल कश्मीर और 11 सीटें जम्मू की हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, दूसरे फेज में 239 कैंडिडेट्स मैदान में हैं। इनमें नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उमर अब्दुल्ला और बीजेपी के रवींद्र रैना समेत पांच नेता ऐसे हैं, जिन पर हर किसी की नजर टिकी है।

दूसरे चरण के 5 चर्चित चेहरे

उमर अब्दुल्ला: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला बडगाम और गांदरबल सीट से चुनावी मैदान में हैं। साल 1977 से बेलगाम सीट पर मजबूत पकड़ रखने वाले उमर अब्दुल्ला के सामने इस बार सात उम्मीदवार हैं। बडगाम में उमर अब्दुल्ला के खिलाफ आगा सईद मुंतजिर मेहदी और आगा सईद अहमद मूसवी चुनाव लड़ रहे हैं। गांदरबल सीट की अगर हम बात करें तो, इस सीट को अब्दुल्ला परिवार का गढ़ बताया जाता है। इस सीट पर उमर अब्दुल्ला का मुकाबला पीडीपी नेता बशीर अहमद मीर और नेशनल पैंथर्स पार्टी के नेता अब्दुल राशिद समेत एक दर्जन से ज्यादा उम्मीदवारों से है।

रवींद्र रैना: जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रवींद्र रैना राजौरी सीट से चुनावी मैदान में हैं। इस सीट से 2014 के चुनाव में रवींद्र रैना ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में भी वह इसी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। माना जा रहा है कि इस बार उनकी राहें मुश्किल होने वाली है। उनकी पार्टी के ही पूर्व नेता सुरिंदर चौधरी नेशनल कॉन्फ्रेंस के टिकट से इस सीट पर उम्मीदवार हैं।

तारिक हमीद कर्रा: जम्मू-कश्मीर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा श्रीनगर की सेंट्रल शालटेंग सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर उनका मुकाबला पीडीपी नेता अब्दुल कयूम भट्ट और अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस के रियाज अहमद मीर और अपनी पार्टी के जफर हबीब डार से है। आपको बताते चलें, तारिक हामिद कभी महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी के साथ थे। लेकिन, बाद में वह पार्टी का दामन छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

सैय्यद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी: अल्ताफ बुखारी श्रीनगर की चन्नापुरा सीट से अपनी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उनका टक्कर पीडीपी के मोहम्मद इकबाल ट्रंबो, नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुश्ताक गुरु और भाजपा के हिलाल अहमद वानी से है।

सरजन अहमद वागे उर्फ सरजन बरकती: सरजन अहमद वागे उर्फ सरजन बरकती इन दिनों जेल में बंद हैं। वह गांदरबल और बीरवाह सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। साल 2016 में आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद शोपियां और कुलगाम में विरोध रैली निकालने वालों में सरजन बरकती एक बड़ा चेहरा थे। उनपर अलगाववादी विचारधारा और भड़काऊ भाषण देने के आरोप लगे हैं।