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आग से खेलोगे तो जल जाओगे…', किसपर भड़कीं शेख हसीना?

#sheikhhasinatoreintothemuhammadyunus

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने एक बार फिर मोहम्मद यूनुस पर निशाना साधा है। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और अवामी लीग पार्टी की नेता शेख हसीना ने देश की अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद यूनुस पर कड़ा हमला बोला है। हसीना ने यूनुस को आत्मकेंद्रित और सत्ता का भूखा इंसान बताया। यही नहीं, हसीना ने यूनुस को चेताया है कि अगर आप आग से खेलेंगे तो यह आपको भी जलाकर राख कर देगी।

8 मिनट के एक ऑनलाइन वीडियो में शेख हसीना ने कहा, यूनुस एक पैसों के लालची और सत्ता के भूखो शख्स है जो बांग्लादेश को बर्बाद करने पर तुले हुए है। उसने विदेशी ताकतों के साथ मिलकर साजिश रची है। हसीना ने यह भी आरोप लगाया कि यूनुस, बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी पार्टी के साथ मिलकर अवामी लीग के नेताओं को परेशान कर रहा है और उन्हें मार रहा है।

हसीने ने यूनुस को चेताया

हसीना ने गुस्से में पूछा, युनूस सरकार में बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई से जुड़े निशान मिटाए जा रहे हैं। हमने हर जिले में मुक्ति योद्धा स्मारक बनाए थे, लेकिन उन्हें जलाया जा रहा है। आजादी के नायकों का अपमान हो रहा है। क्या यूनुस इसका जवाब दे सकेंगे? उन्होंने चेतावनी दी, यूनुस, अगर आग से खेलेंगे, तो वह आग उन्हें ही जला देगी।

अबू सईद की मौत पर उठाया सवाल

अपने भाषण में शेख हसीना ने कोटा आंदोलन के दौरान मारे गए अबू सईद की मौत को लेकर भी बड़ा दावा किया। अबू सईद को आंदोलन का हीरो माना जाता है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि सईद की मौत पुलिस की जानबूझकर की गई हत्या थी। शेख हसीना ने इस बात को पूरी तरह नकार दिया और कहा कि ये आरोप गलत और भड़काने वाले हैं।

यूनुस पर साजिश रचने का आरोप

शेख हसीना ने कहा, जब प्रदर्शनकारी पुलिस पर पत्थर फेंक रहे थे, तब पुलिस ने सिर्फ रबर की गोलियां चलाई थीं। अबू सईद के सिर पर पत्थर से चोट लगी थी, लेकिन सवाल ये है कि 7.62 एमएम की असली गोली कहां से आई? वो गोली किसने चलाई?

हसीना ने आरोप लगाया कि जब एक अफसर ने इस मामले की जांच शुरू की तो यूनुस ने उसे हटा दिया। उन्होंने कहा, अगर अबू सईद का शव दोबारा निकाला जाए और सही जांच हो तो पता चल जाएगा कि सारी हत्याएं एक साजिश थीं। हसीना ने साफ कहा, ना मैंने, ना अवामी लीग ने और ना ही पुलिस ने सईद को मारा, बल्कि पुलिस खुद हिंसा की शिकार थी। इसके बावजूद हिंसा करने वालों को मुआवजा दिया गया। क्या उन्हें सज़ा मिलेगी? नहीं क्योंकि ये सब यूनुस की सोची-समझी चाल थी।

बांग्लादेश बर्बादी की कगार पर पहुंच गया-हसीना

हसीना ने कहा कि यूनुस के राज में बांग्लादेश बर्बादी की कगार पर पहुंच गया और मेहनतकश बांग्लादेशियों की उम्मीदें खत्म हो चुकी हैं। हजारों कारखाने बंद हो गए। अवामी लीग के नेताओं से जुड़े बिजनेस, होटल और अस्पताल तक जला दिए गए। उन्होंने कहा, टॉप डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया गया। राजनीतिक कार्यकर्ताओं को पुलिस की वर्दी दी गई है। क्या वे नौकरी के लिए योग्य हैं? किसी भी नियम का पालन नहीं किया गया और बीएनपी लूटपाट में व्यस्त है।

बता दें कि शेख हसीना पिछले साल अगस्त में तख्तापलट के बाद भारत आ गई थीं। निर्वासन में रहते हुए वह सोशल मीडिया के जरिए अपनी पार्टी के नेताओं से बात करती हैं।

शेख हसीना ने भरी बांग्लादेश लौटने की हुंकार, बोलीं- मैं मरी नहीं...अल्लाह ने मुझे किसी कारण से जिंदा रखा


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पड़ोसी देश बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद भी राजनीतिक अस्थिरता का दौर कायम है। इस बीच सत्ता से बेदखल हो चुकी पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने एक बार फिर हुंकार भरी है। बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने अपने समर्थकों से कहा कि वह अपने देश वापस आएंगी। बता दें कि पिछले साल अगस्त में अवामी लीग की अध्यक्ष शेख हसीना को हिंसक आंदोलन के बाद बांग्लादेश से भागकर भारत आना पड़ा था। उन्होंने फिलहाल भारत में शरण ली है।

सोशल मीडिया पर आवामी लीग के कार्यकर्ताओं से बात करते हुए हसीना ने कहा कि मैं मरी नहीं, इसका मतलब है कि मैं फिर से वापस बांग्लादेश आऊंगी। अल्लाह ने लोगों को संदेश दे दिया है। वापस आने के बाद अंतरिम सरकार और उनके लोगों को जेल से लेकर अदालत तक मैं घसीटूंगी।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस पर निशाना साधते हुए शेख हसीना ने कहा कि वह ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने कभी लोगों से प्यार नहीं किया। उन्होंने ऊंची ब्याज दरों पर छोटी रकम उधार दी और उस पैसे का इस्तेमाल विदेश में ऐशो-आराम से रहने में किया। हम तब उनके दोगलेपन को समझ नहीं पाए, इसलिए हमने उनकी बहुत मदद की। लेकिन लोगों को कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने अपने लिए अच्छा किया। फिर सत्ता की ऐसी लालसा पैदा की जो आज बांग्लादेश को जला रही है।

बांग्लादेश अब एक "आतंकवादी देश" बन गया-हसीना

शेख हसीना ने आगे कहा कि बांग्लादेश अब एक "आतंकवादी देश" बन गया है। उन्होंने कहा कि "हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं को इस तरह से मारा जा रहा है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। अवामी लीग, पुलिस, वकील, पत्रकार, कलाकार, हर किसी को निशाना बनाया जा रहा है।" इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बांग्लादेश में मीडिया पर भी शिकंजा कसने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, "बलात्कार, हत्या, डकैती, कुछ भी रिपोर्ट नहीं किया जा सकता। और अगर रिपोर्ट किया जाता है, तो टीवी चैनल या अखबार को निशाना बनाया जाएगा।

मैं जिंदा हूं और मैं जल्द ही बांग्लादेश आऊंगी-हसीना

बातचीत के दौरान आवामी लीग के कार्यकर्ताओं के एक सवाल के जवाब में हसीना ने कहा, अल्लाह ने मुझे किसी वजह से जिंदा रखा है और वह दिन जरूर आएगा जब न्याय होगा। मैं जिंदा हूं और मैं जल्द ही बांग्लादेश आऊंगी। आप सभी लोग धैर्य बनाकर रहें। आपके साथ न्याय होगा। जो भी लोग आपको मारने के लिए आ रहे हैं, उन्हें खोज-खोजकर लाया जाएगा।

पिता और परिवार की हत्या को याद कर हुईं भावुक

हसीना ने इस दौरान कार्यकर्ताओं से भावुक अपील करते हुए कहा कि मैं हर बार बच क्यों जाती हूं? आतंकवादियों ने मेरे पिता, माता और भाई को मार दिया, लेकिन उस वक्त भी मैं बच गई। उन्होंने आगे कहा मुझे मारने की पिछली बार भी कोशिश की गई, लेकिन मैं बच गई। अल्लाह की मर्जी क्या है, मुझे नहीं पता, लेकिन बांग्लादेश में कुछ जरूर अच्छा होने वाला है।

यूनुस ने फिर दोहराई हसीना के प्रत्यार्पण की मांग

शेख हसीना का यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब बिम्सटेक की बैठक में बांग्लादेश के चीफ एडवाइजर ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हसीना को सौंपने की अपील की थी। यूनुस का कहना था कि शेख हसीना पर बांग्लादेश में गंभीर आरोप लगे हैं, इसलिए उन्हें सौंपा जाए। अगस्त 2024 में तख्तापलट के बाद शेख हसीना भारत आ गई थीं।

पीएम मोदी संग मुलाकात में मोहम्मद यूनुस ने उठाया शेख हसीना के प्रत्यर्पण का मुद्दा, क्या करेगा भारत

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भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में तल्खी के बीच बैंकॉक की धरती पर पीएम मोदी और मोहम्मद यूनुस के बीच मुलाकात हुई। थाईलैंड में बिम्सटेक सम्मेलन के इतर पीएम मोदी और मोहम्मद यूनुस के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई। यह बैठक इसलिए खास है, क्योंकि शेख हसीना सरकार के जाने के बाद यह दोनों देशों के बीच पहली द्विपक्षीय बैठक है। दोनों नेताओं के बीच कई कई मु्द्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान यूनुस ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण का भी मु्द्दा उठाया।

पीएम मोदी की थाईलैंड यात्रा पर ब्रीफ्रिंग देते हुए मिसरी ने कहा, 'पीएम मोदी और मोहम्मद यूनुस के बीच शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर बातचीत हुई। इस बारे में मैं और कुछ नहीं कह सकता।'

बता दें कि मोहम्मद यूनुस ने पहले भारत से शेख हसीना की प्रत्यर्पण की मांग कर चुके हैं। यूनुस का कहना है कि भारत में रहकर शेख हसीना बांग्लादेश की राजनीति को अस्थिर कर रही है, जिससे वहां के लोकतंत्र को खतरा हो गया है।

वहीं, बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बैठक के दौरान मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण का मुद्दा भारत के सामने उठाया है। मोहम्मद यूनुस और पीएम मोदी की बैठक के बारे में पूछे जाने पर बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने दोनों नेताओं के बीच की इस बैठक को "बहुत उपयोगी और रचनात्मक" बताया है।

शफीकुल आलम ने कहा है कि "हमने भारत के साथ आपसी हितों के सभी मामलों पर चर्चा की है।" बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि "मुख्य सलाहकार ने बांग्लादेश के लिए महत्वपूर्ण सभी मुद्दों को उठाया। चर्चा में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण, भारत में रहते हुए उनकी तरफ से दिए जाने वाले भड़काऊ बयान, सीमा पर हत्याओं का मुद्दा, गंगा जल संधि का नवीनीकरण और लंबे समय से लंबित तीस्ता संधि पर चर्चा की गई।" उन्होंने आगे कहा कि "दोनों शीर्ष नेताओं के बीच बातचीत सकारात्मक और उत्पादक रही।"

बता दें कि शेख हसीना पिछले साल अगस्त में बांग्लादेश में हुए एक हिंसक प्रदर्शन के बाद भागकर भारत आ गई थीं। उन्हें फिलहाल नई दिल्ली ने शरण दे रखा है। उनके खिलाफ बांग्लादेश में दर्जनों मुकदमें दर्ज किए गये हैं, जिनमें उनके ऊपर हत्या के मुकदमें भी दर्ज हैं। बांग्लादेश कई बार औपचारिक तौर पर शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर चुका है।

शेख हसीना की अवामी लीग पर बैन नहीं लगाएंगे मोहम्मद यूनुस, क्यों बदल दी चाल?

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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने की कोई योजना नहीं है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कहा है कि देश छोड़कर भाग गईं पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की राजनीतिक पार्टी, अवामी लीग पर कोई प्रतिबंध लगाने की योजना नहीं है। हालांकि, यह भी कहा कि हत्या और मानवता के खिलाफ अपराधों समेत अन्य अपराधों के आरोपी नेताओं को अदालत में मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। चुनाव को लेकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस का रुख नरम पड़ता दिख रहा है।

बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार की मुहम्मद यूनुस के प्रेस विभाग ने गुरुवार को बयान में यह जानकारी दी। एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बात करते हुए मुहम्मद यूनुस ने कहा कि सरकार ने चुनावों के लिए दो संभावित समयसीमाएं निर्धारित की हैं। यूनुस ने कहा कि मतदान में देरी नहीं की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि राजनीतिक दल चुनाव से पहले केवल सीमित सुधार चाहेंगे तो मतदान दिसंबर में होगा। हालांकि, यदि वे अधिक व्यापक सुधार पैकेज का अनुरोध करते हैं, तो चुनाव अगले साल जून में हो सकते हैं।

गुरुवार को मोहम्मद यूनुस ने कंफर्ट एरो के नेतृत्व में ढाका पहुंचे 'इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप' के प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात की। इस दौरान यूनुस ने कहा कि सरकार ने अवामी लीग के नेताओं को जुलाई विद्रोह के दौरान संभावित अपराधों के लिए हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में भेजने से इनकार नहीं किया है। उन्होंने कहा, यह पूरी तरह से विचाराधीन है।

इससे पहले बांग्लादेश की अंतरिम सरकार और विपक्षी दल बीएनपी (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी) उन पर चुनाव लड़ने से रोक लगाने की कोशिश कर रहे थे। वहीं, पिछले साल विद्रोह करके शेख हसीना की सरकार को उखाड़ फेंकने वाले छात्र नेताओं ने भी मांग है कि अवामी लीग को गैरकानूनी घोषित किया जाए। छात्रों की तरफ से शेख हसीना की पार्टी पर उनके 15 साल के कार्यकाल के दौरान व्यापक मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाया गया है। पिछले साल के आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर हिंसक कार्रवाई का भी आरोप लगा, जिसमें 800 से अधिक लोग मारे गए थे। ऐसे में कार्यवाहक सरकार के नेता और नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस का यह फैसला उन छात्र क्रांतिकारियों को नागवार गुजर सकता है।

बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना का यूनुस सरकार पर फूटा गुस्सा, आतंक के आरोपों पर बढ़ी रार

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पिछले साल अगस्त में हिंसक प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़कर भागना पड़ा था। शेख हसीना अब भारत में रह रही हैं। उसके बाद देश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया। अब बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने वर्तमान में देश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस पर गंभीर आरोप लगाए। हसीना ने कहा कि यूनुस ने बांगलादेश को आतंकवाद और अराजकता का केंद्र बना दिया है। पांच अगस्त 2024 को छात्रों के विद्रोह के बाद हसीना की 16 साल पुरानी सरकार गिर गई और उन्हें बांग्लादेश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।

यूनुस पर आतंकियों को बढ़ावा देने का आरोप

हसीना ने सोमवार को यूनुस सरकार पर हमला बोला। शेख हसीना ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को दिए एक संदेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस पर आतंकियों को बढ़ावा देने और अराजकता फैलाने का आरोप लगाया है। हसीना ने कहा, यूनुस ने खुद कहा था कि उसे देश चलाने का कोई अनुभव नहीं है, फिर उसे सरकार चलाने से क्यों नहीं रोका गया? उनका आरोप था कि जब छात्रों के नेतृत्व में सरकार के कोटा सुधारों के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे थे और कई पुलिसकर्मी मारे गए थे, तब यूनुस ने चुप्पी साधी। हसीना ने यह भी कहा कि यूनुस ने सभी जांच समितियों को खत्म कर दिया और आतंकवादियों को खुली छूट दे दी, जो देश को बर्बाद कर रहे हैं।

मैं वापस आउंगी और शहीदों का बदला लूंगी-हसीना

शेख हसीना ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ चल रही सरकार को जल्द ही समाप्त किया जाएगा। उन्होंने पांच शहीद पुलिसकर्मियों की विधवाओं और उनके बच्चों से वर्चुअल बैठक के दौरान कहा, मैं लौटकर हमारे पुलिसकर्मियों की मौत का बदला लूंगी। उन्होंने यह भी कहा कि बांगलादेश में कुछ आतंकवादी तत्वों ने जो अराजकता फैलाई है, उसे अब खत्म करना होगा।

“हसीना को भारत से वापस लाना सबसे बड़ी प्राथमिकता”

अब शेख हसीना के पलटवार में यूनुस की अगुवाई वाली बांग्लादेश की सरकार ने भी एक स्टेटमेंट जारी किया है। इस स्टेटमेंट में कहा गया है कि शेख हसीना को भारत से वापस लाना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक है, जिसे हम जरूर करेंगे।

कौन हैं कतर के अमीर शेख अल-थानी? जिनके लिए पीएम मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर पहुंच गए एयरपोर्ट

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कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी दो दिवसीय राजकीय दौरे पर भारत आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार शाम को खुद उनकी आगवानी करने इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पहुंचे। पीएम मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी की अगवानी के ले वहां मौजूद रहे। कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी जैसे ही प्लेन से नीचे उतरे, पीएम मोदी ने मुस्कराते हुए उन्हें गले लगा लिया। अमीर ने भी उतनी ही गर्मजोशी के साथ उनका साथ दिया। कतर के अमीर को एयरपोर्ट पर रेड कारपेट वेलकम देकर गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

अमीर शेख तमीम बिन मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे और पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत करेंगे। प्रधानमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि अपने भाई, कतर के शेख तमीम बिन हम्माद अल-थानी का स्वागत करने के लिए एयरपोर्ट गया। भारत में उनके सफल प्रवास की कामना करता हूं।

मंगलवार की सुबह कतर के अमीर का राष्ट्रपति भवन के परिसर में औपचारिक स्वागत किया जाएगा, जिसके बाद हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी बैठक होगी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे। बयान के अनुसार मंगलवार दोपहर को सहमति पत्रों का आदान-प्रदान होगा, जिसके बाद कतर के अमीर राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात करेंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि अल-थानी पीएम मोदी के आमंत्रण पर भारत दौरे पर आए हैं।

कौन हैं अमीर तमीम बिन अल-थानी?

शेख तमीम बिन हमद अल-थानी कतर के अमीर रहे शेख हमद बिन खलीफा अल-थानी के बेटे हैं। वे दुनिया के सबसे युवा राष्ट्राध्यक्षों में से एक हैं। उन्हें 2003 में क्राउन प्रिंस नियुक्त किया गया। इसके बाद 2009 में उन्हें सेना में डिप्टी कमांडर इन चीफ का पद मिला। वे 25 जून 2013 को कतर के अमीर बने थे। उनके पास करीब 335 अरब डॉलर की संपत्ति है। वे दुनिया के 9वें सबसे अमीर शासक हैं।

खेलों में है गहरी रूचि

तमीम बिन अल-थानी का जन्म 3 जून 1980 को कतर की राजधानी दोहा में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कतर में ही प्राप्त की और उच्च शिक्षा के लिए ब्रिटेन गए। ब्रिटेन से शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने कतर की सेना में भी अपनी सेवाएं दीं। तमीम खेलों में गहरी रुचि रखते हैं। 2006 में कतर में आयोजित एशियन गेम्स के सफल आयोजन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस आयोजन ने उन्हें वैश्विक पहचान दिलाई। उनकी नेतृत्व क्षमता का एक और उदाहरण 2022 फीफा वर्ल्ड कप का कतर में सफल आयोजन रहा।

महाकुंभ से संबंधित भ्रामक पोस्ट करने वाले 53 विभिन्न अकाउंट के विरुद्ध मुकदमा

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा महाकुम्भ मेला से सम्बंधित भ्रामक एवं फेक न्यूज पोस्ट करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे। उक्त के क्रम में पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश प्रशान्त कुमार द्वारा इसके लिए एक व्यापक कार्य योजना तैयार की गई थी, जिसमें उत्तर प्रदेश पुलिस एवं एक्सपर्ट एजेन्सी द्वारा मिलकर सोशल मीडिया पर महाकुम्भ से सम्बन्धित भ्रामक पोस्ट करने, अफवाह फैलाने वालों एवं साइबर अपराध के प्रति निरन्तर साइबर पेट्रोलिंग की जा रही थी। इसी क्रम में सोशल मीडिया मॉनिटरिंग के दौरान 13-02-2025 को यह संज्ञान में आया कि कतिपय सोशल मीडिया अकाउंट से 02 भ्रामक वीडियो को महाकुम्भ से सम्बन्धित बताकर अफवाह फैलाई जा रही है । महाकुम्भ बस स्टैन्ड में लगी आग 40 से 50 गाड़ी जलकर हुई राख प्रथम वीडियो में मिस्र देश के अग्नि काण्ड से सम्बन्धित वीडियो को भ्रामक रूप से महाकुम्भ प्रयागराज का बताकर यह अफवाह फैलाई जा रही है कि "महाकुंभ में लगी तीसरी बार आग, महाकुम्भ बस स्टैन्ड में लगी आग 40 से 50 गाड़ी जलकर हुई राख" इस वीडियो की जानकारी करने पर ज्ञात हुआ कि पोस्ट में उल्लिखित वीडियो 14 जुलाई 2020 को मिस्र के काहिरा उपनगर में शुकैर-मोस्टोरोड पाइपलाइन से तेल के रिसाव के बाद लगी आग्नि काण्ड से सम्बन्धित है, जिसका खण्डन भी कुम्भ मेला एवं उत्तर प्रदेश पुलिस के सोशल मीडिया एकाउंट से भी किया गया है। 7 सोशल मीडिया अकाउंट को चिन्हित उक्त वीडियो को अपलोड करके महाकुम्भ में की गई व्यवस्था को बदनाम करने और आम जनमानस के मन में सरकार और पुलिस प्रशासन के प्रति नकारात्मक माहौल बनाकर अफवाह फैलाने वाले निम्नलिखित 07 सोशल मीडिया अकाउंट को चिन्हित करके उनके विरुद्ध कोतवाली कुम्भ मेला में अभियोग पंजीकृत कराते हुए विधिक कार्यवाही की जा रही है। 1- India With Congress एक्स (ट्विटर) 2- Harindra Kumar Rao इंस्टाग्राम 3- Anil Patel इंस्टाग्राम 4- Vishal Babu इंस्टाग्राम 5- Nemi Chand इंस्टाग्राम 6- Sifa Bhadoriya इंस्टाग्राम 7- Hello prayagraj यू-ट्यूब पुलिस के सोशल मीडिया अकाउन्ट से खण्डन भी किया गया दूसरे वीडियो में पटना, बिहार से सम्बन्धित वीडियो को भ्रामक रूप से महाकुम्भ प्रयागराज का बताकर य ह अफवाह फैलाई जा रही है कि "कुंभ में राष्ट्रवादी और सनातनी लोगों ने आर्मी वालों पर चप्पलें फेंकी! ये मुसलमान होते तो आज सभी सरकारी मीडिया चैनलों पर यही खबर होती, लेकिन इस धर्म के लोगों को ये सब अलाउड है शायद ।" इस वीडियो की जानकारी करने पर ज्ञात हुआ कि पोस्ट में उल्लिखित वीडियो नवम्बर 2024 को पटना के गांधी मैदान में पुष्पा-2 फिल्म के प्रमोशन से सम्बन्धित कार्यक्रम में भीड़ के बेकाबू होने एवं अभद्र व्यवहार किये जाने से सम्बन्धित है, जिसका कुम्भ मेला एवं उ0प्र0 पुलिस के सोशल मीडिया अकाउन्ट से खण्डन भी किया गया है । नकारात्मक माहौल बनाकर अफवाह फैलाने की खैर नहीं उक्त वीडियो को अपलोड करके महाकुम्भ में आने वाले लोगों को गलत तरीके से प्रस्तुत करके सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने एवं आमजन मानस के मन में उ0प्र0 सरकार और पुलिस प्रशासन के प्रति नकारात्मक माहौल बनाकर अफवाह फैलाने वाले निम्नलिखित 15 सोशल मीडिया अकाउंट को चिन्हित करके उनके विरुद्ध कोतवाली कुम्भ मेला में अभियोग पंजीकृत कराते हुए विधिक कार्यवाही की जा रही है। 1- Inderjeet Barak एक्स (ट्विटर) 2- SUNIL एक्स (ट्विटर) 3- Nihal Shaikh एक्स (ट्विटर) 4- Dimpi एक्स (ट्विटर) 5- Sat Sewa एक्स (ट्विटर) 6- Sandesh Vatak News एक्स (ट्विटर) 7- lokesh meena एक्स (ट्विटर) 8- राज सिंह चौधरी एक्स (ट्विटर) 9- Yunus Alam (Facebook account) 10- Aminuddin Siddiqui (Facebook account) 11- अरविंद सिंह यादव अहीरवाल (Facebook account) 12- Shivam Kumar Kushwaha (Facebook account) 13- Jain Renu (Facebook account) 14- Amit Kumar II (Facebook account) 15- मेहत्तर एक योद्धा बलिया (Facebook account) भियोग पंजीकृत करके आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही उल्लेखनीय है कि महाकुम्भ मेला के प्रारम्भ से विगत लगभग 01 माह के अन्दर महाकुम्भ से सम्बन्धित भ्रामक वीडियो/फ़ोटो सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफ़ॉर्म पर पोस्ट करके अफवाह फैलाने वाले कुल 53 विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट के विरुद्ध कुम्भ मेला पुलिस द्वारा अभियोग पंजीकृत करके आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है । जिनका विवरण निम्नवत है :- सोशल मीडिया अकाउंट के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत दिनांक 13-01-2025 को 01 एक्स (ट्विटर) अकाउंट के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराया गया, जिसके द्वारा कुम्भ मेला क्षेत्र में उत्तर प्रदेश फायर सर्विस द्वारा किये गए मॉक ड्रिल को वास्तविक बताकर कुम्भ मेला क्षेत्र में आग लगने की अफवाह फैलाई जा रही थी । दिनांक 02-02-2025 को 07 विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराया गया, जिनके माध्यम से नेपाल के वीडियो को भ्रामक रूप से महाकुम्भ का बताकर यह अफवाह फैलाई जा रही थी कि "भगदड कांड में मारे गए लोगों के शव को परिजन पोस्टमार्टम हाऊस से कंधे पर शवों को लेकर जा रहे हैं, उनको कोई वाहन भी प्रशासन द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया है ।" महाकुम्भ में मृतको के शवों को नदी में प्रवाहित कराया जा रहा दिनांक 02-02-2025 को ही 01 इंस्टाग्राम अकाउंट के विरुद्ध FIR पंजीकृत कराई गई, जिसके माध्यम से एक नाट्य रूपांतरण करके बनाए गए वीडियो में यह अफवाह फैलाई जा रही थी कि, "महाकुम्भ में मृतको के शवों को नदी में प्रवाहित कराया जा रहा है और जिनकी सांस चल रही है उनकी किडनी को निकाल कर उनके शवों को नदी में प्रवाहित कराया जा रहा है ।दिनांक 07-02-2025 को 01 फेसबुक अकाउंट के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराया गया, जिसके द्वारा संगम क्षेत्र में भीड़ का अत्यधिक दबाव बढ़ने के कारण श्रद्धालुओं की सुगमता हेतु अखाड़ा मार्ग खोले जाने के समय के वीडियो को भ्रामक रूप से भगदड़ का वीडियो बताकर अफवाह फैलाई जा रही थी । भगदड़ में मरने वालों का शव बताकर यह अफवाह फैलाई जा रही थी दिनांक 09-02-2025 को 14 एक्स (ट्विटर) अकाउंट के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराया गया, जिनके द्वारा धनबाद, झारखण्ड के वीडियो को भ्रामक रूप से महाकुम्भ प्रयागराज का बताकर यह अफवाह फैलाई जा रही है कि "महाकुंभ, प्रयागराज में अपने गुमशुदा परिजन की तलाश करने वाले श्रद्धालुओं की योगी जी की पुलिस द्वारा खूब पिटाई की जा रही है।दिनांक 12-02-2025 को 07 विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराया गया, जिनके द्वारा वर्ष 2021 में जनपद गाजीपुर में नदी के किनारे मिले शव से सम्बन्धित वीडियो को भ्रामक रूप से महाकुम्भ प्रयागराज के भगदड़ में मरने वालों का शव बताकर यह अफवाह फैलाई जा रही थी कि "एक तरफ महाकुंभ प्रयागराज का डंका बजाया जा रहा है दूसरी तरफ उसी गंगा मे लाशे तैर रही है, झूठों मक्कारो बेशर्मो की सरकार चल रही है देश में ।" प्रयागराज का बताकर यह अफवाह फैलाई जा रही थी दिनांक 13-02-2025 को 07 विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराया गया, जिनके द्वारा मिस्र देश में वर्ष 2020 में हुए अग्नि काण्ड से सम्बन्धित वीडियो को भ्रामक रूप से महाकुम्भ प्रयागराज का बताकर यह अफवाह फैलाई जा रही थी कि "महाकुंभ में लगी तीसरी बार आग, महाकुम्भ बस स्टैन्ड में लगी आग 40 से 50 गाड़ी जलकर हुई राख"। दिनांक 13-02-2025 को 15 विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराया गया, जिनके द्वारा बिहार में वर्ष 2024 में पुष्पा-2 फिल्म के प्रमोशन से सम्बन्धित कार्यक्रम के वीडियो को भ्रामक रूप से महाकुम्भ का बताकर यह अफवाह फैलाई जा रही थी कि, "कुंभ में राष्ट्रवादी और सनातनी लोगों ने आर्मी वालों पर चप्पलें फेंकी!" साइबर पेट्रोलिंग की एक व्यापक कार्ययोजना बनाई गई: डीजीपी महाकुंभ की साइबर सुरक्षा हेतु उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा साइबर पेट्रोलिंग की एक व्यापक कार्ययोजना बनाई गई है, जिसके अन्तर्गत उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा सोशल मीडिया पर महाकुम्भ से सम्बन्धित भ्रामक पोस्ट करने, अफवाह फैलाने वालों एवं साइबर अपराध के प्रति निरन्तर सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म की 24X7 मॉनिटरिंग की जा रही है। इसी का परिणाम है कि विगत 01माह के अन्दर लगभग 53 सोशल मीडिया अकाउंट को चिन्हित कर उनके विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराया गया है। सम्बंधित सोशल मीडिया कम्पनी से पत्राचार करके इन एकाउंट के संचालकों की जानकारी करके उनके विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। मेरी सभी से अपील है कि सोशल मीडिया पर तथ्यों के सत्यापन किए बिना कोई भी भ्रामक पोस्ट न करें और जिम्मेदार नागरिक बनें।
बांग्लादेश बार-बार कर रहा शेख हसीना के प्रत्यर्पण की बात, राज्यसभा में विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब

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बांग्लादेश की तरफ से बार-बार पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की जा रही है। भारत फिलहाल इस मामले में कोई कार्रवाई करने के मूड में नहीं दिख रहा है। दरअसल, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर पूछे गए एक सवाल का विदेश मंत्रालय ने राज्यसभा में जवाब दिया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है जिस पर फिलहाल अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर राज्यसभा में सवाल पूछा गया। इस पर भारत सरकार की ओर से विदेश मंत्री ने जवाब दिया। जवाब में मंत्रालय ने बताया कि बांग्लादेश ने शेख हसीना पर लगे आरोपों का विवरण साझा किया है और उनके प्रत्यर्पण की मांग की है। हालांकि, भारत सरकार ने इस मांग पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है।

इससे पहले बांग्लादेश की तरफ से बताया गया कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की भारत में रहकर की जा रही गतिविधियों पर भारत को अपना विरोध पत्र भेजा है। जिसे ढाका भड़काऊ मानता है। विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने गुरुवार को मीडिया को बताया कि बांग्लादेश ने भारतीय कार्यवाहक उच्चायुक्त को एक विरोध पत्र सौंपा है, जिसमें उन्हें विदेश मंत्रालय में बुलाया गया है। तौहीद ने कहा कि ढाका ने पहले भी नई दिल्ली से हसीना को ऐसी गतिविधियों से दूर रखने का अनुरोध किया था, लेकिन ढाका को नई दिल्ली से कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने यह भी कहा कि विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में भारत के कार्यवाहक उच्चायुक्त के जरिये से गुरुवार को फिर से ऐसे प्रयासों का विरोध किया।

एक सवाल के जवाब में विदेशी सलाहकार ने कहा कि हसीना की हालिया टिप्पणी बहुत आक्रामक थी, जिससे युवा पीढ़ी की भावनाएं आहत हो सकती हैं। हुसैन ने कहा कि हम देखेंगे कि भारत क्या कदम उठाता है। उन्होंने कहा कि ढाका भारत से लगातार अनुरोध करता रहता है कि हसीना ऐसी गतिविधियों से दूर रहें।

बता दें कि बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद से ही बांग्लादेशी पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत में शरण लिए हुए हैं। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना अगस्त 2024 से ही भारत में मौजूद है और इस सबके बीच बांग्लादेश की मौजूदा सरकार ने उनके प्रत्यर्पण की मांग जरूर की है लेकिन जिस तरह से भारत सरकार का जवाब आया है वह इस ओर इशारा कर रहा है कि अभी तक शेख हसीना भारत में ही मौजूद हैं और उनके प्रत्यर्पण को लेकर भारत सरकार ने कोई फैसला नहीं किया है। शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद से वहां की अंतरिम सरकार ने उनके ऊपर कई केस भी दर्ज किए हैं।

पिता मुजीबुर्रहमान के आवास पर हमले से भड़कीं हसीना, कहा-वो इमारत को ध्वस्त कर सकते हैं इतिहास नहीं

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बांग्लादेश में बुधवार और गुरुवार की दरमियानी रात जमकर हिंसा हुई है। हिंसक प्रदर्शनकारियों के एक बड़े समूह ने राजधानी ढाका में बांग्लादेश के राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के धनमंडी-32 स्थित आवास को आग लगा दी गई। घर को बुलडोजर से गिरा दिया गया।ये तोड़फोड़ उस समय की गई शेख मुजीब की बेटी और बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानंत्री शेख हसीना के एक ऑनलाइन संबोधन दे रही थीं। 

बांग्लादेश में हिंसक कार्रवाइयों के बीच दिए गए संबोधन में शेख हसीना ने कह कि अगर वह अभी जिंदा हैं, तो निश्चित रूप से कुछ बड़ा काम बाकी है। अगर अल्लाह ने मुझे इन हमलों के बावजूद भी जिंदा रखा है तो कुछ जरूर बड़ा काम करना होगा। अगर ऐसा नहीं होता तो मैं इतनी बार मौत को मात नहीं दे पाती। हसीना ने कहा कि भीड़ बुलडोजर से उनका घर गिरा सकती है, लेकिन इतिहास को मिटाने में सफल नहीं होगी।

हसीना ने भावुक होते हुए कहा, हम धनमंडी की उन यादों को जीते हैं। अब वे उस घर को नष्ट कर रहे हैं। पिछली बार उन्होंने इस घर को आग लगा दी थी। अब वे इसे तोड़ भी रह हैं। क्या मैंने कुछ नहीं किया? क्या मैंने आप सभी के लिए काम नहीं किया? हसीना ने समर्थकों को ऑनलाइन संबोधन में कहा, जिस घर से मेरे पिता ने आजादी का आह्वान किया था, उसे क्यों लूटा गया? मैं अपने लोगों से पूछना चाहती हूं कि इसके पीछे कौन है? मुझे न्याय चाहिए।

शेख हसीना ने आगे कहा कि जिस घर में प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की थी, उस घर से मेरी काफी यादें जुड़ी हुई थी। उन्होंने मोहम्मद यूनुस और उनके समर्थकों को चुनौती देते हुए कहा कि वो लोग राष्ट्रीय ध्वज, संविधान को बुलडोजर से नष्ट कर सकते हैं, जिसे हमनें लाखों शहीदों के जीवन की कीमत पर हासिल किया था। बुलडोजर से इतिहास नहीं मिट सकता।

बता दें कि हसीना के घर के बगल के भूखंड में बने अवामी लीग से जुड़े कई संगठनों के कार्यालय भी ध्वस्त कर दी गई है। प्रदर्शनकारियों ने धानमंडी में रोड पांच स्थित हसीना के दिवंगत पति वाजिद मियां के आवास ‘सुधा सदन’ में भी आग लगा दी है। प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे के बाद हसीना के पिछले साल पांच अगस्त को देश छोड़कर चले जाने के बाद से यह आवास खाली पड़ा था।

बांग्लादेश में फिर भड़की हिंसा, जिस मुजीबुर्रहमान ने दिलाई थी आजादी उन्ही के घर पर तोड़फोड़-आगजनी

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बांग्लादेश में एक बार फिर हिंसा भड़क गई है। कुछ दिनों की शांति के बाद फिर पड़ोसी देश में अशांति फैली है। उपद्रवी इस दौरान अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के कार्यकर्ताओं समेत निर्दोष हिंदुओं को हिंसा में निशाना बना रहे हैं। इस बीच खबर आ रही है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के एक ऑनलाइन भाषण के बाद ढाका में उपद्रवियों ने शेख मुजीबुर्रहमान के आवास पर जमकर तोड़-फोड़ की। हालांकि, प्रशासन की तरफ से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

बुधवार रात करीब 8 बजे दंगाइयों की भीड़ ढाका के धानमंडी एरिया में बने मकान नंबर-32 में घुस गए और वहां खूब तोड़फोड़ मचाई। मकान नंबर 32 के प्रवेश द्वार पर लगे शेख मुजीबुर रहमान के भित्ति चित्र को तोड़ दिया गया है। इस दौरान उन्होंने शेख हसीना के खिलाफ भड़काऊ नारे भी लगाए।

इस हिंसात्मक अभियान की अगुवाई 'स्टूडेंट मूवमेंट अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन' नाम के संगठन से जुड़े वही नेता कर रहे थे, जिन्होंने शेख हसीना को देश से बाहर भागने को मजबूर किया था। वे शेख हसीना की उस घोषणा से भड़के हुए थे कि वे अवामी लीग के कार्यकर्ताओं को वर्चुअल तरीके से संबोधित करेंगी। उन्होंने धमकी दी थी कि यदि शेख हसीना ने कोई बयान दिया, तो धानमंडी के मकान नंबर 32 को बुलडोजर से उड़ा दिया जाएगा। यह मकान शेख हसीना की पारिवारिक संपत्ति है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक आगजनी और तोड़फोड़ को रोकने के लिए स्थानीय पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने रात करीब आठ बजे हमला किया और नारेबाजी के दौरान शेख हसीना को फांसी देने की मांग भी की।

शेख हसीना की आवामी लीग ने शेख मुजीबुर्रहमान के घर पर की गई तोड़फोड़ और आगजनी के खिलाफ आवामी लीग ने ढाका बंद बुलाया है। शेख हसीना की पार्टी ने कहा है कि जिस तरह से शेख मुजीबुर्रहमान के घर पर हमला हुआ है वो कहीं से भी सही नहीं है। आवामी लीग ने कहा है कि इसके परिणाम गंभीर होंगे।

आग से खेलोगे तो जल जाओगे…', किसपर भड़कीं शेख हसीना?

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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने एक बार फिर मोहम्मद यूनुस पर निशाना साधा है। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और अवामी लीग पार्टी की नेता शेख हसीना ने देश की अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद यूनुस पर कड़ा हमला बोला है। हसीना ने यूनुस को आत्मकेंद्रित और सत्ता का भूखा इंसान बताया। यही नहीं, हसीना ने यूनुस को चेताया है कि अगर आप आग से खेलेंगे तो यह आपको भी जलाकर राख कर देगी।

8 मिनट के एक ऑनलाइन वीडियो में शेख हसीना ने कहा, यूनुस एक पैसों के लालची और सत्ता के भूखो शख्स है जो बांग्लादेश को बर्बाद करने पर तुले हुए है। उसने विदेशी ताकतों के साथ मिलकर साजिश रची है। हसीना ने यह भी आरोप लगाया कि यूनुस, बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी पार्टी के साथ मिलकर अवामी लीग के नेताओं को परेशान कर रहा है और उन्हें मार रहा है।

हसीने ने यूनुस को चेताया

हसीना ने गुस्से में पूछा, युनूस सरकार में बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई से जुड़े निशान मिटाए जा रहे हैं। हमने हर जिले में मुक्ति योद्धा स्मारक बनाए थे, लेकिन उन्हें जलाया जा रहा है। आजादी के नायकों का अपमान हो रहा है। क्या यूनुस इसका जवाब दे सकेंगे? उन्होंने चेतावनी दी, यूनुस, अगर आग से खेलेंगे, तो वह आग उन्हें ही जला देगी।

अबू सईद की मौत पर उठाया सवाल

अपने भाषण में शेख हसीना ने कोटा आंदोलन के दौरान मारे गए अबू सईद की मौत को लेकर भी बड़ा दावा किया। अबू सईद को आंदोलन का हीरो माना जाता है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि सईद की मौत पुलिस की जानबूझकर की गई हत्या थी। शेख हसीना ने इस बात को पूरी तरह नकार दिया और कहा कि ये आरोप गलत और भड़काने वाले हैं।

यूनुस पर साजिश रचने का आरोप

शेख हसीना ने कहा, जब प्रदर्शनकारी पुलिस पर पत्थर फेंक रहे थे, तब पुलिस ने सिर्फ रबर की गोलियां चलाई थीं। अबू सईद के सिर पर पत्थर से चोट लगी थी, लेकिन सवाल ये है कि 7.62 एमएम की असली गोली कहां से आई? वो गोली किसने चलाई?

हसीना ने आरोप लगाया कि जब एक अफसर ने इस मामले की जांच शुरू की तो यूनुस ने उसे हटा दिया। उन्होंने कहा, अगर अबू सईद का शव दोबारा निकाला जाए और सही जांच हो तो पता चल जाएगा कि सारी हत्याएं एक साजिश थीं। हसीना ने साफ कहा, ना मैंने, ना अवामी लीग ने और ना ही पुलिस ने सईद को मारा, बल्कि पुलिस खुद हिंसा की शिकार थी। इसके बावजूद हिंसा करने वालों को मुआवजा दिया गया। क्या उन्हें सज़ा मिलेगी? नहीं क्योंकि ये सब यूनुस की सोची-समझी चाल थी।

बांग्लादेश बर्बादी की कगार पर पहुंच गया-हसीना

हसीना ने कहा कि यूनुस के राज में बांग्लादेश बर्बादी की कगार पर पहुंच गया और मेहनतकश बांग्लादेशियों की उम्मीदें खत्म हो चुकी हैं। हजारों कारखाने बंद हो गए। अवामी लीग के नेताओं से जुड़े बिजनेस, होटल और अस्पताल तक जला दिए गए। उन्होंने कहा, टॉप डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया गया। राजनीतिक कार्यकर्ताओं को पुलिस की वर्दी दी गई है। क्या वे नौकरी के लिए योग्य हैं? किसी भी नियम का पालन नहीं किया गया और बीएनपी लूटपाट में व्यस्त है।

बता दें कि शेख हसीना पिछले साल अगस्त में तख्तापलट के बाद भारत आ गई थीं। निर्वासन में रहते हुए वह सोशल मीडिया के जरिए अपनी पार्टी के नेताओं से बात करती हैं।

शेख हसीना ने भरी बांग्लादेश लौटने की हुंकार, बोलीं- मैं मरी नहीं...अल्लाह ने मुझे किसी कारण से जिंदा रखा


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पड़ोसी देश बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद भी राजनीतिक अस्थिरता का दौर कायम है। इस बीच सत्ता से बेदखल हो चुकी पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने एक बार फिर हुंकार भरी है। बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने अपने समर्थकों से कहा कि वह अपने देश वापस आएंगी। बता दें कि पिछले साल अगस्त में अवामी लीग की अध्यक्ष शेख हसीना को हिंसक आंदोलन के बाद बांग्लादेश से भागकर भारत आना पड़ा था। उन्होंने फिलहाल भारत में शरण ली है।

सोशल मीडिया पर आवामी लीग के कार्यकर्ताओं से बात करते हुए हसीना ने कहा कि मैं मरी नहीं, इसका मतलब है कि मैं फिर से वापस बांग्लादेश आऊंगी। अल्लाह ने लोगों को संदेश दे दिया है। वापस आने के बाद अंतरिम सरकार और उनके लोगों को जेल से लेकर अदालत तक मैं घसीटूंगी।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस पर निशाना साधते हुए शेख हसीना ने कहा कि वह ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने कभी लोगों से प्यार नहीं किया। उन्होंने ऊंची ब्याज दरों पर छोटी रकम उधार दी और उस पैसे का इस्तेमाल विदेश में ऐशो-आराम से रहने में किया। हम तब उनके दोगलेपन को समझ नहीं पाए, इसलिए हमने उनकी बहुत मदद की। लेकिन लोगों को कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने अपने लिए अच्छा किया। फिर सत्ता की ऐसी लालसा पैदा की जो आज बांग्लादेश को जला रही है।

बांग्लादेश अब एक "आतंकवादी देश" बन गया-हसीना

शेख हसीना ने आगे कहा कि बांग्लादेश अब एक "आतंकवादी देश" बन गया है। उन्होंने कहा कि "हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं को इस तरह से मारा जा रहा है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। अवामी लीग, पुलिस, वकील, पत्रकार, कलाकार, हर किसी को निशाना बनाया जा रहा है।" इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बांग्लादेश में मीडिया पर भी शिकंजा कसने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, "बलात्कार, हत्या, डकैती, कुछ भी रिपोर्ट नहीं किया जा सकता। और अगर रिपोर्ट किया जाता है, तो टीवी चैनल या अखबार को निशाना बनाया जाएगा।

मैं जिंदा हूं और मैं जल्द ही बांग्लादेश आऊंगी-हसीना

बातचीत के दौरान आवामी लीग के कार्यकर्ताओं के एक सवाल के जवाब में हसीना ने कहा, अल्लाह ने मुझे किसी वजह से जिंदा रखा है और वह दिन जरूर आएगा जब न्याय होगा। मैं जिंदा हूं और मैं जल्द ही बांग्लादेश आऊंगी। आप सभी लोग धैर्य बनाकर रहें। आपके साथ न्याय होगा। जो भी लोग आपको मारने के लिए आ रहे हैं, उन्हें खोज-खोजकर लाया जाएगा।

पिता और परिवार की हत्या को याद कर हुईं भावुक

हसीना ने इस दौरान कार्यकर्ताओं से भावुक अपील करते हुए कहा कि मैं हर बार बच क्यों जाती हूं? आतंकवादियों ने मेरे पिता, माता और भाई को मार दिया, लेकिन उस वक्त भी मैं बच गई। उन्होंने आगे कहा मुझे मारने की पिछली बार भी कोशिश की गई, लेकिन मैं बच गई। अल्लाह की मर्जी क्या है, मुझे नहीं पता, लेकिन बांग्लादेश में कुछ जरूर अच्छा होने वाला है।

यूनुस ने फिर दोहराई हसीना के प्रत्यार्पण की मांग

शेख हसीना का यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब बिम्सटेक की बैठक में बांग्लादेश के चीफ एडवाइजर ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हसीना को सौंपने की अपील की थी। यूनुस का कहना था कि शेख हसीना पर बांग्लादेश में गंभीर आरोप लगे हैं, इसलिए उन्हें सौंपा जाए। अगस्त 2024 में तख्तापलट के बाद शेख हसीना भारत आ गई थीं।

पीएम मोदी संग मुलाकात में मोहम्मद यूनुस ने उठाया शेख हसीना के प्रत्यर्पण का मुद्दा, क्या करेगा भारत

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भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में तल्खी के बीच बैंकॉक की धरती पर पीएम मोदी और मोहम्मद यूनुस के बीच मुलाकात हुई। थाईलैंड में बिम्सटेक सम्मेलन के इतर पीएम मोदी और मोहम्मद यूनुस के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई। यह बैठक इसलिए खास है, क्योंकि शेख हसीना सरकार के जाने के बाद यह दोनों देशों के बीच पहली द्विपक्षीय बैठक है। दोनों नेताओं के बीच कई कई मु्द्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान यूनुस ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण का भी मु्द्दा उठाया।

पीएम मोदी की थाईलैंड यात्रा पर ब्रीफ्रिंग देते हुए मिसरी ने कहा, 'पीएम मोदी और मोहम्मद यूनुस के बीच शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर बातचीत हुई। इस बारे में मैं और कुछ नहीं कह सकता।'

बता दें कि मोहम्मद यूनुस ने पहले भारत से शेख हसीना की प्रत्यर्पण की मांग कर चुके हैं। यूनुस का कहना है कि भारत में रहकर शेख हसीना बांग्लादेश की राजनीति को अस्थिर कर रही है, जिससे वहां के लोकतंत्र को खतरा हो गया है।

वहीं, बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बैठक के दौरान मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण का मुद्दा भारत के सामने उठाया है। मोहम्मद यूनुस और पीएम मोदी की बैठक के बारे में पूछे जाने पर बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने दोनों नेताओं के बीच की इस बैठक को "बहुत उपयोगी और रचनात्मक" बताया है।

शफीकुल आलम ने कहा है कि "हमने भारत के साथ आपसी हितों के सभी मामलों पर चर्चा की है।" बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि "मुख्य सलाहकार ने बांग्लादेश के लिए महत्वपूर्ण सभी मुद्दों को उठाया। चर्चा में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण, भारत में रहते हुए उनकी तरफ से दिए जाने वाले भड़काऊ बयान, सीमा पर हत्याओं का मुद्दा, गंगा जल संधि का नवीनीकरण और लंबे समय से लंबित तीस्ता संधि पर चर्चा की गई।" उन्होंने आगे कहा कि "दोनों शीर्ष नेताओं के बीच बातचीत सकारात्मक और उत्पादक रही।"

बता दें कि शेख हसीना पिछले साल अगस्त में बांग्लादेश में हुए एक हिंसक प्रदर्शन के बाद भागकर भारत आ गई थीं। उन्हें फिलहाल नई दिल्ली ने शरण दे रखा है। उनके खिलाफ बांग्लादेश में दर्जनों मुकदमें दर्ज किए गये हैं, जिनमें उनके ऊपर हत्या के मुकदमें भी दर्ज हैं। बांग्लादेश कई बार औपचारिक तौर पर शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर चुका है।

शेख हसीना की अवामी लीग पर बैन नहीं लगाएंगे मोहम्मद यूनुस, क्यों बदल दी चाल?

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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने की कोई योजना नहीं है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कहा है कि देश छोड़कर भाग गईं पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की राजनीतिक पार्टी, अवामी लीग पर कोई प्रतिबंध लगाने की योजना नहीं है। हालांकि, यह भी कहा कि हत्या और मानवता के खिलाफ अपराधों समेत अन्य अपराधों के आरोपी नेताओं को अदालत में मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। चुनाव को लेकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस का रुख नरम पड़ता दिख रहा है।

बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार की मुहम्मद यूनुस के प्रेस विभाग ने गुरुवार को बयान में यह जानकारी दी। एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बात करते हुए मुहम्मद यूनुस ने कहा कि सरकार ने चुनावों के लिए दो संभावित समयसीमाएं निर्धारित की हैं। यूनुस ने कहा कि मतदान में देरी नहीं की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि राजनीतिक दल चुनाव से पहले केवल सीमित सुधार चाहेंगे तो मतदान दिसंबर में होगा। हालांकि, यदि वे अधिक व्यापक सुधार पैकेज का अनुरोध करते हैं, तो चुनाव अगले साल जून में हो सकते हैं।

गुरुवार को मोहम्मद यूनुस ने कंफर्ट एरो के नेतृत्व में ढाका पहुंचे 'इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप' के प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात की। इस दौरान यूनुस ने कहा कि सरकार ने अवामी लीग के नेताओं को जुलाई विद्रोह के दौरान संभावित अपराधों के लिए हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में भेजने से इनकार नहीं किया है। उन्होंने कहा, यह पूरी तरह से विचाराधीन है।

इससे पहले बांग्लादेश की अंतरिम सरकार और विपक्षी दल बीएनपी (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी) उन पर चुनाव लड़ने से रोक लगाने की कोशिश कर रहे थे। वहीं, पिछले साल विद्रोह करके शेख हसीना की सरकार को उखाड़ फेंकने वाले छात्र नेताओं ने भी मांग है कि अवामी लीग को गैरकानूनी घोषित किया जाए। छात्रों की तरफ से शेख हसीना की पार्टी पर उनके 15 साल के कार्यकाल के दौरान व्यापक मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाया गया है। पिछले साल के आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर हिंसक कार्रवाई का भी आरोप लगा, जिसमें 800 से अधिक लोग मारे गए थे। ऐसे में कार्यवाहक सरकार के नेता और नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस का यह फैसला उन छात्र क्रांतिकारियों को नागवार गुजर सकता है।

बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना का यूनुस सरकार पर फूटा गुस्सा, आतंक के आरोपों पर बढ़ी रार

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पिछले साल अगस्त में हिंसक प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़कर भागना पड़ा था। शेख हसीना अब भारत में रह रही हैं। उसके बाद देश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया। अब बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने वर्तमान में देश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस पर गंभीर आरोप लगाए। हसीना ने कहा कि यूनुस ने बांगलादेश को आतंकवाद और अराजकता का केंद्र बना दिया है। पांच अगस्त 2024 को छात्रों के विद्रोह के बाद हसीना की 16 साल पुरानी सरकार गिर गई और उन्हें बांग्लादेश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।

यूनुस पर आतंकियों को बढ़ावा देने का आरोप

हसीना ने सोमवार को यूनुस सरकार पर हमला बोला। शेख हसीना ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को दिए एक संदेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस पर आतंकियों को बढ़ावा देने और अराजकता फैलाने का आरोप लगाया है। हसीना ने कहा, यूनुस ने खुद कहा था कि उसे देश चलाने का कोई अनुभव नहीं है, फिर उसे सरकार चलाने से क्यों नहीं रोका गया? उनका आरोप था कि जब छात्रों के नेतृत्व में सरकार के कोटा सुधारों के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे थे और कई पुलिसकर्मी मारे गए थे, तब यूनुस ने चुप्पी साधी। हसीना ने यह भी कहा कि यूनुस ने सभी जांच समितियों को खत्म कर दिया और आतंकवादियों को खुली छूट दे दी, जो देश को बर्बाद कर रहे हैं।

मैं वापस आउंगी और शहीदों का बदला लूंगी-हसीना

शेख हसीना ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ चल रही सरकार को जल्द ही समाप्त किया जाएगा। उन्होंने पांच शहीद पुलिसकर्मियों की विधवाओं और उनके बच्चों से वर्चुअल बैठक के दौरान कहा, मैं लौटकर हमारे पुलिसकर्मियों की मौत का बदला लूंगी। उन्होंने यह भी कहा कि बांगलादेश में कुछ आतंकवादी तत्वों ने जो अराजकता फैलाई है, उसे अब खत्म करना होगा।

“हसीना को भारत से वापस लाना सबसे बड़ी प्राथमिकता”

अब शेख हसीना के पलटवार में यूनुस की अगुवाई वाली बांग्लादेश की सरकार ने भी एक स्टेटमेंट जारी किया है। इस स्टेटमेंट में कहा गया है कि शेख हसीना को भारत से वापस लाना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक है, जिसे हम जरूर करेंगे।

कौन हैं कतर के अमीर शेख अल-थानी? जिनके लिए पीएम मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर पहुंच गए एयरपोर्ट

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कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी दो दिवसीय राजकीय दौरे पर भारत आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार शाम को खुद उनकी आगवानी करने इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पहुंचे। पीएम मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी की अगवानी के ले वहां मौजूद रहे। कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी जैसे ही प्लेन से नीचे उतरे, पीएम मोदी ने मुस्कराते हुए उन्हें गले लगा लिया। अमीर ने भी उतनी ही गर्मजोशी के साथ उनका साथ दिया। कतर के अमीर को एयरपोर्ट पर रेड कारपेट वेलकम देकर गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

अमीर शेख तमीम बिन मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे और पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत करेंगे। प्रधानमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि अपने भाई, कतर के शेख तमीम बिन हम्माद अल-थानी का स्वागत करने के लिए एयरपोर्ट गया। भारत में उनके सफल प्रवास की कामना करता हूं।

मंगलवार की सुबह कतर के अमीर का राष्ट्रपति भवन के परिसर में औपचारिक स्वागत किया जाएगा, जिसके बाद हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी बैठक होगी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे। बयान के अनुसार मंगलवार दोपहर को सहमति पत्रों का आदान-प्रदान होगा, जिसके बाद कतर के अमीर राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात करेंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि अल-थानी पीएम मोदी के आमंत्रण पर भारत दौरे पर आए हैं।

कौन हैं अमीर तमीम बिन अल-थानी?

शेख तमीम बिन हमद अल-थानी कतर के अमीर रहे शेख हमद बिन खलीफा अल-थानी के बेटे हैं। वे दुनिया के सबसे युवा राष्ट्राध्यक्षों में से एक हैं। उन्हें 2003 में क्राउन प्रिंस नियुक्त किया गया। इसके बाद 2009 में उन्हें सेना में डिप्टी कमांडर इन चीफ का पद मिला। वे 25 जून 2013 को कतर के अमीर बने थे। उनके पास करीब 335 अरब डॉलर की संपत्ति है। वे दुनिया के 9वें सबसे अमीर शासक हैं।

खेलों में है गहरी रूचि

तमीम बिन अल-थानी का जन्म 3 जून 1980 को कतर की राजधानी दोहा में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कतर में ही प्राप्त की और उच्च शिक्षा के लिए ब्रिटेन गए। ब्रिटेन से शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने कतर की सेना में भी अपनी सेवाएं दीं। तमीम खेलों में गहरी रुचि रखते हैं। 2006 में कतर में आयोजित एशियन गेम्स के सफल आयोजन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस आयोजन ने उन्हें वैश्विक पहचान दिलाई। उनकी नेतृत्व क्षमता का एक और उदाहरण 2022 फीफा वर्ल्ड कप का कतर में सफल आयोजन रहा।

महाकुंभ से संबंधित भ्रामक पोस्ट करने वाले 53 विभिन्न अकाउंट के विरुद्ध मुकदमा

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा महाकुम्भ मेला से सम्बंधित भ्रामक एवं फेक न्यूज पोस्ट करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे। उक्त के क्रम में पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश प्रशान्त कुमार द्वारा इसके लिए एक व्यापक कार्य योजना तैयार की गई थी, जिसमें उत्तर प्रदेश पुलिस एवं एक्सपर्ट एजेन्सी द्वारा मिलकर सोशल मीडिया पर महाकुम्भ से सम्बन्धित भ्रामक पोस्ट करने, अफवाह फैलाने वालों एवं साइबर अपराध के प्रति निरन्तर साइबर पेट्रोलिंग की जा रही थी। इसी क्रम में सोशल मीडिया मॉनिटरिंग के दौरान 13-02-2025 को यह संज्ञान में आया कि कतिपय सोशल मीडिया अकाउंट से 02 भ्रामक वीडियो को महाकुम्भ से सम्बन्धित बताकर अफवाह फैलाई जा रही है । महाकुम्भ बस स्टैन्ड में लगी आग 40 से 50 गाड़ी जलकर हुई राख प्रथम वीडियो में मिस्र देश के अग्नि काण्ड से सम्बन्धित वीडियो को भ्रामक रूप से महाकुम्भ प्रयागराज का बताकर यह अफवाह फैलाई जा रही है कि "महाकुंभ में लगी तीसरी बार आग, महाकुम्भ बस स्टैन्ड में लगी आग 40 से 50 गाड़ी जलकर हुई राख" इस वीडियो की जानकारी करने पर ज्ञात हुआ कि पोस्ट में उल्लिखित वीडियो 14 जुलाई 2020 को मिस्र के काहिरा उपनगर में शुकैर-मोस्टोरोड पाइपलाइन से तेल के रिसाव के बाद लगी आग्नि काण्ड से सम्बन्धित है, जिसका खण्डन भी कुम्भ मेला एवं उत्तर प्रदेश पुलिस के सोशल मीडिया एकाउंट से भी किया गया है। 7 सोशल मीडिया अकाउंट को चिन्हित उक्त वीडियो को अपलोड करके महाकुम्भ में की गई व्यवस्था को बदनाम करने और आम जनमानस के मन में सरकार और पुलिस प्रशासन के प्रति नकारात्मक माहौल बनाकर अफवाह फैलाने वाले निम्नलिखित 07 सोशल मीडिया अकाउंट को चिन्हित करके उनके विरुद्ध कोतवाली कुम्भ मेला में अभियोग पंजीकृत कराते हुए विधिक कार्यवाही की जा रही है। 1- India With Congress एक्स (ट्विटर) 2- Harindra Kumar Rao इंस्टाग्राम 3- Anil Patel इंस्टाग्राम 4- Vishal Babu इंस्टाग्राम 5- Nemi Chand इंस्टाग्राम 6- Sifa Bhadoriya इंस्टाग्राम 7- Hello prayagraj यू-ट्यूब पुलिस के सोशल मीडिया अकाउन्ट से खण्डन भी किया गया दूसरे वीडियो में पटना, बिहार से सम्बन्धित वीडियो को भ्रामक रूप से महाकुम्भ प्रयागराज का बताकर य ह अफवाह फैलाई जा रही है कि "कुंभ में राष्ट्रवादी और सनातनी लोगों ने आर्मी वालों पर चप्पलें फेंकी! ये मुसलमान होते तो आज सभी सरकारी मीडिया चैनलों पर यही खबर होती, लेकिन इस धर्म के लोगों को ये सब अलाउड है शायद ।" इस वीडियो की जानकारी करने पर ज्ञात हुआ कि पोस्ट में उल्लिखित वीडियो नवम्बर 2024 को पटना के गांधी मैदान में पुष्पा-2 फिल्म के प्रमोशन से सम्बन्धित कार्यक्रम में भीड़ के बेकाबू होने एवं अभद्र व्यवहार किये जाने से सम्बन्धित है, जिसका कुम्भ मेला एवं उ0प्र0 पुलिस के सोशल मीडिया अकाउन्ट से खण्डन भी किया गया है । नकारात्मक माहौल बनाकर अफवाह फैलाने की खैर नहीं उक्त वीडियो को अपलोड करके महाकुम्भ में आने वाले लोगों को गलत तरीके से प्रस्तुत करके सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने एवं आमजन मानस के मन में उ0प्र0 सरकार और पुलिस प्रशासन के प्रति नकारात्मक माहौल बनाकर अफवाह फैलाने वाले निम्नलिखित 15 सोशल मीडिया अकाउंट को चिन्हित करके उनके विरुद्ध कोतवाली कुम्भ मेला में अभियोग पंजीकृत कराते हुए विधिक कार्यवाही की जा रही है। 1- Inderjeet Barak एक्स (ट्विटर) 2- SUNIL एक्स (ट्विटर) 3- Nihal Shaikh एक्स (ट्विटर) 4- Dimpi एक्स (ट्विटर) 5- Sat Sewa एक्स (ट्विटर) 6- Sandesh Vatak News एक्स (ट्विटर) 7- lokesh meena एक्स (ट्विटर) 8- राज सिंह चौधरी एक्स (ट्विटर) 9- Yunus Alam (Facebook account) 10- Aminuddin Siddiqui (Facebook account) 11- अरविंद सिंह यादव अहीरवाल (Facebook account) 12- Shivam Kumar Kushwaha (Facebook account) 13- Jain Renu (Facebook account) 14- Amit Kumar II (Facebook account) 15- मेहत्तर एक योद्धा बलिया (Facebook account) भियोग पंजीकृत करके आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही उल्लेखनीय है कि महाकुम्भ मेला के प्रारम्भ से विगत लगभग 01 माह के अन्दर महाकुम्भ से सम्बन्धित भ्रामक वीडियो/फ़ोटो सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफ़ॉर्म पर पोस्ट करके अफवाह फैलाने वाले कुल 53 विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट के विरुद्ध कुम्भ मेला पुलिस द्वारा अभियोग पंजीकृत करके आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है । जिनका विवरण निम्नवत है :- सोशल मीडिया अकाउंट के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत दिनांक 13-01-2025 को 01 एक्स (ट्विटर) अकाउंट के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराया गया, जिसके द्वारा कुम्भ मेला क्षेत्र में उत्तर प्रदेश फायर सर्विस द्वारा किये गए मॉक ड्रिल को वास्तविक बताकर कुम्भ मेला क्षेत्र में आग लगने की अफवाह फैलाई जा रही थी । दिनांक 02-02-2025 को 07 विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराया गया, जिनके माध्यम से नेपाल के वीडियो को भ्रामक रूप से महाकुम्भ का बताकर यह अफवाह फैलाई जा रही थी कि "भगदड कांड में मारे गए लोगों के शव को परिजन पोस्टमार्टम हाऊस से कंधे पर शवों को लेकर जा रहे हैं, उनको कोई वाहन भी प्रशासन द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया है ।" महाकुम्भ में मृतको के शवों को नदी में प्रवाहित कराया जा रहा दिनांक 02-02-2025 को ही 01 इंस्टाग्राम अकाउंट के विरुद्ध FIR पंजीकृत कराई गई, जिसके माध्यम से एक नाट्य रूपांतरण करके बनाए गए वीडियो में यह अफवाह फैलाई जा रही थी कि, "महाकुम्भ में मृतको के शवों को नदी में प्रवाहित कराया जा रहा है और जिनकी सांस चल रही है उनकी किडनी को निकाल कर उनके शवों को नदी में प्रवाहित कराया जा रहा है ।दिनांक 07-02-2025 को 01 फेसबुक अकाउंट के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराया गया, जिसके द्वारा संगम क्षेत्र में भीड़ का अत्यधिक दबाव बढ़ने के कारण श्रद्धालुओं की सुगमता हेतु अखाड़ा मार्ग खोले जाने के समय के वीडियो को भ्रामक रूप से भगदड़ का वीडियो बताकर अफवाह फैलाई जा रही थी । भगदड़ में मरने वालों का शव बताकर यह अफवाह फैलाई जा रही थी दिनांक 09-02-2025 को 14 एक्स (ट्विटर) अकाउंट के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराया गया, जिनके द्वारा धनबाद, झारखण्ड के वीडियो को भ्रामक रूप से महाकुम्भ प्रयागराज का बताकर यह अफवाह फैलाई जा रही है कि "महाकुंभ, प्रयागराज में अपने गुमशुदा परिजन की तलाश करने वाले श्रद्धालुओं की योगी जी की पुलिस द्वारा खूब पिटाई की जा रही है।दिनांक 12-02-2025 को 07 विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराया गया, जिनके द्वारा वर्ष 2021 में जनपद गाजीपुर में नदी के किनारे मिले शव से सम्बन्धित वीडियो को भ्रामक रूप से महाकुम्भ प्रयागराज के भगदड़ में मरने वालों का शव बताकर यह अफवाह फैलाई जा रही थी कि "एक तरफ महाकुंभ प्रयागराज का डंका बजाया जा रहा है दूसरी तरफ उसी गंगा मे लाशे तैर रही है, झूठों मक्कारो बेशर्मो की सरकार चल रही है देश में ।" प्रयागराज का बताकर यह अफवाह फैलाई जा रही थी दिनांक 13-02-2025 को 07 विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराया गया, जिनके द्वारा मिस्र देश में वर्ष 2020 में हुए अग्नि काण्ड से सम्बन्धित वीडियो को भ्रामक रूप से महाकुम्भ प्रयागराज का बताकर यह अफवाह फैलाई जा रही थी कि "महाकुंभ में लगी तीसरी बार आग, महाकुम्भ बस स्टैन्ड में लगी आग 40 से 50 गाड़ी जलकर हुई राख"। दिनांक 13-02-2025 को 15 विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराया गया, जिनके द्वारा बिहार में वर्ष 2024 में पुष्पा-2 फिल्म के प्रमोशन से सम्बन्धित कार्यक्रम के वीडियो को भ्रामक रूप से महाकुम्भ का बताकर यह अफवाह फैलाई जा रही थी कि, "कुंभ में राष्ट्रवादी और सनातनी लोगों ने आर्मी वालों पर चप्पलें फेंकी!" साइबर पेट्रोलिंग की एक व्यापक कार्ययोजना बनाई गई: डीजीपी महाकुंभ की साइबर सुरक्षा हेतु उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा साइबर पेट्रोलिंग की एक व्यापक कार्ययोजना बनाई गई है, जिसके अन्तर्गत उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा सोशल मीडिया पर महाकुम्भ से सम्बन्धित भ्रामक पोस्ट करने, अफवाह फैलाने वालों एवं साइबर अपराध के प्रति निरन्तर सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म की 24X7 मॉनिटरिंग की जा रही है। इसी का परिणाम है कि विगत 01माह के अन्दर लगभग 53 सोशल मीडिया अकाउंट को चिन्हित कर उनके विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराया गया है। सम्बंधित सोशल मीडिया कम्पनी से पत्राचार करके इन एकाउंट के संचालकों की जानकारी करके उनके विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। मेरी सभी से अपील है कि सोशल मीडिया पर तथ्यों के सत्यापन किए बिना कोई भी भ्रामक पोस्ट न करें और जिम्मेदार नागरिक बनें।
बांग्लादेश बार-बार कर रहा शेख हसीना के प्रत्यर्पण की बात, राज्यसभा में विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब

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बांग्लादेश की तरफ से बार-बार पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की जा रही है। भारत फिलहाल इस मामले में कोई कार्रवाई करने के मूड में नहीं दिख रहा है। दरअसल, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर पूछे गए एक सवाल का विदेश मंत्रालय ने राज्यसभा में जवाब दिया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है जिस पर फिलहाल अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर राज्यसभा में सवाल पूछा गया। इस पर भारत सरकार की ओर से विदेश मंत्री ने जवाब दिया। जवाब में मंत्रालय ने बताया कि बांग्लादेश ने शेख हसीना पर लगे आरोपों का विवरण साझा किया है और उनके प्रत्यर्पण की मांग की है। हालांकि, भारत सरकार ने इस मांग पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है।

इससे पहले बांग्लादेश की तरफ से बताया गया कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की भारत में रहकर की जा रही गतिविधियों पर भारत को अपना विरोध पत्र भेजा है। जिसे ढाका भड़काऊ मानता है। विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने गुरुवार को मीडिया को बताया कि बांग्लादेश ने भारतीय कार्यवाहक उच्चायुक्त को एक विरोध पत्र सौंपा है, जिसमें उन्हें विदेश मंत्रालय में बुलाया गया है। तौहीद ने कहा कि ढाका ने पहले भी नई दिल्ली से हसीना को ऐसी गतिविधियों से दूर रखने का अनुरोध किया था, लेकिन ढाका को नई दिल्ली से कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने यह भी कहा कि विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में भारत के कार्यवाहक उच्चायुक्त के जरिये से गुरुवार को फिर से ऐसे प्रयासों का विरोध किया।

एक सवाल के जवाब में विदेशी सलाहकार ने कहा कि हसीना की हालिया टिप्पणी बहुत आक्रामक थी, जिससे युवा पीढ़ी की भावनाएं आहत हो सकती हैं। हुसैन ने कहा कि हम देखेंगे कि भारत क्या कदम उठाता है। उन्होंने कहा कि ढाका भारत से लगातार अनुरोध करता रहता है कि हसीना ऐसी गतिविधियों से दूर रहें।

बता दें कि बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद से ही बांग्लादेशी पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत में शरण लिए हुए हैं। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना अगस्त 2024 से ही भारत में मौजूद है और इस सबके बीच बांग्लादेश की मौजूदा सरकार ने उनके प्रत्यर्पण की मांग जरूर की है लेकिन जिस तरह से भारत सरकार का जवाब आया है वह इस ओर इशारा कर रहा है कि अभी तक शेख हसीना भारत में ही मौजूद हैं और उनके प्रत्यर्पण को लेकर भारत सरकार ने कोई फैसला नहीं किया है। शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद से वहां की अंतरिम सरकार ने उनके ऊपर कई केस भी दर्ज किए हैं।

पिता मुजीबुर्रहमान के आवास पर हमले से भड़कीं हसीना, कहा-वो इमारत को ध्वस्त कर सकते हैं इतिहास नहीं

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बांग्लादेश में बुधवार और गुरुवार की दरमियानी रात जमकर हिंसा हुई है। हिंसक प्रदर्शनकारियों के एक बड़े समूह ने राजधानी ढाका में बांग्लादेश के राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के धनमंडी-32 स्थित आवास को आग लगा दी गई। घर को बुलडोजर से गिरा दिया गया।ये तोड़फोड़ उस समय की गई शेख मुजीब की बेटी और बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानंत्री शेख हसीना के एक ऑनलाइन संबोधन दे रही थीं। 

बांग्लादेश में हिंसक कार्रवाइयों के बीच दिए गए संबोधन में शेख हसीना ने कह कि अगर वह अभी जिंदा हैं, तो निश्चित रूप से कुछ बड़ा काम बाकी है। अगर अल्लाह ने मुझे इन हमलों के बावजूद भी जिंदा रखा है तो कुछ जरूर बड़ा काम करना होगा। अगर ऐसा नहीं होता तो मैं इतनी बार मौत को मात नहीं दे पाती। हसीना ने कहा कि भीड़ बुलडोजर से उनका घर गिरा सकती है, लेकिन इतिहास को मिटाने में सफल नहीं होगी।

हसीना ने भावुक होते हुए कहा, हम धनमंडी की उन यादों को जीते हैं। अब वे उस घर को नष्ट कर रहे हैं। पिछली बार उन्होंने इस घर को आग लगा दी थी। अब वे इसे तोड़ भी रह हैं। क्या मैंने कुछ नहीं किया? क्या मैंने आप सभी के लिए काम नहीं किया? हसीना ने समर्थकों को ऑनलाइन संबोधन में कहा, जिस घर से मेरे पिता ने आजादी का आह्वान किया था, उसे क्यों लूटा गया? मैं अपने लोगों से पूछना चाहती हूं कि इसके पीछे कौन है? मुझे न्याय चाहिए।

शेख हसीना ने आगे कहा कि जिस घर में प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की थी, उस घर से मेरी काफी यादें जुड़ी हुई थी। उन्होंने मोहम्मद यूनुस और उनके समर्थकों को चुनौती देते हुए कहा कि वो लोग राष्ट्रीय ध्वज, संविधान को बुलडोजर से नष्ट कर सकते हैं, जिसे हमनें लाखों शहीदों के जीवन की कीमत पर हासिल किया था। बुलडोजर से इतिहास नहीं मिट सकता।

बता दें कि हसीना के घर के बगल के भूखंड में बने अवामी लीग से जुड़े कई संगठनों के कार्यालय भी ध्वस्त कर दी गई है। प्रदर्शनकारियों ने धानमंडी में रोड पांच स्थित हसीना के दिवंगत पति वाजिद मियां के आवास ‘सुधा सदन’ में भी आग लगा दी है। प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे के बाद हसीना के पिछले साल पांच अगस्त को देश छोड़कर चले जाने के बाद से यह आवास खाली पड़ा था।

बांग्लादेश में फिर भड़की हिंसा, जिस मुजीबुर्रहमान ने दिलाई थी आजादी उन्ही के घर पर तोड़फोड़-आगजनी

#bangladesh_violence_sheikh_mujib_residence_vandalised_and_set_on_fire

बांग्लादेश में एक बार फिर हिंसा भड़क गई है। कुछ दिनों की शांति के बाद फिर पड़ोसी देश में अशांति फैली है। उपद्रवी इस दौरान अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के कार्यकर्ताओं समेत निर्दोष हिंदुओं को हिंसा में निशाना बना रहे हैं। इस बीच खबर आ रही है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के एक ऑनलाइन भाषण के बाद ढाका में उपद्रवियों ने शेख मुजीबुर्रहमान के आवास पर जमकर तोड़-फोड़ की। हालांकि, प्रशासन की तरफ से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

बुधवार रात करीब 8 बजे दंगाइयों की भीड़ ढाका के धानमंडी एरिया में बने मकान नंबर-32 में घुस गए और वहां खूब तोड़फोड़ मचाई। मकान नंबर 32 के प्रवेश द्वार पर लगे शेख मुजीबुर रहमान के भित्ति चित्र को तोड़ दिया गया है। इस दौरान उन्होंने शेख हसीना के खिलाफ भड़काऊ नारे भी लगाए।

इस हिंसात्मक अभियान की अगुवाई 'स्टूडेंट मूवमेंट अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन' नाम के संगठन से जुड़े वही नेता कर रहे थे, जिन्होंने शेख हसीना को देश से बाहर भागने को मजबूर किया था। वे शेख हसीना की उस घोषणा से भड़के हुए थे कि वे अवामी लीग के कार्यकर्ताओं को वर्चुअल तरीके से संबोधित करेंगी। उन्होंने धमकी दी थी कि यदि शेख हसीना ने कोई बयान दिया, तो धानमंडी के मकान नंबर 32 को बुलडोजर से उड़ा दिया जाएगा। यह मकान शेख हसीना की पारिवारिक संपत्ति है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक आगजनी और तोड़फोड़ को रोकने के लिए स्थानीय पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने रात करीब आठ बजे हमला किया और नारेबाजी के दौरान शेख हसीना को फांसी देने की मांग भी की।

शेख हसीना की आवामी लीग ने शेख मुजीबुर्रहमान के घर पर की गई तोड़फोड़ और आगजनी के खिलाफ आवामी लीग ने ढाका बंद बुलाया है। शेख हसीना की पार्टी ने कहा है कि जिस तरह से शेख मुजीबुर्रहमान के घर पर हमला हुआ है वो कहीं से भी सही नहीं है। आवामी लीग ने कहा है कि इसके परिणाम गंभीर होंगे।