/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1632639995521680.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz s:mamata
बंगाल में लागू नहीं होगा वक्फ कानून, फिर दंगा क्यों? मुर्शिदाबाद हिंसा के बीच ममता बनर्जी का लोगों से सवाल

#mamatabanerjeeappealsforpeaceinmurshidabad

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद पश्चिम बगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर हिंसा या दंगा न करें। साथ ही उन्होंने दोहराया है कि कि वक्फ संशोधन कानून बंगाल में लागू नहीं होगा। नए वक्फ कानून को लेकर देशभर में सियासी गर्माहट तेज है। कई जगहों पर इस कानून के विरोध में हिंसा होने की भी खबरे सामने आ रही है। इसी बीच पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में प्रदर्शन के दौरान लोग हिंसक हो उठे।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को लेकर मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा के बाद एक्स पर पोस्ट अपने संदेश में लिखा कि हर इंसान की जान कीमती है और धर्म के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि मैं सभी धर्मों के लोगों से विनम्र अपील करती हूं कि वे शांत और संयमित रहें। धर्म के नाम पर कोई गलत व्यवहार न करें। जो लोग हिंसा भड़का रहे हैं, वे समाज को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने यह भी साफ किया कि वक्फ कानून उनकी सरकार ने नहीं, बल्कि केंद्र सरकार ने बनाया है। इसलिए लोगों को अपनी नाराजगी केंद्र से जाहिर करनी चाहिए।

पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होगा वक्फ कानून

सीएम ममता बनर्जी ने राज्य में फैले हिंसा के बीच लोगों से सवाल किया कि जब हमने साफ कर दिया है कि यह कानून बंगाल में लागू नहीं होगा, तो फिर दंगा क्यों? उन्होंने कहा कि हमने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है कि हम इस कानून का समर्थन नहीं करते। इसे पश्चिम बंगाल में लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो लोग हिंसा भड़का रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

वोट की राजनीति के लिए धर्म का गलत इस्तेमाल-ममता

यही नहीं, बंगाल की सीएम ममता ने कुछ राजनीतिक दलों पर धर्म का दुरुपयोग करने का आरोप भी लगाया। ममता ने कुछ राजनीतिक दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे वोट की राजनीति के लिए धर्म का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे ऐसे दलों के बहकावे में न आएं। ममता ने जोर देकर कहा कि धर्म का असली मतलब है मानवता, दया, सभ्यता और आपसी भाईचारा। उन्होंने लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने को कहा।

बंगाल में वक्फ कानून पर बवाल

बता दें कि पश्चिम बंगाल में शुक्रवार को वक्फ कानून के विरोध में मालदा, मुर्शिदाबाद, दक्षिण 24 परगना और हुगली जिलों में हिंसा भड़क गई थी। इस दौरान आगजनी की गई। पुलिस के वाहनों पर पथराव किया गया। हिंसा के सिलसिले में 110 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया। शनिवार सुबह भी स्थिति तनावपूर्ण रही। हिंसा के बाद मुर्शिदाबाद में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई।

कौन हैं सिद्दीकुल्लाह चौधरी जिसने दी कोलकाता ठप करने की धमकी, कहा- 50 जगहों पर 10,000 लोग होंगे

#siddiqullah_chowdhury_mamata_minister_threatens_to_shut_down_kolkata

वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद देशभर में लागू करने की अधिसूचना भी जारी हो चुकी है। लेकिन इस कानून के खिलाफ सियासी बवाल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। खासकर पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन कानून को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है। तृणमूल कांग्रेस और मुस्लिम संगठन पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच तृणमूल कांग्रेस के नेता और ममता सरकार में मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी ने कोलकाता ठप करने की धमकी दी है।

मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी ने कोलकाता के रामलीला मैदान में जमीयत-ए-उलेमा हिंद की पश्चिम बंगाल शाखा द्वारा आयोजित एक विशाल रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने वक्फ संशोधन को तत्काल वापस लेने की मांग की। मंत्री ने कोलकाता में बड़े पैमाने पर ट्रैफिक जाम करने की धमकी दी। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर वे चाहें तो यातायात को बाधित करके कोलकाता को आसानी से ठप कर सकते हैं।

सिद्दीकुल्ला चौधरी ने कहा कि अगर कोलकाता में जाम लगाना है तो हम कोलकाता में 50 जगहों पर 2000 लोगों के समूह को इकट्ठा करके यातायात रोक सकते हैं। चौधरी ने आगे कहा, ‘हमने अभी तक ऐसा नहीं किया है, लेकिन बाद में ऐसा होगा। जिलों के बाद हम कोलकाता पर अपनी पकड़ मजबूत करेंगे। कोलकाता में 50 जगहों पर 10,000 लोग होंगे। वे आएंगे, बैठेंगे और मुरमुरे, गुड़ और मिठाई खाएंगे, उन्हें कुछ और करने की जरूरत नहीं होगी।

अपने भाषण में सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने आगे कहा कि उन्हें सीएम से एक फोन आया था जिसमें उन्होंने आश्वासन दिया था कि पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन अधिनियम लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से आग्रह किया कि वे तब तक आंदोलन जारी रखें जब तक केंद्र इसे वापस नहीं ले लेता, और उन्हें हिंसा से दूर रहने के लिए कहा।

बता दें कि सिद्दीकुल्लाह चौधरी पिछले कई दिनों से राज्य में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं। चौधरी के पास जमीयत उलेमा ए हिंद की भी जिम्मेदारी है। चौधरी पश्चिम बंगाल यूनिटी के प्रमुख हैं।

शिक्षक भर्ती मामले में ममता सरकार को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच पर लगाई रोक


#mamata_government_relief_supreme_court_teacher_recruitment

शिक्षक भर्ती मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। पश्चिम बंगाल में शिक्षकों और स्कूल कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त पद बनाने के मामले की सीबीआई जांच नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया है। बंगाल सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें शिक्षकों और स्कूल कर्मचारियों के अतिरिक्त पद बनाने के राज्य सरकार के 2022 के फैसले की सीबीआई जांच का आदेश दिया गया था। सर्वोच्च अदालत ने हाई कोर्ट द्वारा दिए गए सीबीआई जांच के आदेश को रद्द कर दिया है। उच्चतम न्यायालय ने हालांकि कहा कि पश्चिम बंगाल में 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति के अन्य पहलुओं के संबंध में सीबीआई जांच जारी रहेगी।

 

कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से सुपरन्यूमेरी पोस्ट बनाने के फैसले की सीबीआई जांच के हाई कोर्ट के आदेश को रद्द किया। दरअसल बंगाल सरकार ने दागी उम्मीदवारों को समायोजित करने के लिए अतिरिक्त शिक्षक पदों का सृजन किया था। कलकत्ता कोर्ट ने 25 हजार से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने के साथ-साथ इन पोस्ट के सृजन के ममता सरकार के फैसले की भी सीबीआई जांच का आदेश दिया था।

आज सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त पदों बनाने के फैसले की सीबीआई जांच के हाई कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया कि आज का आदेश अतिरिक्त पदों के सृजन की जांच करने के मामले तक सीमित है और किसी भी तरह से इस पूरे घोटाले के अन्य पहलुओं में जो सीबीआई जांच कर रही है या चार्जशीट दाखिल कर रही है , उस पर इसका कोई असर नहीं होगा।

बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट शिक्षक भर्ती को रद्द कर चुका है। शीर्ष अदालत ने 3 अप्रैल को बंगाल में सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य करार दिया था। इन कर्मचारियों का चयन 2016 में राज्य स्कूल सेवा आयोग के एक भर्ती अभियान के माध्यम से चुना गया था।

सोमवार को इस फैसले से प्रभावित शिक्षकों से सीएम ममता बनर्जी ने मुलाकात की। सीएम ने कहा कि हम कोर्ट के आदेश से बंधे हुए हैं। यह फैसला उनके लिए अन्याय है जो काबिल हैं। सीएम ने नेताजी इनडोर स्टेडियम में शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोग यह मत समझिए कि हमने फैसला स्वीकार कर लिया है। हम पत्थरदिल नहीं है। मुझे ऐसा कहने के लिए वे जेल में भी डाल सकते हैं। वहीं इस मामले में शिक्षकों ने कहा कि घोटाल में सीएम, उनका मंत्रिमंडल और आयोग भी शामिल हैं। नौकरियों के बदले रिश्वत ली गई है। सीएम ने आज हमें लॉलीपॉप दिया है। वहीं सरकार इस फैसले के खिलाफ जल्द ही समीक्षा याचिका दायर कर सकती है।

मैं जेल जाने को तैयार, लेकिन...”सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों से मिलकर बोलीं ममता

#cmmamatabanerjeestandbythosewholostjobs

पश्चिम बंगाल की शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ममता बनर्जी सहमत नहीं हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शिक्षक भर्ती घोटाला में अपनी नौकरी गंवाने वाले सैकड़ों लोगों को समर्थन में उतर गईं हैं। इसी क्रम में सोमवार को ममता बनर्जी ने नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों से मुलाकात की। इस मौके पर सीएम ने कहा, स्कूली नौकरी गंवाने वालों के साथ खड़े होने के लिए अगर कोई मुझे सजा देना चाहता है तो मैं जेल जाने को भी तैयार हूं। यह बयान उन्होंने उन शिक्षकों के पक्ष में दिया, जिनकी नियुक्ति भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते रद्द की गई है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राज्य के 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्तियां रद्द कर दी है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिक्षक भर्ती के मामले पर आए सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश की कड़ी आलोचना की है। ममता बनर्जी ने कहा, शिक्षा व्यवस्था को नष्ट करने की साजिश चल रही है। 9वीं, 10वीं, 11वीं, 12वीं के शिक्षक उच्च शिक्षा के प्रवेश द्वार हैं। कई शिक्षक स्वर्ण पदक विजेता हैं, उन्होंने अपने जीवन में बेहतरीन परिणाम हासिल किए हैं। आप उन्हें चोर कह रहे हैं। आप उन्हें अक्षम कह रहे हैं। आपको यह अधिकार किसने दिया? कौन यह खेल खेल रहा है? नौकरी खोने वाले लोगों को संबोधित करते हुए ममता ने कहा, कृपया यह न समझें कि हमने इसे स्वीकार कर लिया है। हम पत्थर दिल नहीं हैं और ऐसा कहने के लिए मुझे जेल भी हो सकती है, लेकिन मुझे इसकी परवाह नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट स्पष्ट करे कौन योग्य कौन नहीं-ममता बनर्जी

ममता ने यह सवाल उठाया कि सुप्रीम कोर्ट को यह स्पष्ट करना चाहिए कि कौन योग्य है और कौन नहीं। उन्होंने कहा, हमें एक लिस्ट दीजिए। किसी को भी शिक्षा व्यवस्था को तोड़ने का अधिकार नहीं है। ममता ने उदाहरण देते हुए कहा कि एनईईटी परीक्षा में भी कई आरोप लगे थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे रद्द नहीं किया। उन्होंने यह भी पूछा, बंगाल को क्यों निशाना बनाया जा रहा है? क्या बंगाल की प्रतिभा से लोग डरते हैं?

25,000 से अधिक शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मियों की नियुक्ति रद्द

बता दें कि पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में ममता सरकार को तब सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा जब कोर्ट ने 25,000 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती रद्द करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखने का फैसला सुनाया। सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में ये फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला 25 हज़ार शिक्षकों और स्कूल कर्मचारियों को लेकर पिछले दिनों ही आया है। सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षक भर्ती मामले में न सिर्फ अपना फैसला सुनाया बल्कि इस भर्ती को टेंटिड और दूषित भी करार दिया।

*মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় বক্তৃতা দেবেন অক্সফোর্ড বিশ্ববিদ্যালয়ের কেলগ কলেজে, গর্বিত এবং উচ্ছ্বসিত বাংলার ছাত্র-ছাত্রীরা*

Khabar kolkata News Desk : পশ্চিমবঙ্গের মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের যুক্তরাজ্য সফর তাঁর সরকারের জনকল্যাণমূলক প্রকল্পের সুবিধা প্রাপক শিক্ষার্থীদের মধ্যে উন্মাদনা ও গর্বের সঞ্চার করেছে। ২৭শে মার্চ অক্সফোর্ড বিশ্ববিদ্যালয়ের কেলগ কলেজে 'সামাজিক উন্নয়ন শিশু ও নারীর ক্ষমতায়ন' বিষয়ে বক্তব্য রাখতে চলেছেন তিনি, এই ঐতিহাসিক মুহূর্তে উচ্ছ্বাসে মেতেছে বাংলার বিভিন্ন শিক্ষাপ্রতিষ্ঠানের ছাত্র-ছাত্রীরা।

এই প্রসঙ্গে নদিয়ার কৃষ্ণনগর মহিলা কলেজের ছাত্রীরা বলেছে, "তিনি কুইন মেরি ইউনিভার্সিটি এবং লন্ডন স্কুল অফ ইকোনমিকস থেকেও আমন্ত্রণ পেয়েছেন। এটি শুধু আমাদের জন্যই নয়, সারা দেশের জন্যও গর্বের বিষয়।"

গৌড়বঙ্গ বিশ্ববিদ্যালয়ের ছাত্রছাত্রীরাও তাঁদের শ্রদ্ধা ও কৃতজ্ঞতা জানিয়ে বলেছে, "দেশের অন্যতম উচ্চতম পর্যায়ের এক মহিলা নেত্রী আন্তর্জাতিক মঞ্চে শিশু ও নারী ক্ষমতায়নের বিষয়ে বক্তব্য রাখতে চলেছেন। আমরা তাঁকে শুভেচ্ছা জানাই। দিদির কাছ থেকে আমাদের শেখা উচিত, কীভাবে জীবনের নানা প্রতিকূলতা সত্ত্বেও সমাজ ও দেশের উন্নয়নের জন্য কাজ করে যেতে হয়।"

আলিপুরদুয়ার বিশ্ববিদ্যালয়ের ছাত্রীদেরও মুখে হাসি ও গর্ব। তারা বলেছে, "আমাদের সম্মানীয় মুখ্যমন্ত্রী যখন কন্যাশ্রী, যুবশ্রী এবং রূপশ্রী-সহ বিভিন্ন জনকল্যাণমূলক প্রকল্পের কথা বিশ্বমঞ্চে তুলে ধরতে চলেছেন, তখন এটি আমাদের কাছে এক পরম গর্বের বিষয়। আমরা সবাই এই অনুষ্ঠানটি দেখার জন্য অধীর আগ্রহে অপেক্ষা করছি। শিক্ষক-শিক্ষিকা ও কর্মচারী সকলে মিলে অনুষ্ঠানটি শুনব।"

মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের উদ্যোগগুলি বাংলার বহু মহিলার জীবন বদলে দিয়েছে। দক্ষিণ দিনাজপুরের বাসিন্দা, দ্বিতীয় বর্ষের স্নাতক ছাত্রী সুপ্রিয়া টিগ্গা শেয়ার করেছেন, কীভাবে কন্যাশ্রী প্রকল্প তাঁর জীবন বদলে দিয়েছে। তিনি বলেন, "আমার বাবা একজন কৃষক, আর মা গৃহবধূ। আমাদের আর্থিক অবস্থা কখনই স্থিতিশীল ছিল না এবং আমার ভাই ও আমার পড়াশোনার খরচ চালানো বাবার পক্ষে কঠিন ছিল। কিন্তু মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের কন্যাশ্রী প্রকল্পের জন্যই আমি আমার পড়াশোনা চালিয়ে যেতে পেরেছি। এই উদ্যোগ অসংখ্য মেয়েকে শিক্ষার সুযোগ দিয়ে স্বাবলম্বী করে তুলেছে। এই সুযোগ পাওয়ার জন্য আমি সত্যিই কৃতজ্ঞ।"

তৃণমূল কংগ্রেস লক্ষ্মীর ভাণ্ডার, কন্যাশ্রী, রূপশ্রী এবং অন্যান্য কল্যাণমূলক প্রকল্পের সুবিধা প্রাপকদের কাহিনী শেয়ার করছে, যা সারা রাজ্যের মহিলা ও যুবতী মেয়েদের ক্ষমতায়ন করেছে, সুপ্রিয়া টিগ্গার কাহিনীও তারই অন্তর্ভুক্ত। কাল বিকেলে সোশ্যাল মিডিয়ায় তাদের বক্তব্য প্রকাশ করে, দল পোস্ট করেছে: "Smt. is set to deliver a keynote address on 'Social Development: Children & Women’s Empowerment' at Oxford University, London. The students of Bengal take pride in their beloved Didi and express their joy for this momentous occasion!"

दिल्ली के बाद पश्चिम बंगाल में ‘फर्जी वोटर’ बनेगा मुद्दा, ममता बनर्जी ने शुरू किया “खेला”

#mamatabanerjeeidentifyfakevoters

दिल्ली में हाल ही में विधानसभा चुनाव खत्म हुए हैं। इस चुनाव में बीजेपी ने 27 साल के बाद वापसी करते हुए अरविंद केजरीवाल की पार्टी को करारी शिकस्त दी। हालांकि सरकार गठन के बाद बीजेपी पर बड़ा आरोप लगा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि भाजपा ने दिल्ली और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव फर्जी वोटों के जरिए जीता। इसमें चुनाव आयोग ने मदद की। बता दें कि चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी ने वोटर लिस्ट में फर्जी नामों का मुद्दा जोर शोर से उठाया था। अब पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने गुरुवार को बड़ा दावा किया। कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में तृणमूल कांग्रेस के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि बंगाल में फर्जी वोटर कार्ड बनाने के लिए दो एजेंसियां भेजी गई हैं।

दो एजेंसियों का लिया नाम

दो संगठनों का सीधे तौर पर नाम लेते हुए ममता बनर्जी ने दावा किया कि भाजपा ने उन्हें मतदाता पहचान पत्र में धोखाधड़ी के लिए राज्य में भेजा गया। उन्होंने एक कागज हाथ में लिया और एक उदाहरण देकर समझाया कि क्या हो रहा है? तृणमूल सुप्रीमो ने कहा, जहां तक मुझे खबर मिली है। ‘एसोसिएशन ऑफ बिलियन माइंड्स’ और ‘कंपनी इंडिया 360 सब्सिडियरी’ नामक दो एजेंसियां हैं। कई लोगों ने उन्हें यहां भेजा है। ऑनलाइन हेरफेर किया गया। इसी एपिक कार्ड में बाहरी लोगों के नाम भी थे। उन्होंने कहा, ममता का दावा है कि जब बंगाल के लोग वोट देने जाएंगे तो कोई बाहर से आकर उनके लिए वोट देगा।

एक उदाहरण देते हुए ममता ने बताया कि मुर्शिदाबाद के रानीनगर के सैदुल इस्लाम और हरियाणा की सोनिया देवी नामक एक अन्य मतदाता के मतदाता पहचान पत्र का ईपीआईसी नंबर एक ही नाम है। इसी तरह से बंगाल के मोहम्मद अली हुसैन और हरियाणा के मंजीत के मतदाता पहचान पत्र का ईपीआईसी नंबर एक जैसा है। ममता का सवाल, “पश्चिम बंगाल वोट देगा या हरियाणा?” एक लंबी सूची दिखाते हुए ममता ने कहा, “सभी हरियाणा के मतदाता है। यह भाजपा का काम है। हरियाणा ही नहीं, गुजरात के मतदाताओं के नाम भी सूची में हैं।

बीजेपी के साथ चुनाव आयोग को भी लपेटा

ममता ने कहा- भाजपा नेताओं ने चुनाव आयोग के ऑफिस में बैठकर ऑनलाइन फर्जी मतदाता सूची बनाई है। उन्होंने पश्चिम बंगाल के हर जिले में फर्जी मतदाताओं को जोड़ा है। ज्यादातर वोटर गुजरात और हरियाणा से हैं। महाराष्ट्र और दिल्ली में विपक्ष इन तथ्यों का पता नहीं लगा पाया।

उन्होंने कहा- मैं बंगाल के लोगों से अपील करती हूं कि वे वोटर लिस्ट की जांच करें। किसी भी दिन एनआरसी और सीएए के नाम पर सही वोटर्स के नाम हटाए जा सकते हैं। भाजपा ऐसा करके किसी तरह टीएमसी को हराना चाहती है। ममता ने वोटर लिस्ट की जांच के लिए पार्टी स्तर पर कमेटी भी बनाई है।

इस मुद्दे पर आक्रामक हो रही टीएमसी

बता दें कि कुछ दिनों पहले भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि बीजेपी के कहने पर राज्य में फर्जी तरीके से वोटर लिस्ट में बाहरी लोगों के नाम जोड़े जा रहे हैं। साथ ही कहा कि महाराष्ट्र और दिल्ली में बीजेपी ने इसी तरह जीत हासिल की, लेकिन बंगाल में ऐसा नहीं चलेगा। अब टीएमसी के नेता इस मुद्दे पर आक्रामक हो रहे हैं। उनका का कहना है कि चुनाव आयोग के कुछ अधिकारी बीजेपी को लाभ पहुंचाने के लिए पश्चिम बंगाल के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में वोटर लिस्ट में बाहरी लोगों को नाम जोड़ रहे हैं।

ममता बनर्जी ने क्यों की इस्तीफे की पेशकश, भाजपा से किस बात के लिए मांगा सबूत?

#mamata_banerjee_said_will_resign_as_west_bengal_cm

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी की ओर से लगाए जा रहे आरोपों के बाद आक्रोश जाहिर किया। ममता बनर्जी ने बीजेपी नेताओं पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए अचानक अपने इस्तीफे की बात कह दी।बीजेपी के नेता ने उन पर बांग्‍लादेशी आतंक‍ियों के साथ रिश्ते होने, कट्टरपंथ‍ियों के साथ संबंध होने के आरोप लगाए थे। इस पर ममता बनर्जी ब‍िफर गईं।ममता ने कहा कि अगर भाजपा विधायक इन आरोपों को साबित कर दें, तो वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगी।

पश्चिम बंगाल विधानसभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने अपने खिलाफ बेबुनियाद टिप्पणियां करने के लिए भाजपा विधायकों की आलोचना की। बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने विधानसभा से निलंबित होने के बाद ममता बजर्नी पर सनसनीखेज आरोप लगाए थे। ममता बनर्जी इसी का जवाब दे रही थीं। ममता ने कहा, वे कह रहे हैं कि मेरे आतंकवादियों से संबंध हैं। इससे तो मर जाना ही अच्छा है। मैंने कुछ नहीं कहा फिर भी आप सबने मेरा संबंध आतंकवादियों से जोड़ दिया? यह देश सबका है। क्या मैं हिंदू धर्म का अपमान करती हूं या मुस्लिम लीग का समर्थन करती हूं? मैं कश्मीर या बांग्लादेश से आये आतंकवादियों के साथ रहती हूं? अगर आप इस आरोप को साबित कर सकें तो मैं एक दिन में सीएम पद छोड़ दूंगी। मैं प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखूंगी और पूछूंगी कि क्या विपक्षी नेता मेरे खिलाफ इस तरह के आरोप लगा सकते हैं।

ममता ने कहा, अभिव्यक्ति की आजादी उन्हें (भाजपा विधायकों को) नफरत फैलाने वाले भाषण देने और लोगों को बांटने की अनुमति नहीं देती है। अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब नफरत फैलाने वाली बातें नहीं है। आप (भाजपा विधायक) राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का सहारा लेते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं करते।

लालू यादव के बाद ममता बनर्जी का विवादित बयान, महाकुंभ को बताया 'मृत्युकुंभ'

#mamata_banerjee_called_mahakumbh_a_mrityukumbh

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महाकुंभ पर बेहद विवादित बयान दिया है। मंगलवार को अपने एक कार्यक्रम में ममता बनर्जी ने कहा, महाकुंभ अब महा कुंभ नहीं बल्कि 'मृत्यु कुंभ' में बदल गया है। मुख्यमंत्री ने अपने लंबे चौड़े संबोधन के बीच यूपी की सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा। वहीं, ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि महाकुंभ में वीआईपी को विशेष सुविधा मिल रही है, जबकि आम लोग परेशान हैं।

ममता बनर्जी ने कहा, यह 'मृत्यु कुंभ' है...मैं महाकुंभ का सम्मान करती हूं, मैं पवित्र गंगा मां का सम्मान करती हूं। लेकिन कोई योजना नहीं है। उन्होंने आगे कहा, कितने लोगों को बरामद किया गया है? अमीर, वीआईपी के लिए 1 लाख रुपए तक के शिविर प्राप्त करने की व्यवस्था उपलब्ध है। गरीबों के लिए, कुंभ में कोई व्यवस्था नहीं है।

ममता बनर्जी ने कहा, वीआईपी-वीवीआईपी को कोई दिक्कत नहीं हो रही है। लेकिन आम आदमी भीड़ में मर रहा है। इतना बड़ा आयोजन, इतने लोगों की जान चली गई. फिर भी लोग प्रचार में लगे हैं।

बता दें, ममता बनर्जी से पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने महाकुंभ को लेकर विवादित बयान दिया था। लालू यादव से जब कुंभ को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा था, कुंभ का क्या मतलब है, फालतू है कुंभ। उनके इस बयान के बाद सियासी गलियारें में हलचल मच गई थी।

अगर उसे फांसी हो जाती तो मैं खुद को सांत्वना दे सकती थी', आरजी कर केस में फैसले पर सीएम ममता नाराज

#rg_kar_case_mamata_banerjee_says_not_satisfied_with_court_decision

कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डाक्टर से दरिंदगी मामले में सियालदह कोर्ट ने सोमवार को दोषी सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बाण दास ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने दोषी पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। मामले में आए फैसले के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का बयान सामने आया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस फैसले से खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी ने दोषी के लिए मृत्युदंड की मांग की, लेकिन अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई।

सीएम ममता बनर्जी ने नाराजगी जताते हुए कहा था, हम शुरू से ही फांसी की मांग करते आए हैं, लेकिन कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई। अगर केस सीबीआई को नहीं सौंपा होता और हमारे हाथ में होता तो बहुत पहले ही फांसी की सजा हो गई होती। मैं इस फैसले से संतुष्ट नहीं हूं।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उन्होंने (सीबीआई) जानबूझकर मामला हमारे हाथ से छीन लिया और चले गए। मैंने पहले भी कहा था कि अगर हम ऐसा नहीं कर सकते तब मामला सीबीआई को दे दीजिए, कोई समस्या नहीं। हम न्याय चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हम इन दरिंदों के लिए कड़ी से कड़ी सजा चाहते हैं। ममता बनर्जी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह संतुष्ट नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर उसे फांसी हो जाती तो मैं खुद को सांत्वना दे सकती थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पहले दिन से ही मृत्युदंड की मांग कर रहे हैं। मैं आज भी उस मांग पर कायम हूं। लेकिन मैं अदालत के फैसले के बारे में कुछ नहीं कहूंगी। मैं अपने और टीम के लिए बोल सकती हूं। हमने तीन मामलों में 54 से 60 दिनों के भीतर फांसी देने का आदेश दिलाया है। यह एक गंभीर मामला है।

बता दें कि कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डाक्टर से दरिंदगी मामले में कोर्ट ने दोषी संजय रॉय को उम्र कैद की सजी सुनाई है। अदालत ने राज्य सरकार को मृतक चिकित्सक के परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया।

बांग्लादेश से घुसपैठ के लिए ममता बनर्जी ने बीएसएफ पर लगाए गंभीर आरोप, केजरीवाल ने दिया साथ

#mamata_banerjee_claim_bsf_infiltrating_illegal_bangladeshis_in_india_arvind_kejriwal_support

भारत में बड़ी संख्या में बांग्‍लादेशी घुसपैठ‍िए रह रहे हैं। दिल्‍ली से लेकर महाराष्‍ट्र तक जब इनकी तलाश शुरू हुई तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। अब इन्‍हें पकड़-पकड़कर बांग्‍लादेश भेजा जा रहा है। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने देश की रक्षा कर रहे जवानों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि बीएसएफ बांग्लादेश से घुसपैठ करा रही है। इतना ही नहीं, द‍िल्‍ली के पूर्व मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी ममता का साथ देते दिख रहे हैं। केजरीवाल ने आरोप आरोप लगाया है कि केंद्र की बीजेपी सरकार जानबूझकर बांग्लादेश सीमा से घुसपैठ करवा रही है।

ममता बनर्जी ने गुरुवार को केंद्रीय बलों पर राज्य को अस्थिर करने के लिए बांग्लादेशी आतंकवादियों को बंगाल में घुसने देने का आरोप लगाकर खलबली मचा दी। इसे केंद्र की 'नापाक योजना' बताते हुए बनर्जी ने कहा कि बांग्लादेश सीमा की रक्षा करने वाली बीएसएफ बंगाल में घुसपैठ की इजाजत दे रही है। पश्चिम बंगाल की सीएम ने कहा बीएसएफ अलग-अलग इलाकों से बंगाल में घुसपैठ करा रही है। बीएसएफ महिलाओं पर अत्याचार भी कर रही है। मैं डीजीपी से कहूंगी कि वे जांच करें कि किन जगहों से लोगों को बीएसएफ ने घुसने दिया है, क्योंकि सीमा हमारे हाथ में नहीं है। अगर कोई आरोप लगाता है कि टीएमसी घुसपैठ करवा रही है तो मैं कहूंगी कि सीमा बीएसएफ के अधीन है और बीएसएफ ही ये सब कर रही है, इसलिए हमें दोष न दें और घुसपैठ के लिए टीएमसी पर आरोप न लगाएं। यह भी पढ़े -मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल एसटीएफ ने आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में दो युवकों को किया गिरफ्तार।

ममता बनर्जी ने कहा- टीएमसी, बीएसएफ की सुरक्षा नहीं कर रही है। लेकिन पुलिस के पास सारी जानकारी है। केंद्र के पास सारी जानकारी है। राजीव कुमार ने मुझे कुछ जानकारी दी है और मुझे कुछ स्थानीय जानकारी भी मिली है। मैं इस संबंध में एक पत्र लिखूंगी। मैं यहां और बांग्लादेश में भी शांति चाहती हूं। हमारे बीच कोई दुश्मनी नहीं है। अगर मुझे नजर आएगा कि कोई मेरे राज्य में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है तो मैं विरोध करूंगी।

इधर, दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी रोहिंग्या के मुद्दे पर लगातार बीजेपी पर हमला बोल रही है। इसी क्रम में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा, इससे ऐसा लगता है कि केंद्र की बीजेपी सरकार जानबूझकर बांग्लादेश सीमा से घुसपैठ करवा रही है। क्या केंद्र सरकार जानबूझकर बांग्लादेश सीमा से घुसपैठ करवा रही है या फिर बीजेपी सरकार सीमा की सुरक्षा करने में विफल है?

वहीं, आप नेता ने एक अन्य पोस्ट में एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि बीजेपी के झूठ को उसकी ही दिल्ली पुलिस ने बेनकाब कर दिया है. वीडियो में एक रिपोर्टर दिल्ली पुलिस कमिश्नर से पूछ रहा है कि क्या दिल्ली में अवैध रूप से बसे बांग्लादेशियों से आम आदमी पार्टी का कोई संबंध है? इस पर पुलिस कमिश्नर कहते हैं कि, ‘हमें इस संबंध में अभी तक ऐसा कोई एंगल नहीं मिला है।’

बंगाल में लागू नहीं होगा वक्फ कानून, फिर दंगा क्यों? मुर्शिदाबाद हिंसा के बीच ममता बनर्जी का लोगों से सवाल

#mamatabanerjeeappealsforpeaceinmurshidabad

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद पश्चिम बगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर हिंसा या दंगा न करें। साथ ही उन्होंने दोहराया है कि कि वक्फ संशोधन कानून बंगाल में लागू नहीं होगा। नए वक्फ कानून को लेकर देशभर में सियासी गर्माहट तेज है। कई जगहों पर इस कानून के विरोध में हिंसा होने की भी खबरे सामने आ रही है। इसी बीच पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में प्रदर्शन के दौरान लोग हिंसक हो उठे।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को लेकर मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा के बाद एक्स पर पोस्ट अपने संदेश में लिखा कि हर इंसान की जान कीमती है और धर्म के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि मैं सभी धर्मों के लोगों से विनम्र अपील करती हूं कि वे शांत और संयमित रहें। धर्म के नाम पर कोई गलत व्यवहार न करें। जो लोग हिंसा भड़का रहे हैं, वे समाज को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने यह भी साफ किया कि वक्फ कानून उनकी सरकार ने नहीं, बल्कि केंद्र सरकार ने बनाया है। इसलिए लोगों को अपनी नाराजगी केंद्र से जाहिर करनी चाहिए।

पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होगा वक्फ कानून

सीएम ममता बनर्जी ने राज्य में फैले हिंसा के बीच लोगों से सवाल किया कि जब हमने साफ कर दिया है कि यह कानून बंगाल में लागू नहीं होगा, तो फिर दंगा क्यों? उन्होंने कहा कि हमने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है कि हम इस कानून का समर्थन नहीं करते। इसे पश्चिम बंगाल में लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो लोग हिंसा भड़का रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

वोट की राजनीति के लिए धर्म का गलत इस्तेमाल-ममता

यही नहीं, बंगाल की सीएम ममता ने कुछ राजनीतिक दलों पर धर्म का दुरुपयोग करने का आरोप भी लगाया। ममता ने कुछ राजनीतिक दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे वोट की राजनीति के लिए धर्म का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे ऐसे दलों के बहकावे में न आएं। ममता ने जोर देकर कहा कि धर्म का असली मतलब है मानवता, दया, सभ्यता और आपसी भाईचारा। उन्होंने लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने को कहा।

बंगाल में वक्फ कानून पर बवाल

बता दें कि पश्चिम बंगाल में शुक्रवार को वक्फ कानून के विरोध में मालदा, मुर्शिदाबाद, दक्षिण 24 परगना और हुगली जिलों में हिंसा भड़क गई थी। इस दौरान आगजनी की गई। पुलिस के वाहनों पर पथराव किया गया। हिंसा के सिलसिले में 110 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया। शनिवार सुबह भी स्थिति तनावपूर्ण रही। हिंसा के बाद मुर्शिदाबाद में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई।

कौन हैं सिद्दीकुल्लाह चौधरी जिसने दी कोलकाता ठप करने की धमकी, कहा- 50 जगहों पर 10,000 लोग होंगे

#siddiqullah_chowdhury_mamata_minister_threatens_to_shut_down_kolkata

वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद देशभर में लागू करने की अधिसूचना भी जारी हो चुकी है। लेकिन इस कानून के खिलाफ सियासी बवाल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। खासकर पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन कानून को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है। तृणमूल कांग्रेस और मुस्लिम संगठन पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच तृणमूल कांग्रेस के नेता और ममता सरकार में मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी ने कोलकाता ठप करने की धमकी दी है।

मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी ने कोलकाता के रामलीला मैदान में जमीयत-ए-उलेमा हिंद की पश्चिम बंगाल शाखा द्वारा आयोजित एक विशाल रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने वक्फ संशोधन को तत्काल वापस लेने की मांग की। मंत्री ने कोलकाता में बड़े पैमाने पर ट्रैफिक जाम करने की धमकी दी। सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर वे चाहें तो यातायात को बाधित करके कोलकाता को आसानी से ठप कर सकते हैं।

सिद्दीकुल्ला चौधरी ने कहा कि अगर कोलकाता में जाम लगाना है तो हम कोलकाता में 50 जगहों पर 2000 लोगों के समूह को इकट्ठा करके यातायात रोक सकते हैं। चौधरी ने आगे कहा, ‘हमने अभी तक ऐसा नहीं किया है, लेकिन बाद में ऐसा होगा। जिलों के बाद हम कोलकाता पर अपनी पकड़ मजबूत करेंगे। कोलकाता में 50 जगहों पर 10,000 लोग होंगे। वे आएंगे, बैठेंगे और मुरमुरे, गुड़ और मिठाई खाएंगे, उन्हें कुछ और करने की जरूरत नहीं होगी।

अपने भाषण में सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने आगे कहा कि उन्हें सीएम से एक फोन आया था जिसमें उन्होंने आश्वासन दिया था कि पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन अधिनियम लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से आग्रह किया कि वे तब तक आंदोलन जारी रखें जब तक केंद्र इसे वापस नहीं ले लेता, और उन्हें हिंसा से दूर रहने के लिए कहा।

बता दें कि सिद्दीकुल्लाह चौधरी पिछले कई दिनों से राज्य में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं। चौधरी के पास जमीयत उलेमा ए हिंद की भी जिम्मेदारी है। चौधरी पश्चिम बंगाल यूनिटी के प्रमुख हैं।

शिक्षक भर्ती मामले में ममता सरकार को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच पर लगाई रोक


#mamata_government_relief_supreme_court_teacher_recruitment

शिक्षक भर्ती मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। पश्चिम बंगाल में शिक्षकों और स्कूल कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त पद बनाने के मामले की सीबीआई जांच नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया है। बंगाल सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें शिक्षकों और स्कूल कर्मचारियों के अतिरिक्त पद बनाने के राज्य सरकार के 2022 के फैसले की सीबीआई जांच का आदेश दिया गया था। सर्वोच्च अदालत ने हाई कोर्ट द्वारा दिए गए सीबीआई जांच के आदेश को रद्द कर दिया है। उच्चतम न्यायालय ने हालांकि कहा कि पश्चिम बंगाल में 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति के अन्य पहलुओं के संबंध में सीबीआई जांच जारी रहेगी।

 

कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से सुपरन्यूमेरी पोस्ट बनाने के फैसले की सीबीआई जांच के हाई कोर्ट के आदेश को रद्द किया। दरअसल बंगाल सरकार ने दागी उम्मीदवारों को समायोजित करने के लिए अतिरिक्त शिक्षक पदों का सृजन किया था। कलकत्ता कोर्ट ने 25 हजार से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने के साथ-साथ इन पोस्ट के सृजन के ममता सरकार के फैसले की भी सीबीआई जांच का आदेश दिया था।

आज सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त पदों बनाने के फैसले की सीबीआई जांच के हाई कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया कि आज का आदेश अतिरिक्त पदों के सृजन की जांच करने के मामले तक सीमित है और किसी भी तरह से इस पूरे घोटाले के अन्य पहलुओं में जो सीबीआई जांच कर रही है या चार्जशीट दाखिल कर रही है , उस पर इसका कोई असर नहीं होगा।

बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट शिक्षक भर्ती को रद्द कर चुका है। शीर्ष अदालत ने 3 अप्रैल को बंगाल में सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य करार दिया था। इन कर्मचारियों का चयन 2016 में राज्य स्कूल सेवा आयोग के एक भर्ती अभियान के माध्यम से चुना गया था।

सोमवार को इस फैसले से प्रभावित शिक्षकों से सीएम ममता बनर्जी ने मुलाकात की। सीएम ने कहा कि हम कोर्ट के आदेश से बंधे हुए हैं। यह फैसला उनके लिए अन्याय है जो काबिल हैं। सीएम ने नेताजी इनडोर स्टेडियम में शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोग यह मत समझिए कि हमने फैसला स्वीकार कर लिया है। हम पत्थरदिल नहीं है। मुझे ऐसा कहने के लिए वे जेल में भी डाल सकते हैं। वहीं इस मामले में शिक्षकों ने कहा कि घोटाल में सीएम, उनका मंत्रिमंडल और आयोग भी शामिल हैं। नौकरियों के बदले रिश्वत ली गई है। सीएम ने आज हमें लॉलीपॉप दिया है। वहीं सरकार इस फैसले के खिलाफ जल्द ही समीक्षा याचिका दायर कर सकती है।

मैं जेल जाने को तैयार, लेकिन...”सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों से मिलकर बोलीं ममता

#cmmamatabanerjeestandbythosewholostjobs

पश्चिम बंगाल की शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ममता बनर्जी सहमत नहीं हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शिक्षक भर्ती घोटाला में अपनी नौकरी गंवाने वाले सैकड़ों लोगों को समर्थन में उतर गईं हैं। इसी क्रम में सोमवार को ममता बनर्जी ने नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों से मुलाकात की। इस मौके पर सीएम ने कहा, स्कूली नौकरी गंवाने वालों के साथ खड़े होने के लिए अगर कोई मुझे सजा देना चाहता है तो मैं जेल जाने को भी तैयार हूं। यह बयान उन्होंने उन शिक्षकों के पक्ष में दिया, जिनकी नियुक्ति भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते रद्द की गई है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राज्य के 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्तियां रद्द कर दी है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिक्षक भर्ती के मामले पर आए सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश की कड़ी आलोचना की है। ममता बनर्जी ने कहा, शिक्षा व्यवस्था को नष्ट करने की साजिश चल रही है। 9वीं, 10वीं, 11वीं, 12वीं के शिक्षक उच्च शिक्षा के प्रवेश द्वार हैं। कई शिक्षक स्वर्ण पदक विजेता हैं, उन्होंने अपने जीवन में बेहतरीन परिणाम हासिल किए हैं। आप उन्हें चोर कह रहे हैं। आप उन्हें अक्षम कह रहे हैं। आपको यह अधिकार किसने दिया? कौन यह खेल खेल रहा है? नौकरी खोने वाले लोगों को संबोधित करते हुए ममता ने कहा, कृपया यह न समझें कि हमने इसे स्वीकार कर लिया है। हम पत्थर दिल नहीं हैं और ऐसा कहने के लिए मुझे जेल भी हो सकती है, लेकिन मुझे इसकी परवाह नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट स्पष्ट करे कौन योग्य कौन नहीं-ममता बनर्जी

ममता ने यह सवाल उठाया कि सुप्रीम कोर्ट को यह स्पष्ट करना चाहिए कि कौन योग्य है और कौन नहीं। उन्होंने कहा, हमें एक लिस्ट दीजिए। किसी को भी शिक्षा व्यवस्था को तोड़ने का अधिकार नहीं है। ममता ने उदाहरण देते हुए कहा कि एनईईटी परीक्षा में भी कई आरोप लगे थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे रद्द नहीं किया। उन्होंने यह भी पूछा, बंगाल को क्यों निशाना बनाया जा रहा है? क्या बंगाल की प्रतिभा से लोग डरते हैं?

25,000 से अधिक शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मियों की नियुक्ति रद्द

बता दें कि पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में ममता सरकार को तब सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा जब कोर्ट ने 25,000 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती रद्द करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखने का फैसला सुनाया। सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में ये फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला 25 हज़ार शिक्षकों और स्कूल कर्मचारियों को लेकर पिछले दिनों ही आया है। सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षक भर्ती मामले में न सिर्फ अपना फैसला सुनाया बल्कि इस भर्ती को टेंटिड और दूषित भी करार दिया।

*মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় বক্তৃতা দেবেন অক্সফোর্ড বিশ্ববিদ্যালয়ের কেলগ কলেজে, গর্বিত এবং উচ্ছ্বসিত বাংলার ছাত্র-ছাত্রীরা*

Khabar kolkata News Desk : পশ্চিমবঙ্গের মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের যুক্তরাজ্য সফর তাঁর সরকারের জনকল্যাণমূলক প্রকল্পের সুবিধা প্রাপক শিক্ষার্থীদের মধ্যে উন্মাদনা ও গর্বের সঞ্চার করেছে। ২৭শে মার্চ অক্সফোর্ড বিশ্ববিদ্যালয়ের কেলগ কলেজে 'সামাজিক উন্নয়ন শিশু ও নারীর ক্ষমতায়ন' বিষয়ে বক্তব্য রাখতে চলেছেন তিনি, এই ঐতিহাসিক মুহূর্তে উচ্ছ্বাসে মেতেছে বাংলার বিভিন্ন শিক্ষাপ্রতিষ্ঠানের ছাত্র-ছাত্রীরা।

এই প্রসঙ্গে নদিয়ার কৃষ্ণনগর মহিলা কলেজের ছাত্রীরা বলেছে, "তিনি কুইন মেরি ইউনিভার্সিটি এবং লন্ডন স্কুল অফ ইকোনমিকস থেকেও আমন্ত্রণ পেয়েছেন। এটি শুধু আমাদের জন্যই নয়, সারা দেশের জন্যও গর্বের বিষয়।"

গৌড়বঙ্গ বিশ্ববিদ্যালয়ের ছাত্রছাত্রীরাও তাঁদের শ্রদ্ধা ও কৃতজ্ঞতা জানিয়ে বলেছে, "দেশের অন্যতম উচ্চতম পর্যায়ের এক মহিলা নেত্রী আন্তর্জাতিক মঞ্চে শিশু ও নারী ক্ষমতায়নের বিষয়ে বক্তব্য রাখতে চলেছেন। আমরা তাঁকে শুভেচ্ছা জানাই। দিদির কাছ থেকে আমাদের শেখা উচিত, কীভাবে জীবনের নানা প্রতিকূলতা সত্ত্বেও সমাজ ও দেশের উন্নয়নের জন্য কাজ করে যেতে হয়।"

আলিপুরদুয়ার বিশ্ববিদ্যালয়ের ছাত্রীদেরও মুখে হাসি ও গর্ব। তারা বলেছে, "আমাদের সম্মানীয় মুখ্যমন্ত্রী যখন কন্যাশ্রী, যুবশ্রী এবং রূপশ্রী-সহ বিভিন্ন জনকল্যাণমূলক প্রকল্পের কথা বিশ্বমঞ্চে তুলে ধরতে চলেছেন, তখন এটি আমাদের কাছে এক পরম গর্বের বিষয়। আমরা সবাই এই অনুষ্ঠানটি দেখার জন্য অধীর আগ্রহে অপেক্ষা করছি। শিক্ষক-শিক্ষিকা ও কর্মচারী সকলে মিলে অনুষ্ঠানটি শুনব।"

মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের উদ্যোগগুলি বাংলার বহু মহিলার জীবন বদলে দিয়েছে। দক্ষিণ দিনাজপুরের বাসিন্দা, দ্বিতীয় বর্ষের স্নাতক ছাত্রী সুপ্রিয়া টিগ্গা শেয়ার করেছেন, কীভাবে কন্যাশ্রী প্রকল্প তাঁর জীবন বদলে দিয়েছে। তিনি বলেন, "আমার বাবা একজন কৃষক, আর মা গৃহবধূ। আমাদের আর্থিক অবস্থা কখনই স্থিতিশীল ছিল না এবং আমার ভাই ও আমার পড়াশোনার খরচ চালানো বাবার পক্ষে কঠিন ছিল। কিন্তু মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের কন্যাশ্রী প্রকল্পের জন্যই আমি আমার পড়াশোনা চালিয়ে যেতে পেরেছি। এই উদ্যোগ অসংখ্য মেয়েকে শিক্ষার সুযোগ দিয়ে স্বাবলম্বী করে তুলেছে। এই সুযোগ পাওয়ার জন্য আমি সত্যিই কৃতজ্ঞ।"

তৃণমূল কংগ্রেস লক্ষ্মীর ভাণ্ডার, কন্যাশ্রী, রূপশ্রী এবং অন্যান্য কল্যাণমূলক প্রকল্পের সুবিধা প্রাপকদের কাহিনী শেয়ার করছে, যা সারা রাজ্যের মহিলা ও যুবতী মেয়েদের ক্ষমতায়ন করেছে, সুপ্রিয়া টিগ্গার কাহিনীও তারই অন্তর্ভুক্ত। কাল বিকেলে সোশ্যাল মিডিয়ায় তাদের বক্তব্য প্রকাশ করে, দল পোস্ট করেছে: "Smt. is set to deliver a keynote address on 'Social Development: Children & Women’s Empowerment' at Oxford University, London. The students of Bengal take pride in their beloved Didi and express their joy for this momentous occasion!"

दिल्ली के बाद पश्चिम बंगाल में ‘फर्जी वोटर’ बनेगा मुद्दा, ममता बनर्जी ने शुरू किया “खेला”

#mamatabanerjeeidentifyfakevoters

दिल्ली में हाल ही में विधानसभा चुनाव खत्म हुए हैं। इस चुनाव में बीजेपी ने 27 साल के बाद वापसी करते हुए अरविंद केजरीवाल की पार्टी को करारी शिकस्त दी। हालांकि सरकार गठन के बाद बीजेपी पर बड़ा आरोप लगा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि भाजपा ने दिल्ली और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव फर्जी वोटों के जरिए जीता। इसमें चुनाव आयोग ने मदद की। बता दें कि चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी ने वोटर लिस्ट में फर्जी नामों का मुद्दा जोर शोर से उठाया था। अब पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने गुरुवार को बड़ा दावा किया। कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में तृणमूल कांग्रेस के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि बंगाल में फर्जी वोटर कार्ड बनाने के लिए दो एजेंसियां भेजी गई हैं।

दो एजेंसियों का लिया नाम

दो संगठनों का सीधे तौर पर नाम लेते हुए ममता बनर्जी ने दावा किया कि भाजपा ने उन्हें मतदाता पहचान पत्र में धोखाधड़ी के लिए राज्य में भेजा गया। उन्होंने एक कागज हाथ में लिया और एक उदाहरण देकर समझाया कि क्या हो रहा है? तृणमूल सुप्रीमो ने कहा, जहां तक मुझे खबर मिली है। ‘एसोसिएशन ऑफ बिलियन माइंड्स’ और ‘कंपनी इंडिया 360 सब्सिडियरी’ नामक दो एजेंसियां हैं। कई लोगों ने उन्हें यहां भेजा है। ऑनलाइन हेरफेर किया गया। इसी एपिक कार्ड में बाहरी लोगों के नाम भी थे। उन्होंने कहा, ममता का दावा है कि जब बंगाल के लोग वोट देने जाएंगे तो कोई बाहर से आकर उनके लिए वोट देगा।

एक उदाहरण देते हुए ममता ने बताया कि मुर्शिदाबाद के रानीनगर के सैदुल इस्लाम और हरियाणा की सोनिया देवी नामक एक अन्य मतदाता के मतदाता पहचान पत्र का ईपीआईसी नंबर एक ही नाम है। इसी तरह से बंगाल के मोहम्मद अली हुसैन और हरियाणा के मंजीत के मतदाता पहचान पत्र का ईपीआईसी नंबर एक जैसा है। ममता का सवाल, “पश्चिम बंगाल वोट देगा या हरियाणा?” एक लंबी सूची दिखाते हुए ममता ने कहा, “सभी हरियाणा के मतदाता है। यह भाजपा का काम है। हरियाणा ही नहीं, गुजरात के मतदाताओं के नाम भी सूची में हैं।

बीजेपी के साथ चुनाव आयोग को भी लपेटा

ममता ने कहा- भाजपा नेताओं ने चुनाव आयोग के ऑफिस में बैठकर ऑनलाइन फर्जी मतदाता सूची बनाई है। उन्होंने पश्चिम बंगाल के हर जिले में फर्जी मतदाताओं को जोड़ा है। ज्यादातर वोटर गुजरात और हरियाणा से हैं। महाराष्ट्र और दिल्ली में विपक्ष इन तथ्यों का पता नहीं लगा पाया।

उन्होंने कहा- मैं बंगाल के लोगों से अपील करती हूं कि वे वोटर लिस्ट की जांच करें। किसी भी दिन एनआरसी और सीएए के नाम पर सही वोटर्स के नाम हटाए जा सकते हैं। भाजपा ऐसा करके किसी तरह टीएमसी को हराना चाहती है। ममता ने वोटर लिस्ट की जांच के लिए पार्टी स्तर पर कमेटी भी बनाई है।

इस मुद्दे पर आक्रामक हो रही टीएमसी

बता दें कि कुछ दिनों पहले भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि बीजेपी के कहने पर राज्य में फर्जी तरीके से वोटर लिस्ट में बाहरी लोगों के नाम जोड़े जा रहे हैं। साथ ही कहा कि महाराष्ट्र और दिल्ली में बीजेपी ने इसी तरह जीत हासिल की, लेकिन बंगाल में ऐसा नहीं चलेगा। अब टीएमसी के नेता इस मुद्दे पर आक्रामक हो रहे हैं। उनका का कहना है कि चुनाव आयोग के कुछ अधिकारी बीजेपी को लाभ पहुंचाने के लिए पश्चिम बंगाल के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में वोटर लिस्ट में बाहरी लोगों को नाम जोड़ रहे हैं।

ममता बनर्जी ने क्यों की इस्तीफे की पेशकश, भाजपा से किस बात के लिए मांगा सबूत?

#mamata_banerjee_said_will_resign_as_west_bengal_cm

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी की ओर से लगाए जा रहे आरोपों के बाद आक्रोश जाहिर किया। ममता बनर्जी ने बीजेपी नेताओं पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए अचानक अपने इस्तीफे की बात कह दी।बीजेपी के नेता ने उन पर बांग्‍लादेशी आतंक‍ियों के साथ रिश्ते होने, कट्टरपंथ‍ियों के साथ संबंध होने के आरोप लगाए थे। इस पर ममता बनर्जी ब‍िफर गईं।ममता ने कहा कि अगर भाजपा विधायक इन आरोपों को साबित कर दें, तो वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगी।

पश्चिम बंगाल विधानसभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने अपने खिलाफ बेबुनियाद टिप्पणियां करने के लिए भाजपा विधायकों की आलोचना की। बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने विधानसभा से निलंबित होने के बाद ममता बजर्नी पर सनसनीखेज आरोप लगाए थे। ममता बनर्जी इसी का जवाब दे रही थीं। ममता ने कहा, वे कह रहे हैं कि मेरे आतंकवादियों से संबंध हैं। इससे तो मर जाना ही अच्छा है। मैंने कुछ नहीं कहा फिर भी आप सबने मेरा संबंध आतंकवादियों से जोड़ दिया? यह देश सबका है। क्या मैं हिंदू धर्म का अपमान करती हूं या मुस्लिम लीग का समर्थन करती हूं? मैं कश्मीर या बांग्लादेश से आये आतंकवादियों के साथ रहती हूं? अगर आप इस आरोप को साबित कर सकें तो मैं एक दिन में सीएम पद छोड़ दूंगी। मैं प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखूंगी और पूछूंगी कि क्या विपक्षी नेता मेरे खिलाफ इस तरह के आरोप लगा सकते हैं।

ममता ने कहा, अभिव्यक्ति की आजादी उन्हें (भाजपा विधायकों को) नफरत फैलाने वाले भाषण देने और लोगों को बांटने की अनुमति नहीं देती है। अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब नफरत फैलाने वाली बातें नहीं है। आप (भाजपा विधायक) राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का सहारा लेते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं करते।

लालू यादव के बाद ममता बनर्जी का विवादित बयान, महाकुंभ को बताया 'मृत्युकुंभ'

#mamata_banerjee_called_mahakumbh_a_mrityukumbh

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महाकुंभ पर बेहद विवादित बयान दिया है। मंगलवार को अपने एक कार्यक्रम में ममता बनर्जी ने कहा, महाकुंभ अब महा कुंभ नहीं बल्कि 'मृत्यु कुंभ' में बदल गया है। मुख्यमंत्री ने अपने लंबे चौड़े संबोधन के बीच यूपी की सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा। वहीं, ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि महाकुंभ में वीआईपी को विशेष सुविधा मिल रही है, जबकि आम लोग परेशान हैं।

ममता बनर्जी ने कहा, यह 'मृत्यु कुंभ' है...मैं महाकुंभ का सम्मान करती हूं, मैं पवित्र गंगा मां का सम्मान करती हूं। लेकिन कोई योजना नहीं है। उन्होंने आगे कहा, कितने लोगों को बरामद किया गया है? अमीर, वीआईपी के लिए 1 लाख रुपए तक के शिविर प्राप्त करने की व्यवस्था उपलब्ध है। गरीबों के लिए, कुंभ में कोई व्यवस्था नहीं है।

ममता बनर्जी ने कहा, वीआईपी-वीवीआईपी को कोई दिक्कत नहीं हो रही है। लेकिन आम आदमी भीड़ में मर रहा है। इतना बड़ा आयोजन, इतने लोगों की जान चली गई. फिर भी लोग प्रचार में लगे हैं।

बता दें, ममता बनर्जी से पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने महाकुंभ को लेकर विवादित बयान दिया था। लालू यादव से जब कुंभ को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा था, कुंभ का क्या मतलब है, फालतू है कुंभ। उनके इस बयान के बाद सियासी गलियारें में हलचल मच गई थी।

अगर उसे फांसी हो जाती तो मैं खुद को सांत्वना दे सकती थी', आरजी कर केस में फैसले पर सीएम ममता नाराज

#rg_kar_case_mamata_banerjee_says_not_satisfied_with_court_decision

कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डाक्टर से दरिंदगी मामले में सियालदह कोर्ट ने सोमवार को दोषी सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बाण दास ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने दोषी पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। मामले में आए फैसले के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का बयान सामने आया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस फैसले से खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी ने दोषी के लिए मृत्युदंड की मांग की, लेकिन अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई।

सीएम ममता बनर्जी ने नाराजगी जताते हुए कहा था, हम शुरू से ही फांसी की मांग करते आए हैं, लेकिन कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई। अगर केस सीबीआई को नहीं सौंपा होता और हमारे हाथ में होता तो बहुत पहले ही फांसी की सजा हो गई होती। मैं इस फैसले से संतुष्ट नहीं हूं।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उन्होंने (सीबीआई) जानबूझकर मामला हमारे हाथ से छीन लिया और चले गए। मैंने पहले भी कहा था कि अगर हम ऐसा नहीं कर सकते तब मामला सीबीआई को दे दीजिए, कोई समस्या नहीं। हम न्याय चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हम इन दरिंदों के लिए कड़ी से कड़ी सजा चाहते हैं। ममता बनर्जी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह संतुष्ट नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर उसे फांसी हो जाती तो मैं खुद को सांत्वना दे सकती थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पहले दिन से ही मृत्युदंड की मांग कर रहे हैं। मैं आज भी उस मांग पर कायम हूं। लेकिन मैं अदालत के फैसले के बारे में कुछ नहीं कहूंगी। मैं अपने और टीम के लिए बोल सकती हूं। हमने तीन मामलों में 54 से 60 दिनों के भीतर फांसी देने का आदेश दिलाया है। यह एक गंभीर मामला है।

बता दें कि कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डाक्टर से दरिंदगी मामले में कोर्ट ने दोषी संजय रॉय को उम्र कैद की सजी सुनाई है। अदालत ने राज्य सरकार को मृतक चिकित्सक के परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया।

बांग्लादेश से घुसपैठ के लिए ममता बनर्जी ने बीएसएफ पर लगाए गंभीर आरोप, केजरीवाल ने दिया साथ

#mamata_banerjee_claim_bsf_infiltrating_illegal_bangladeshis_in_india_arvind_kejriwal_support

भारत में बड़ी संख्या में बांग्‍लादेशी घुसपैठ‍िए रह रहे हैं। दिल्‍ली से लेकर महाराष्‍ट्र तक जब इनकी तलाश शुरू हुई तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। अब इन्‍हें पकड़-पकड़कर बांग्‍लादेश भेजा जा रहा है। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने देश की रक्षा कर रहे जवानों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि बीएसएफ बांग्लादेश से घुसपैठ करा रही है। इतना ही नहीं, द‍िल्‍ली के पूर्व मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी ममता का साथ देते दिख रहे हैं। केजरीवाल ने आरोप आरोप लगाया है कि केंद्र की बीजेपी सरकार जानबूझकर बांग्लादेश सीमा से घुसपैठ करवा रही है।

ममता बनर्जी ने गुरुवार को केंद्रीय बलों पर राज्य को अस्थिर करने के लिए बांग्लादेशी आतंकवादियों को बंगाल में घुसने देने का आरोप लगाकर खलबली मचा दी। इसे केंद्र की 'नापाक योजना' बताते हुए बनर्जी ने कहा कि बांग्लादेश सीमा की रक्षा करने वाली बीएसएफ बंगाल में घुसपैठ की इजाजत दे रही है। पश्चिम बंगाल की सीएम ने कहा बीएसएफ अलग-अलग इलाकों से बंगाल में घुसपैठ करा रही है। बीएसएफ महिलाओं पर अत्याचार भी कर रही है। मैं डीजीपी से कहूंगी कि वे जांच करें कि किन जगहों से लोगों को बीएसएफ ने घुसने दिया है, क्योंकि सीमा हमारे हाथ में नहीं है। अगर कोई आरोप लगाता है कि टीएमसी घुसपैठ करवा रही है तो मैं कहूंगी कि सीमा बीएसएफ के अधीन है और बीएसएफ ही ये सब कर रही है, इसलिए हमें दोष न दें और घुसपैठ के लिए टीएमसी पर आरोप न लगाएं। यह भी पढ़े -मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल एसटीएफ ने आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में दो युवकों को किया गिरफ्तार।

ममता बनर्जी ने कहा- टीएमसी, बीएसएफ की सुरक्षा नहीं कर रही है। लेकिन पुलिस के पास सारी जानकारी है। केंद्र के पास सारी जानकारी है। राजीव कुमार ने मुझे कुछ जानकारी दी है और मुझे कुछ स्थानीय जानकारी भी मिली है। मैं इस संबंध में एक पत्र लिखूंगी। मैं यहां और बांग्लादेश में भी शांति चाहती हूं। हमारे बीच कोई दुश्मनी नहीं है। अगर मुझे नजर आएगा कि कोई मेरे राज्य में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है तो मैं विरोध करूंगी।

इधर, दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी रोहिंग्या के मुद्दे पर लगातार बीजेपी पर हमला बोल रही है। इसी क्रम में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा, इससे ऐसा लगता है कि केंद्र की बीजेपी सरकार जानबूझकर बांग्लादेश सीमा से घुसपैठ करवा रही है। क्या केंद्र सरकार जानबूझकर बांग्लादेश सीमा से घुसपैठ करवा रही है या फिर बीजेपी सरकार सीमा की सुरक्षा करने में विफल है?

वहीं, आप नेता ने एक अन्य पोस्ट में एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि बीजेपी के झूठ को उसकी ही दिल्ली पुलिस ने बेनकाब कर दिया है. वीडियो में एक रिपोर्टर दिल्ली पुलिस कमिश्नर से पूछ रहा है कि क्या दिल्ली में अवैध रूप से बसे बांग्लादेशियों से आम आदमी पार्टी का कोई संबंध है? इस पर पुलिस कमिश्नर कहते हैं कि, ‘हमें इस संबंध में अभी तक ऐसा कोई एंगल नहीं मिला है।’