प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर राष्ट्रीय पोषण अभियान बना जन आंदोलन, राष्ट्रव्यापी उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है पोषण माह अभियान
रायपुर- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर राष्ट्रीय पोषण अभियान ने एक जन आंदोलन का रूप ले लिया है। चालू माह में पोषण अभियान को राष्ट्रव्यापी उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। राज्य के 52 हजार से अधिक आंगनबाड़ियों में पोषण अभियान संचालित हो रहा हैं। वहीं स्वास्थ्यवर्धक विभिन्न गतिविधियों को आयोजन भी किया जा रहा है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं, किशोरियों और छह वर्ष की आयु तक के बच्चों की पोषण स्थिति पर ध्यान केंद्रित करके कुपोषण को दूर करने के लिए वर्ष 2018 में ’राष्ट्रीय पोषण अभियान’ के रूप में शुरू किया था।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि सुपोषण छत्तीसगढ़ बनाने के लिए हमारी सरकार दृढ़ संकल्पित है, उन्होंने राज्य के समस्त जनप्रतिनिधि, पंचायती राज संस्था के प्रतिनिधियों महिला स्व-सहायता समूहों, प्रबुद्ध वर्ग, विद्यार्थी वर्ग, सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों के निकायों के प्रतिनिधि एवं समस्त जनसमुदाय से अपील करते हुए कहा है कि पोषण माह की गतिविधियों में पूरे उत्साह और ऊर्जा के साथ छत्तीसगढ़ को कुपोषण और एनीमिया मुक्त बनाने में सहभागी बने। महिलाओं और बच्चों को पोषण के प्रति जागरूक करने के लिए है जन प्रतिनिधियों, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, महिला स्वसहायता समूह, प्रबुद्ध नागरिकों, विद्यार्थियों और स्थानीय जन समुदाय को शामिल किया गया है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि सितंबर माह के प्रथम दिवस से पोषण माह 2024 मनाया जा रहा है, जो पोषण जागरूकता को बढ़ावा देने और एक स्वस्थ भारत के निर्माण की दिशा में समर्पित एक राष्ट्रव्यापी उत्सव है। इस वर्ष अपने 7वें चरण में, पोषण माह अभियान एनीमिया की रोकथाम, विकास निगरानी, सुशासन और प्रौद्योगिकी के माध्यम से प्रभावी सेवा वितरण, पोषण भी पढ़ाई भी और पूरक पोषण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पोषण माह के तहत् छत्तीसगढ़ के लगभग 52 हजार आंगन बाड़ी केन्द्रों में महिलाओं और बच्चों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने और उनके पोषण संबंधित देख-भाल के लिए समझाईश दी जा रही है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ को एनीमिया और कुपोषण मुक्त बनाने के लिए गांवों में महिला बाल विकास विभाग द्वारा सुुपोषण रथ के माध्यम से जागरूकता लाई जा रही।
राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्रो में प्रतिदिन पोषण व स्वच्छता संबंधी विभिन्न गतिविधियां आयोजित हो रही हैं। साथ ही जिले में 23 सितंबर 2024 तक सभी केंद्रों में वजन त्यौहार मनाया जा रहा है। इस दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों में 0 से 06 वर्ष के बच्चों का वजन एवं ऊंचाई मापना, पोषण स्तर की जांच एवं उनके अभिभावकों को पोषण संबंधित जानकारी दी जा रही है। राज्य में राष्ट्रीय पोषण माह अंतर्गत अब तक डैशबोर्ड में 29 लाख 60 हजार 333 गतिविधियों की एंट्री की जा चुकी है। महिला एवं बाल विकास विभाग की संचालक सुश्री तूलिका प्रजापति ने विभाग के सभी अधिकारी-कर्मचारियों को की जा रही शत-प्रतिशत गतिविधियों की ऑनलाइन एंट्री करने के निर्देश दिए हैं।
सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में भी समूह बैठक में वजन त्यौहार के बारे में चर्चा की जा रही है। ग्रामीण महिलाओं से चर्चा के दौरान 0 से 06 साल के बच्चे, किशोरी बालिकाओं को खान-पान और स्वास्थ्य देखभाल के बारे में बताया जा रहा है। महिला बाल विकास की योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही गर्भवती महिलाओं से पौष्टिक आहार भोजन में शामिल करने का आग्रह किया जा रहा है।
राष्ट्रीय पोषण माह के साथ ही 12 से 23 सितम्बर तक प्रदेश की आंगनबाड़ियों में वजन त्यौहार भी मनाया गया। जिसके अंतर्गत बच्चों के वजन में बढ़ोत्तरी को मापने के साथ ही सामुदायिक जागरूकता का कार्य भी किया गया। वजन त्यौहार के दौरान बच्चों के वजन सहित अन्य विवरण महिला और बाल विकास विभाग के मोबाइल ऐप पर दर्ज किया गया। इसी तरह, पोषण माह के दौरान सुपोषण चौपाल, अन्नप्राशन दिवस, परिवार चौपाल, पोषण मेला, व्यंजन प्रदर्शन जैसे आयोजन पंचायत और शहरी क्षेत्रों में किए जा रहे हैं। पोषण के प्रति बच्चों को जागरूक करने के लिए स्कूलों में नारा लेखन, निबंध, चित्रकला और दीवार लेखन, स्पर्धाएं आयोजित की जा रही हैं। साथ ही स्वस्थ बालक-बालिका प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जा रहा है। राष्ट्रीय पोषण माह के तहत ग्राम पंचायत के सहयोग से आंगनबाड़ी केंद्रों और शालाओं में पोषण वाटिका भी विकसित की जा रही है।
राष्ट्रीय पोषण माह 2024 सिर्फ़ एक अभियान नहीं है - यह एक आंदोलन है। किशोरियों को शामिल करके ’एनीमिया मुक्त भारत’ कार्यक्रम के लिए निरंतर समर्थन देकर और सामुदायिक भागीदारी का लाभ उठाकर, भारत कुपोषण मुक्त भविष्य की ओर अपनी यात्रा को तेज़ कर रहा है।
पोषण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता सतत विकास के लिए उसकी महत्वाकांक्षा का आधार है। आइए हम सब मिलकर काम करने का संकल्प लें, ताकि भारत में हर बच्चे, माँ और परिवार को पौष्टिक भोजन और स्वस्थ भविष्य मिल सके। इस अभियान में हम सभी शामिल हों। साथ मिलकर हम कुपोषण मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।

रायपुर- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर राष्ट्रीय पोषण अभियान ने एक जन आंदोलन का रूप ले लिया है। चालू माह में पोषण अभियान को राष्ट्रव्यापी उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। राज्य के 52 हजार से अधिक आंगनबाड़ियों में पोषण अभियान संचालित हो रहा हैं। वहीं स्वास्थ्यवर्धक विभिन्न गतिविधियों को आयोजन भी किया जा रहा है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं, किशोरियों और छह वर्ष की आयु तक के बच्चों की पोषण स्थिति पर ध्यान केंद्रित करके कुपोषण को दूर करने के लिए वर्ष 2018 में ’राष्ट्रीय पोषण अभियान’ के रूप में शुरू किया था।





रायपुर- संस्कारों के बिना शिक्षा अधूरी है। केवल ज्ञान या कौशल से समाज का समुचित विकास नहीं हो सकता। संस्कार ही व्यक्ति को सच्चा नागरिक बनाते हैं, जो समाज और राष्ट्र के कल्याण में योगदान दे सकता हैं।



रायपुर- विश्व बांस दिवस पर आज केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बेमेतरा में तैयार विश्व के सबसे ऊंचे बांस के टॉवर (Bamboo Tower) का ऑनलाइन लोकार्पण किया। छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ.रमन सिंह भी लोकार्पण कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े। बेमेतरा जिले के ग्राम कठिया में भव्य सृष्टि उद्योग द्वारा दुनिया के सबसे ऊंचे बांस के टॉवर का निर्माण किया गया है। करीब 11 लाख रुपए की लागत से निर्मित इस टॉवर की ऊंचाई 140 फीट और वजन 7400 किलोग्राम है। पेरिस के एफिल टॉवर जैसी डिजाइन वाला यह टॉवर भव्य सृष्टि उद्योग के फाउंडर और बांस प्रौद्योगिकी से जुड़े गणेश वर्मा ने बनाया है।

रायपुर- वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव पर छत्तीसगढ़ के पूर्व उप मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता टीएस सिंह देव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि आज के समय और संविधान के अंतर्गत यह संभव नहीं है. मान लीजिए जनवरी 2025 से वन नेशन वन इलेक्शन लागू हो गया है. अब पूरे देश की विधानसभाओं और लोकसभा के एक साथ चुनाव होंगे. किसी राज्य या केंद्र की सरकार दो साल बाद गिर जाती है और यह सरकार पांच साल तक के लिए चुनी जाती है, यानि उसका अगला चुनाव 2032 (जहां की सरकार गिरी हो) में आएगा और बाकी जगहों पर चुनाव 2030 में होंगे. इस स्थिति में वन नेशन वन इलेक्शन का क्या होगा? यह संभव ही नहीं है.
रायपुर- वन नेशन वन इलेक्शन प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. इस मामले में रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, इससे देश का विकास तेजी से होगा. देश में एक साथ चुनाव हो सकेंगे. आचार संहिता के कारण विकास के कार्य रुकते हैं. कांग्रेस पिछले 77 सालों में देश का विकास नहीं चाहती थी. एक देश एक चुनाव का मसला लंबे समय से टलता रहा है. मोदी जी का यह निर्णय स्वागत योग्य है.
रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में शुक्रवार 20 सितंबर सुबह 11:30 बजे से नवा रायपुर में महानदी भवन स्थित मंत्रालय में कैबिनेट की बैठक होगी। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने सभी विभाग सचिवों से कैबिनेट में मंजूरी योग्य प्रस्ताव समय पर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। यह बैठक करीब एक माह बाद हो रही है, जिसमें राज्योत्सव आयोजन, धान खरीदी की शुरुआत, नई औद्योगिक नीति, और नक्सलवाद खत्म करने के लिए पुनर्वास नीति समेत कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने की संभावना है।
रायपुर- मध्यप्रदेश के पीसीसी चीफ जीतू पटवारी विधायक देवेंद्र यादव से मुलाकात करने रायपुर के सेंट्रल जेल पहुुंचे हैं. इसके बाद वे कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय जाएंगे. प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज समेत बड़ी संख्या में कॉंग्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी सेंट्रल जेल में मौजूद हैं. बता दें कि बलौदाबाजार हिंसा मामले में करीब महीनेभर भिलाई विधायक देवेंद्र यादव जेल में बंद हैं.
अम्बिकापुर- सफलता की कोई निश्चित परिभाषा नहीं है बल्कि ऊर्जा, विचार, शक्ति का अर्जन है। यह समाज के लिए सकारात्मकता के साथ व्यक्तित्व का निर्माण करती है। यह बातें बुधवार को श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग के तत्वावधान में आयोजित पर्सनालिटी डेवलपमेंट एवं कॅरिअर गाईडेंस विषय पर आयोजित एकदिवसीय सेमिनार के दौरान सिकन्दराबाद के शिवा शिवानी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के निदेशक मुख्य वक्ता डॉ.एस.व्ही रमन्ना राव ने कही।उन्होंने कहा कि उपाधियों के साथ स्किल जरूरी है। उन्होंने कहा कि सफलता के लिए परिस्थितियां निर्णायक होती हैं। उन्होंने श्रीकांत, पद्मश्री अरूणिमा सिन्हा और स्टीव जाब्स के संघर्षों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जिन्दगी में हार नहीं मानना, लगातार परिश्रम करना और निरन्तर अभ्यास से सफलता मिलती है।

रायपुर- छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय के कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना समेत 6 सूत्रीय मांग को लेकर तीन दिवसीय हड़ताल पर चले गए हैं. इसके चलते निकायों में कामकाज ठप हो गया है. इन कर्मचारियों की मांग है कि नगरीय निकायों के कर्मचारियों को प्रतिमाह 1 तारीख को वेतन भुगतान ट्रेजरी के माध्यम से सुनिश्चित किया जाए.
Sep 18 2024, 19:22
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