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बड़े गड्ढों से पटी सड़क,रोज घायल हो रहे लोग ,खजनी माल्हनपार गोला मार्ग पर नहीं जाना चाहते लोग

खजनी गोरखपुर। तहसील क्षेत्र की खजनी स्टेट बैंक तिराहे से माल्हनपार होकर गोला बाजार बड़हलगंज की ओर जाने वाली मुख्य सड़क पर बने बड़े गड्ढों ने यात्रियों की दुश्वारियां इस कदर बढ़ा दी हैं कि लोग अब इस मार्ग को छोड़कर खजनी सिकरीगंज उरूवां गोला मार्ग से यात्रा करने के लिए विवश हो चुके हैं। इलाके में मृत व्यक्तियों के शव दाह के लिए बड़ी संख्या में लोग गोला और बड़हलगंज में सरयु नदी के तट पर स्थित मुक्तिपथ पर जाते हैं। बड़े गड्ढों के कारण ट्रैक्टर ट्राली,जीप और पिकप आदि वाहनों को 40 किमी लंबा सफर तय करने में 3 घंटे से भी अधिक समय लग जाता है। यात्रियों को हिचकोले खाते हुए यात्रा करने पर उनके शरीर की हड्डियां चटक जाती हैं। बड़े गड्ढों में फंसकर रोज दर्जनों की संख्या में लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं।

किंतु लोक निर्माण विभाग द्वारा करोड़ों की लागत से बने इस संपर्क मार्ग की मरम्मत कराने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। इस रोड की हालत बेहद दयनीय हो चुकी है। इस मार्ग पर बसे दर्जनों गांवों के हजारों लोग अपनी किस्मत को कोसते हुए लोक निर्माण विभाग तथा शासन प्रशासन को अपशब्द कहते हुए अपना तीव्र आक्रोश जताते हुए यात्राएं पूरी करते हैं।

गड्ढा मुक्त सड़कों का दावा करने वाली प्रदेश सरकार तथा सीएम के गृह जनपद के इस संपर्क मार्ग से गुजरने वाले लोग दुबारा इस मार्ग पर न आने की कसमें खाते हैं। किंतु इस मार्ग पर स्थित सहसीं, बढ़नी, पिपरां, औंजी, डंड़वां, बढ़ैपुरवां, पैसां, लोनावं, माल्हनपार समेत दर्जनों गांवों के निवासियों के लिए इसी मार्ग से होकर गुजरना उनकी विवशता बनी हुई है।

गोपालपुर गांव के शिक्षक राकेश सिंह बताते हैं कि कई स्थानों पर सड़क बीच में टूट कर तालाब बन चुकी है। गड्ढों के बीच सड़क का पता ही नहीं चलता है। बेलूडीहां गांव के शिक्षक राजेश पांडेय और सुभाष यादव ने बताया कि लिंक एक्सप्रेस वे के निर्माण, इंडियन आॅयल के सीबीजी अर्थात कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट तथा गीडा इंडस्ट्रियल एरिया की ओर जाने वाले भारी वाहनों के आवागमन से सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है बीते 3 वर्षों में इसकी सही प्रकार से मरम्मत नहीं हुई है।

लापरवाही का आलम यह है कि सड़क पर बने बड़े गड्ढों को ढ़कने में भी कोई रूचि नहीं ले रहा है। आए दिन होने वाले हादसों में लोगों के हांथ पांव टूट जा रहे हैं। इसी प्रकार कैथवलियां हरख सिंह गांव के निवासी युवा भाजपा नेता एडवोकेट विनोद पांडेय, एडवोकेट दीपक मिश्रा बताते हैं कि हमारी मजबूरी है रोज इस मार्ग से आने जाने में शरीर के सारे नट बोल्ट ढीले हो जाते हैं थकान आ जाती है। औंजी गांव के ग्राम प्रधान बृजेन्द्र उर्फ बंटी चतुवेर्दी तथा शिक्षिका आभा पांडेय ने कहा कि सड़क के बीच 2 फुट गहरे और 5 से 6 फुट लंबे चौड़े बड़े गड्ढे हो गए हैं। यदि उनमें पानी भरा हो तो यात्रियों को पता ही नहीं चलता है जान हथेली पर लेकर लोग किसी तरह से अपनी यात्रा पूरी करते हैं।

मिली जानकारी के अनुसार लोक निर्माण विभाग के द्वारा इस मार्ग की मरम्मत के नाम पर हमेशा खानापूर्ति ही की जाती है और निर्माण के तुरंत बाद ही मार्ग क्षतिग्रस्त होने लगता है। बारिश के कारण बीते कई महीनों से लोग इस मार्ग की मरम्मत होने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन लोक निर्माण विभाग द्वारा इसकी मरम्मत कराने की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस संदर्भ में उप जिलाधिकारी खजनी कुंवर सचिन सिंह ने बताया कि शासन स्तर पर ही सड़कों के निर्माण और बजट की स्वीकृति दी जाती है, यदि स्थानीय लोगों की लिखित शिकायत मिलेगी तो शासन को समस्या से अवगत करा दिया जाएगा।

नाबालिग से मनचलो ने किया छेड़खानी, पुलिस जुटी है सुलह कराने में, पीड़िता ने लगाई एसएसपी से गुहार

बांसगांव गोरखपुर।बांसगांव नगर पंचायत के एक वार्ड की नाबालिग पीड़िता ने एसएसपी गोरखपुर से मुलाकात कर बताया कि मनचलों के आतंक से परेशान होकर गांव छोड़ने पर विवश हूं। वही स्थानीय प्रशासन द्वारा बार बार सुलह के दवाब के कारण नाबालिग छात्रा का स्कूल आना जाना बंद हो गया है। नाबालिग ने बताया कि वह घर से अपनी दादी और अपने छोटे भाई के साथ घर के पास स्थित दुर्गा मन्दिर पर दर्शन करने के लिए गयी थी ।

जब मन्दिर से दर्शन करके घर आ रही थी तो किराने की दुकान के पास तीन मोटर साइकिल पर सवार आठ लड़के वहा मौजूद थे मुझे देखते ही पीयूष सिंह और आयुष सिंह पुत्र दिनेश सिंह निवासी बांसगाँव ने हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया और मेरे साथ छेड़खानी करते हुए अश्लील हरकत करने लगे और चन्दन सिंह पुत्र दरगाही सिंह ओमवीर सिंह पुत्र अज्ञात वीरू सिंह अज्ञात और अन्य लोग जिनका नाम नहीं पता है मुझे जबरदस्ती मोटर साइकिल पर बैठाने लगे और कहने लगे इसको उठाकर ले चलो इसके साथ मजे किया जायेगा।

मैंने शोर किया तो आस पास के लोग इकट्ठा होने लगे उनको देखकर मुल्जीमान घबरा गये। उसी दौरान किसी तरह से उपरोक्त मुल्जीमानो से हाथ छुड़ाकर घर आयी और शाम को जब मैं घर आई तो मुझे अपने साथ हुई घटना के बारे में सारी बात अपने परिजनों को बताई। मैं पीयूष सिंह को पहचानती हूँ। पीयूष सिंह पहले भी मेरा पीछा करता था। मैं जब इस बात की शिकायत करने के लिए पीयूष सिंह के घर मैं अपने परिजन के साथ उस दिन घटना में शामिल लोगों ने माफी मांगते हुए कहा कि भविष्य में ऐसी कोई घटना नहीं होगी। दिनांक 9 सितंबर को रात को 8 बजे के करीब पुन: पीयूष सिंह चन्दन सिंह व अन्य जबरजस्ती घर के सहन मे आकर मेरे साथ अश्लील हरकत करते हुए मोटरसाइकल पर बैठाने लगे जैसे ही शोर मचाई कि लोग बाहर आकर उनके पीछे दौड़े वह लोग मुझे ढकेल कर भाग गये। इस सम्बध प्राथीर्नी के पिता 112 नंबर पर तत्काल सूचना दिया और थाने में 11 सितंबर को तहरीर दिया।

12 सितंबर को बांसगांव चौकी इंचार्ज व सिपाही घर आकर बयान दर्ज कराने के लिए मुझे मेरे भाई मेरे पिता व पाटीदार को थाने ले गई और अपराधियो के दबाव में प्रार्थिनी के पिता को लॉकप में बंद कर दिया। और सुलाहनामा का दबाव बनाने के लिए धमकी देने लगे कि अगर सुलह नही किया तो मेरे पिता और पाटीदार भाई को फर्जी मुकदमे में फसा दिया जायेगा और मेरे ऊपर एसिड फेक दिया जाएगा।जिसके बाद मैने 12 सितंबर को शाम को मुख्यमंत्री महोदय डीजीपी महोदय एसएसपी महोदय को ईमेल के माध्यम से सूचना दे दिया गया है। सदमे व भय में होने के कारण स्कूल जाना बंद हो गया है। अपराधियों के धमकी के चलते मुझे गांव छोड़ने पर विवश होना पड़ा रहा है। 13 दिनों से पढ़ाई बाधित हो गई है । वही डर के नाते घर से निकल नही रही हू।

घाघरा नदी के जल स्तर में बृद्धि होने से बिसरा गांव में घुसा पानी

गोला गोरखपुर। घाघरा नदी के जल स्तर में निरन्तर हो रहे बृद्धि से गोला तहसील क्षेत्र के 10 गांव मेरुण्ड बन चुके है । मेरुण्ड गॉवो में प्रशासन द्वारा कुल 16 नावे लगा दिया गया है। तहसील मुख्यालय के बगल में स्थित बिसरा व नदी तट पर स्थित ग्रामसभा तिरागाव की स्थिति नाजुक बन गयी है।गांव में बाढ़ का पानी घुस आया है ।गांव के लोगो को गाव के बाहर आने जाने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है । जिससे गांव के लोगो मे दहशत बना हुआ है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार बिगत दो दिनों से घाघरा नदी के जल स्तर में हो रही भारी बृद्धि ने नदी तट पर स्थित गावो में तबाही का मंजर ला दिया है।हालांकि तहसील प्रशासन की निगाहें बाढ़ ग्रस्त गांव पर बराबर टिकी हुई है। अब तक कुल दस गांव मेरुण्ड बन चुके है ।तहसील के पश्चिम तरफ कुरावल गांव, पूरब तरफ ज्ञान कोल, कोलखास, बगहा, पटना एतमली, गोरखपुर, कोटिया निरंजन, खडेसरी, नेतवार पट्टी, कोटिया दीप साह ,जहाँ अब तक 16 नावें कार्य कर रही है। वही गोला सरयू तट समीप पर स्थित बिसरा गांव व तिरागाव में बाढ़ का पानी घुस गया है ।

तिरागाव के प्रधान सूरज कुमार ने बताया कि लोगो का बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।लोग पानी मे चल कर अपनी आवश्यकता को पूरा कर रहे है। घाघरा के जल स्तर में अगर इसी तरह बढोत्तरी होती रही तो जल्द ही पूरा गांव मेरुण्ड बन जायेगा। इस प्रकरण में तहसीलदार गोला बृजमोहन शुक्ला ने बताया कि राजस्व कर्मी नजर बनाए हुए हैं.जरूरत के अनुसार नाव का इंतजाम किया गया है।

संस्कृतनिष्ठ भारतीय संस्कृति में ही है मूल्यपरक जीवन पद्धति का वर्णन : प्रो. पांडेय

गोरखपुर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी के ज्योतिष विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. विनय कुमार पांडेय ने कहा कि यूनान, रोम, मिस्र, यूरोप समेत दुनिया के किसी भी देश के धर्मग्रंथ या इतिहास में जीवन पद्धति का उल्लेख नहीं है। जबकि संस्कृत से प्रस्फुटित वेदों, पुराणों से बनी भारतीय संस्कृति में ही मूल्यपरक जीवन पद्धति का वर्णन है। भारतीय संस्कृति ही एकमात्र ऐसी संस्कृति है जिसमें परिवार, समाज, राष्ट्र और यहां तक कि दुश्मनों के प्रति मर्यादा बताई गई है। अमर्यादित आचरण तभी होता है जब हम अपनी संस्कृति से विमुख होते हैं। मर्यादित आचरण का भान कराने वाली हमारी संस्कृति संस्कृतमूलक है और हमें अपनी भारतीय संस्कृति और संस्कृत पर गर्व होना चाहिए।

प्रो. पांडेय बुधवार को युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज की 55वीं और राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की 10वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में समसामयिक विषयों के सम्मेलनों की श्रृंखला के चौथे दिन ‘संस्कृत एवं भारतीय संस्कृति’ विषयक सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संस्कृत पढ़ने और समझने वाला कभी भी भारतीय संस्कृति नहीं छोड़ सकता है। क्योंकि, संस्कृत का गहरा प्रभाव पड़ता है और संस्कृत से बनी भारतीय संस्कृति मन-मस्तिष्क को शुद्ध करती है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति विकास और ज्ञान के समवेत स्वरूप को लेकर चलती है। हमारे यहां ज्ञान और विज्ञान साथ-साथ चले हैं। अध्यात्म, धर्म भारतीय संस्कृति के मूल अंग हैं। प्रो. पांडेय ने कहा कि संस्कृति को समझने के लिए हमें प्रकृति और विकृति को भी समझना पड़ेगा। उदाहरण के लिए भूख लगना प्रकृति है। भूख लगने पर जब समूह में लोगों का भोजन कोई एक ही छीन ले तो यह विकृति होगी जबकि सबके साथ मिल बांटकर खाना या फिर खुद भूखे रहकर अन्य जरूरतमंद लोगों को खिला देना संस्कृति कही जाएगी। और, यही भाव भारतीय संस्कृति का है। उन्होंने कहा कि आज जब पूरा विश्व अर्थवाद और बाजारवाद की चपेट में है, दूसरों का अधिग्रहण न करने का ज्ञान देने वाली भारतीय संस्कृति ही मार्गदर्शक नजर आती है। इसलिए आज पूरी दुनिया भारतीय संस्कृति का अनुपालन करने के लिए लालायित है।

*संस्कृति ने ही भारत को स्थायी गुलामी से बचाया*
प्रो. पांडेय ने कहा कि भारतीय संस्कृति के जीवन मूल्यों की ही देन रही है कि भारत को स्थायी रूप से कोई गुलाम नहीं बना पाया। भारतीयों को उनकी संस्कृति से दूर करने के लिए विदेशी आक्रमणकारियों ने सबसे पहले संस्कृत ज्ञान परंपरा को मिटाने की कोशिश की। मैकाले की शिक्षा पद्धति इसका उदाहरण है क्योंकि उसे पता था कि जब तक भारत के घरों में संस्कृत है तब तक भारत को हमेशा के लिए गुलाम नहीं बनाया जा सकता।

*भारतीय संस्कृति कराती है कर्तव्य बोध*
प्रो. पांडेय ने कहा कि भारतीय संस्कृति कर्म प्रधान है। यह कर्तव्य का बोध कराती है। जबकि पश्चिमी देशों की संस्कृतियां अधिकारों पर जोर देती हैं। अधिकार प्रधान इन संस्कृतियों ने लोगों को कर्तव्यों से विमुख करना शुरू कर दिया। भारत के संस्कृतनिष्ठ ग्रंथों से हमेशा कर्तव्यों की राह दिखाई है। कारण, कर्तव्य करेंगे तो अधिकारों से कोई भी वंचित नहीं कर सकता है।

*विश्व की अन्य संस्कृतियों में मनुष्य उपभोक्ता*
प्रो. पांडेय ने कहा कि विश्व की अन्य संस्कृतियों में मनुष्य को प्रकृति का उपभोक्ता माना गया है। भारत की संस्कृति मनुष्य को प्रकृति का एक अंश मात्र, प्रकृति की श्रेष्ठ कृति और उसका संरक्षक मानती है। संस्कृत से आगे बढ़ी भारतीय संस्कृति ने सदैव ज्ञान, मूल्यों की स्थापना पर आधारित स्थायी विकास और विश्व बंधुत्व की भावना पर जोर दिया है।

*दो हजार वर्ष पूर्व थे दो ही विज्ञान, ज्योतिष और आयुर्वेद*
प्रो. पांडेय ने कहा कि भारतीय संस्कृति ने ज्ञान आधारित विज्ञान को अपनाया। उसने हमेशा यही माना है कि विज्ञान जरूरी है लेकिन हमें विनाश वाला विज्ञान नहीं चाहिए। पुरातन भारतीय संस्कृति इसीलिए पेड़ों को भी देवता मानती थी कि उसे पर्यावरण विज्ञान का संरक्षण करना था। उन्होंने कहा कि दो हजार वर्ष पूर्व दो ही विज्ञान थे, भारतीय ज्योतिष और आयुर्वेद। इसके अलावा दुनिया में और कोई विज्ञान नहीं था। 

*किसी घटना के मूल में छिपा होता है संस्कृति का मूल*
प्रो. पांडेय ने कहा कि संस्कृति को सभ्यता और परंपरा से जोड़ देते हैं या तीनों को समानार्थी शब्द मान लेते हैं। जबकि हमें यह जानना होगा कि संस्कृति एक दिन में नहीं बनती है। समाज की घटनाओं के परिणामों से संस्कृति बनती है। किसी घटना के मूल में संस्कृति का मूल छिपा होता है। उन्होंने कहा कि बार-बार होने वाली घटनाएं परंपरा वन जाती हैं और जब इसका समाज पर सकारात्मक परिणाम दिखने लगे तो यह संस्कृति बनती है। उन्होंने कहा कि 19वीं शताब्दी तक दुनिया रोम, यूनान और बेबीलोन की संस्कृति से आकर्षित थी। तब यह मान लिया गया था कि जीवन पद्धति का विकास इन्हीं संस्कृतियों से हुआ है। पर, 20वीं शताब्दी में जब विदेशी विद्वानों के भारतीय संस्कृति को लेकर शोधपरक लेख आते हैं तब दुनिया की आंख खुलती है।

*एकाकार रूप में हैं संस्कृत और भारतीय संस्कृति : डॉ. लक्ष्मी मिश्रा*
सम्मेलन में विषय प्रवर्तन करते हुए दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में संस्कृत विभाग की सह आचार्य एवं समन्वयक डॉ. लक्ष्मी मिश्रा ने कहा कि भारतीय सभ्यता और मनीषा में संस्कृत और संस्कृति को कभी पृथक रूप में नहीं देखा जा सकता। हमारे सभी वेदों, वेदांगों और पुराणों, दर्शनों समेत सभी वैदिक विद्याओं की रचना संस्कृत में ही है। ये वैदिक विद्याएं ही हमें संस्कृति देती हैं। इसलिए संस्कृत केवल भाषा नहीं है अपितु संस्कृति की जननी है। डॉ. मिश्रा ने कहा कि संस्कृति का सीधा संबंध संस्कार से है। संस्कृति को जानना अर्थात संस्कृति से जुड़ना और यदि संस्कृति से जुड़ना है तो हमें संस्कृत को आत्मसात करना ही होगा। उन्होंने कहा कि संस्कृत सृजित भारतीय संस्कृति मुख्यतः आध्यात्मिकता पर केंद्रित है। महायोगी गुरु गोरखनाथ ने भी इसी आध्यात्मिक संस्कृति को जन-जन से जोड़ने का व्यापक अभियान चलाया। डॉ. मिश्रा ने कहा कि संस्कृत और भारतीय संस्कृत के पोषण में गोरक्षपीठ और इसके श्रीमहंतों का माननीय योगदान रहा है। यह संस्कृत और संस्कृति की ध्वजवाहक पीठ है। उन्होंने कहा कि भारत में जब संस्कृत को त्रिभाषा से पृथक किया जा रहा था तब इस पीठ की अगुवाई में इस कृत्य का मुखर विरोध किया गया। संस्कृत और संस्कृति के उन्नयन में इस पीठ के महंत दिग्विजयनाथ जी, महंत अवेद्यनाथ जी और वर्तमान में योगी आदित्यनाथ जी की भूमिका अनिर्वचनीय है।

*संस्कृत से प्रस्फुटित हुई है भारतीय संस्कृति : प्रो. कमलचंद्र*
सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर के पूर्व आचार्य प्रो. कमलचचंद्र योगी ने कहा कि आज एक बार फिर पूरा विश्व भारत की आध्यात्मिक संस्कृति की महत्ता को स्वीकार कर रहा है। यह आध्यात्मिक संस्कृति, संस्कृत से ही प्रस्फुटित हुई है। संस्कृत और भारतीय संस्कृति को कभी विलग नहीं किया जा सकता है। संस्कृत ने न सिर्फ अध्यात्म बल्कि जीवन के भौतिक पक्ष का भी मार्गदर्शन करने वाले ज्ञान का प्रादुर्भाव किया है। आध्यात्मिक और भौतिक दोनों ही दृष्टिकोण से यदि भारतीय संस्कृति दुनिया में बहुमूल्य है तो इसका श्रेय भी संस्कृत को जाता है। उन्होंने कहा कि जब पश्चिमी संस्कृति के अंधानुकरण का दौर शुरू हुआ तो गोरक्षपीठ ने संस्कृत और भारतीय संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन का बीड़ा उठाया। सवाई, आगरा से आए ब्रह्मचारी दासलाल ने कहा कि संस्कृत वैज्ञानिक भाषा है। भारतीय संस्कृति, संस्कृत पर ही आश्रित है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति एक माला के रूप में है जिसमे वेद, वेदांग, पुराण आदि मनके हैं तो इन मनकों को माला में पिरोने वाली संस्कृत धागे की भूमिका में है।

सम्मेलन की अध्यक्षता गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, आभार ज्ञापन महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के सदस्य डॉ. शैलेंद्र प्रताप सिंह संचालन माधवेंद्र राज, वैदिक मंगलाचरण डॉ रंगनाथ त्रिपाठी, गोरक्षाष्टक पाठ आदित्य पाण्डेय व गौरव तिवारी ने किया।

इस अवसर पर दिगम्बर अखाड़ा, अयोध्या के महंत सुरेशदास, नासिक महाराष्ट्र से पधारे योगी डॉ. विलासनाथ, कटक उड़ीसा से आए महंत शिवनाथ, अयोध्या से आए महंत राममिलनदास, काशी से पधारे महामंडलेश्वर संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा, नीमच मध्य प्रदेश से आए योगी लालनाथ, देवीपाटन शक्तिपीठ, तुलसीपुर के महंत मिथलेशनाथ, जबलपुर से आए महंत नरसिंह दास, कालीबाड़ी के महंत रविन्द्रदास, दिग्विजयनाथ पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. ओमप्रकाश सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

भारतीय युवा मोर्चा महानगर इकाई द्वारा प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर किया रक्तदान

गोरखपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस के अवसर पर सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत भारतीय जनता युवा मोर्चा महानगर इकाई द्वारा गुरु गोरखनाथ चिकित्सालय के ब्लड बैंक में रक्तदान शिविर" का आयोजन किया गया। शुभारंभ जल शक्ति मंत्री, गोरखपुर प्रभारी मंत्री, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने फीता काट कर किया। जल शक्ति मंत्री ने युवा मोर्चा के इस प्रयास को सराहा। कहां की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस पर रक्तदान शिविर लगाना युवा मोर्चा कार्यकतार्ओं के देश और समाज के प्रति सेवा और समर्पण को दशार्ता है।

इस अवसर पर सत्यार्थ मिश्रा, मनमोहन सिंह, रजत गुप्ता, हर्ष श्रीवास्तव, कर्मवीर सिंह, कृष्णा तिवारी, शिवम राय, विशाल सिंह, शिवम राय, अभिषेक श्रीवास्तव, शिवम सिन्हा, हर्ष गुप्ता, मनीष सिंह, सुमित चौहान, साहिल श्रीवास्तव, अभिनव एबट, अनुराग त्रिपाठी, सुंदरम दुबे, अरुण सिंह, सत्या सिंह, आदर्श सिंह, सहित लोगों ने रक्तदान किया।

इस अवसर पर मुख्य रूप से महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, विधायक विपिन सिंह, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष विशवजिताशू सिंह आशू, विधान परिषद सदस्य सलिल विश्नोई, विधायक महेन्द्र पाल सिंह, मीडिया प्रभारी राहुल साहनी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

मृत गोवंश नदी में फेंकने वाले 5 सफाईकर्मी निलंबित

खजनी गोरखपुर। कस्बा संग्रामपुर उनवल नगर पंचायत के वार्ड संख्या-7 भकटोलिया मौजे के निवासी अब्दुल खालिद के मृत गोवंश को जरलहीं आमी नदी पुल से नदी के पानी में फेंकने वाले नगर पंचायत में कार्यरत 4 सफाई कर्मचारियों और एक वाहन चालक को कार्यमुक्त कर दिया गया है। बीते 12 सितंबर को 4 सफाई कर्मचारियों प्रभुनाथ, सर्वेश, पुरूषोत्तम, चंद्रशेखर और चालक संतोष को कार्यदाई संस्था व्ही.सी.कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर के द्वारा कार्यमुक्त कर दिया गया है।

बता दें कि मृत गोवंश को पुल से नदी में फेंकने की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। अमानवीय घटना को संज्ञान में लेते हुए नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी संजय कुमार सरोज ने कार्यदाई संस्था को कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया था। साथ ही नगर पंचायत कार्यालय के लिपिक व टेक्स कलेक्टर ने थानाध्यक्ष खजनी को प्रार्थनापत्र देकर पर्यावरणीय नियमों के उल्लंघन तथा मानवीय संवेदनहीनता के आरोप में केस दर्ज करने की अपील की है। थानाध्यक्ष सदानंद सिन्हा ने बताया कि घटना की जांच क्षेत्राधिकारी के द्वारा की जा रही है ?।

नंदापार में घर के समीप मृत मिला दिव्यांग युवक

खजनी गोरखपुर।थाना क्षेत्र के नंदापार गांव के निवासी रामप्रीत गुप्ता के पुत्र राम अचल गुप्ता का शव घर के समीप एक स्कूल के पीछे पड़ा मिला परिवारीजन उसे उठा कर अपने घर ले आए। इस बीच स्थानीय लोगों की सूचना पर पहुंची खजनी थाने के पुलिस ने फारेंसिक टीम को बुला कर प्रारंभिक जांच पड़ताल तथा पंचायतनामे के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए जिले पर भेज दिया।

मिली जानकारी के अनुसार मृतक दिव्यांग गूंगा, बहरा और अविवाहित तथा नशे का आदी था। उसे शराब पीने की बुरी लत थी। पुलिस घटना को स्वाभाविक मौत मान रही है।

थानाध्यक्ष सदानंद सिन्हा ने बताया कि मृतक के शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं मिला है, शव को पीएम के लिए भेज दिया गया है।

सेवा पखवाड़ा के रूप में मनाया गया पीएम का जन्मदिन

खजनी गोरखपुर। इलाके के प्रसिद्ध कोटही माता मंदिर परिसर और तहसील के समीप स्थित हनुमान मंदिर में सफाई करते हुए स्थानीय भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकतार्ओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 74 वां जन्मदिन मनाया। स्वच्छता एवं सेवा पखवाड़े के रूप में मनाए जा रहे पीएम के जन्मदिन के मौके पर सबेरे मंदिर परिसर में अभियान चला कर सफाई करने के बाद अस्पताल में भर्ती मरीजों को फल वितरित किए गए, साथ ही मिठाई खिलाकर और केक काट कर एक दूसरे को खिलाते हुए जन्मदिन बधाई देते हुए उनके लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना की गई। सांस्कृतिक कार्यक्रम भजन कीर्तन का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर भाजपा जिला उपाध्यक्ष हरिकेश त्रिपाठी खजनी मंडल अध्यक्ष धरणीधर राम त्रिपाठी आदि ने बताया कि उजार्वान नेता प्रधानमंत्री मोदी जी के अथक परिश्रम एवं देश के प्रति उनके समर्पण, राष्ट्र के विकास के प्रति उनके दृढ संकल्प से हमें और देश के सभी युवाओं को प्रेरणा लेनी चाहिए। मौके पर बृजकिशोर उर्फ गुलाब त्रिपाठी, खजनी मण्डल महामंत्री बृजेन्द्र चतुवेर्दी उर्फ बंटी, मंडल मंत्री आदर्श राम त्रिपाठी,केशव राय, अनिल पाठक नंदलाल जायसवाल, बृजेंद्र नाथ तिवारी उर्फ भोलू, कृष्ण मोहन भारतिया, राजेश सिंह, बी.एल. मौर्य, ग्रामप्रधान राहुल त्रिपाठी,गंगेश्वर त्रिपाठी, उत्तम मिश्रा जगरनाथ चौबे, पवन त्रिपाठी उर्फ टॉमी, अमित त्रिपाठी उर्फ रामू, आकाश शर्मा, गोंसाई बाबा, अमन सिंह, हरिलाल यादव, आकाश गौंड, सुधीर त्रिपाठी, शिवम त्रिपाठी, सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।

मृत गोवंश नदी में फेंकने वाले 5 सफाईकर्मी निलंबित

खजनी गोरखपुर। कस्बा संग्रामपुर उनवल नगर पंचायत के वार्ड संख्या-7 भकटोलिया मौजे के निवासी अब्दुल खालिद के मृत गोवंश को जरलहीं आमी नदी पुल से नदी के पानी में फेंकने वाले नगर पंचायत में कार्यरत 4 सफाई कर्मचारियों और एक वाहन चालक को कार्यमुक्त कर दिया गया है। बीते 12 सितंबर को 4 सफाई कर्मचारियों प्रभुनाथ, सर्वेश, पुरूषोत्तम, चंद्रशेखर और चालक संतोष को कार्यदाई संस्था व्ही.सी.कंस्ट्रक्शन एंड सप्लायर के द्वारा कार्यमुक्त कर दिया गया है।

बता दें कि मृत गोवंश को पुल से नदी में फेंकने की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। अमानवीय घटना को संज्ञान में लेते हुए नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी संजय कुमार सरोज ने कार्यदाई संस्था को कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया था। साथ ही नगर पंचायत कार्यालय के लिपिक व टेक्स कलेक्टर ने थानाध्यक्ष खजनी को प्रार्थनापत्र देकर पर्यावरणीय नियमों के उल्लंघन तथा मानवीय संवेदनहीनता के आरोप में केस दर्ज करने की अपील की है। थानाध्यक्ष सदानंद सिन्हा ने बताया कि घटना की जांच क्षेत्राधिकारी के द्वारा की जा रही है ?।

नशे में धुत्त बाइक सवार ने मारी स्कूटी को टक्कर, 2 गंभीर

खजनी गोरखपुर।थाने की उनवल चौकी क्षेत्र के कस्बा संग्रामपुर उनवल नगर पंचायत के वार्ड संख्या 11 में स्कूटी से जा रहे पिता पुत्र को नशे की हालत में तेज गति से बाॅक्सर बाइक सवार युवक ने जोरदार टक्कर मार दी।

हादसे में बुरी तरह से जख्मी हुए पिता पुत्र को गंभीर हाल में इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है।

घटना रात 9 बजे के बाद की है। बांसगांव थाने के धनईपुर गांव के निवासी रामसागर साहनी 45 वर्ष अपने बेटे अतुल साहनी 16 वर्ष के साथ अपने घर लौट रहा था। गौसिया मस्जिद के पास तेज रफ्तार में नशे की हालत में बाॅक्सर बाइक सवार युवक ने जोरदार टक्कर मार दी।

प्रत्यक्षदर्शीयों के अनुसार ठोकर इतनी तेज थी कि स्कूटी सवार पिता पुत्र हवा में उछल कर दूर जा गिरे, हादसे के बाद स्थानीय लोग बचाव में दौड़ पड़े बाइक सवार युवक भी बाइक से छिटक कर दूर जा गिरा। सूचना पर पहुंची पुलिस ने तत्काल एंबुलेंस से घायलों को इलाज के लिए जिले पर भेजा। साथ ही युवक की बाइक को कब्जे में लेकर उनवल पुलिस चौकी पर ले जाया गया।

हादसे के दौरान दोनों स्कूटी और बाइक सवार ने हेलमेट नहीं पहनी थी। बताया गया कि घायल युवक अपनी ससुराल उनवल में ही रहता था तथा टेकवार चौराहे पर समोसा पकौड़ा बेचकर आजीविका चलाता था। घटना के दौरान दुकान बंद कर अपने घर लौट रहा था।