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भाजपा और आरएसएस के खिलाफ प्रियंका गांधी वाड्रा का तीखा हमला,जाने क्या कहा

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर हमला बोलता है. प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधा है. प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा किनेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जैसे-जैसे मजबूती से जनता की आवाज उठा रहे हैं, वैसे-वैसे उनके खिलाफ जुबानी और वैचारिक हिंसा बढ़ रही है.

उन्होंने सवाल किया कि क्या देश के करोड़ों पिछड़ों, आदिवासियों, दलितों और गरीबों की आवाज उठाना इतना बड़ा अपराध है? प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि भाजपा की नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को को “उनकी दादी जैसा हाल” बना देने की धमकियां देने लगी है.

प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि लगातार एक के बाद एक अभद्र, हिंसक और अमानवीय बयानों से यह साबित होता है कि यह एक संगठित-सुनियोजित अभियान है. जो देश के लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है.

हिंसा को लोकतंत्र का मूलमंत्र बनाना चाहते हैं: प्रियंका

उन्होंने कहा कि इससे भी ज्यादा खतरनाक है प्रधानमंत्री, गृहमंत्री समेत समूचे आरएसएस-बीजेपी नेतृत्व का इसे शह देना और कोई कार्रवाई न करना.

प्रियंका गांधी वाड्रा ने आरएसएस और बीजेपी से सवाल किया कि वे लोग क्या अब हिंसा और नफरत को ही लोकतंत्र का मूलमंत्र बनाना चाहते हैं?

बता दें कि अमेरिकी दौरे पर सिखों की सुरक्षा का मुद्दा उठाने पर दिल्ली बीजेपी के नेता और पूर्व विधायक तरविंदर सिंह मारवाह ने कहा था कि राहुल गांधी बाज आ जा, नहीं तो आने वाले टाइम में तेरा भी वही हाल होगा जो तेरी दादी का हुआ.

स्टालिन ने भाजपा नेता पर बोला हमला, बयान की निंदा की

इस बीच डीएमके के नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन ने भाजपा नेता के बयान की आलोचना की. उन्होंने ट्वीट कर कहा किमीडिया में आई खबरों से गहरा सदमा लगा है कि भाजपा नेता ने धमकी दी है कि राहुल गांधी का भी उसकी दादी जैसा ही हश्र होगा तथा शिंदे सेना के एक विधायक ने जीभ काटने पर इनाम घोषित किया है. साथ ही अन्य धमकी भी दी गई है.

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के करिश्मे और बढ़ते जन समर्थन ने स्पष्ट रूप से कई लोगों को बेचैन कर दिया है, जिसके कारण इस तरह की घिनौनी धमकी दी जा रही है. केंद्र सरकार को विपक्ष के नेता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए और यह पुष्टि करनी चाहिए कि हमारे लोकतंत्र में धमकी और हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है.

आगरा में गणेश विसर्जन के दौरान डूब रहे चार युवकों को बहादुर लड़की ने बचाया

उत्तर प्रदेश के आगरा में गणेश विसर्जन करने आए चार युवक यमुना नदी में डूब गए. घटना से यमुना घाट पर चीख-पुकार मच गई. चारों युवक गहरे पानी में डूबने लगे. अचानक एक लड़की ने नदी में छलांग लगा दी. उसने एक-एक कर चारों युवकों को नदी से बाहर निकाल उनकी जान बचाई. लड़की की बहादुरी को देख हर कोई उसकी तारीफ कर रहा है.

यमुना में डूबे चारों युवक आपस में दोस्त हैं. उन्हें बचाने वाली लड़की यमुना घाट स्थित मंदिर पर प्रसाद बेचती है. मंदिर कमेटी ने बहादुर लड़की को सम्मानित किया. नदी में डूबे चारों युवक फिरोजाबाद के रहने वाले हैं. युवकों के सकुशल बचने पर परिजनों ने खुशी जताई. मामला आगरा के तीर्थ बटेश्वर के यमुना घाट का है.

बटेश्वर के यमुना घाट पर डूबे चार दोस्त

गणेश विसर्जन को लेकर मंगलवार को बटेश्वर के यमुना घाट पर बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे. यमुना नदी में मूर्ति विसर्जित करने के लिए भक्तों की भीड़ जमा थी. फिरोजाबाद से भी मूर्ति विसर्जन के लिए भक्त आए हुए थे. अचानक फिरोजाबाद से आए चार दोस्त नदी में डूब गए. पहले 19 साल का आकाश यमुना नदी में उतरा, अचानक उसका पैर फिसला और वह पानी में बहने लगा. आकाश को डूबता देख उसे बचाने के लिए उसका 17 साल दोस्त हिमालय भी नदी में कूद पड़ा. उसे भी तैरना नहीं आता और वह भी डूबने लगा.

मोहिनी ने बहादुरी से बचाई जान

आकाश और हिमालय को डूबता देख उसके दो और दोस्तों ने नदी में छलांग लगा दी. लेकिन पानी में चारों डूबने लगे. यह देख वहां मौजूद लोगों में चीख-पुकार मच गई. तभी घाट किनारे प्रसाद बेचने वाली 18 साल की मोहिनी नदी में कूद गई. उसने एक-एक क्र चारों युवकों को पानी से बाहर निकाला. मोहिनी की बहादुरी से चारों युवकों की जान बच गई. मोहिनी की बहादुरी देख वहां मौजूद लोगों ने इसकी सराहना की. बहादुर मोहिनी के साहस को मंदिर प्रबंधन ने सराहा और उसे सम्मानित किया.

भाद्रपद पूर्णिमा के दिन क्या दान करना चाहिए: जानें इसके लाभ और महत्व

हिंदू धर्म में भाद्रपद पूर्णिमा का बहुत अधिक महत्व होता है. इस पर्व के मौके पर लोग पितरों के लिए श्राद्ध करना और दान-पुण्य करना बहुत शुभ माना जाता है. भाद्रपद पूर्णिमा से ही पितृ पक्ष का आरंभ होता है. इस दौरान पितरों का श्राद्ध किया जाता है और उन्हें पिंडदान दिया जाता है. इस दिन दान करना बहुत शुभ माना जाता है. दान करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है. इससे पापों का नाश होता है और मन शुद्ध होता है. इस दिन सत्यनारायण की कथा का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है. इससे घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है.

भाद्रपद पूर्णिमा को हिंदू धर्म में एक पवित्र दिन माना जाता है. इस दिन दान करने का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस दिन किया गया दान कई गुना ज्यादा फल देता है. भाद्रपद पूर्णिमा पर कुछ विशेष चीजों का दान करने का विधान भी है. इन चीजों का दान करने से सभी बिगड़े काम बन जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.

इन चीजों का करें दान

1,कंबल: सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है. ऐसे में गरीबों और जरूरतमंदों को कंबल का दान करना बहुत शुभ माना जाता है. इससे गरीब लोगों को ठंड से राहत मिलती है और दान करने वाले को पुण्य की प्राप्ति होती है.

2,चावल: गरीबों को चावल का दान करने से घर में अन्न की कभी कमी नहीं होती है. यह दान करने से लक्ष्मी माता की कृपा प्राप्त होती है.

3,दूध: दूध का दान करने से स्वास्थ्य लाभ होता है और साथ ही यह दान करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

4,फल: फल का दान करने से स्वास्थ्य लाभ होता है और यह दान करने से देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

5,वस्त्र: वस्त्र का दान करने से गरीबों को कपड़े मिलते हैं और दान करने वाले को पुण्य की प्राप्ति होती है.

इसके अलावा तेल, नमक, चीनी, साबुन और शैम्पू आदि का भी दान कर सकते हैं.

इन बातों का रखें खास ध्यान

भाद्रपद पूर्णिमा पर दान करते समय मन में किसी प्रकार की कोई अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए और हमेशा मुस्कुराते हुए दान करना चाहिए. दान करते समय जरूरतमंद लोगों को ध्यान में रखें और किसी भी प्रकार का दिखावा नहीं करना चाहिए. भाद्रपद पूर्णिमा पर दान करने से मन को शांति मिलती है और अनजाने में किए हुए पापों का नाश होता है. इसके अलवा दान करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और मोक्ष की भी प्राप्ति होती है.

भाद्रपद पूर्णिमा पर क्या करें?

पितरों का श्राद्ध: इस दिन अपने पितरों का श्राद्ध करें और उन्हें पिंडदान दें.

दान: इस दिन अन्न, वस्त्र, धन आदि का दान करें.

पवित्र नदियों में स्नान: गंगा, यमुना आदि पवित्र नदियों में स्नान करें.

सत्यनारायण की कथा: सत्यनारायण की कथा का पाठ करें.

मंदिर में जाएं: किसी मंदिर में जाकर भगवान की पूजा करें.

भाद्रपद पूर्णिमा का महत्व

भाद्रपद पूर्णिमा अपने पितरों को याद करने और उनका आशीर्वाद लेने का अवसर देती है. यह हमें दान करने और सेवा करने का भी मौका देती है. इस दिन की गई पूजा और दान से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है.

नोट/इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के पंडित, ज्योतिष या किसी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.

अरविंद केजरीवाल का बड़ा फैसला: सरकारी आवास और सुविधाएं छोड़ने का किया ऐलान

दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल उन्हें मिलने वाली सरकारी सुविधाओं को छोड़ेंगे. केजरीवाल सरकारी आवास को कुछ हफ्ते में खाली करेंगे. आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि वह कुछ हफ्ते में सरकारी आवास को खाली कर देंगे. मुख्यमंत्री के तौर पर अरविंद केजरीवाल को बहुत सी सुविधाएं मिली हुई हैं लेकिन कल इस्तीफा देते ही उन्होंने कहा कि सारी सरकारी सुविधाएं छोड़ देंगे.

उन्होंने आगे कहा कि दूसरे नेता चिपके रहते हैं लेकिन अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकारी मकान कुछ हफ्ते में खाली कर देंगे. केजरीवाल की सुरक्षा को लेकर भी खतरा है. उनपर हमले भी हुए. हमने भी कहा कि यह घर जरुरी है लेकिन उन्होंने कहा कि मेरी रक्षा ईश्वर करेंगे. मैं 6 महीने जेल में खूंखार अपराधियों के बीच रहा.

मैं घर छोड़ूंगा’

इसके साथ ही संजय सिंह ने यह भी कहा कि अभी केजरीवाल कहां रहेंगे यह तय नहीं है लेकिन जल्द ही कोई ठिकाना तय किया जाएगा. केजरीवाल जी का कहना है कि अब ईश्वर ही मेरी रक्षा करेंगे. मैं घर छोड़ूंगा. बीजेपी जो कर रही है वह सभी आपके सामने है. पार्टी को खत्म करने की कोशिश की जा रही है लेकिन केजरीवाल ने हौसले से जवाब देने का काम किया है. आप सोचिए कि अगर केजरीवाल नहीं होंगे तो दिल्ली का क्या होगा, मुफ्त शिक्षा और इलाज कौन देगा, आपको सोचना होगा.

भाजपा पर साधा निशाना

संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ने कल अपने पद से इस्तीफा दिया. उनके इस फैसले से दिल्ली की जनता, दुखी और गुस्से में है कि उनके मुख्यमंत्री ने उनके लिए इतना काम किया लेकिन इस्तीफा देना पड़ा. लोग पूछ रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल को इस्तीफा क्यों देना पड़ा. आपने देखा होगा कि पिछले 2 सालों से भाजपा अरविंद केजरीवाल को बदनाम कर रही थी. झूठे मुकदमे लगाए गए. उनको भ्रष्टचारी बताया. कोई मोटी चमड़ी का नेता होता तो इस्तीफा नहीं देता लेकिन अरविंद केजरीवाल ईमानदार है.

बालापुर गणेश लड्डू प्रसाद की नीलामी में बीजेपी नेता कोलन शंकर रेड्डी ने 30 लाख 1 हजार रुपये में खरीदा

तेलंगाना के हैदराबाद जिले के बालापुर में प्रसिद्ध बालापुर गणेश लड्डू प्रसाद की नीलामी पर पूरे प्रदेश की निगाहें बनी रहीं. इस लड्डू की नीलामी पूरी हो चुकी है और इस साल इस लड्डू के 30 लाख 1 हजार रुपये में एक स्थानीय बीजेपी नेता ने खरीदा है. बप्पा के प्रसाद की नीलामी हर बार यहां पर चर्चा का विषय रहती है ऐसा इसलिए क्योंकि इस लड्डू से स्थानीय लोगों की गहरी आस्था जुड़ी हुई है.

लड्डू की नीलामी सबसे पहले 1994 में शुरू हुई थी. बालापुर गणेश के लड्डू को खरीदने की होड़ यहां पर काफी ज्यादा है इसकी वजह से स्थानीय लोगों में इसके प्रति मान्यता. कहा जाता है कि यह लड्डू खरीदने वाले के लिए सुख, समृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य लाता है. इसी वजह से इस लड्डू को लेने के लिए होड़ मची हुई है. इस लड्डू को बीजेपी वरिष्ठ नेता कोलन शंकर रेड्डी ने इस बार सबसे ऊंची बोली लगाकर अपने नाम किया है. बता दें उन्होंने लड्डू के लिए 30 लाख 1 हजार रुपये की बोली लगाई.

बीजेपी के शंकर रेड्डी ने लड्डू की बोली में पिछले साल के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है. पिछली साल इस लड्डू की बोली 27 लाख रुपये थी. 27 लाख की बोली देसारी दयानंद रेड्डी ने लगाई थी. बोली में मिली रकम को देख रेख में बालापुर के विकास कार्यों में खर्च किया जाता है. जब इस लड्डू की नीलामी की प्रक्रिया शुरू हुई थी यानी कि 1994 में स्थानीय किसान मोहन रेड्डी ने लड्डू की बोली उस दौर में 450 रुपये लगाई थी. यहीं से इस परंपरा का चलन अभी तक जारी है.

पिछली साल की रकम करनी होती है जमा

बप्पा के प्रसाद इस लड्डू को पाने के लिए स्थानीय लोगों में हर साल होड़ बढ़ती ही जा रही थी जिसकी वजह से समिति को नया नियम लागू करना पड़ा. इस नियम के मुताबिक पिछली साल लड्डू की जो सबसे ऊंची बोली लगी थी उतनी रकम पहले से ही जमा करनी होगी. इसके बाद ही लड्डू की बोली में मौका दिया जाएगा. इसका मतलब है कि इस साल जिन लोगों ने इस बोली में हिस्सा लिया है उन्होंने पहले ही 27 लाख रुपये जमा किए थे.

शिवसेना विधायक का एक और विवादित बयान,कहा कांग्रेसी को दफना देंगे

शिंदे गुट के शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने एक और विवादित बयान दिया है. राहुल गांधी की जीभ काटने वाले वाले विवादित बयान के बाद उन्होंने ऐसी टिप्पणी की है, जो उससे भी भड़काव और विवादित है.

शिवसेना विधायक ने कहा कि वह अपने कार्यक्रम में आने वाले ‘कांग्रेस के कुत्तों को दफना देंगे’. इससे पहले उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी की जीभ काटने वाले को 11 लाख रुपये का इनाम दूंगा.

बुलढाणा से शिवसेना विधायक को एक वीडियो में यह कहते हुए सुना गया है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे उनके जिले में महिलाओं के लिए सरकार की मुख्यमंत्री ‘लाडकी बहिन योजना’ के बारे में एक कार्यक्रम में भाग लेंगे. इस कार्यक्रम में ‘कांग्रेस के कुत्तों’ को नहीं आना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘अगर कोई कांग्रेसी कुत्ता मेरे कार्यक्रम में घुसने की कोशिश करेगा, तो मैं उसे वहीं दफना दूंगा.’

शिंदे गुट के शिवसेना गायकवाड़ का दूसरा वीडियो भी उसी दिन का बताया जा रहा है, जिस दिन उन्होंने राहुल गांधी की जीभ काटने वाला बयान दिया था. हालांकि, इस मामले में पुलिस ने सोमवार रात को उनके खिलाफ एक मामला दर्ज कर लिया है. गायकवाड़ अपने विवादों के लिए जाने जाते हैं. पिछले महीने सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक पुलिसकर्मी उनकी कार को धो रहा था.

गणेश विसर्जन के जश्न में बदला मातम, तीन बच्चों की मौत"

महाराष्ट्र के धुले में गणेश विसर्जन के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया. चित्तौड़ गांव के लोग नाचते-गाते हुए गणेश विसर्जन के लिए जा रहे थे. इसी दौरान एक ट्रैक्टर उन पर चढ़ गया, जिसके नीचे आने से तीन बच्चों की मौत हो गई. वहीं पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनको इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया. मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी ट्रैक्टर ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया.

धुले में गणेश विसर्जन के दौरान हुए हादसे तीन बच्चों की मौके पर मौत पर हो गई. वहीं, पांच लोगों की हालात गंभीर बताई जा रही. धुले के नजदीकी चित्तौड़ गांव के लोग मूर्ति विसर्जन के लिए जा नाचते-गाते हुए जा रहे थे. इसी दौरान एक ट्रैक्टर ने उन सभी लोगों को अचानक से आकर कुचल दिया, जिससे मौके पर ही तीन बच्चों की मौत हो गई, जबकि पांच लोग बुरी तरह से घायल हो गए.

ट्रैक्टर ड्राइवर ने पी रखी थी शराब

घटना के बाद मृतक बच्चों के परिवार में चीख-पुकार मच गई. हादसे के बाद आनन-फानन में सभी लोगों को अस्पताल में लेकर जाया गया. मौके पर पहुंची पुलिस आरोपी ड्राइवर को गिरफ्तार कर मेडिकल जांच के लिए ले गई. वहीं, शुरुआती जांच में सामने आया कि आरोपी ड्राइवर ने शराब पी रखी थी, जिस कारण उसने ट्रैक्टर पर नियंत्रण खो दिया और ट्रैक्टर लोगों पर चढ़ गया.

हादसे में 3 बच्चों की हुई मौत

घटना के बाद पूरे इलाके में सन्नाटा फैल गया. वहीं मृतक बच्चों के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. मृतक बच्चों की पहचान परी शांताराम बागुल (13), शेरा बापू सोनवने (6) और लड्डू पावरा (3) के तौर पर हुई. घायलों की पहचान रिया दुर्गेश सोनवने (17), अजय रमेश सोमवंशी (23), ललिता पिंटू मोरे (16), विद्या भगवान जाधव (27) और गायत्री निकम पवार (25) की तौर पर हुई. इन सभी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है

कोलकाता कांड: सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया,सुनवाई कल

सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता कांड को लेकर स्वतः संज्ञान लिया है. आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हुई ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस की स्वतः संज्ञान वाली याचिका पर कोर्ट मंगलवार को सुनवाई कर सकता है. पिछली सुनवाई 9 सितंबर को की गई थी. सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के मुताबिक ये याचिका चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जज मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष मंगलवार को सुनवाई के लिए पहली याचिका के रूप में लिस्टेड है.

इस याचिका पर सुनवाई इसलिए अहम है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के पश्चिम बंगाल में आंदोलनकारी चिकित्सकों को राज्य सरकार की कार्रवाई से बचने के लिए 10 सितंबर को शाम पांच बजे तक काम पर लौटने का निर्देश देने के बावजूद डॉक्टरों का विरोध-प्रदर्शन जारी है. राज्य सरकार ने दावा किया है कि चिकित्सकों के काम पर न आने के कारण पश्चिम बंगाल में नौ सितंबर तक 23 मरीजों की मौत हो चुकी है.

बंगाल सरकार और जूनियर डॉक्टरों का गतिरोध जारी

इसी बीच पश्चिम बंगाल सरकार ने गतिरोध खत्म करने के लिए प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों को सोमवार को पांचवीं और आखिरी बार बातचीत के लिए आमंत्रित किया है. प्रस्तावित बैठक के लाइव प्रसारण के मुद्दे पर मतभेद के कारण सरकार और प्रदर्शनकारी डाक्टरों के बीच बातचीत की कोशिश दो दिन पहले विफल हो गई थी.

प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों को भेजे एक ईमेल में राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत ने उनसे बातचीत के लिए सोमवार को शाम पांच बजे कालीघाट में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास पर पहुंचने के लिए कहा था. ममता ने 14 सितंबर को प्रदर्शन स्थल का दौरा कर आंदोलनकारी चिकित्सकों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया था. उन्होंने डॉक्टरों को उनकी मांगें मानने का भरोसा दिलाने की कोशिश की, बावजूद इसके दोनों पक्षों में बातचीत की कोशिश अभी तक सफल नहीं हो पाई है.

शनिवार को प्रस्तावित बैठक विफल हो गई, क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि मुख्यमंत्री आवास के द्वार पर तीन घंटे तक इंतजार करने के बाद उनसे अमर्यादित रूप से वहां से जाने के लिए कहा गया था. सरकार की बातचीत के सीधे प्रसारण की मांग को ठुकराए जाने के कारण डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री आवास में प्रवेश करने से इनकार कर दिया था.

पिछली सुनवाई में जूनियर डॉक्टरों को दिए थे निर्देश

जूनियर डॉक्टरों के लगातार विरोध और बड़े पैमाने पर जन आक्रोश के बीच चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ ने पेश किए गए रिकॉर्ड में चालान की गैर-मौजूदगी पर नौ सितंबर को चिंता जताई थी. पीठ ने इस संबंध में पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट तलब की थी. उसने प्रदर्शनकारी चिकित्सकों को राज्य सरकार की दंडात्मक कार्रवाई से बचने के लिए 10 सितंबर को शाम पांच बजे तक काम पर लौटने का निर्देश भी दिया था.

शीर्ष अदालत के निर्देश के बाद राज्य सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने आश्वासन दिया था कि अगर प्रदर्शनकारी डॉक्टर काम पर लौटते हैं तो उनके खिलाफ ट्रांसफर सहित कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी.

गूगल अकाउंट बंद होने की तारीख नजदीक, बंद करेगा इन लोगों का Gmail, ऐसे बचाएं अपना अकाउंट,जाने

गूगल की जीमेल, ड्राइव और फोटो जैसी सर्विस का इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है. कंपनी कुछ यूजर्स का गूगल अकाउंट बंद कर सकती है. गूगल लगातार लोगों से समय-समय पर गूगल अकाउंट एक्टिव करने के लिए कहती है. अब तक जिन लोगों ने ऐसा नहीं किया है, उनके जीमेल अकाउंट डिलीट होने की कगार पर हैं. 20 सितंबर से गूगल ऐसे अकाउंट्स को हटाने की प्रोसेस शुरू कर सकती है.

लंबे समय से गूगल अकाउंट यानी जीमेल, ड्राइव, यूट्यूब आदि में साइन इन न करने की वजह से लोगों को अपने अकाउंट से हाथ धोना पड़ सकता है. उनका सारा डेटा और कंटेंट डिलीट कर दिया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 20 सितंबर से गूगल ऐसे जीमेल अकाउंट बंद कर देगी, जिनका लंबे समय से इस्तेमाल नहीं किया गया है.

क्यों बंद कर रहा है गूगल ये अकाउंट्स?

अगर आप जीमेल या गूगल ड्राइव जैसी सर्विस चलाते हैं, लेकिन इन सर्विस का बहुत कम इस्तेमाल करते हैं, तो आपके अकाउंट को डिलीट किया जा सकता है. गूगल इस कदम से अपने सर्वर स्पेस को खाली करना चाहता है और उन अकाउंट्स पर ध्यान देना चाहता है जो नियमित रूप से इस्तेमाल किए जाते हैं.

ये अकाउंट होंगे डिलीट

गूगल उन अकाउंट्स को हटाएगा जिन्हें दो साल से ज्यादा समय से इस्तेमाल नहीं किया गया है. अगर पिछले दो साल से आपने अपना जीमेल नहीं चलाया है, तो आपके अकाउंट के डिलीट होने का खतरा है. गूगल इनएक्टिव पॉलिसी के तहत गूगल के पास अधिकार है कि वो दो साल तक इनएक्टिव गूगल अकाउंट को डिलीट कर सकता है.

अपने अकाउंट को कैसे बचाएं?

अगर आपने पिछले दो साल से गूगल अकाउंट पर लॉग इन नहीं किया है, तो ये डिलीट हो सकता है. अपने अकाउंट को डिलीट होने से बचाने के लिए आप इन तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं-

Gmail यूज करें: अपने जीमेल में लॉगइन करें, और कोई ईमेल भेजें या इनबॉक्स में मौजूद ईमेल को पढ़ें.

Google Photo पर फोटो शेयर करें: गूगल फोटो में साइन इन करके कोई फोटो अपलोड या शेयर करें.

YouTube वीडियो देखें: अपने Gmail अकाउंट से लॉग इन करके यूट्यूब पर कोई वीडियो देखें.

Google Drive का इस्तेमाल करें: गूगल ड्राइव में लॉगइन करके इसमें कोई फाइल अपलोड या डाउनलोड करें.

Google Search का इस्तेमाल करें: गूगल अकाउंट पर साइनइन करके गूगल सर्च इंजन पर कुछ सर्च करें.

ये तरीके अपनाकर आप गूगल अकाउंट को एक्टिव रख सकते हैं. याद रखें कि दो साल तक गूगल या जीमेल अकाउंट में लॉगइन न करने की वजह से कंपनी ऐसे अकाउंट को डिलीट कर सकती है. ऐसे अकाउंट डेटा भी खत्म हो जाता है.

मणिपुर सरकार ने पांच जिलों में इंटरनेट पर लगी पाबंदी को हटाया!

मणिपुर सरकार ने राज्य के पांच जिलों में इंटरनेट पर लगी पाबंदी को सोमवार को हटा दिया है. आयुक्त (गृह) एन. अशोक कुमार के मुताबिक प्रदेश सरकार ने मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा कर इंटरनेट पर लगी रोक को हटाने का फैसला किया है. राज्य में जारी हिंसा के मद्देनजर सरकार ने एहतियाती के तहत 10 सितंबर को इंटरनेट पर रोक लगा दी गई थी. इससे पहले राज्य सरकार ने 13 सितंबर को ब्रॉडबैंड सेवाओं से सशर्त रोक हटाई थी.

गृह विभाग ने एक आदेश जारी आदेश किया है. जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार ने मणिपुर में इंटरनेट पर लगी किसी भी प्रकार की रोक को हटाने का फैसला किया है. दरअसल पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और सुरक्षा सलाहकार को हटाने की मांग को लेकर छात्र प्रदर्शन कर रहे थे. उनका आरोप है कि राज्य में लगातार हो रहे उग्रवादी हमलों से निपटने में डीजीपी और सुरक्षा सलाहकार असमर्थ है, ऐसे में सरकार उन्हें तत्काल प्रभाव से हटा दे.

10 सितंबर को इंटरनेट पर लगाई थी रोक

छात्रों के प्रदर्शन के चलते सरकार ने इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, बिष्णुपुर, थौबल और काकचिंग जिलों में 10 सितंबर से इंटरनेट सेवा को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था. कुछ दिन पहले ही राज्य में प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों के साथ झड़प हुई थी, इस झड़प में छात्रों और पुलिस कर्मियों समेत करीब 80 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे, जिसमें कई लोगों को गंभीर चोटें आई थीं. हालात को देखते हुए सरकार ने इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी थी

गैर जरूरी पोस्ट ना डालने की अपील

गृह विभाग की तरफ से जारी आदेश में लोगों से अपील की गई है कि वो लोग ऐसी गतिविधियों से बचें, जिससे ऐसी परिस्थितियां पैदा हों कि भविष्य में फिर से इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करना पड़े. विभाग ने लोगों से राज्य में शांति बनाए रखने का आग्रह किया. एक दिन पहले ही सूबे के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया था. जिसमें कहा गया था कि ‘राज्य में इंटरनेट पर लगाई गई रोक को हटाया जाएगा और सेवाओं को बहाल किया जाएगा. मैं सभी लोगों से आग्रह करता हूं कि इंटरनेट का इस्तेमाल जिम्मेदारी के साथ करें और ऐसी गैर जरूरी या भड़काऊ सामग्री को पोस्ट करने या साझा करने से बचें जिससे राज्य में शांति और सद्भावना बाधित हो सकती है’.

पिछले साल से जारी है हिंसा

पिछले साल मई में एक रैली के हिंसक होने के बाद से मणिपुर की आग में जल रहा है. अब तक इस हिंसा में करीब 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, इनमें आम लोगों के साथ ही पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. वहीं करीब 50 हजार से ज्यादा लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हो चुके हैं. सरकार पूरी एतिहातिहात बरत रही है ताकि राज्य में शांति बहाल हो सके.