बारिश ने उड़ाई हाईटेक डासना जेल की बिजली, दो दिन अंधेरे में डूबा रहा जेल, सुरक्षा को रहा खतरा
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विभु मिश्रा
गाजियाबाद। चार दिन से लगातार पड़ रही बारिश आफत की बारिश बन गई है। लगातार बारिश से बिजली फॉल्ट के केस एकाएक काफी बढ़ गए हैं। इसी बारिश के चलते उत्तर प्रदेश की सबसे हाईटेक जेल डासना जेल की ना सिर्फ सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया बल्कि जेल स्टाफ और बंदियों के भी हाल बेहाल हो गए। बिजली में आए फॉल्ट के कारण डासना जेल दो दिन अंधेरे में डूबी रही।
बता दें बीती 11 तारीख से दिल्ली-एनसीआर समेत गाजियाबाद में भी लगातार बारिश पड़ रही है। इस बारिश ने हर तरफ व्यवस्थाओं को पानी-पानी कर रख दिया है। सबसे बुरा हाल बिजली आपूर्ति पर पड़ा है। शहर में बारिश के कारण बिजली फॉल्ट के केसों में बहुत ज्यादा इजाफा देखने को मिल रहा है। इसी फॉल्ट ने डासना जेल की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया। जेल दो दिन अंधेरे में डूबा रहा। दरअसल लगातार पड़ रही बारिश के चलते जेल को बिजली आपूर्ति कर रही अंडरग्राउंड लाइन में ऐसा फॉल्ट आ गया जिसे ठीक करने में विद्युत कर्मचारियों के पसीने छूट गए।
इस दौरान पूरे दो दिन और एक रात जेल की बिजली गुल रही। इतने लंबे कट में जेल में रखा जेनरेटर भी हांफ गया। जिसके चलते रात में बिजली ना होने के कारण इस हाईटेक जेल की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया। इतना ही नहीं जेल स्टाफ क्वार्टर में रह रहे करीब 125 परिवारों का भी हाल बेहाल हो गया। इनके अलावा जेल की करीब 45 बैरकों में बंद करीब 4100 बंदियों की भी हालत खराब हो गई। बिजली फॉल्ट के चलते जेल में सबमर्सिबल के ना चलने से बंदियों को नहाने तक के लिए पानी भी नसीब नहीं हुआ।
जेल प्रशासन के मुताबिक फॉल्ट ठीक न होने तक जेल से जुड़े हर व्यक्ति को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उसमें चाहे अधिकारी हों या जेल स्टाफ या बंदी। सबसे ज्यादा चिंता रात में जेल की सुरक्षा को लेकर रही। जिसको लेकर जेल प्रशासन काफी मुस्तैद रहा। इस घटना के बाद भविष्य में डासना जेल में इस तरह के फॉल्ट की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए जेल प्रशासन ऐसी स्थिति में बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मजबूत व्यवस्था बनाने के लिए अधिशासी अभियंता को पत्र लिखने जा रहा है।








विभु मिश्रा
गाजियाबाद। भाजपा सरकार में पत्रकारों के उत्पीड़न के मामले थमते नहीं दिख रहे हैं। ऐसा ही एक मामला गाजियाबाद में सामने आया हैं, जहां सरकारी जमीन पर सपा नेता द्वारा किए गए अवैध अतिक्रमण के खिलाफ आवाज उठाना पत्रकार प्रवीण अरोड़ा को भारी पड़ रहा है। अतिक्रमणकारी सपा नेता जहां पत्रकार को धमकी दे रहा है वही पुलिस उसकी रिपोर्ट तक दर्ज नहीं कर रही है। और तो और जीडीए भी एक बार कार्रवाई कर अब हाथ पर हाथ धर कर बैठ गया है। समाजवादी पार्टी की सत्ता भले ही चली गई मगर हनक आज भी कायम दिखाई दे रही है। हालात भाजपा सरकार में भी वही हैं कि पत्रकारों की कलम रोकने काम किया जा रहा है। गाजियाबाद में देश का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले अब पत्रकारों की सुरक्षा भगवान के भरोसे है। अब गलत के खिलाफ लिखने वाले को ही गलत बता दिया जाता है और अगर अधिकारी कार्रवाई कर भी दें तो इन सबका दुश्मन लिखने वाले को बना दिया जाता है। ऐसी ही स्थिति से आज पत्रकार प्रवीण अरोड़ा को गुजरना पड़ रहा है। हालात ये हैं कि उल्टा जीडीए और पुलिस के अधिकारी भू-माफियाओं के आगे नतमस्तक हो गए हैं। दरअसल जीडीए प्रवर्तन जोन 4 में प्रताप विहार के लीलावती स्कूल के सामने सपा नेता अमन यादव ने जीडीए के अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर शौचालय की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर उसमें दुकाने बना दी हैं। एक दुकान को जेल में बंद हिंदू रक्षा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पिंकी चौधरी को किराए पर दे दिया है जिसमे उसने अपना कार्यालय खोल लिया है। पत्रकार प्रवीण अरोड़ा ने सरकारी जमीन पर हुए इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। जिस पर जीडीए वीसी अतुल वत्स के सख्त निर्देश के बाद 13 जून को जीडीए प्रवर्तन जोन 4 की टीम,जीडीए पुलिस और स्थानीय पुलिस की मजूदगी में अधिकारियों ने बुलडोजर चला कर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की थी लेकिन सपा नेता अमन यादव और उसके पिता महेश यादव आदि ने जीडीए अधिकारियों, और थाना विजयनगर पुलिस के साथ साठगाठ कर फिर से अवैध कब्जा कर दोनो दुकानों में शटर लगा दिए। हालात ये हो गए हैं कि अब उल्टा पत्रकार प्रवीण अरोड़ा को भुगत लेने की धमकी ये लाल टोपीधारी सपा नेता दे रहा है। हार्ट की बात ये है कि पुलिस और जीडीए अधिकारियों ने अब इस ओर से आंखें मूंद ली है। और तो और पत्रकार द्वारा मिली धमकी की दी गई शिकायत पर भी पुलिस रिपोर्ट तक दर्ज नहीं कर रही है। मतलब राजनीति और अफसरशाही के खेल में जहां करोड़ों की सरकारी जमीन लूटी जा रहा है वहीं इसके खिलाफ आवाज उठाने वाले लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को समाजवाटी पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव अमन यादव फोन कर गाली-गलौज, जान से मारने और झूठे मुकदमे में फसाने और जीडीए की पूर्व में हुई कार्रवाई से हुए नुकसान की रिकवरी की धमकियां दे रहा है। मांगी थी माफी पत्रकार प्रवीण अरोड़ा के मुताबिक उनके द्वारा जब इस मामले को प्रमुखता से उठाया गया था और जीडीए ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की थी तो उसके बाद एक पत्रकार की मध्यस्था में अमन यादव ने एक नेता के फार्म हाउस पर उन्हें बुलाकर मीटिंग की थी और वहां मौजूद लोगों के सामने माफी मांगी थी। लेकिन फार्म हाउस से निकलते ही उसने धमकी देना शुरू कर दिया था जो अब तक जारी है।
विभु मिश्रा

Sep 18 2024, 15:26
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