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महिला कल्याण मंत्री ने वन स्टाफ सेन्टर का किया निरीक्षण

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच। प्रदेश की मा. मंत्री, महिला कल्याण, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने नगर के मोहल्ला सलारगंज स्थित महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित वन स्टाफ सेन्टर का निरीक्षण कर हिंसा से पीड़ित बालिकाओं एवं महिलाओं के रहने के लिए उपलब्ध व्यवस्थाओं का जायज़ा लेते हुए पर्याप्त साफ-सफाई न पाये जाने पर नाराज़गी जताते हुए प्रबन्धक को निर्देष दिया कि वन स्टाफ सेन्टर की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाय। वन स्टाफ सेन्टर पर तैनात महिला आरक्षियों को निर्देश दिया गया कि ड्यूटी के दौरान ड्रेस कोड का पालन करें।

निरीक्षण के दौरान मा. मंत्री श्रीमती मौर्य ने सेन्टर में रह रही महिलाओं एवं बालिकाओं से यहां की व्यवस्थाओं, सुरक्षा, खान-पान इत्यादि के बारे में जानकारी प्राप्त करते हुए सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। मंत्री श्रीमती मौर्य ने निर्देश दिया वन स्टाफ सेन्टर की बाउण्ड्रीवाल की ऊचाई को बढ़ा दिया जाय। मा. मंत्री ने प्रबन्धक को निर्देश दिया कि शासन द्वारा निर्धारित मानक के अनुसार सेन्टर में आने वाली महिलाओं एवं बालिकाओं को सभी सुविधाएं प्रदान की जायें। इस अवसर पर उप निदेशक महिला कल्याण एन.बी. सिंह व जिला कार्यक्रम अधिकारी राज कपूर सहित अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।

महिला कल्याण मंत्री ने विभाग के मण्डलीय अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच। प्रदेश की मंत्री, महिला कल्याण, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार बेबी रानी मौर्य ने विकास भवन सभागार में देवीपाटन मण्डल के विभागीय अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में निर्देश दिया कि विभागीय योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन हेतु विभागीय अधिकारी अपने सुझावों से भी अवगत करा सकते हैं। श्रीमती मौर्य ने कहा कि सरकार की मंशा है कि सभी पात्र लोगों तक योजनाओं का लाभ पहुंचे। तहसील महसी अन्तर्गत मानव वन्यजीव संघर्ष की समस्या के दृष्टिगत मा. मंत्री ने ग्रामस्तरीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सुझाव दिया कि प्रभावित क्षेत्रों में महिलाओं को जागरूक करें ताकि हिंसक जीव के हमलों में जनहानि को नगण्य किया जा सके।

मण्डीय समीक्षा बैठक के दौरान देवीपाटन मण्डल के उप निदेशक महिला कल्याण एन.बी. सिंह ने बताया कि पति की मृत्युपरान्त निराश्रित महिला (विधवा) पेंशन योजना के तहत 173486 महिलाओं को पेंशन का लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत बिल जनरेटेड आवेदनों की संख्या 85501 है। जबकि उ.प्र. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड-19) अन्तर्गत 355 तथा उ.प्र. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के तहत 2207 व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया है। स्पांसरशिप योजना के तहत 539 बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है। उप निदेशक श्री सिंह ने बताया कि वन स्टाप सेंटर के माध्यम से 635 लोगों को परामर्श सेवा, 07 को नि:शुल्क लीगल एड, 536 को आश्रय, 453 को चिकित्सा सुविधा तथा 256 लोगों को अन्य सेवाओं से लाभान्वित किया गया है। श्री सिंह ने बताया कि चाइल्ड हेल्पलाइन (1098) पर 334 कालें प्राप्त हुईं है तथा माह अप्रैल से अगस्त 2024 तक 138 बच्चों को रेस्क्यू किया गया है।

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की मण्डलीय समीक्षा बैठक के दौरान प्रभारी उप निदेशक मनोज कुमार मौर्या ने बताया कि कुल 9377 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हैं। जबकि मण्डल में 106 भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। उप निदेशक ने बताया कि प्रथम चरण अन्तर्गत 44 केन्द्रों कों 18 मूल भूत सुविधाओं से आच्छादित किया जा रहा है तथा द्वितीय चरण में 305 केन्द्रों का कार्य प्रगति पर है। उप निदेशक ने बताया कि बेसिक शिक्षा एवं बाल विकास विभाग द्वारा संयुक्त रूप से संचालित ईसीसीई (शाला पूर्व शिक्षा) निपुण भारत लक्ष्य अन्तर्गत 5-6 वर्ष के बच्चों का नामांकन बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।

श्री मौर्य ने बताया कि मण्डल में कुल 1176087 पंजीकृत बच्चों के सापेक्ष सैम बच्चों की संख्या 15857, मैम बच्चों की संख्या 49587 तथा एनआरसी में भर्ती बच्चों की संख्या 331 है। उन्होंने बताया कि कुपोषित बच्चों का नियमित स्वास्थ्य जांच कर दवाएं, दोगुना अनुपूरक पुष्टाहार राशन, आंगनबाड़ी, आशा व एएनएम द्वारा गृह भ्रमण के साथ ही अभिभावकों को जागरूक भी किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि बैठक से पूर्व मंत्री श्रीमती मौर्य द्वारा 05 गर्भवती महिलाओं की गोदभराई तथा 05 बच्चों को अन्नप्रासन कराया तथा आगा खां फाउण्डेशन के सौजन्य से 11 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियो को ईसीसीई किट का वितरण किया गया। बैठक के उपरान्त मा. मंत्री ने विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों को उपलब्ध करायी जाने वाली किट का अवलोकन भी किया।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी मुकेश चन्द्र, जिला कार्यक्रम अधिकारी बहराइच राज कपूर, श्रावस्ती के पी.के. दास, बलरामपुर की सुश्री निहारिका सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी गोण्डा संतोष कुमार सोनी, श्रावस्ती के सुबोध कुमार सिंह, बलरामपुर के सुशील कुमार सिंह सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।

जिले के मतदेय स्थलों की सूचियों का आलेख्य प्रकाशित

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा-25 के उपबन्धों के अधीन भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जनपद बहराइच में समाविष्ट विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों 282-बलहा (अ.जा.), 283-नानपारा, 284-मटेरा, 285-महसी, 286-बहराइच, 287-पयागपुर एवं 288-कैसरगंज के मतदेय स्थलों की सूची के आलेख्य का प्रकाशन कर दिया गया है।

यह जानकारी देते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी मोनिका रानी ने बताया कि आलेख्य प्रकाशित मतदेय स्थलों की सूची निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/उप जिलाधिकारी मिहींपुरवा (मोतीपुर), नानपारा, मटेरा (तहसील सदर बहराइच), महसी, बहराइच, पयागपुर एवं कैसरगंज तथा जिला निर्वाचन कार्यालय, बहराइच में निरीक्षण हेतु निःशुल्क उपलब्ध रहेगी। जिसका किसी भी कार्य दिवस में अवलोकन किया जा सकता है। इच्छुक व्यक्ति 17 सितम्बर 2024 तक अपने सुझाव या आपत्तियॉ निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/उप जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन कार्यालय में प्रस्तुत कर सकते हैं।

धान की फसल में कीट/रोग प्रबन्धन के समय से उपाय करें किसान

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच। जिला कृषि रक्षा अधिकारी प्रियानन्दा ने बताया कि वर्तमान समय में वातावरण की नमी और तापमान को देखते हुए धान की फसल में कीट/रोग के प्रकोप के कारण भारी क्षति होती है। इसलिए यह आवश्यक है कि इन कीट/रोगों की पहचान करते हुए इनसे होने वाली क्षति से बचाव हेतु समय से निदान करना आवश्यक है।

जिला कृषि रक्षा अधिकारी प्रियानन्दा ने किसानों को सुझाव दिया है कि शीथ ब्लाइट रोग धान की पत्ती एवं शीथ पर 1-3 सेमी0 लम्बे अण्डकार हरे धूसर रंग के धब्बे दिखाई पड़ते है, जिसके किनारे कत्थई रंग के हो जाते है। इस रोग के नियंत्रण हेतु प्रोपीकोनाजोल 25 प्रतिशत ई.सी. 500 मिली प्रति हेक्टेयर अथवा कार्बेण्डाजिम 12 प्रति0 $ मैनकोजेब 63 प्रतिशत डब्लू.पी. 750 ग्राम प्रति हेक्टेयर 500-750 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करें।

कण्डुआ रोग इस रोग की दशा धान की बाली के दाने नीले और काले रंग के आवरण से ढक जाते है, इनको हाथ से छूने पर पीले एवं काले अथवा हरें रंग के पाउडर जैसे रोग के स्पोर लग जाते है। इस रोग के नियंत्रण हेतु कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत डबलू.पी. 500 ग्राम प्रति हेक्टर अथवा कॉपर हाइड्राक्साइड 77 प्रतिशत डब्लू.पी. 2.0 कि.ग्रा. प्रति हेक्टेयर को 500-750 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करना चाहिए।

जीवाणु पत्ती झुलसा रोग लगने पर पत्तियों सिरे या किनारे से शुरू होकर मध्य भाग तक सूखने लगती है। सूखे किनोर अनियमित व टेढ़े-मेढे या झुलसे हुए दिखायी देते है। संक्रमण की गम्भीर अवस्था में पत्तियां सूख जाती है एवं बालियों में दाना नहीं बनता है। इसके उपचार हेतु स्ट्रैप्टोमाइसीन सल्फेट 90 प्रतिशत $ टैट्रासाइक्लिन हाइड्रोक्लोराइड 10 प्रतिशत की 15 ग्राम मात्रा को 500 ग्राम कॉपर आक्सी क्लोराइड 50 प्रतिशत डब्लूपी के साथ मिलाकर 500-750 लीटर पानी में घोलकर प्रति हे० की दर से छिड़काव करें। आगे से रोपाई से पूर्व बीज शोधन अवश्य करें अगेती फसल में यह रोग पछेती फसल की तुलना में कम लगता है। फसल की कटाई के समय प्रभावित दानों के अलग कर नष्ट कर देना चाहिए।

इसी प्रकार धान की फसल में पत्ती लपेटक कीट के प्रबन्धन हेतु जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने किसानों को सुझाव दिया है कि इस कीट की सूड़ियां प्रारम्भ में पीले रंग की तथा बाद में हरे रंग की हो जाती हैं, जो पत्तियों को लम्बाई में मोड़कर अन्दर से उसके हरे भाग को खुरच कर खा जाते है। इस कीट के प्रकोप की दशा में क्यूनालफॉस 25 प्रतिशत ई.सी. 1.25 ली./हे. की दर से छिड़काव करें।

कृषि रक्षा अधिकारी ने धान की फसल में तना वेधक कीट प्रबन्धन के लिए किसानों को सुझाव दिया है कि कीट के प्रकोप की दशा में कार्बोफ्यूरान 03 प्रति 20 किग्रा. अथवा कारटाप हाइड्रोक्लोराइड 4 प्रति. की 25 किग्रा. मात्रा को प्रति हे. की दर से 3-5 सेमी. पानी में बुरकाव करें। उन्होंने बताया कि तना वेधक कीट की मादा पत्तियों पर समूह में अण्डा देती है। अण्डों से सूडियां निकल कर तनों में घूस कर मुख्य शूट को क्षति पहुचाती है। जिससे बढ़वार की स्थिति में मृतभोग दिखाई देता है।

धान की फसल में भूरा फुदका रोग के निदान हेतु जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने किसानों को सुझाव दिया है कि इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रति. एस.एल. की 250-350 मिली./हे. मात्रा को 800-1000 ली. पानी में घोलकर छिड़काव करें अथवा फिप्रोनिल 0.3 जी 20 किग्रा. प्रति हे. की दर से 3-5 सेमी. स्थिर पानी में बुरकाव करें। उन्होंने बताया कि भूरा फुदका रोग के कीट के प्रौढ़ भूरे रंग के पंखयुक्त तथा शिशु पंखहीन होते है। इस कीट के शिशु एवं प्रौढ़ दोनो ही पत्तियों एवं कल्लों के मध्य रस चूस कर फसल को हानि पहुंचाते है।

उन्होंने किसानों को सुझाव दिया है कि गन्धी बग कीट के निदान हेतु एजाडिरैक्टिन 0.15 प्रति. ईसी की 2.5 ली. मात्रा को प्रति हे. 800-1000 ली. पानी में घोलकर छिड़काव करें अथव मैलाथियॉन 5 प्रति धूल प्रति हे. 20-25 किग्रा. सुबह के समय बुरकाव करें। उन्होंने बताया कि इस कीट के शिशु एवं पौढ़ लम्बी टांगो वाले भूरे रंग के विशेष गंध वाले होते है। जो बालियों की दुग्धावस्था में दोनो में बन रहे रस को चूस कर क्षति पहुंचाते है।

जिला कृषि रक्षा प्रियानन्दा ने बताया कि कीट/रोग के लगने की दशा में रोगग्रस्त फसल/पौधे के फोटो के साथ विभागीय सहभागी फसल निगरानी एवं निदान प्रणाली (पीसीएसआरएस) के मोबाइल नम्बर 9452247111 एवं 9452257111 पर व्हाटसअप या टेक्सट मैसेज कर समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।

रिक्त राशन की दुकानों के चयन की प्रकिया करें शीघ्र पूर्ण: डीएम

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच। खाद एवं रसद विभाग की योजनाओं की समीक्षा हेतु मंगलवार को देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक के दौरान राशन की रिक्त दुकानों, निलम्बित दुकानों, राशन कार्ड सत्यापन, सिंगल स्टेज परिवहन व्यवस्था, माडल शाप, उज्जवला योजना इत्यादि की समीक्षा करती हुई जिलाधिकारी मोनिका रानी ने जिला पूर्ति अधिकारी व अन्य सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।

राशन की रिक्त दुकानों की समीक्षा के दौरान खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि यथाशीघ्र समस्त औपचारिकताएं पूर्ण कर नियमानुसार राशन की दुकानों के चयन की प्रकिया पूर्ण की जाय। जिन ग्राम पंचायतों में दुकानों के चयन करने में किसी प्रकार की समस्या हो वहां पर एसडीएम व पुलिस का भी सहयोग लिया जाय। समूहों को आवंटित की जाने वाली राशन दुकानों के मामले में विधिवत जांच पड़ताल के उपरान्त नियमानुसार चयन किया जाय। निलम्बित राशन दुकानों के सम्बंध में उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये कि नियमानुसार कार्रवाही करते हुए निलम्बन के प्रकरणों का यथाशीघ्र निस्तारण किया जाय।

राशन कार्ड के सत्यापन की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि विगत कई माहों से खाद्यान्न प्राप्त न करने वाले कार्डधारकों की सूची तैयार कर उनका सत्यापन करा लिया जाय। सत्यापन में अपात्र पाये जाने पर सम्बन्धित कार्डधारकों का नाम सूची से हटा दिया जाय। नये बनाये गये राशन कार्डो की सूची तैयार कर एसडीएम, बीडीओ, अधि. अधि. नगर निकायों के माध्यम से सत्यापन करा लिया जाय। सिंगल स्टेज परिवहन व्यवस्था की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि नये रूटचार्ट का एसडीएम सत्यापन कर आख्या उपलब्ध कराये। उज्जवला योजना की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी द्वारा डीएसओ को निर्देश दिये गये कि गैस एजेन्सियों से लाभार्थियों की सूची प्राप्त कर आधार फीडिंग का कार्य यथाशीघ्र पूर्ण कराये ताकि लाभार्थियों को सब्सिडी योजना का लाभ प्राप्त हो सके।

डीएम ने एसडीएम को निर्देश दिया कि खाद्यान्न वितरण कार्य के लिए नामित नोडल अधिकारियों से प्रत्येक माह सत्यापन आख्या प्राप्त की जाय। डीएम ने एसडीएम को यह भी निर्देश दिया कि सत्यापन कार्य के लिए नामित नोडल अधिकारियों के साथ प्रत्येक माह बैठक भी करें। बैठक के दौरान आधार फीडिंग/सीडिंग की समीक्षा, ई-के.वाई.सी. की समीक्षा, आई.जी.आर.एस. पर प्राप्त संदर्भों के निस्तारण, उचित दर विक्रेताओं में लाभांश के भुगतान, प्रवर्तन कार्य, मा. उच्च न्यायालय में योजित वादों में शपथ-पत्र दाखिल किये जाने इत्यादि से सम्बन्धित कार्यों की समीक्षा कर सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये।

बैठक का संचालन जिला पूर्ति अधिकारी नरेन्द्र तिवारी ने किया। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी गौरव रंजन श्रीवास्तव, एसडीएम सदर राकेश कुमार मौर्य, पयागपुर के दिनेश कुमार, ईओ नगर पालिका बहराइच प्रमिता सिंह सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी, क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी, पूर्ति निरीक्षक व अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।

मानव वन्यजीव संघर्ष की हुईं 02 घटनाएं: डीएफओ

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच। प्रभागीय वनाधिकारी बहराइच ने बताया कि उपद्रवी भेड़िया के सक्रियता प्रभावित क्षेत्र में हिंसक जानवर द्वारा 02 घटनाएँ कारित की गयी हैं। तहसील महसी अन्तर्गत ग्राम गड़रियनपुरवा, दाखिला-मैकूपुरवा में ग्रामीणों के कथनानुसार 10 सितम्बर 2024 को रात्रि लगभग 11:30 बजे सुमन पुत्री स्वर्गीय लक्ष्मीनरायन आयु लगभग 13 वर्ष को उपद्रवी भेड़िया द्वारा घायल किये जाने की सूचना प्राप्त हुई है। घायल बालिका का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, महसी में उपचार किया जा रहा है तथा घटना स्थल पर वन विभाग की गश्ती टीम द्वारा घटना स्थल के आस-पास के क्षेत्र में ड्रोन कैमरे व पैदल कुम्बिंग कर हिंसक जानवर की पहचान, तलाश एवं रेस्क्यू की कार्यवाही की जा रही हैं।

इसी प्रकार तहसील-महसी के ग्राम-भवानीपुर, पोस्ट-गरेठी गुरुदत्त सिंह में ग्रामीणों के कथनानुसार 1 सितम्बर 2024 को प्रात: लगभग 4:45 बजे कुमारी शिवानी पुत्री किशोरी यादव आयु लगभग 12 वर्ष को उपद्रवी भेड़िया द्वारा घायल किये जाने की सूचना प्राप्त हुई है। घायल बालिका का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, महसी में उपचार किया जा रहा है तथा घटना स्थल पर वन विभाग की गश्ती टीम द्वारा घटना स्थल के आस-पास के क्षेत्र में ड्रोन कैमरे व पैदल कुम्बिंग कर हिंसक जानवर की पहचान, तलाश एवं रेस्क्यू की कार्यवाहियों की जा रही हैं।

बहराइच में नहीं थम रहा भेड़िये का आतंक, एक बार फिर 11 साल की बच्ची पर हमला कर किया घायल, ग्रामीणों में दहशत

लखनऊ/बहराइच। यूपी के बहराइच जिले में भेड़िये का आतंक थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। यहां पर भेड़िये पकड़े जाने के बाद भी हमला करने से बाज नहीं आ रहे है। मंगलवार की रात एक भेड़िये ने 11 साल की बच्ची पर हमला कर दिया। हमले के बाद वह भाग गया। घायल लड़की को इलाज के लिए स्थानीय सरकारी अस्पताल महसी में भर्ती कराया गया है। हमले के बाद से लोगों में दहशत और बढ़ गई है। जिसकी वजह से लोग घर से बाहर निकलने से डरने लगे है। बच्चे डर के मारे स्कूल और किसान अपने खेत में नहीं जा पा रहे है। भेड़िये से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा तमाम इंतजाम किये गये है। इसके बाद भी भेड़िये के आगे सारे इंतजाम बेकार साबित हो जा रहे है।

बहराइच में मादा भेड़िया पिंजरे में कैद

पुलिस व प्रशासन के लगातार प्रसाय के बाद महसी क्षेत्र में वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों के साथ घेराबंदी कर एक मादा भेड़िया को मंगलवार को पकड़ लिया। भेड़िया को पिंजरे में रखकर वन रेंज कार्यालय लाया गया और उसका स्वास्थ्य परीक्षण करवाया गया। मादा भेड़िया की उम्र लगभग चार साल बताई जा रही है। इसे गोरखपुर चिड़ियाघर भेजने की तैयारी है। वन विभाग की टीमों ने अब इकलौते बचे भेड़िये को पकड़ने का अभियान तेज कर दिया है।

पूर्व में एक मादा की हो गई थी मौत, तीन बढ़ा रहे चिड़ियाघर की शोभा

वन टीम द्वारा ड्रोन में दिखे भेड़ियों में से चार को पहले की पकड़ा जा चुका है। पकड़े गए भेड़ियों में एक मादा भेड़िया थी, जिसकी रेस्क्यू के बाद मौत हो गई थी। दो भेड़ियों को लखनऊ चिड़ियाघर और एक को गोरखपुर चिड़ियाघर भेजा दिया गया था।

खतरनाक लंगड़ा भेड़िया अब भी पकड़ से बाहर

बताया जा रहा है कि हमलावर भेड़ियों में से एक भेड़िया पैर से जख्मी था और लंगड़ा कर चल रहा था। इस भेड़िये को सबसे ज्यादा खतरनाक बनाता जा रहा है। डीएफओ अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि अब एक भेड़िया बचा है। जिसे पकड़ने के लिए कवायद तेज कर दी गई है। एक लोकेशन मिली है, जहां उसके मौजूद होने की संभावना है। जल्द उसे दबोच लिया जाएगा।

आतंक का पर्याय बने भेड़िये ''वुल्फ डॉग'' नहीं

तराई के बहराइच समेत कई जिलों में आतंक का पर्याय बने भेड़िये ''वुल्फ डॉग'' नहीं हैं। पकड़े गए भेड़ियों के प्रारंभिक अध्ययन के बाद भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) के विशेषज्ञों का यह आकलन है। ये विशेषज्ञ पकड़े गए भेड़ियों का शीघ्र ब्लड सैंपल लेकर उनका आनुवंशिक विश्लेषण (जेनेटिक टेस्टिंग) भी करेंगे। ताकि, सही नतीजों पर पहुंचा जा सके।

भेड़िया एक दिन में 15-20 किमी तक की दूरी लेता है नाप

डब्ल्यूआईआई के विशेषज्ञ डॉ. शहीर खान बताते हैं कि पकड़े गए पांचों भेड़ियों को देखने (लुक) से यही पता चला रहा है कि वे क्रॉस ब्रीड नहीं हैं। डॉ. शहीर करीब एक सप्ताह से बहराइच की उस टीम में शामिल हैं, जो आदमखोर भेड़ियों को काबू में लाने का प्रयास कर रही है। वे बताते हैं कि भेड़िया एक दिन में 15-20 किमी तक की दूरी नाप लेता है। इनका अधिकतम दायरा 250 किमी तक रहता है। यानी, वे बड़ी ही आसानी से नेपाल बॉर्डर पर महराजगंज-सिद्धार्थनगर से पीलीभीत, बरेली और आगे तक का सफल तय कर सकते हैं।

जमीन पर मानव से भी पहले भेड़िया आया, अब हो रही विलुप्त

डॉ. शहीर का अनुमान है कि यूपी में 50-60 से ज्यादा भेड़िये नहीं होंगे। वे मानते हैं कि भेड़ियों के आदमखोर हो जाने पर उन्हें हटा देना ही एकमात्र रास्ता होता है। जमीन पर मानव से भी पहले भेड़िया आया है। अब वे विलुप्त हो रही प्रजातियों में शामिल हैं। इसलिए इंसान को उनके वास क्षेत्र से दूरी बनाए रखना जरूरी है। बहराइच में ड्रोन कैमरे में छह भेड़ियों का समूह कैद हुआ था, जिन्हें आदमखोर ठहराया गया है। इनमें से महज एक भेड़िया ही अभी पकड़ से दूर हैं। वन कर्मियों को उम्मीद है कि शीघ्र ही समूह के इस आखिरी भेड़िये को भी पकड़ा जा सकेगा।

ग्रामवासियों की जन जागरूकता के लिए संचालित किया जा रहा है जन संवाद अभियान

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच। मानव-वन्य जीव संघर्ष की बढ़ती संख्या व अन्य कारणों से वन्य जीवों के आबादी क्षेत्रों में जाने की घटनाओं में हो रही बढ़ोत्तरी के दृष्टिगत् कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के वनक्षेत्र से लगे ग्रामीण इलाकों में जन सामान्य से समन्वय स्थापित कर उन्हें जागरूक किये जाने विषयक जन संवाद अभियान कार्यक्रम के अन्तर्गत आज दिनांक 10.09.2024 को मोतीपुर रेंज के खड़िया व मुर्तिहा रेंज के सेमरीघटही, गोलहना, सलारपुर, घुमनाभारू एवं निशानगाड़ा रेंज के रमपुरवा गांवों में ग्राम प्रधान व ग्रामीणों की उपस्थिति में वन अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा गोष्ठी का आयोजन कर वन्य जीवों के हमले से बचाव हेतु सुझाव दिया गया कि कृषि कार्य हेतु कृषक समूह में खेतों में जाएं तथा छोटे बच्चों को साथ न ले जाएं। सूर्यास्त के बाद कृषि कार्य हेतु खेतों में न जाएं। शौंच आदि के लिए शौचालय का प्रयोग करें, खुले में शौच न जाएं। घर के बाहर खुले में न सोयें। छोटे बच्चों को सूर्यास्त के पश्चात् खुले में खेलने न दें। वन्य जीव देखे जाने पर स्थानीय वन चौकी, रेंज कार्यालय एवं पुलिस को सूचना दें।

विद्युत एवं यांत्रिक दोष से बन्द नलकूपों को शीघ्र ठीक कराकर उन्हें क्रियाशील किया जाय: राघवेन्द्र प्रताप सिंह

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच। उपाध्यक्ष सिंचाई बन्धु राघवेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में कल्पीपारा कालोनी स्थित आफीसर्स फील्ड हॉस्टल में जनपद सिंचाई बन्धु समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में अवैध अतिक्रमण को हटाने, कृषकों को पर्याप्त सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने, बन्द/खराब पड़े नलकूपों को दुरूस्त कराने, विद्युत, नलकूप, भूमि संरक्षण विभाग से सम्बन्धित आख्या का निस्तारण किया गया।

नलकूप विभाग को निर्देश दिया गया कि विद्युत एवं यांत्रिक दोष से बन्द नलकूपों को शीघ्र ठीक कराकर उन्हें क्रियाशील किया जाय। विभागीय भूमि पर अतिक्रमण एवं अवैध कब्जों की समीक्षा के दौरान निर्देश दिया गया कि मोतीपुर कालोनी में अवैध कब्जा धारकों को नोटिस भेजने की कार्यवाही की जाय तथा सरयू लिंक चैनल को भी अतिक्रमण से मुक्त किया जाय। बाढ़ खण्ड को निर्देश दिया गया कि समस्त तटबन्धों की सघन निगरानी की जाय।

उपाध्यक्ष श्री सिंह द्वारा सिंचाई विभाग के सम्बन्धित अधिकारियों को नहरों के टेल तक पानी पहुंचाने एवं कृषकों को प्रयाप्त मात्रा में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देष दिये गये। बैठक में सम्बन्धित अधिकारी व अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।

सहायता अनुदान हेतु 13 सितंबर तक प्रस्ताव आमंत्रित

महेश चंद्र गुप्ता

बहराइच।जिला समाज कल्याण अधिकारी रमा शंकर गुप्ता ने बताया कि भारत सरकार के अधीन जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिये अनुसूचित जनजाति के कल्याण हेतु कार्यरत स्वैच्छिक संगठनों को अनुदान सहायता योजनान्तर्गत गैर सरकारी संगठनों / स्वयंसेवी संगठनों द्वारा संचालित की जा रही परियोजनाओं के लिये सहायता अनुदान हेतु आवेदन-पत्र अग्रेषित किये जाने हेतु जनपद स्तर से कार्य-योजना के प्रेषण हेतु अन्तिम तिथि 15 सितम्बर,

2024 निर्धारित की गयी है। सहायता अनुदान हेतु जनपद में अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों के कल्याण हेतु कार्यरत स्वैच्छिक संगठनों को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिये अनुदान सहायता योजनान्तर्गत प्रस्ताव उपलब्ध कराये जाने हेतु कार्य योजना / प्रस्ताव 13 सितम्बर, 2024 तक आमंत्रित है।इसके पश्चात् प्राप्त होने वाले प्रस्तावों पर कोई विचार नहीं किया जायेगा।