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केंद्रीय कारा पूर्णिया में स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा उपस्थित बंदियों को एचआईवी एड्स के प्रति किया गया जागरूक

केंद्रीय कारा पूर्णिया में स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा उपस्थित बंदियों को एचआईवी एड्स के प्रति किया गया जागरूक -जिले के सभी क्षेत्रों में 12 अगस्त से 12 अक्टूबर तक चलाया जा रहा एचआईवी एड्स जागरूकता अभियान -सिफलिस होने पर तत्काल जांच व इलाज नहीं कराने पर एचआईवी संक्रमित होने का रहता है खतरा : सीडीओ -एचआईवी संक्रमित व्यक्ति व उनके बच्चों को नियमित इलाज कराने पर मिलता है सहायता राशि पूर्णिया, 09 सितंबर एचआईवी एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए संक्रमित व्यक्ति को नियमित आवश्यक इलाज करवाने के प्रति जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 12 अगस्त से 12 अक्टूबर तक जिले के सभी क्षेत्रों में एड्स जागरूकता अभियान (इंटेसिफाइड कैंपेन) चलाया जा रहा है। इसके तहत स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मियों द्वारा जिले के सभी प्रखंडों के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को एड्स संक्रमण से सुरक्षा के लिए सावधानी बरतने के प्रति जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

समाज से दूर जेल में रहने वाले बंदियों को भी इसके प्रति जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा केंद्रीय कारागार, पूर्णिया में एड्स जागरूकता अभियान चलाया गया। इस दौरान सभी बंदियों को एड्स से सुरक्षा के लिए सावधानी रखते हुए एड्स संक्रमित होने पर अस्पताल से नियमित जांच और इलाज सुविधा का लाभ लेने के लिए आवश्यक जानकारी दिया गया।केंद्रीय कारागार में एड्स जागरूकता अभियान में दौरान जेल अधीक्षक मनोज कुमार, जिला संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी (सीडीओ) सह जिला एड्स नियंत्रण पदाधिकारी (डीएसीओ) डॉ कृष्ण मोहन दास, डब्लूएचओ कंसल्टेंट डॉ इश्फाक नाजिर भट्ट, केंद्रीय कारागार चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रीतम प्रियदर्शी, डीपीएस राजेश शर्मा, एचआईवी जिला समन्यवक बी.एन प्रसाद के साथ सभी केंद्रीय जेल के बंदी उपस्थित रहे। जेल कैदियों को भी एड्स से सुरक्षा के प्रति जागरूक करना आवश्यक :
   सिविल सर्जन प्रभारी सिविल सर्जन डॉ आर पी मंडल ने कहा कि बहुत से बंदी अपने अपराधियों के कारण जेल में बहुत दिन तक कैद रहते हैं। समाज से दूर रहने के बाद भी सभी कैदियों को एचआईवी एड्स से सुरक्षा के लिए जागरूक रहना आवश्यक है। इसलिए एड्स जागरूकता अभियान के तहत केंद्रीय कारा बंदियों को भी एड्स से सुरक्षा के प्रति जागरूक किया गया है। सभी को बताया गया कि एक पुरुष या एक महिला द्वारा बहुत से लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाने से संबंधित व्यक्ति एचआईवी एड्स से ग्रसित हो सकते हैं। इसके अलावा बाल कटवाने या दाढ़ी बनवाने के दौरान एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के उपयोग वाले ब्लेड/कैंची बिना बदले या साफ किए उपयोग करने पर एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति का खून सामान्य व्यक्ति के खून से मिलने पर भी लोग एचआईवी संक्रमित हो सकते हैं। जेल के कैदियों को भी इसके प्रति जागरूक करना बिहार सरकार और स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिकता में शामिल है। इसके लिए बिहार एड्स कंट्रोल सोसायटी के निर्देशक द्वारा सभी जेल के कैदियों को इसके लिए जागरूक करने का आवश्यक निर्देश दिया गया है जिसके लिए जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा केंद्रीय कारागार में जागरूकता अभियान चलाया गया और सभी को इसकी जानकारी दी गई। इससे सभी बंदी भी एचआईवी एड्स के प्रति जागरूक रह सकेंगे और संक्रमित होने पर अस्पताल से आवश्यक उपचार का लाभ उठा सकेंगे। सिप्लिस होने पर तत्काल जांच व इलाज नहीं कराने पर एचआईवी संक्रमित होने का रहता है खतरा : सीडीओ जिला संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी (सीडीओ) सह जिला एड्स नियंत्रण पदाधिकारी (डीएसीओ) डॉ कृष्ण मोहन दास ने बताया कि बहुत से लोगों से बहुत बार शारीरिक संबंध बनाने पर संबंधित पुरुष और महिला एचआईवी संक्रमित हो सकते हैं। गैर संचारी शारीरिक संबंध बनाने पर किसी भी पुरूष या महिला के प्राइवेट पार्ट में इंफेक्शन हो सकता है। इंफेक्शन के रूप में संबंधित क्षेत्र में फोड़ा/फुंसी होने लगता है जिसे मेडिकल भाषा में सिप्लिस कहा जाता है। सिप्लिस होने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करते हुए इसका इलाज नहीं करवाने पर संबंधित व्यक्ति का एचआइवी पॉजिटिव होने की संभावना 10 गुणा बढ़ जाती है। सिप्लिस होने पर समय पर इलाज कराने से लोग एचआइवी से सुरक्षित रह सकते हैं। इसके लिए लोगों को जागरूक होने की जरूरत है जिससे कि लोग एचआइवी संक्रमण से सुरक्षित रह सकें और सामान्य जीवन यापन सुनिश्चित कर सकें। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति व उनके बच्चों को नियमित इलाज कराने पर मिलता है सहायता राशि : एचआईवी डीआईएस बी एन प्रसाद ने बताया कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति द्वारा नियमित रूप से जिला एआरटी सेंटर से आवश्यक दवा का सेवन करने से एचआईवी एड्स को नियंत्रित रखा जा सकता है। ऐसा करने पर संबंधित एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति को बिहार एड्स शताब्दी योजना के तहत प्रति माह 1500 रुपये सहयोग राशि के रूप में सरकार द्वारा दिया जाता है। इसके साथ साथ एचआइवी संक्रमित व्यक्ति के 18 वर्ष से कम उम्र के एचआईवी संक्रमित या एचआईवी से सुरक्षित सभी बच्चों को भी परवरिश योजना के तहत प्रति माह 1000 रुपये प्रति माह सहयोग राशि उपलब्ध कराई जाती है। एचआईवी संक्रमित लोगों को नियमित एड्स नियंत्रण दवा का उपयोग करते हुए इस योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए।
केंद्रीय कारा पूर्णिया में स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा उपस्थित बंदियों को एचआईवी एड्स के प्रति किया गया जागरूक

केंद्रीय कारा पूर्णिया में स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा उपस्थित बंदियों को एचआईवी एड्स के प्रति किया गया जागरूक -जिले के सभी क्षेत्रों में 12 अगस्त से 12 अक्टूबर तक चलाया जा रहा एचआईवी एड्स जागरूकता अभियान -सिफलिस होने पर तत्काल जांच व इलाज नहीं कराने पर एचआईवी संक्रमित होने का रहता है खतरा : सीडीओ -एचआईवी संक्रमित व्यक्ति व उनके बच्चों को नियमित इलाज कराने पर मिलता है सहायता राशि पूर्णिया, 09 सितंबर एचआईवी एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए संक्रमित व्यक्ति को नियमित आवश्यक इलाज करवाने के प्रति जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 12 अगस्त से 12 अक्टूबर तक जिले के सभी क्षेत्रों में एड्स जागरूकता अभियान (इंटेसिफाइड कैंपेन) चलाया जा रहा है। इसके तहत स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मियों द्वारा जिले के सभी प्रखंडों के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को एड्स संक्रमण से सुरक्षा के लिए सावधानी बरतने के प्रति जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

समाज से दूर जेल में रहने वाले बंदियों को भी इसके प्रति जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा केंद्रीय कारागार, पूर्णिया में एड्स जागरूकता अभियान चलाया गया। इस दौरान सभी बंदियों को एड्स से सुरक्षा के लिए सावधानी रखते हुए एड्स संक्रमित होने पर अस्पताल से नियमित जांच और इलाज सुविधा का लाभ लेने के लिए आवश्यक जानकारी दिया गया।केंद्रीय कारागार में एड्स जागरूकता अभियान में दौरान जेल अधीक्षक मनोज कुमार, जिला संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी (सीडीओ) सह जिला एड्स नियंत्रण पदाधिकारी (डीएसीओ) डॉ कृष्ण मोहन दास, डब्लूएचओ कंसल्टेंट डॉ इश्फाक नाजिर भट्ट, केंद्रीय कारागार चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रीतम प्रियदर्शी, डीपीएस राजेश शर्मा, एचआईवी जिला समन्यवक बी.एन प्रसाद के साथ सभी केंद्रीय जेल के बंदी उपस्थित रहे। जेल कैदियों को भी एड्स से सुरक्षा के प्रति जागरूक करना आवश्यक :
   सिविल सर्जन प्रभारी सिविल सर्जन डॉ आर पी मंडल ने कहा कि बहुत से बंदी अपने अपराधियों के कारण जेल में बहुत दिन तक कैद रहते हैं। समाज से दूर रहने के बाद भी सभी कैदियों को एचआईवी एड्स से सुरक्षा के लिए जागरूक रहना आवश्यक है। इसलिए एड्स जागरूकता अभियान के तहत केंद्रीय कारा बंदियों को भी एड्स से सुरक्षा के प्रति जागरूक किया गया है। सभी को बताया गया कि एक पुरुष या एक महिला द्वारा बहुत से लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाने से संबंधित व्यक्ति एचआईवी एड्स से ग्रसित हो सकते हैं। इसके अलावा बाल कटवाने या दाढ़ी बनवाने के दौरान एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के उपयोग वाले ब्लेड/कैंची बिना बदले या साफ किए उपयोग करने पर एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति का खून सामान्य व्यक्ति के खून से मिलने पर भी लोग एचआईवी संक्रमित हो सकते हैं। जेल के कैदियों को भी इसके प्रति जागरूक करना बिहार सरकार और स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिकता में शामिल है। इसके लिए बिहार एड्स कंट्रोल सोसायटी के निर्देशक द्वारा सभी जेल के कैदियों को इसके लिए जागरूक करने का आवश्यक निर्देश दिया गया है जिसके लिए जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा केंद्रीय कारागार में जागरूकता अभियान चलाया गया और सभी को इसकी जानकारी दी गई। इससे सभी बंदी भी एचआईवी एड्स के प्रति जागरूक रह सकेंगे और संक्रमित होने पर अस्पताल से आवश्यक उपचार का लाभ उठा सकेंगे। सिप्लिस होने पर तत्काल जांच व इलाज नहीं कराने पर एचआईवी संक्रमित होने का रहता है खतरा : सीडीओ जिला संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी (सीडीओ) सह जिला एड्स नियंत्रण पदाधिकारी (डीएसीओ) डॉ कृष्ण मोहन दास ने बताया कि बहुत से लोगों से बहुत बार शारीरिक संबंध बनाने पर संबंधित पुरुष और महिला एचआईवी संक्रमित हो सकते हैं। गैर संचारी शारीरिक संबंध बनाने पर किसी भी पुरूष या महिला के प्राइवेट पार्ट में इंफेक्शन हो सकता है। इंफेक्शन के रूप में संबंधित क्षेत्र में फोड़ा/फुंसी होने लगता है जिसे मेडिकल भाषा में सिप्लिस कहा जाता है। सिप्लिस होने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करते हुए इसका इलाज नहीं करवाने पर संबंधित व्यक्ति का एचआइवी पॉजिटिव होने की संभावना 10 गुणा बढ़ जाती है। सिप्लिस होने पर समय पर इलाज कराने से लोग एचआइवी से सुरक्षित रह सकते हैं। इसके लिए लोगों को जागरूक होने की जरूरत है जिससे कि लोग एचआइवी संक्रमण से सुरक्षित रह सकें और सामान्य जीवन यापन सुनिश्चित कर सकें। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति व उनके बच्चों को नियमित इलाज कराने पर मिलता है सहायता राशि : एचआईवी डीआईएस बी एन प्रसाद ने बताया कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति द्वारा नियमित रूप से जिला एआरटी सेंटर से आवश्यक दवा का सेवन करने से एचआईवी एड्स को नियंत्रित रखा जा सकता है। ऐसा करने पर संबंधित एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति को बिहार एड्स शताब्दी योजना के तहत प्रति माह 1500 रुपये सहयोग राशि के रूप में सरकार द्वारा दिया जाता है। इसके साथ साथ एचआइवी संक्रमित व्यक्ति के 18 वर्ष से कम उम्र के एचआईवी संक्रमित या एचआईवी से सुरक्षित सभी बच्चों को भी परवरिश योजना के तहत प्रति माह 1000 रुपये प्रति माह सहयोग राशि उपलब्ध कराई जाती है। एचआईवी संक्रमित लोगों को नियमित एड्स नियंत्रण दवा का उपयोग करते हुए इस योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए।
मधुमक्खी के झुंड के हमले में एक चार वर्षीय बच्ची की मौत,भाई व मां गंभीर रूप से घायल

मधुमक्खी के झुंड के हमले में एक चार वर्षीय बच्ची की मौत,भाई व मां गंभीर रूप से घायल. पूर्णिया जिले के अमौर थाना क्षेत्र अंतर्गत बंगरा मेहदीपूर पंचायत के बनकोरा गांव में काली मधुमक्खी के झुंड के हमले ने एक चार वर्षीय बच्ची की जान ले ली है । इस हमले में मृत बच्ची का बड़ा भाई और उसकी मां की हालत गंभीर हैं जिसे बेहोसी की हालत में अस्पताल में भर्ती किया गया हैं. घटना अमौर थाना क्षेत्र अन्तर्गत बंगरा मेहदीपूर पंचायत के बनकोरा गांव में घटी है जहां मिथिलेश कुमार विश्वास की 06 वर्षीय पुत्र जयकांत कुमार, 04 वर्षीय पुत्री संजना कुमारी अन्य बच्चों के साथ पड़ोस के अशोक मुंशी के दरवाजे पर खेल रहा था । दरवाजे पर एक लिची का पेड़ था जिसमें काला बिरनी का छत्ता लगा हुआ था । खेल खेल में बच्चों ने लिची पेड़ की टहनियों को हिला दिया जिससे बिरनियों का झुंड उड़कर बच्चों पर हमला कर दिया, बच्चे की चीख पुकार सुन मां ने दौड़ते हुए बचाने गया,

     परन्तु अपनी बच्ची को नहीं बचा पाई , बच्ची संजना कुमारी की मृत्यु हो गई, बचाने गईं माँ और भाई भी मधुमक्खी के चपेट में आ गया, मां बेटी की हालत नाजुक देखते हुए , परिवार वालों ने अस्पताल में भर्ती कराया, जहाँ उपचार चल रहा है । घटना के बाद मिथिलेश विश्वास का पूरा परिवार सदमे में है और परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है ।
कटाव का निरीक्षण करने गए जिला परिषद प्रतिनिधि को ग्रामीणों ने बनाया बंधक
बायसी प्रखंड से एक सनसनीखेज खबर सामने आ रही है जहां नदी कटाव का निरीक्षण करने गए जिला परिषद प्रतिनिधि को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया और कटाव निरोधक कार्य की जल्द से जल्द मांग की, दरअसल पूरा मामला प्रखंड के गंगार पंचायत अंतर्गत तेलंगाना मालोपाड़ा की है जहां क्षेत्र संख्या 33 के जिला परिषद प्रतिनिधि तारीक अनवर उर्फ प्रवेज नाज महानंदा नदी से हो रहे कटाव का निरीक्षण करने के लिए पहुंचा, इसी बीच ग्रामीणों ने इकट्ठा होकर उसे बंधक बना लिया और कटाव निरोधक कार्य करने की मांग की, वही जब ग्रामीणों को पूछा गया तो ग्रामीणों ने बताया कि नदी कटाव इतनी तेज है कि चंद दिनों में ही नदी गांव के करीब पहुंच चुकी है, जिसको लेकर हम सब ने ठाना है कि आज जब तक विभाग या जनप्रतिनिधि के द्वारा कटाव निरोधक कार्य शुरू नही किया जाएगा तब तक हम सभी जिला पार्षद को यहा से जाने नही देंगे, जिसको लेकर जिला परिषद प्रतिनिधि तारीक अनवर उर्फ परवेज नाज ने कहा कि सभी ग्रामीण द्वारा हमें बंधक बनाया गया किंतु यह उसका दायित्व है, क्योंकि जब गांव तबाह होने पर है

       ऐसे में उन सभी का मांग है कि जल्द से जल्द काटाव निरोधक कार्य कर गांव को बचाया जाए, हालांकि इसको लेकर जिला परिषद प्रतिनिधि ने ग्रामीणों से एक सप्ताह का समय मांगने हुए आश्वासन दिया है कि यही कार्य नही किया जाएगा तो फिर आगे आप जो करेंगे मंजुर है, जिसके बाद ग्रामीणों ने उसे वहा से जाने दिया, अब देखना यह होगा कि क्या जिला परिषद प्रतिनिधि के द्वारा दी गई आश्वासन पूरा हो पाएगा, क्या एक सप्ताह के भीतर कटाव निरोधक कार्य शुरु कर इस गांव को बचाया जाएगा। हालांकि तारीख अनवर ने मौके से जिला चैयरमैन को वीडियो कॉल के माध्यम से तमाम लोगों की दुख दर्द को दिखाए एव सारी बातो को बताया और जिला प्रशासन से इस गांव मे तुरंत काटाव निरोधक कार्य करने की अपील की।
तनिष्क शोरूम लूट कांड के मुख्य आरोपी गिरफ्तार । इन्हीं पांच अपराधियों ने लूटकांड की घटना को दिया था अंजाम ।

पिछले 26 जुलाई को पूर्णिया के तनिष्क शोरूम लूट का पूर्णिया पुलिस ने सफल उद्वेदन कर लिया है । पुलिस अधीक्षक के पीछे खड़े पांच नकाबपोश की गिरफ्तारी बिहार के अलग-अलग जिलों से पूर्णिया पुलिस ने की है । जिसमें प्रशांत गौरव की गिरफ्तारी बिहार के मुजफ्फरपुर से, सोनू झा की गिरफ्तारी पूर्णिया से, बिट्टू कुमार पासवान की गिरफ्तारी मुजफ्फरपुर से, तो अंकुश कुमार की गिरफ्तारी रोहतास जिले से की गई है । जबकि सम्मी आनंद को पटना से गिरफ्तार किया गया है ।
      यह गिरफ्तारी पूर्णिया पुलिस के साथ-साथ एसटीएफ की टीम द्वारा की गई है । यह सभी नकाबपोश तनिष्क लूट कांड के मुख्य अभियुक्त हैं जो शोरूम के अंदर घुसकर लूटपाट की घटना को अंजाम दिया था । पूर्णिया पुलिस अधीक्षक उपेंद्रनाथ वर्मा ने बताया कि इससे पूर्व भी इस लूट कांड में सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है । जबकि लूट कांड का मास्टरमाइंड सुबोध सिंह ,प्रिंस राज, बिट्टू सिंह पहले से ही जेल में बंद है । उन्होंने कहा कि जल्द ही इन लोगों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी । जिससे कई और अहम राज खुलेंगे । हालांकि तनिष्क शोरूम लूट कांड 3 करोड़ 70 लाख से ज्यादा की लूट हुई थी ।

         लेकिन पूर्णिया पुलिस के हाथ महज एक हीरे की अंगूठी लगी और अब तक पुलिस के हाथ 12 गिरफ्तारी के सिवा खाली रहे हैं । पूर्णिया पुलिस का दावा है कि जल्द ही और भी बड़े खुलासे होंगे ।
जालिम पति ने अपने पत्नी को ही लोहे के रड से मार कर मौत के नींद उतार दी

बायसी बायसी प्रखंड क्षेत्र के आसजा मोबैया पंचायत के बजडी गांव वार्ड नंबर 15 में जालिम पति ने खुद पत्नी को ही लोहे के रड से मार मार कर घटनास्थल पर ही मौत का नींद उतार दी आपको बता दे की कीर्ति शर्मा का पुत्र जालिम उर्फ जुलूम शर्मा गांव मलहरिया के सात वर्ष पहले ही बजडी शर्मा टोली गांव में तेतली देवी की पुत्री कविता कुमारी से विवाह हुवी थी और शादी के ही कुछ दिनों से आपसी विवाद चलता रहता था और विवाद इतना बढ़ गया अचानक शुक्रवार के सुबह चार बजे सुबह मुंह में कपड़ा ठोस कर सर पर लोहे के रड से सर पर वार करने से मकई वारदात पड़ ही उनकी मृत्यु हो गई
      वहीं मृतक की मां को पूछने पर उन्होंने बताई कि मेरी बेटी बहुत अच्छी थी और यह लड़का मेरे बेटी को बहुत दिन से प्रताड़ित करता था और आज मेरे घर में ही अंदर से बंद कर मेरी बेटी के सर पर लोहे के रड से मार कर हत्या कर दी और वही हत्या करने के बाद खुद से अपने गले में सारी बांधकर पंखे से लटकने का कोशिश किया जिसमें ग्रामीणों ने देखने के बाद फिर दरवाजा तोड़कर उन्हें बचा लिया गया और वही मौके पर बायसी पुलिस को सूचना दिया और बायसी पुलिस सुरेश कुमार एस आई बच्चन मंडल एस आई सुमन कुमारी दलबल के साथ घटनास्थल पहुंचकर हत्यारे को पकड़ कर थाना ले गया उनके पति को पूछने पर उनके पति ने बताया कि मेरी पत्नी की संबंध मेरे बड़े भाई से चल रहा था जिसको लेकर मैं अपनी पत्नी को बार-बार मन करता था लेकिन मेरी पत्नी माना नहीं मानती थी वहीं स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि मोहम्मद अज्जद राजा को पूछने पर उन्होंने बताया कि यह जितना भी बयान पति का सर सारी गलत है वहीं स्थानीय जिला पार्षद प्रतिनिधि तारिक अनवर उर्फ परवेज नाज को भी पूछने उनौहने ने दुख जताया वह स्थानीय सरपंच महफूज आलम को भी पूछने पर उन्होंने बताया कि यह लड़की बहुत अच्छी थी और कभी इस तरह का शिकायत हम लोगों को नहीं मिला वहीं ग्रामीण संत संघ के अध्यक्ष सुरेश शर्मा भी इस घटना को दुख जताया है वही ग्रामीणों के सहयोग से जालिम शर्मा को पुलिस के हवाले कर इंसाफ के लिए ग्वार लग रही है अब मृतक कविता की दो छोटे-छोटे बच्चे हैं जो हमेशा के लिए मां के सैया बच्चों के सर से उठ गया
शहीद जगदेव बाबू के सपने को पूरा करना हम सबों का दायित्व : संतोष कुशवाहा

शहीद जगदेव बाबू के सपने को पूरा करना हम सबों का दायित्व : संतोष कुशवाहा  मेरा मानना है कि जिन उद्देश्यों को पूरा करने के क्रम में जगदेव बाबू को शहादत मिली ,वह आज भी अधूरी है।उनके सपनो को पूरा करना हम सबों का दायित्व है।वे महान राजनीतिक दूरदर्शी थे और हमेशा शोषित समाज के हक -हकूक की लड़ाई लड़ते रहे।इसकी कीमत उन्हें अपनी शहादत के रूप में चुकानी पड़ी।
     उन्होंने अपनी विचारधारा से कभी समझौता नही किया।उन्होंने कहा था कि सौ में नब्वे शोषित हैं, नब्बे भाग हमारा है।उक्त बातें पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा ने गुरुवार को रामबाग स्थित आवासीय कार्यालय में शहीद जगदेव प्रसाद की शहादत दिवस को संबोधित करते हुए कही।पूर्व सांसद सहित अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं ने शहीद जगदेव प्रसाद के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया। शहीद जगदेव प्रसाद को क्रांतिकारी राजनेता बताते हुए श्री कुशवाहा ने कहा कि बिहार में पहली गैर कांग्रेसी सरकार जिसके मुख्यमंत्री कर्पूरी जी थे,उसके गठन में जगदेव बाबू की महत्वपूर्ण भूमिका थी।वे अंग्रेजी और हिंदी अखबार के संपादक थे,लेकिन जब सिद्धांतों पर बात आई तो पत्रकारिता को छोड़ने में देर नही किया।शोषित दल की स्थापना के समय उन्होंने कहा था कि जिस लड़ाई की बुनियाद आज मैं रख रहा हूँ,वह लंबी और कठिन होगी।इसमे पहली पीढ़ी के लोग मारे जाएंगे,दूसरी पीढ़ी के लोग जेल जाएंगे और तीसरी पीढ़ी के लोग राज करेंगे।जीत अंततोगत्वा हमारी ही होगी।
        इस मौके पर आवासीय कार्यालय में देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती शिक्षक दिवस के रूप में मनाई गई।पूर्व सांसद श्री कुशवाहा ने कहा कि शिक्षक दिवस जीवन मे शिक्षा के महत्व को रेखांकित करने का दिवस है।इससे न केवल ज्ञान का विकास होता है बल्कि व्यक्तित्व का भी विकास होता है।इस मौके पर जदयू जिला अध्यक्ष प्रकाश सिंह पटेल,संजय राय, अमरेंद्र कुशवाहा, प्रखण्ड प्रमुख रितेश कुमार, युवा जदयू जिलाध्यक्ष राजू मण्डल,चंदन सिंह पटेल,उदय राय ,राजेश गोस्वामी,सुशांत कुशवाहा,दिलीप दास,लड्डू मेहता,महेश सिंह, सुभेष महतो,चंदन मजूमदार,विजय कुमार दास,आशीष आनंद,सुभाष कुमार,आलोक कुमार,निर्मल विश्वास,राजा कुमार,विशाल कुमार,सुभम चौधरी इत्यादि शामिल थे।
रुपौली प्रखंड के बिरौली बाजार में शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए सांसद पप्पू यादव

रुपौली प्रखंड के बिरौली बाजार में शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए सांसद पप्पू यादव रुपौली प्रखंड के बिरौली बाजार एवं पूर्णियाँ नगर निगम क्षेत्र में शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में माननीय सांसद श्री पप्पू यादव ने भाग लिया। कार्यक्रम में उपस्थित होकर उन्होंने शिक्षकों के योगदान की सराहना की और उन्हें राष्ट्र निर्माण में उनकी अहम भूमिका के लिए सम्मानित किया। सांसद महोदय ने कहा, "शिक्षक समाज को दिशा देने वाले मार्गदर्शक हैं, उनका योगदान अमूल्य है।

      शिक्षकों के प्रति हमारा आभार और सम्मान सदैव रहेगा।" पप्पू यादव ने वहां मौजूद छात्रों को भी संबोधित करते हुए कहा, "आप ही हमारे भविष्य के कर्णधार हैं। शिक्षा आपके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण आधार है, जो आपको सफलता की राह दिखाएगी। शिक्षक आपकी राह के सबसे बड़े मार्गदर्शक होते हैं, उनके प्रति हमेशा सम्मान बनाए रखें। आज जो भी आप सीख रहे हैं, वही कल आपकी पहचान बनेगा। मेहनत और लगन से पढ़ाई करें, तभी आप अपने सपनों को साकार कर पाएंगे।" उन्होंने आगे कहा, "आपके उज्ज्वल भविष्य के लिए हम सदैव प्रयासरत हैं। किसी भी तरह की समस्या हो, हम आपके साथ खड़े हैं। अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझें और समाज के लिए एक जिम्मेदार नागरिक बनें।" सांसद पप्पू यादव ने शिक्षकों के अधिकारों और सम्मान के मुद्दे पर हमेशा से सड़क से सदन तक आवाज उठाने का वादा दोहराया। उन्होंने कहा, "जब शिक्षकों पर लाठीचार्ज किया गया था, तब भी हम उनके साथ खड़े थे। जब वे गर्दनीबाग में कड़कती ठंड में धरने पर बैठे थे, तब भी हमने उनका साथ दिया।

     मेरा मानना है कि शिक्षकों के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए, मगर हमारे प्रदेश की सरकारें शिक्षकों को वह सम्मान नहीं देती, जिसके वे हकदार हैं।" सांसद ने यह भी आश्वासन दिया कि शिक्षकों के हितों की रक्षा के लिए वे हर संभव प्रयास करेंगे और उनके अधिकारों के लिए हमेशा खड़े रहेंगे। इस मौके पर जिला परिषद पुनम देवी, नगर पंचायत उपाध्यक्ष इंदु देवी, श्याम कुमार, दिलीप मंडल, जेपी साह, मो पप्पू मुखिया, राजेश यादव, वैश खान, मनोज गुप्ता, समिउललाह, करन यादव,सोनू यादव, विशाल, मो तहसील, प्रकाश मंडल,अनिल पोद्दार,सुरजभान जयसवाल
जान हथैली पर रख स्कूल जाते है शिक्षक, हादसों से भी नही सबक लेती सरकार, शिक्षक दिवस पर पूर्णिया के सैकड़ो शिक्षक की दर्द भड़ी कहानी


पूर्णिया के अमौर में शिक्षकों को जान हथेली पर रखकर विद्यालय जाना पड़ रहा है। कनकई नदी के कारण अमौर प्रखंड मुख्यालय से लगे हिस्से एक तरफ जबकि इसके 10 से अधिक पंचायत नदी के दूसरी तरफ हैं। इन पंचायतों में 12 के करीब प्राइमरी , मिडिल और हाईस्कूल भी हैं। अमौर के इन पंचायतों में बसे सरकारी विद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षकों की स्थिति जिंदगी संघर्षपूर्ण और खतरे से भरी है। अमौर के इन पंचायतों में बसे विद्यालयों तक जाने के लिए शिक्षकों को रोजाना खतरे से भरे नाव का सफर पूरा करना पड़ता है। घंटे भर के इंतेजार के बाद नाव का सफर शुरू होता है। शिक्षक नाव पर बैठकर कनकई नदी की तेज लहरों को पार करते हुए नदी के उस पार खाड़ी बसौल गांव पहुंचते हैं। शिक्षक बताते हैं कि नदी को देखते हुए 2011 में खाड़ी पुल का निर्माणकार्य शुरू किया गया था। मगर आज तक नहीं बनाया जा सका।
      ऐसे में कनकई की तेज लहरों को पार करने क्या कोई दूसरा विकल्प न होने की वजह से नाव ही नदीवके उस पार बसे पंचायतों के विद्यालयों तक पहुंचने का एक मात्र सहारा है। शिक्षक बताते हैं जब तक नाव का सफर पूरा नहीं हो जाता, उन्हें अपनी जान का खतरा सताता रहता है। आने जाने का कोई दूसरा साधन न होने की वजह से नाव की सवारी करते हुए उन जैसे सभी शिक्षकों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
      शिक्षक कहते हैं कि बीते दिनों ही पटना के दानापुर में BPSC पास शिक्षक गंगा नदी में बह गए। किसी भी वक्त उनके साथ इस तरह की घटना हो सकती है। वे बताते हैं कि कई बार नाव दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। 2 साल पहले कनकई नदी की तेज धार के कारण नाव ने अपना संतुलन खो दिया था, जिसके बाद वो खाड़ी पुल से जा टकराई थी। उस रोज बाल -बाल लोगों की जान बच गई। वहीं दो महीने पहले ही एक शिक्षिका नाव से उतरते वक्त नदी में बहने लगी थी। जिसे बाद में दूसरे शिक्षकों ने जान पर खेलकर बचाया था। वहीं कनकई नदी का पानी बढ़ जाने पर शिक्षको को पहाड़ीनुमा अप्रोच पथ की चढ़ाई कर मुख्य मार्ग तक जाना होता है। इनके लिए ये सबकुछ बेहद संघर्षपूर्ण और चुनौतियों से भरा है। शिक्षक बताते हैं कि उन्हें अपने विद्यालयों तक पहुंचने के लिए घंटे भर पहले निकलना पड़ता है।

       वहीं नाव के सफाई के लिए एक घंटे का इंतेजार करना पड़ता है। नाव की सवारी के कारण थोड़ी सी देरी पर अनुपस्थिति दर्ज हो जाती है। इस तरह की स्थिति अक्सर ही उनके सामने आती रहती है। सैलरी तक कट जाती है। इस तरह की तकलीफों का सामना उन्हें अक्सर ही करना पड़ता है।
आप भी शिल्प और हस्तनिर्मित सामानों के शौकीन है तो पूर्णिया के कलाभवन में आपके लिए लगा है शिल्प उत्सव मेला

भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय ,बिहार खादी ग्रामोद्योग और शिल्प स्वेग सहायता समूह के संयुक्त तत्वावधान में पूर्णिया के कला भवन में 30 दिवसीय शिल्प मेला उत्सव का आयोजन किया गया । इस मेला में देश के 15 राज्यों के शिल्पकार और हस्तशिल्पी अपने उत्पादों के स्टॉल लगाए है । इस मेले में हस्त निर्मित सामान, लकड़ी के समान के साथ-साथ खादी और रेशम के सामान मिलते हैं ।

       मेला में खरीददारी करने आये स्थानीय लोगों ने बताया कि इस तरह के मेला से जहां कुटूर उद्योग और हस्त निर्मित उद्योगों को बढ़ावा मिलता है वही स्थानीय उत्पादों के लिए बाजार भी उपलब्ध होता है । साथ ही लोगों को खादी और रेशम के कपड़े जो आरामदायक होते है सस्ते दामों पर उपलब्ध होता हैं । साथ ही एक पारिवारिक माहौल भी मेले में दिखता है । वही शिल्प मेला के बारे में बताते हुए मेला आयोजक सुनील शर्मा ने बताया कि देश के चर्चित उत्पादो के स्टॉल लगाए गए है । साथ ही अगर कोई व्यक्ति शिल्प के क्षेत्रों में कुछ सीखना चाहे तो उनके लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है ।