भारत ने बांग्लादेश में कर रखा है बड़ा निवेश, जानें शेख हसीना के बाद क्या होगा भविष्य?
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बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ शुरू हुआ छात्र आंदोलन सत्ता परिवर्तन तक जा पहुंचा।शेख़ हसीना बांग्लादेश छोड़कर भारत आ पहुंची।15 सालों से बांग्लादेश की सत्ता में रहते हुए शेख़ हसीना ने भारत के साथ अपने रिश्तों को काफ़ी मज़बूत बनाया था। बांग्लादेश के साथ भारत के करीबी व्यापारिक रिश्ते रहे। दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा है बांग्लादेश। कोविड के बाद से दोनों के बीच ट्रेड में लगातार बढ़ोतरी हुई है। दोनों मिलकर कई प्रॉजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं। इनमें भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन सबसे अहम है, जिसके जरिये हिंदुस्तान से रिफाइंड डीजल की आपूर्ति की जाएगी। साथ ही, अपने इस पड़ोसी देश में इंफ्रास्ट्रक्चर पर भारत ने बहुत निवेश किया है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि भारत और बांग्लादेश के बीच हुए व्यापार समझौते का भविष्य क्या होगा? मुक्त व्यापार समझौता हो भी पाएगा या नहीं?
बांग्लादेश, व्यापार के लिहाज से इस उपमहाद्वीप में भारत का सबसे बड़ा साझेदार है और भारत भी बांग्लादेश के लिए चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक साल 2023-24 में दोनों देशों के बीच 13 अरब डॉलर का व्यापार हुआ। बीते साल नवंबर महीने में दोनों देशों के प्रधानमंत्री ने भारत समर्थित तीन विकास परियोजनाओं का उद्धाटन किया था। अखौरा-अगरतला रेल लिंक, खुलना-मोंगला पोर्ट रेल लाइन और मैत्री थर्मल प्लांट। अखौरा-अगरतला पहली ट्रेन सेवा है, जो पूर्वोत्तर भारत को बांग्लादेश से जोड़ती है। भारतीय रेल ने लाइन ऑफ़ क्रेडिट प्रोग्राम के तहत बांग्लादेश के रेल इंफ्रास्ट्रक्चर में लगभग एक हज़ार करोड़ का निवेश किया है।
बांग्लादेश में अडानी समूह का भी बड़ा निवेश है। अडानी पावर ने साल 2017 में बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट के साथ 25 साल का समझौता किया था। जिसमें अडानी पावर की ओर से अपने झारखंड स्थित गोड्डा प्लांट से 1496 मेगावाट बिजली देने का वादा है। गोड्डा पावर प्रोजेक्ट देश का पहला ट्रांजेक्शनल पावर प्लांट है। इसकी 100 फ़ीसदी एनर्जी बांग्लादेश भेजी जाती है। साल 2023 से ये प्लांट बांग्लादेश में बिजली भेज रहा है।
अडानी के साथ-साथ बांग्लादेश में डाबर, मारिको, एशियन पेंट्स, पिडिलाइट, गोदरेज, सन फार्मा, टाटा मोटर्स, हीरो मोटोकॉर्प, टीवीएस मोटर का भी निवेश है।
भारत और बांग्लादेश के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बातचीत अक्तूबर 2023 में शुरू हुई ताकि दोने देशों से आयात-निर्यात होने वाली चीज़ों पर कस्टम ड्यूटी हटा दी जाएष विश्व बैंक के एक अनुमान के अनुसार, इससे भारत को बांग्लादेश के निर्यात में 297 फ़ीसदी तक और भारत के निर्यात में 172 फ़ीसदी तक की वृद्धि होने की संभावना है। हालाँकि बांग्लादेश के मौजूदा राजनीतिक दृश्य को देखते हुए इसके भविष्य पर अनिश्चितता बनी हुई है।
सेना और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के रहमोकरम पर बनने वाली अंतरिम सरकार भारत के प्रति क्या रुख अपनाती है, यह अभी साफ नहीं हुआ है। लेकिन अतीत में बीएनपी का भारत के साथ जो रवैया रहा है, वह कोई बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं जगाती है।
Aug 21 2024, 20:12