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अधिवर्षता आयु पूर्ण कर सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों का विदाई समारोह सम्पन्न,डीजीपी ने उनके कार्यो की सराहना 

लखनऊ । पुलिस महानिदेशक यूपी  प्रशांत कुमार द्वारा बुधवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित विदाई समारोह के दौरान अधिवर्षता आयु पूर्ण कर सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारी सुनील कुमार गुप्ता अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशिक्षण निदेशालय, यूपी,  रूचिता चौधरी पुलिस अधीक्षक महिला एवं सुरक्षा संगठन यूपी व अष्टभुजा प्रसाद सिंह पुलिस अधीक्षक रेलवे प्रयागराज को मोमेन्टो भेंट किया गया। साथ ही उनके सेवाकाल के दौरान किये गये कार्यो की सराहना करते हुए उनके एवं उनके परिवार के सुख, समृद्धि एवं उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी गयी।

इन जिलों में विभिन्न पदों पर रही इनकी तैनाती

सुनील कुमार गुप्ता, अपर पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण निदेशालय यूपी लखनऊ का जन्म पांच जुलाई 1964 को जनपद गौतमबुद्धनगर में हुआ था। वर्ष 1993 में ‘भारतीय पुलिस सेवा’ में चयनित हुये। प्रशिक्षणोपरान्त सहायक पुलिस अधीक्षक जनपद आगरा, इलाहाबाद, सेनानायक 23वीं वाहिनी पीएसी मुरादाबाद, पुलिस अधीक्षक जनपद महोबा, आजमगढ़, कानपुर देहात, सीतापुर, गोण्डा, महाराजगंज, कन्नौज, मैनपुरी, पुलिस मुख्यालय इलाहाबाद, अभिसूचना मुख्यालय, ट्रेड टैक्स कानपुर नगर, डॉ0 भीमराव अम्बेडकर अकादमी मुरादाबाद, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद मथुरा, सहारनपुर, बरेली, इलाहाबाद, फैजाबाद, मुरादाबाद के पदों पर नियुक्त रहे। वर्ष 2009 में ’’पुलिस उपमहानिरीक्षक’’ के पद पर प्रोन्नत होकर पुलिस उपमहानिरीक्षक कानपुर परिक्षेत्र एवं वर्ष 2013 में ’’पुलिस महानिरीक्षक’’ के पद पर प्रोन्नत होकर पुलिस महानिरीक्षक कानपुर जोन, आगरा जोन, पीएसी पश्चिमी जोन, पुलिस महानिरीक्षक ‘अपराध’ मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 के पदों पर नियुक्त रहे।

इन पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं सुनील कुमार

वर्ष 2018 में ‘‘अपर पुलिस महानिदेशक’’ के पद पर प्रोन्नत होकर अपर पुलिस महानिदेशक, डॉ0 भीमराव अम्बेडकर अकादमी मुरादाबाद, पुलिस महानिदेशक यूपी के  जनरल  स्टाफ  आफिसर  एवं  अपर  पुलिस महानिदेशक दूरसंचार के पदों पर नियुक्त रहे। वर्तमान में अपर पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण निदेशालय यूपी , लखनऊ के पद पर नियुक्त रहे।सुनील कुमार गुप्ता अपर पुलिस महानिदेशक को सेवाकाल के दौरान स्वतंत्रता दिवस 2013 के अवसर पर पुलिस पदक, स्वतंत्रता दिवस 2019 के अवसर पर पुलिस महानिदेशक का प्रशंसा चिन्ह(सिल्वर), गणतंत्र दिवस 2020 के अवसर पर राष्ट्रपति का पुलिस पदक एवं स्वतंत्रता दिवस 2020 के अवसर पुलिस महानिदेशक का प्रशंसा चिन्ह (गोल्ड) तथा स्वतंत्रा दिवस 2021 के अवसर पर पुलिस महानिदेशक का प्रशंसा चिन्ह (प्लेटिनम)से सम्मानित किया गया है।

रूचिता चौधरी वर्तमान में पुलिस अधीक्षक 1090 रही

रूचिता चौधरी, पुलिस अधीक्षक महिला एवं सुरक्षा संगठन यूपी का जन्म 22 जुलाई 1964 को जनपद वाराणसी में हुआ था। वर्ष 1994 में ‘‘प्रान्तीय पुलिस सेवा’’ में चयनित हुयी। प्रशिक्षणोपरान्त पुलिस उपाधीक्षक जनपद आगरा, सीतापुर, कानपुर देहात, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर, इटावा, मेरठ, सीआईडी लखनऊ, जीआरपी गोरखपुर, सीबीसीआईडी मेरठ के पदों पर नियुक्त रहीं। वर्ष 2006 में ‘अपर पुलिस अधीक्षक’ के पद पर प्रोन्नत होकर अपर पुलिस अधीक्षक पॉवर कार्पोरेशन मेरठ, एसीओ, अभिसूचना कानपुर नगर, सीबीसीआईडी मुख्यालय लखनऊ, देवरिया, फैजाबाद, सुरक्षा मुख्यालय लखनऊ, कमिश्नरेट लखनऊ के पदों पर नियुक्त रहीं। वर्ष 2021 में “भारतीय पुलिस सेवा” में प्रोन्नत होकर पुलिस अधीक्षक, अपर पुलिस उपायुक्त, कमिश्नरेट लखनऊ, डीसीपी कमिश्नरेट लखनऊ के पदों पर नियुक्त रहीं। वर्तमान में पुलिस अधीक्षक, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन (1090) यूपी लखनऊ के पद पर नियुक्त रही।

अंबेडकरनगर के रहने वाले हैं अष्टभुजा प्रसाद सिंह

अष्टभुजा प्रसाद सिंह, पुलिस अधीक्षक रेलवे प्रयागराज का जन्म 11 जुलाई 1964 को जनपद अम्बेडकरनगर में हुआ था। वर्ष 1999 में ‘प्रान्तीय पुलिस सेवा’ में चयनित हुये। प्रशिक्षणोपरान्त पुलिस उपाधीक्षक, जनपद बहराइच, लखनऊ, गोण्डा, रायबरेली, ज्योतिबा फुले नगर, मुरादाबाद, हरदोई, सुलतानपुर, खीरी, जालौन, सीतापुर, भ्र0नि0सं0, सहायक सेनानायक 09वीं वाहिंनी पीएसी मुरादाबाद, 20वीं वाहिनी पीएसी आजमगढ़ एवं 25वीं वाहिनी पीएसी रायबरेली के पदों पर नियुक्त  रहे।  वर्ष  2013  में ‘अपर पुलिस अधीक्षक’ के पद पर प्रोन्नत होकर जनपद सीतापुर, लखनऊ, खीरी, शाहजहाँपुर, जौनपुर, कानपुर नगर, यूपी-100 लखनऊ, उन्नाव के पदों पर नियुक्त रहे।

वर्तमान में पुलिस अधीक्षक, रेलवे प्रयागराज के पद पर नियक्त रहे

वर्ष 2019 में ‘‘भारतीय पुलिस सेवा’’ में प्रोन्नत होकर सेनानायक, 12वीं वाहिनी पीएसी फतेहपुर, पुलिस अधीक्षक कानपुर आउटर, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक,यूपी लखनऊ, पुलिस अधीक्षक/उप निदेशक, यातायात एवं सड़क सुरक्षा लखनऊ के पदों पर नियुक्त रहे। वर्तमान में पुलिस अधीक्षक, रेलवे प्रयागराज के पद पर नियक्त रहे। इस अवसर पर अपर पुलिस महानिदेशक स्थापना, अपर पुलिस महानिदेशक कार्मिक, अपर पुलिस महानिदेशक/पुलिस महानिदेशक के जीएसओ, अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था, अपर पुलिस महानिदेशक अपराध, अपर पुलिस महानिदेशक मुख्यालय सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।

यूपी में 11 अपर पुलिस अधीक्षक के तबादले

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बुधवार को 11 अपर पुलिस अधीक्षकों को तबादला किया गया है। इससे पहले दो जिलों के कप्तान समेत आठ आईपीएस अधिकारियों का तबादला हुआ था।तबादलों के क्रम में कुमार रणविजय सिंह फिरोजाबाद से मुरादाबाद नगर के एएसपी बने। अखिलेश भदौरिया को मुरादाबाद से फिरोजाबाद का अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण बनाया गया है। शिवराम यादव को पुलिस कमिश्नरेट प्रयागराज से पीटीएस मेरठ, श्रीपाल यादव अधिसूचना मुख्यालय लखनऊ,

शशि शेखर सिंह एएसपी पीटीएस लखनऊ, सुशील कुमार सिंह प्रथम को बदायूं से संतकबीरनगर, अजय कुमार तृतीय लखनऊ से कन्नौज, अशोक कुमार सिंह द्वितीय एडीसीपी लखनऊ, बाल रामाचारी दुबे सुरक्षा अयोध्या भेजा गया है।

अलका धर्मराज को क्षेत्रीय अभिसूचना मेरठ, दिनेश यादव को उपसेनानायक 41वीं वाहिनी पीएसी गाजियाबाद भेजा है। इसके अलावा चन्द्र पाल शर्मा को पुलिस उपाधीक्षक गोण्डा से पुलिस उपाधीक्षक एलआईयू मुरादाबाद और उमेश्वर प्रभात सिंह को पुलिस उपाधीक्षक भदोही से पुलिस उपाधीक्षक गोण्डा बनाया गया है।
भारी विरोध के बीच विधानसभा से पारित हुआ उप्र नजूल सम्पत्ति विधेयक-2024

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को भारी विरोध के बीच उप्र नजूल सम्पत्ति (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंध और उपयोग) विधेयक-2024 विधानसभा से पास हो गया। इस विधेयक का प्रस्ताव आते ही सदन में जमकर हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष से हर्षवर्धन बाजपेयी, जनसत्ता दल के रघुराज प्रताप सिंह ने विरोध किया। मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने वेल में आकर नारेबाजी की।
भाजपा सदस्य हर्षवर्धन बाजपेयी ने कहा कि आजादी के 75 साल पहले मिली भूमि पर लोग 100-100 साल से रह रहे हैं। पीएम मोदी लोगों को घर दे रहे हैं। आप उसे गिरा देंगे? अधिकारियों ने सरकार को गलत फीडबैक दिया है।

भाजपा सदस्य ने कहा कि जिस भूमि पर गरीबों के आवास बने हैं, उसे फ्री होल्ड किया जाए। रघुराज प्रताप सिंह और कांग्रेस सदस्य आराधना मिश्रा मोना ने भी इस विधेयक का विरोध किया। सपा ने भी इस विधेयक का विरोध किया। इसे प्रवर समिति में भेजे जाने की मांग उठाई। सदन में मांग अस्वीकार होने से सपा के सदस्य वेल में आकर सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे। सपा के सदस्य वहीं धरने पर बैठ गए। सरकार की
ओर से संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि नजूल भूमि का स्वामित्व किसी को नहीं दिया जा सकता है। हां इतनी छूट का प्रावधान किया जा रहा है कि जिसने लीज के लिए धनराशि जमा की थी, वह चाहे तो उसके लीज का समय बढ़ा दिया जाएगा।

खन्ना ने एक बात और स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि इस विधेयक में किसी गरीब को कोई परेशानी न हो उसकी व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही हो-हल्ला के बीच ध्वनिमत से नजूल भूमि विधेयक पारित हो गया।
उत्तर प्रदेश नजूल सम्पत्ति विधेयक-2024 के अधिनियम का रूप लेने के बाद उत्तर प्रदेश में स्थित नजूल भूमियों का निजी व्यक्ति या निजी संस्था के पक्ष में पूर्ण स्वामित्व के रूप में प्रतिवर्तन नहीं किया जा सकेगा। नजूल भूमि के पूर्ण स्वामित्व परिवर्तन संबंधी किसी भी न्यायालय की कार्यवाही या प्राधिकारी के समक्ष आवेदन, निरस्त हो जाएंगे और अस्वीकृत समझे जाएंगे।

यदि इस संबंध में कोई धनराशि जमा की गई हैतो ऐसे जमा किए जाने की तारीख से उसे भारतीय स्टेट बैंक की मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट की ब्याज दर पर कैलकुलेट करते हुए धनराशि वापस कर दी जाएगी। नजूल भूमि के ऐसे पट्टाधारक जिनका पट्टा अभी भी चालू है और नियमित रूप से पट्टा किराया जमा कर रहे हैं और पट्टे की किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया है, उनके पट्टों को सरकार या तो ऐसी शर्तो पर जैसा सरकार समय-समय पर निर्धारित करती है जारी रख सकती है या ऐसे पट्टों का निर्धारण कर सकती है। इसके अंतर्गत नजूल भूमि का आरक्षण एवं उसका उपयोग केवल सार्वजनिक इकाइयों के लिए ही किया जाएगा।

विधानसभा में उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र विधेयक भी पास उत्तर प्रदेश विधानसभा में बुधवार को उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) विधेयक भी पारित हुआ। इस विधेयक के तहत एनसीआर की तर्ज पर स्टेट कैपिटल रीजन क गठन किया जाएगा। विधेयक के पारित होने के बाद लखनऊ और उसके पड़ोसी जिलों उन्नाव, हरदोई, सीतापुर, रायबरेलीऔर बाराबंकी को मिलकर एससीआर का गठन किया जाएगा। इससे इन जिलों का उचित, व्यवस्थित और त्वरित विकास हो सकेगा । व्यवस्थित और तेज विकास को मिलेगा बढ़ावा उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र एवं अन्य क्षेत्रीय विकास प्राधिकरणों का गठन विधेयक-2024 के माध्यम से राज्य सरकार का उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण और अन्य क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण की स्थापना का प्रस्ताव है। इसके गठन के लिए राज्य सरकार पर किसी प्रकार का व्यय भार प्रस्तावित नहीं है।

इसके तहत सभी 6 जिलों के 27 हजार 860 वर्ग मीटर एरिया को समेटकर राज्य राजधानी क्षेत्र बनाया गया है। इससे इन सभी जिलों में तेज विकास किया जा सकेगा और यहां रहने वाले लोगों को एनसीआर की तर्ज पर सुविधाएं प्रदान की सकेंगी। क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण अपने क्षेत्र के लिए संबंधित विकास प्राधिकरण, निगम, स्थानीय निकाय एवं विभिन्न सरकारी विभागों के समन्वय से क्षेत्रीय योजना तैयार करेगा, जिससे क्षेत्र के समग्र विकास और गुणवत्ता पूर्ण बुनियादी ढांचा संबंधी परियोजनाओं को बढ़ावा मिलेगा। इसके अतिरिक्त क्षेत्र के अंतर्गत निजी व सार्वजनिक क्षेत्र बुनियादी ढांचा संबंधी परियोजनाओं, जनसुविधाओं का समूचे क्षेत्र की आवश्यकता के अनुसार विकास होगा। योजना गत क्षेत्रीय विकास से आवासन, अवसंरचना, यातायात, उद्योग आदि सभी क्षेत्रों में रोजगार सृजन में बढ़ोतरी होगी।
विधानसभा में जलभराव पर शिवपाल का तंज, मुख्यमंत्री काे गेट एक से निकाला

लखनऊ। बुधवार को दो घंटे की बारिश से विधानसभा के भीतर जलभराव हो गया। जिसको लेकर समाजवादी पार्टी के महासचिव व विधायक शिवपाल यादव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए तंज कसा। शिवपाल यादव ने कहा कि बजट की सबसे अधिक आवश्कता तो विधानसभा को है। एक मूसलाधार बारिश में यह हाल, बाकी प्रदेश भगवान भरोसे है।

विधानसभा में जलभराव होने के बाद वहां के कर्मचारियों ने बाल्टी से पानी को बाहर निकाला। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद पानी कम हुआ। इसी दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जलभराव के कारण एक नम्बर गेट से बाहर निकाला गया। मुख्यमंत्री अपनी सुरक्षा व्यवस्था के साथ बाहर निकले तो सड़क पर भी भारी जलभराव दिखायी पड़ा।
हकीकत में अपराधियों को पुलिस का भय नहीं रहा: अखिलेश
लखनऊ। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री लाख दावे करें लेकिन हकीकत में अपराधियों को पुलिस का भय नहीं रह गया है। आए दिन दबंगों द्वारा कब्जे, अपहरण, लूट और महिला अपराध के मामले सुर्खियां बटोरते हैं।

उन्होंने बयान जारी कर कहा कि जौनपुर बदमाशों ने युवक को गोली मार दी। तीन महीने पहले उसके पिता की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। लखनऊ में दोस्तों ने अपने दोस्त की निर्ममता से हत्या कर दी। बाराबंकी में सिगरेट के विवाद में भाइयों ने लाइनमैन को मार डाला। हरदोई में घर में घुसकर वकील की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसी तरह हरदोई के ही सांडी क्षेत्र में गोबर डालने घर से निकली किशोरी की दुष्कर्म के बाद गला दबाकर हत्या कर दी गई।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि बरेली में 85 वर्षीय बुजुर्ग महिला के साथ दुष्कर्म किया गया। बाद में बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कहते थे कि उनकी सरकार में अपराधी या तो जेल में होंगे या प्रदेश से बाहर चले जाएंगे, जो असत्य निकला। उन्हें किसी का डर नहीं रह गया है।
राष्ट्र के प्रति दायित्व बोध कराने का पर्व है काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी वर्ष: सीएम योगी
लखनऊ। भारतीय स्वाधीनता संग्राम के अमर कथानक ऐतिहासिक काकोरी ट्रेन एक्शन का शताब्दी वर्ष पूरे प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाएगा। आगामी 09 अगस्त को शताब्दी वर्ष की शुरुआत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काकोरी में आयोजित कार्यक्रम में सहभागिता करेंगे, वहीं स्वाधीनता दिवस तक 'हर घर तिरंगा' फहरा कर अमर शहीदों को नमन भी किया जाएगा।

बुधवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शताब्दी वर्ष समारोह की तैयारियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि काकोरी ट्रेन एक्शन देश के स्वाधीनता समर की अमर कहानी है। यह राष्ट्र के प्रति दायित्व बोध कराने वाला पर्व है। अगले वर्ष 2025 में जबकि इस घटना के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं तो यह अपने अमर नायकों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन का एक सुअवसर है। उन्होंने कहा कि पूरे एक वर्ष तक विविध कार्यक्रमों के माध्यम से काकोरी ट्रेन एक्शन की स्मृतियों को नमन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 09 अगस्त को काकोरी में मुख्य समारोह के आयोजन के बाद प्रदेश के प्रत्येक शहीद स्मारक पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए। 9 अगस्त को स्कूलों में प्रभात फेरी निकाली जाए। स्कूल-कॉलेजों में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के विषय में डिबेट का आयोजन किया जाए। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के संबंध में सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवसर पेंटिंग की प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाए। यह पेंटिंग स्थानीय या क्षेत्रीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों से संबंधित हो। 9 अगस्त को काकोरी ट्रेन एक्शन के अवसर पर प्रत्येक शहीद स्मारक पर पुलिस बैंड के माध्यम से राष्ट्र गीत के धुन बजाया जाए। इससे पूर्व शहीद स्मारकों के आस-पास स्वच्छता का अभियान चलाया जाए। विभिन्न अस्पतालों में फलों का वितरण किया जाए। युवा रक्तदान करें। साथ ही, एक पेड़ मां के नाम भी नाम पर भी पौधरोपण किया जाये।

सीएम योगी ने कहा कि 09 अगस्त काकोरी ट्रेन एक्शन के अवसर पर हर घर तिरंगा लगाने का कार्यक्रम प्रारंभ किया जाए। 13 अगस्त से 15 अगस्त के बीच हर घर पर तिरंगा लगाए जाए। यह एक जनांदोलन के रूप में हो। एक पोर्टल तैयार किया जाए, जिस पर लोग अपने घरों पर तिरंगा लगने के बाद सेल्फी लेकर उसे अपलोड करें।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी समारोह में गौरव गाथा स्वतंत्रता संग्राम, राष्ट्र चिंतन विचार ,शहीदों को नमन, पर्यावरण संरक्षण एक जीवन शैली, सांस्कृतिक विरासत एवं गौरवशाली इतिहास, समर्पण एवं राष्ट्र की सेवा इत्यादि विषयों पर काकोरी ट्रेन एक्शन पर विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा
हमारी सरकार ने खोले आठ लाख कर्मचारियों के पेंशन खाते : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधान परिषद में न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) को लेकर एक सवाल के जवाब में कहा कि राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद करीब 8 लाख कर्मचारियों के पेंशन खाते खोले गए। वर्ष 2005 में जब न्यू पेंशन स्कीम लागू हुई तब प्रदेश में सपा सरकार थी। वहीं 2007 से 2012 तक बसपा और फिर 2012 से 2017 तक सपा सत्ता में थी, मगर ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक भी कर्मचारी के पेंशन खाते नहीं खोले गये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2018 में जब ये बात हमारे सज्ञान में आई तब हमने तत्कालीन फाइनेंस सेक्रेटरी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की। इसमें संबंधित विशेषज्ञों को भी रखा गया। कर्मचारी संगठनों से भी चर्चा की गई। ये लगभग आठ लाख कर्मचारियों से संबंधित मुद्दा था। तब ये बात सामने आई थी कि कर्मचारी की लास्ट पेमेंट जो ड्रॉ होगी उसका 50 प्रतिशत देने के लिए आवश्यक होगा कि सरकार अपना शेयर थोड़ा और बढ़ाए। आकलन में पता लगा कि अगर सरकार अैर कर्मचारी समय से पैसा जमा करें और कर्मचारी किसी स्कीम से अपना पैसा जोड़ता है तो रिटायरमेंट के बाद करीब 60 प्रतिशत तक पैसा पेंशन के रूप में उसे प्राप्त हो सकता है। इसके बाद हमने पेंशन स्कीम में सरकार के शेयर को 10 से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया है। हमने सभी कर्मचारियों के अकाउंट खोले, 2005 से 2017 तक का पैसा जो कर्मचारियों के खाते में नहीं गया था, क्योंकि खाता ही नहीं था, उस पैसे को भी डालने का कार्य किया।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में न्यू पेंशन स्कीम लागू होने के वक्त जिन कर्मचारियों की नियुक्ति अंतिम चरण में थी, ऐसे 70 हजार लोगों को ओल्ड पेंशन स्कीम में ही रखा, इनमें एक बड़ी संख्या शिक्षकों की है। न्यू पेंशन स्कीम को प्राइवेट बैंकों में जमा करने की शिकायत को गंभीरता से लिया गया है और इसमें कार्रवाई भी की गई है, साथ ही धनराशि को वापस लाने का कार्य किया गया है। सरकार की प्राथमिकता होती है कि किसी भी सरकारी स्कीम का पैसा राष्ट्रीयकृत बैंक में ही जुड़े।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने लाल बिहारी यादव को विधान परिषद में नेता विरोधी दल बनने पर बधाई दी और चुटकी लेते हुए कहा कि आशा करता हूं कि आप हमेशा नेता विरोधी दल बने रहें। उन्होंने कहा कि ये उच्च सदन है, यहां आने वाले सदस्यगण सभी समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। कुछ स्थानीय निकाय, कुछ शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र, कुछ स्नातक मतदाताओं व राज्यपाल के मनोनयन से यहां आते हैं। सरकार आपकी भावनाओं का पूरा सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही पीठ से जो भी आवश्यक दिशा-निर्देश मिलते हैं, उसका भी सम्मान किया जाता है।
उप्र में आठ आईपीएस का तबादला, दो जिलों के कप्तान बदले
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बुधवार को आठ आईपीएस अधिकारी का तबादला कर दिया गया हैं। जनपद कुशीनगर और फतेहपुर के पुलिस कप्तान बदले गये हैं। तबादलों में आईपीएस संतोष कुमार मिश्रा को कुशीनगर का नया एसपी नियुक्त किया गया है। इससे पहले वे प्रशिक्षण एवं सुरक्षा (लखनऊ) के पद पर कार्यरत थे। वहीं, कुशीनगर के आईपीएस धवल जायसवाल को फतेहपुर का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है।

इसी तरह अजय कुमार को सेननायक, 38वीं वाहिनी पीएसी अलीगढ़ से 32वीं वाहिनी पीएसी लखनऊ, में सेनानायक के पद पर नवीन तैनाती दी गई है। अभिषेक यादव को लखनऊ अभिसूचना मुख्यालाय से प्रयागराज रेलवे,फतेहपुर एसपी रहे उदय शंकर सिंह को पुलिस अधीक्षक (प्रशिक्षण एवं सुरक्षा) लखनऊ की जिम्मेदारी दी गई है।

आईपीएस शुभम पटेल को पुलिस उपायुक्त पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद से पुलिस अधीक्षक, अभिसूचना मुख्यालय लखनऊ, श्रद्धा नरेंद्र पांडेय को पुलिस उपायुक्त पुलिस कमिश्नरेट प्रयागराज से 38वीं वाहिनी पीएसी में सेनानायक के पद पर नियुक्ति दी गई है। विवेक चंद्र यादव को पुलिस मुख्यालय से प्रयागराज कमिश्नरेट में अपर पुलिस उपायुक्त बनाया गया है।
पूर्व भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य को मिली जमानत
लखनऊ। एमपी-एमएलए कोर्ट से भाजपा की पूर्व सांसद संघमित्रा मौर्य को 12 अगस्त तक के लिए जमानत मिल गयी है। उन पर बिना तलाक दिए दूसरी शादी करने का आरोप है। कई बार नोटिस के बावजूद न्यायालय में पेश न होने पर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ था।

पूर्व कैबिनेटमंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य बदायूं से भाजपा की सांसद रह चुकी है। लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाना इलाके में रहने वाले वादी दीपक कुमार स्वर्णकार ने संघमित्रा और स्वामी प्रसाद मौर्य सहित अन्य लोगों के खिलाफ कोर्ट में परिवाद दाखिल किया था। संघमित्रा पर बिना तलाक दिए दूसरी शादी करने का आरोप था।

मामले को लेकर कोर्ट ने पिता-पुत्री को न्यायालय में पेश होने के लिए कई नोटिसे दी थी। कोर्ट में पेश न होने पर उन्हें 19 जुलाई को भगोड़ा घोषित करते हुए गैर जमानती वारंट जारी कर दिए थे। मंगलवार को संघमित्रा मौर्य कोर्ट में हाजिर हुई तो उन्हें हिरासत में लेने का आदेश दे दिया। दो घंटे तक चली सुनवाई के बाद न्यायालय ने 50-50 हजार रुपये के दो मुचलकों पर उन्हें 12 अगस्त तक जमानत दे दी है।
पेपर लीक और लव जिहाद रोकने के लिए यूपी विधानसभा में विधेयक पारित

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान सभा में मंगलवार को विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक-2024 पारित हो गया। प्रदेश में लागू होने के बाद धोखे से धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ आजीवन कारावास जैसी कठोर सजा का प्रावधान किया गया है। उप्र सरकार ने सोमवार को विधान सभा में संशोधन विधेयक पेश किया था, जो मंगलवार को पास हो गया है।  यूपी सरकार ने इससे पहले विधानसभा में धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 पारित किया था। इस विधेयक में संशोधन कर सजा व जुर्माने की दृष्टि से इसे बहुत मजबूत किया गया है।

पहली बार इन अपराधों में आजीवन कारावास तक की सजा

यूपी में लव जिहाद जैसे अपराधों पर योगी सरकार ने और कड़ी सजा करने का फैसला किया है। पहली बार इन अपराधों में आजीवन कारावास तक की सजा दिए जाने का प्रस्ताव है। सरकार नेविधान सभा में यूपी विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक 2024 पारित करा लिया है। इसमें पहले से परिभाषित अपराधों में सजा जहां दोगुनी तक बढ़ा दी गई है, वहीं नए अपराध भी शामिल किए गए हैं। इसके साथ ही पहले इस प्रकार के धर्मांतरण पर पीड़ित व्यक्ति ही शिकायत कर सकता था।

इस विधेयक को विधानसभा से विधान परिषद को भेजा जाएगा

अब इस संशोधन के बाद समाज का कोई भी व्यक्ति शिकायत कर सकता है। पास हुए इस विधेयक को विधानसभा से विधान परिषद को भेजा जाएगा। विधान परिषद में पारित होने के उपरांत सरकार इस विधेयक को राज्यपाल को भेजेगी। धर्म परिवर्तन संशोधन अधिनियम की खास बातें -रिश्तेदारों के अलावा कोई भी इसकी जानकारी दे सकता है। -विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन पर 3 से 10 साल की सजा-नाबालिग,दिव्यांग,मानसिक दुर्बल ,महिला, एससी, एसटीका धर्म कराने पर पांच से 14 साल की सजा-सामूहिक धर्म परिवर्तन पर7 से 14 साल की सजा

यह काम करने वालों को होगी बीस साल की सजा

-विदेशी फंडिंग का इस्तेमाल कर धर्म परिवर्तन पर 7 से 14 साल की सजा-यदि धर्म परिवर्तन के लिए जीवन या संपत्ति भय में डाली,हमला,बल प्रयोग,विवाह या विवाह का वचन(इसे ही लव जिहाद कहा जा रहा) या उत्प्रेरित करता है,साजिश करता है या प्रलोभन देकर,नाबालिग,महिला,व्यक्ति की तस्करी करता है,विक्रीत करता है या साजिश करता है तो कम से कम 20 साल से आजीवन कारावास तक की सजा होगी।

पेपर लीक पर भी सरकार सख्त, विधेयक पारित

उप्र. निजी विश्वविद्यालय (चतुर्थ संशोधन ) विधेयक-2024 पास होने के साथ ही सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं में अनुचित साधनों का उपयोग कर व्यवस्था को चुनौती देने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के लिए सरकार ने विधेयक लेकर आई है। सरकार ने उप्र विधान सभा में मंगलवार को उप्र. सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक-2024 पारित करा लिया है। इसके लागू होने से प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली करने वाले, पेपर लीक करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो सकेगी।

एक करोड़ रुपये तक लगेगा जुर्माना

इनमें न्यूनतम दो साल से लेकर आजीवन कारावास तक का सजा का प्रावधान किया गया है। इसमें एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने को शामिल किया गया है। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार पहले भी पेपर लीक जैसे मामलों पर कड़े कदम उठा चुकी है और अब इस विधेयक का पास होना इस क्रम में एक और बड़ा कदम माना जा रहा है। इसके अलावा निजी विश्वविद्यालय विधेयक भी पास हुआ। हालांकि विपक्षी सदस्यों का
कहना था कि इन विधेयकों में कुछ खामियां हैं। उन्हें दूर करने के लिए इसे प्रवर समिति को भेजा जाना चाहिए। सदन में विपक्ष का यह प्रस्ताव स्वीकार नहीं हुआ।

एजेंसी और संचालकों के खिलाफ भी होगी कार्रवाई

नए कानून के तहत परीक्षा करवाने वाली एजेंसी और उसके संचालकों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई के प्रावधान किए गए हैं। गौरतलब है कि इसी साल पुलिस भर्ती और आर.ओ. और ए.आर.ओ. की परीक्षा का पेपर लीक का मामला हुआ था। जिसके बाद विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर जमकर निशाना साधा था।