अयोध्या में जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह ने दिया आदेश, धारा 144 बढ़ाई गई
अयोध्या। जिलाधिकारी चन्द्र विजय ने बताया कि विभिन्न माध्यमों/स्त्रोतों से प्राप्त सूचनानुसार आगामी दिवसों में विभिन्न धार्मिक एंव राजनैतिक संगठनों/सस्थाओ/व्यक्तियो आदि द्वारा जनपद अयोध्या के विभिन्न भागों ग धरना, प्रदर्शन, जुलूस, पदयात्रा इत्यादि द्वारा अथवा अन्य प्रकार के अविधिक, असामाजिक, क्रिया कलापों एवं कार्यक्रमों से शान्ति व्यवस्था भंग की जा सकती है। आगामी अवधि में स्वतन्त्रता दिवस, रक्षाबन्धन, चेहल्लुम, जन्माष्टमी, श्रीगणेश चतुर्थी, ईद-ए-मिलाद (बारावफात), विश्वकर्मा पूजा/अनंत चर्तुदशी, श्रावण मास में कांवड़ियों द्वारा जलाभिषेक एवं श्रावण झूला मेला/श्रावण पूर्णिमा आदि विभिन्न त्योहारों/ जन्म दिवस के साथ ही विभिन्न सेवा आयोगो की प्रतियोगी/शैक्षणिक परीक्षाएं आदि आयोजित होना सम्भावित है।
ऐसी स्थिति में आगामी समय में विभिन्न धार्मिक, राजनैतिक, संगठनों, संस्थाओं, व्यक्तियों के सम्भावित आयोजनों/कार्यक्रमों के साथ ही उल्लिखित त्योहारों, परीक्षाओं, जनपद अयोध्या के विभिन्न मन्दिर, मठ, धर्मशालाओं आदि में आयोजित कार्यक्रमों के दृष्टिगत मेरा रामाधान हो गया है कि जनपद मे लोक, शान्ति, सुरक्षा व कानून व्यवस्था एवं जन सुरक्षा बनाये रखना अति आवश्यक है।
अत: मैं चन्द्र विजय सिंह, जिला मजिस्ट्रेट, अयोध्या भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा-163 में विहित अधिकारों का प्रयोग करते हुए लोक/शान्ति/कानून व्यवस्था/जन सुरक्षा एवं जनजीवन को सामान्य बनाये रखने की दृष्टि से जनपद की सम्पूर्ण सीमा में इसके अन्तर्गत पड़ने वाले समस्त नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र हेतु निम्नलिखित निपेधाज्ञाएं पारित करता हूँ।
जिला मजिस्टेज्ट ने बताया कि जनपद अयोध्या में किसी भी व्यक्ति/संस्था/संगठन/दल द्वारा किसी कार्यक्रम/माध्यम से साम्प्रदायिक सद्भाव व सामाजिक सौमनस्य को बिगाड़ने का प्रयास नहीं किया जायेगा। किसी प्रकार के आयोजन/समारोहों में भी अन्य अस्त्र-शस्त्र के साथ ही लाइसेंसी अस्त्रों का प्रदर्शन, हर्ष फायरिंग व उपयोग भी प्रतिबंधित होगा। ड्यूटी पर तैनात अधिकारी/कर्मचारी, सिक्ख समुदाय के लोग धार्मिक हथियार के रूप में कृपाण धारण करने व बूढ़े, दिव्यांग व्यक्ति जो सहारे के लिए छड़ी या लाठी का प्रयोग करते हैं, इस प्रतिबन्ध से मुक्त रहेंगे। किसी सार्वजनिक स्थान पर कोई भी व्यक्ति ऐसे व्यक्तियों के समूह के साथ सम्मिलित नहीं होगा, जिसका उद्देश्य किसी विधि विरूद्ध गतिविधि में भाग लेना हो।
किसी व्यक्ति/संगठन/प्रत्याशी/राजनैतिक दल द्वारा ऐसा कोई कार्यक्रम सार्वजनिक/निजी स्थल पर आयोजित नहीं किया जायेगा, जिससे किसी जाति/पंथ/संगठन/धर्म के अनुयायियों/व्यक्तियों की भावनाओं को आघात पहुंचे और साम्प्रदायिक/धार्मिक उन्माद की स्थिति उत्पन्न हो। इसके साथ ही किसी भी प्रकार के प्रचार आदि के लिए अपने साथ-साथ किसी अन्य व्यक्ति की भूमि, भवन आदि का किसी भी रूप में प्रयोग बिना पूर्व अनुमति के नहीं करेगा। कोई भी व्यक्ति, भवन स्वामी की अनुमति के बिना उसके भवन, दीवार अथवा अन्य स्थान पर पोस्टर, हैण्डबिल नहीं चिपकायेगा और न ही होर्डिंग व कटआउट लगायेगा और न ही बिना भवन स्वामी के अनुमति के दीवारों पर प्रचार लेख करायेगा। कोई भी व्यक्ति अथवा राजनैतिक दल/संगठन विना पूर्व अनुमति कोई जनसभा, नुक्कड़ सभा, रैली, जुलूस, सांस्कृतिक कार्यकम, पद यात्रा, विजयोत्सव आदि आयोजित नहीं करेगा और पूर्व अनुमति में उल्लिखित निर्धारित स्थल, मार्ग व अवधि नहीं बदलेगा तथा न ही सभा में किसी प्रकार का भड़काऊ/अमर्यादित भाषण देगा व किसी का पुतला नहीं लगायेगा एवं उसके सार्वजनिक स्थानों पर जलाने और इस प्रकार के अन्य कृत्यों व प्रदर्शनों का समर्थन नहीं करेगा। इसके साथ ही साथ पूर्व अनुमति द्वारा आयोजित सभाओं एवं जुलूसों आदि में कोई ऐसा कार्य नहीं किया जायेगा, जिससे कि सामान्य जन को बाधा पहुंचे।
परम्परागत पर्वो/त्यौहारों में जनसामान्य के शान्ति एवं सौहार्दपूर्ण ढंग से सम्मिलित होने, विवाहोत्सव, शव यात्राओं या शासन के विभिन्न विभागों के प्रबन्धाधीन प्रेक्षागृहों के अन्दर आयोजित श्लील सांस्कृतिक/एकेडमिक कार्यकम, इस प्रतिवन्ध से मुक्त रहेंगे। प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों में होने वाले अवकाश के अतिरिक्त अपरिहार्य स्थिति में शासन/जिलाधिकारी द्वारा 29 समय-समय पर घोषित अवकाश/बन्दी के दिन विद्यालय नही खोला जायेगा एवं आदेशों की अवज्ञा नहीं की जायेगी। कोई भी व्यक्ति आवागमन के साधन जैसे रेल, रोडवेज, संडक यातायात आदि विद्युत व्यवस्था, जलापूर्ति आदि जैसे महत्वपूर्ण आवश्यक जनहित की सेवाओं में किसी भी प्रकार का अवरोध उत्पन्न नहीं करेगा। कोई भी व्यक्ति सड़क पर न तो मंच बनाकर वक्तव्य देगा और न ही सड़क को रोककर स्वागत द्वार आदि बनायेगा। किसी भी व्यक्ति/संगठन/संस्था/सम्प्रदाय/समुदाय/धार्मिक/राजनैतिक दल आदि द्वारा न्यायालय, शासन व अन्य सक्षम प्राधिकारी द्वारा समय-समय पर जारी अद्यतन दिशा-निदेर्शों का उल्लंघन नहीं किया जायेगा।
उपरोक्त आदेश को तात्कालिक रूप से पारित करने की आवश्यकता है, ऐसी दशा में समयाभाव के कारण समस्त सम्बन्धितों को समय से सूचित कर किसी अन्य पक्ष को सुना जाना संभव नहीं है। अत: यह आदेश एकपक्षीय रूप से पारित किये जा रहे हैं। यदि कोई व्यक्ति/संस्था इस आदेश से क्षुब्ध हो तथा इसके सम्बन्ध में कोई आपत्ति/आवेदन करना चाहे या छूट अथवा शिथिलता चाहे. तो उसे सम्बन्धित उप जिला मजिस्ट्रेट/रेजीडेण्ट मजिस्ट्रेट अयोध्या/नगर मजिस्ट्रेट, अयोध्या के सम्मुख आवेदन करने का अधिकार होगा, जिस पर सम्यक् सुनवाई/विचारोपरान्त प्रार्थना-पत्र के सम्बन्ध में समुचित आदेश पारित किये जायेंगें। *यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगें और यदि बीच में वापस न लिया गया, तो दिनांक 18.09.2024 तक प्रभावी रहेंगे। इस आदेश अथवा इसके किसी भी अंश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा-223 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध होगा। इस आदेश का प्रचार-प्रसार, जिले के सभी कार्यकारी मजिस्ट्रेटों तथा न्यायालयों व जनपद के नगर निगम/नगर पालिका/नगर पंचायत क्षेत्रान्तर्गत पड़ने वाले थानों के नोटिस बोर्ड, पर चस्पा करके किया जायेगा।
Jul 23 2024, 19:21