*न कूड़ा छांटा जा रहा न ही बन रही खाद* *एमआरएफ सेंटर सात में से पांच निकायों में बने हैं शोपीस,सभी निकायों को मिलाकर रोज निकल रहा 90 टन कूड़ा*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही।अधिकारियों की अनभिज्ञता के चलते निकाय में बने मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर शोपीस बनकर रह गए हैं। जिले की सात निकायों में केवल एक निकाय में इसका इस्तेमाल हो पा रहा है। शेष किसी भी सेंटर पर न तो कूड़े अलग अलग किए जा रहे हैं और न ही खाद बनाने का काम हो रहा है। सातों निकायों में 90 टन कूड़ा योजना निकालता है। नगर से निकलने वाले कूड़ा योजना निकलता है। नगर से निकलने वाले कूड़े निस्तारण के लिए निकायों में एमआरएफ सेंटर बनाए हैं। Street buzz News की टीम ने जिले की सातों निकायों में नई बाजार को छोड़कर बनें एमआरएफ सेंटर की पड़ताल की। यहां की हकीकत अधिकारियों के दावों के वितरित है। सेंटरों पर कूड़े का ढेर जरूर लगा हुआ था, लेकिन कूड़ो को कितना अलग किया गया और कितनी खाद बनाई गई,यह बताने वाला कोई नहीं दिखा। एमआरएफ सेंटर पर सूखे व गीले कचरे एक ही स्थान पर डंप किए जा रहे हैं। गोपीगंज को छोड़ दिया जाए तो किसी भी सेंटर पर केयर टेकर तक नहीं दिखे। जिले की सात निकायों में भदोही और गोपीगंज नगर पालिका है। सुरियावां, ज्ञानपुर,घोसिया, खमरियां और नई बाजार नगर पंचायत है। टीम 11.20 बजे गोपीगंज के गोपपुर में सेंटर पर पहुंची। मौके पर केयर टेकर अमित मिला। संचालन के बारे में पूछने पर बताया कि केवल कचरा अलग किया जाता है। घोसिया सेंटर पर 12 बजे तो खमरिया पर 2 बजे टीम पहुंची। एमआरएफ सेंटर पर अभी तक खाद बनाने की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। यहां केवल गीला सूखा कचरा अलग किया जाता है। घोसिया के ईओ कुमार गौरव ने बताया कि जमीन विवाद के चलते खाद निकालने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई गई थीं। यहां हाल खमरिया का है। ज्ञानपुर के सेंटर पर टीम एक बजे पहुंची यहां प्लास्टिक अलग करके रखा गया था। ईओ राजेन्द्र दूबे ने बताया कि सेंटर चल रहा है। सफाई कर्मचारियों को नाली सफाई करने व अन्य काम को लेकर बुलाया गया है।
ईओ का दावा ,चल रहे सेंटर
एमआरएफ सेंटर को लेकर सभी ईओ का दावा है कि सेंटर चल रहे हैं, लेकिन पड़ताल में हकीकत इससे विपरीत दिखी। भदोही का एमआरएफ सेंटर संचालित है। यहां करीब 50 कूंतल सूखा कचरा अलग किया गया है। ईओ धर्मराज सिंह ने बताया कि कोटेशन तैयार किया गया है। जल्द ही टेंडर की प्रक्रिया कर नीलामी की जाएगी। प्लास्टिक के बाॅटल, लोहा,कापर ,कापूस अलग-अलग रखे गए हैं। सुरियावां के ईओ शशिकांत तिवारी ने बताया कि एमआर एफ सेंटर चालू है। पांच सफाईकर्मी की ड्यूटी रोजाना लगाई गई है। पांच कुंतल कचर की छंटाई की जाती है। इसकी नीलामी की जाएगी। इसके अलावा खाद बनाने की प्रक्रिया अभी रुकी है। इसके लिए अभी गढ्ढे की खोदाई होनी है।
Jul 16 2024, 17:14