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मुकेश सहनी की पिता का हत्या मामला : जांच के लिए एसआईठी गठित, दरभंगा के इस तेज-तर्रार एसपी टीम को करेंगी लीड

डेस्क  : बिहार सरकार के पूर्व मंत्री व वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी के पिता की धारदार हथियार से काटकर निर्मम हत्या कर दी गई है। मुकेश सहनी के पैतृक घर दरभंगा जिले के विरौल थाना क्षेत्र के सुपौल में आज मंगलवार की सुबह उनके पिता जीतन सहनी घर के अंदर से ही क्षत-विक्षत लाश बरामद हुई है।

हत्या के पीछे आपसी रंजिश की आशंका जताई जा रही है. इस हत्याकांड की जांच के लिए दरभंगा के एसएसपी जगुनाथ जलारेड्डी ने एसआईटी का गठन किया गया है। दरभंगा की ग्रामीण एसपी काम्या मिश्रा एसआईटी को लीड करेंगी। काम्या मिश्रा की देखरेख में एसआईटी इस हत्याकांड की जांच करेगी।

इस टीम में बिरौल एसडीपीओ मनीष चंद्र चौधरी, बिरौल एसएचओ और तकनीकि कोषांक दरभंगा को शामिल किया गया है। एसआईटी जल्द ही अपनी जांच रिपोर्ट पेश करेगी, इसके आधार पर पुलिस एक्शन लेगी। इसके साथ ही पुलिस मुख्यालय की तरफ से घटना की जांच के लिए एडीजी रैंक के अधिकारी को पटना से दरभंगा भेजा जा रहा है। इस हत्याकांड की वैज्ञानिक जांच के लिए मुजफ्फरपुर से एफएसएल की टीम दरभंगा पहुंच गई है।
बड़ी खबर : पूर्व विधायक गुलाब यादव के पटना समेत कई ठिकानों पर ईडी छापेमारी, मनी लॉंड्रिग से जुड़ा बताया जा रहा है मामला*

डेस्क : राजधानी पटना से एक बड़ी खबर सामने आई है। ईडी ने आज मंगलवार की सुबह-सुबह झंझारपुर के पूर्व विधायक गुलाब यादव के ठिकानों पर छापेमारी की है। ईडी की छापेमारी से हड़कंप मच गया है। ईडी ने गुलाब यादव के पटना और मधुबनी और पुणे समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की है। मिल रही जानकारी के अनुसार मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने पूर्व विधायक के खिलाफ एक्शन लिया है। पूर्व विधायक गुलाब यादव की पत्नी अंबिका गुलाब यादव स्थानीय निकाय क्षेत्र से एमएलसी हैं, जबकि उनकी बेटी बिंदु गुलाब यादव जिला परिषद की अध्यक्ष हैं। बताया जा रहा है कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मंगलवार की सुबह करीब पांच बजे ईडी की टीम झंझारपुर के पूर्व विधायक गुलाब यादव के लखनौर प्रखंड के गंगापुर स्थित आवास पहुंची और छापेमारी की है। हालांकि इस दौरान घर में परिवार को कोई सदस्य मौजूद नहीं था। झंझारपुर के साथ साथ पूर्व विधायक के पटना और पुणे स्थित आवास पर छापेमारी की बात कही जा रही है। मिल रही जानकारी के अनुसार गुलाव यादव के परिवार के सभी लोग पटना में मौजूद हैं। पैतृक गांव गंगापुर में दो तीन केयर टेकर मौजूद हैं। छापेमारी के दौरान घर के अंदर किसी को आने-जाने की इजाजत नहीं है। केंद्रीय सुरक्षा बल के साथ पहुंचे ईडी के एक दर्जन अधिकारी गुलाब यादव के घर के कोने-कोने की तलाशी ले रहे हैं। छापेमारी के दौरान सुरक्षाबलों ने गुलाब यादव के घर को घेर लिया। घर में न तो गुलाब यादव हैं और ना ही उनकी पत्नी और बेटी ही मौजूद हैं। घर में सिर्फ केयर टेकर मौजूद है और उसी की मौजूदगी में ईडी की टीम ने छापेमारी की है।
*बिहार में बढ़ रहा बाढ़ का खतरा : कोसी, सीमांचल और पूर्वी बिहार में नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी, कटिहार में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के

डेस्क : बिहार में एकबार फिर भयंकर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। कोसी, सीमांचल और पूर्वी बिहार में नदियों के जलस्तर में वृद्धि सोमवार को भी जारी रही। कटिहार में गंगा नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर को पार कर गया। वहीं कारी कोसी और बरंडी नदी के जलस्तर में भी वृद्धि जारी रही। सुपौल में कोसी नदी में फिर से पानी बढ़ने लगा है। कटिहार में पिछले 18 घंटे में गंगा नदी के जलस्तर में 15 सेंटीमीटर, कोसी नदी के जलस्तर में 10 सेंटीमीटर, कारी कोसी नदी के जलस्तर में आठ सेंटीमीटर और बरंडी नदी के जलस्तर में करीब 10 सेंटीमीटर की वृद्धि की हुई है। बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधीक्षण अभियंता दीपक कुमार ने बताया कि गंगा नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर को पार कर गया है। वहीं सुपौल में कोसी नदी में सोमवार को दिन के 12 बजे के बाद से पानी पुन बढ़ने लगा। नेपाल के तराई क्षेत्र में बारिश होने के बाद बराह क्षेत्र में जलस्तर में एक बार पुन वृद्धि होने लगी है। सहरसा जिले में कोसी नदी के जलस्तर में कमी के कारण कटाव का खतरा बढ़ गया है। इधर सारण जिले में गंडक नदी में दूसरी बार आये उफान के पानी से तरैया प्रखंड के तीन गांव घिर चुके हैं। जिमदाहा, सगुनी व चंचलिया दियारा गांव के लोग अचानक आये पानी से बुरी तरह प्रभावित हैं। नाव से ग्रामीणों को बाहर निकाला जा रहा है। इसी तरह से मुजफ्फरपुर जिले के कई निचले गांव में बाढ़ का पानी घूस गया है। जिसकी वजह से बड़ी आबादी प्रभावित है।
पटीदारों को फंसाने के लिए फर्जी आरडीओ बन खुद ही अपने अपहरण की रची थी साजिश, रेल पुलिस ने गिरफ्तार कर मामले का किया खुलासा डेस्क : बीते रविवार

डेस्क : बीते रविवार को पटना के खुशरुपुर से पूर्णियां-हटिया कोशी एक्सप्रेस से दीपक कुमार पाठक नामक नव चयनित ग्रामीण विकास पदाधिकारी के अपहरण की खबर सामने आई थी। इस मामले में नाटकीय मोड़ आया है। दरअसल दीपक कुमार पाठक फर्जी आरडीओ निकला है और उसने खुद ही अपने अपरहण की झूठी खबर फैलाई थी।  

दरअल दीपक कुमार पाठक ने फर्जी अपहरण में पटीदारों के नाम डालकर फंसाने की साजिश रची थी। अपहरण के बहाने ट्रेनिंग पूरी नहीं करने की कहानी बनाता, इससे पहले ही रेल पुलिस ने बख्तियारपुर स्थित होटल से गिरफ्तार कर लिया।

रेल एसपी अमृतेंदु शेखर ठाकुर ने बताया की आरोपित के खिलाफ फर्जीवाड़ा और झूठा अपहरण का केस दर्ज किया गया है। 

मिली जानकारी के अनुसार बेगूसराय के तेघड़ा थाना के अम्बा गांव निवासी दीपक छौरा ब्लाक में संविदा पर काम करता है। 67वीं बीपीएससी परीक्षा में फेल होने पर भी प्रतिष्ठा के लिए गांव वालों को पास होने की बात बता दी। फर्जी नियुक्ति पत्र आदि बनवा लिए। 15 जुलाई को योगदान देने की बात बता सोमवार सुबह वह पूर्णियां हटिया कोशी एक्सप्रेस में चढ़ा। सुबह नौ बजे उसने परिवार वालों को फोन कर कहा कि खुसरुपुर में अपराधियों ने उसका अपहरण कर लिया है। वे तीन लाख रुपये मांग कर रहे हैं।

दीपक के पिता रामानंद पाठक ने खुसरूपुर जीआरपी और थाना में शिकायत दर्ज कराई। तीन लोगों पर आरोपित बनाया गया। उधर, कथित अधिकारी के अपहरण पर रेल पुलिस सक्रिय हो गई। जांच के दौरान दीपक बख्तियारपुर स्टेशन के पास होटल में मिला। जांच में उसके बीपीएससी परीक्षा पास करने के सभी दस्तावेज फर्जी मिले। एक लेटर 15 जुलाई का था। इसमें लिखा था कि ट्रेनिंग पूरी नहीं कर पाने के कारण उम्मीदवार की नियुक्ति रद्द की जाती है।

बड़ी खबर : वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी के पिता की धारदार हथियार से काटकर हत्या, घर से बरामद हुई क्षत-विक्षत लाश*

डेस्क : अभी-अभी बिहार से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां वीआईपी सुप्रीमो व बिहार सरकार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के पिता की धारदार हथियार से काटकर निर्मम हत्या कर दी गई है। घटना के बाद हड़कंप मचा हुआ है। पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है। मिली जानकारी के अनुसार अपराधियों ने घटना को मुकेश सहनी के पैतृक घर दरभंगा जिले के विरौल थाना क्षेत्र के सुपौल में अंजाम दियाहै। मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की आज यानी बुधवार की सुबह उनके घर के अंदर से ही क्षत-विक्षत लाश बरामद हुई है। दरभंगा के एसएसपी ने इसकी पुष्टि की है। एएसपी जगुनाथ रेड्डी ने बताया है कि जीतन सहनी का शव घर के भीतर क्षत-विक्षत हालत में बरामद का गया है। एफएसएल की टीम को बुलाया गया है। एसडीपीओ मनीष चंद्र चौधरी मामले की जांच कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि जीतन सहनी के अलावा घर में 2 से 3 नौकर और ड्राइवर रहते थे। जीतन सहनी की धारदार हथियार से हत्या की गई है, जिसके चलते उनका शव क्षत-विक्षत पड़ा हुआ था।
बिहार में सड़क दुर्घटना रोकने के किए गए पुख्ता इंतजाम, एनएच पर अब अत्याधुनिक वाहनों से होगी गश्ती

डेस्क : बिहार में हादसों को रोकने के लिए सरकार ने पुख्ता इंतेजाम कर लिया है। राज्य में सबसे अधिक दुर्घटना वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर अब अत्याधुनिक वाहनों से गश्ती होगी। यह वाहन फोरडी स्पीड रडार और कैमरों से लैस होंगे जो आटोमैटिक चालान निर्गत कर सकेंगे। 

सबसे बड़ी बात यह है कि आपात स्थिति के लिए वाहन में गैस कटिंग मशीन, ट्रैफिक कोन, फोल्डेबल स्ट्रेचर आदि उपकरण भी होंगे। प्रत्येक 50 किमी पर कैमरे और रडार से लैस वाहन गश्ती करेंगे। नियमों का उल्लंघन करने पर इन वाहनों की मदद से ई-चालान भी काटा जाएगा।

पुलिस मुख्यालय से मिली सूचना के अनुसार पहले चरण में सर्वाधिक दुर्घटना वाले चार एनएच का चयन किया गया है। इनमें इनमें एनएच-28 (छपरा- बेतिया -लौरिया- बगहा), एनएच-30 (पटना-बख्तियारपुर), एनएच-31 (बरौनी-मुजफ्फरपुर-पिपराकोठी) और एनएच-57 (मुजफ्फरपुर-दरभंगा-पूर्णिया) शामिल हैं। इन चार एनएच पर कुल 1125 किमी की दूरी की निगरानी के लिए 23 राजमार्ग गश्ती वाहन लगाए जाएंगे। इन वाहनों को डायल-112 से जोड़ा गया है, जो एनएच पर दुर्घटना होने पर फर्स्ट रिस्पांडर की भूमिका निभाएंगे। इसके अलावा एनएच पर हादसे रोकने के लिए राजमार्ग पेट्रोल योजना के तहत 1560 मानव बल की स्वीकृति भी दी गई है।

इसके साथ ही राजधानी पटना के अंदर भी बेहतर यातायात व्यवस्था के लिए सरकार ने नये वाहनों का आवंटन किया है। पटना शहर के लिए 56 नए वाहन उपलब्ध कराए गए हैं। यह वाहन नवगठित 28 ट्रैफिक थानों को दिए गए हैं। हर नए ट्रैफिक थाने को दो-दो नए वाहन मिले हैं। इनमें एक वाहन यातायात थाने जबकि दूसरा वाहन डीएसपी यातायात के लिए स्वीकृत किया गया है। सरकार लगातार ट्रैफिक पुलिस के लिए आधारभूत संरचनाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने का प्रयास कर रही है।

गजब : बिहार का एक ऐसा गांव जहां परिवार से अधिक संख्या में है नाव, जानिए क्यों…

डेस्क : बिहार में कई ऐसे अद्भुत गांव है जो अपने नाम, संस्कृति और विशेष कारणों से अपनी अलग पहचान बनाते है। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे गांव के विषय में बताने जा रहे जिसकी विशेषता जानकर आप आश्चर्य में पर जाएंगे। 

बिहार के सारण प्रमंडल अंतगर्त सीवान जिले में एक ऐसा गांव है जहां परिवार की संख्या से भी अधिक नाव है। इस गांव का नाम है तीर बलुआ गांव है। गंडक और सरयू नदी के तट पर स्थित इस गांव में परिवार की संख्या 120 है। लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इससे अधिक यहां नाव की संख्या है। इस गांव में तकरीबन 150 नाव है। 

अब आप यह समझ रहे होंगे कि यह इस गांव में निवास करने वाले लोगों का शौक होगा, लेकिन ऐसा नहीं है। यहां के लोगों के लिए नाव रखना शौक नहीं बल्कि मजबूरी है। यह गांव अपने आप में भी काफी अजूबा है। यहां के लोगों की पूरी दिनचर्या नाव पर ही व्यतीत हो जाता है। नहाने-धोने से लेकर बर्तन मांजने तक का काम नाव पर ही होता है।

तीर बलुआ गांव के एक निवासी ने बताया कि इस गांव में कुल परिवारों की संख्या 120 है। जबकि यहां नाव की 150 के आस-पास है। यानि कि यहां परिवार की संख्या से अधिक नावों की संख्या है। यहां के लोगों के पास बाइक, कार या घोड़ा सहित अन्य साधन भले ना मिले, लेकिन प्रत्येक घर में नाव जरूर मिल जाएगा। इस गांव के लोगों की डोर नाव बन गयी है। सभी दैनिक कार्य नाव के सहारे हीं होता है। चाहे वे नहाने, कपड़ा धोने, बर्तन मांजने, खेती बाड़ी करने जाना, पशुओं के चारा लाने, फसलों को लाने, जीविका के लिए मछली पकड़ने या फिर जीवन बचाना हो, सभी काम नाव से हीं होता है।

आखिर क्या है इसकी वजह ?

स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां प्रत्येक वर्ष नदियों में पानी बढ़ने से बाढ़ आ जाता है। इस वजह से नाव ही एक सहारा बचता है। अगर नदी के तट पर रिंग बांध बन जाए तो बाढ़ की समस्या से निजात मिलेगा और बाढ़ के साथ-साथ नाव रखने की समस्या से भी निजात मिल जाएगा। ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ के समय आपदा विभाग या जिला प्रशासन की ओर से कोई राहत नहीं दी जाती है। बाढ़ के दिनों में फसल भी पूरी तरीके से बर्बाद हो जाता है। खाने-पीने तक के लाले पड़ने लगते हैं। जैसे-तैसे व्यवस्था की जाती है। इसके बावजूद राहत सामग्री नहीं मिल पता है।

सत्ता संरक्षण के बिना मगही भाषा का विकास संभव नहीं, संविधान की 8वीं अनुसूची में किया जाए शामिल : जीतन राम मांझी

डेस्क : मगही भाषा को लेकर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बड़ी मांग है। उन्होंने इसे संविधान की 8वीं अनुसूची मे शामिल किये जाने की मांग की है। केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि मगही को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि सत्ता संरक्षण के बिना मगही भाषा का विकास संभव नहीं है।

बीते रविवार को कॉलेज ऑफ कॉमर्स आर्ट्स एंड साइंस पटना में डॉ राम प्रसाद सिंह अंतरराष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार वितरण समारोह और मगही भाषा के विकास में बाधक तत्व विषय पर विचार गोष्ठी का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मैथिली भाषा आठवीं अनुसूची में इसलिए शामिल हो गई क्योंकि उसे सत्ता का संरक्षण प्राप्त था। मगही को सत्ता का संरक्षण दिलाने के लिए प्रयास करने की जरूरत है। 

कार्यक्रम मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए नेपाल के पूर्व मंत्री भरत प्रसाद साह ने कहा कि नेपाल में दस लाख से अधिक लोग मगही भाषी हैं। भाषा और संस्कृति में काफी समानताएं हैं, जरूरत विस्तार देने की है। प्रो. ललन कुमार सिंह को हिंदी, ओम प्रकाश जमुआर को मगही और हिंदी तथा नेपाल के भुवनेश्वर महतो को मगही भाषा के विकास के लिए सम्मानित किया गया।

वहीं विशिष्ट अतिथि विश्वविद्यालय सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रो. गिरीश कुमार चौधरी ने कहा कि साहित्य के क्षेत्र में छात्रों की कम होतीरुचि चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि पाली, उर्दू, मगही, अरबी, हिन्दी और फारसी जैसे विषयों में छात्रों की दिलचस्पी कम होती जा रही है। इसलिए इन भाषाओं के शिक्षकों को इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

पीपीयू के कुलपति प्रो. आरके सिंह ने एमयू के कुलपति से विवि और महाविद्यालयों में नाम पट्टिका मगही में लिखवाने का सुझाव दिया। मवि के कुलपति प्रो. एस पी शाही ने अगले वर्ष विवि में स्वर्गीय डॉ राम प्रसाद सिंह जयंती समारोह आयोजित करने की घोषणा की।

राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने किया स्वीकार, अंचल स्तरीय कार्यालयों में बड़े पैमाने पर व्याप्त है भ्रष्टाचार

डेस्क : बिहार के अंचल स्तरीय कार्यालयों में म्यूटेशन समेत जमीन से जुड़े अन्य कार्यों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार व्याप्त है। दलालों का वर्चस्व कायम है और राजस्व कर्मचारी समेत निचले स्तर के कर्माचारी बिना पैसा लिए कोई काम नहीं करते है। इस बात को बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने खुद स्वीकार किया है। 

उन्होंने कहा है कि राजस्व कर्मचारी और उनके नीचे स्तर के मुंशी और दलालों ने भू-माफियाओं के साथ मिलकर स्थिति को गंभीर बना दिया है। गरीब लोगों के भी कोई काम बिना पैसा लिये नहीं हो रहे। अंचल स्तर पर हो रहे इस भ्रष्टाचार से विभाग की बदनामी हो रही है।

मंत्री ने सर्वे प्रशिक्षण संस्थान में अपर समाहर्ताओं के साथ समीक्षा बैठक के दौरान सभी एडीएम से सवाल किया कि क्या हम भ्रष्टाचार के इस दाग से मुक्त हो सकते हैं? उन्होंने विभागीय पदाधिकारी समेत सभी एडीएम को निर्देश दिया कि मजबूत इच्छा शक्ति से इस समस्या को ठीक किया जा सकता है। मंत्री ने अफसरों से अपील की कि इस महीने से भ्रष्टाचार को 10 फीसदी कम करने का अभियान शुरू करें।

बदनामी कम करने में एडीएम पहल करें 

मंत्री ने कहा कि विभाग की बदनामी कम करने के लिए एडीएम को पहल करनी होगी। यह बदलाव एक दिन में नहीं होने वाला, लेकिन इच्छाशक्ति मजबूत हो, तो काम मुश्किल नहीं है। एडीएम का आदेश राजस्व कार्यालय में महीनों तक लंबित पड़ा रहता है। अंचलाधिकारी या भूमि सुधार उप-समाहर्ता उनका पालन नहीं करते हैं। एडीएम का डर नीचे के पदाधिकारियों तक होना चाहिए। इसके लिए वे निचले कार्यालयों की नियमित एवं सघन जांच करें। अंचल कार्यालयों में फीफो (फर्स्ट कॉम, फर्स्ट आउट) के उल्लंघन की संख्या बहुत अधिक है। अभी इसके 11 हजार 73 मामले लंबित हैं। बिना एडीएम की अनुमति के फीफो का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। जिन अंचलों के सीओ इसका उल्लंघन करते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

बीपीएससी तीसरे चरण की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में देखने को मिलेंगे कई बदलाव, जानिए पूरा डिटेल

डेस्क : प्रश्न-पत्र लीक होने से रोकने के लिए बिहार लोक सेवा आयोग अब नया प्रयोग करने की तैयारी में है। जो बीपीएससी द्वारा आयोजित तीसरे चरण की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में देखने को मिल सकता है। मिली जानकारी के अनुसार तीसरे चरण की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में प्रश्न पत्रों को लेकर नया प्रयोग करने की तैयारी में है। परीक्षा में कई तरह के बदलाव देखने को मिल सकते हैं। प्रश्न पत्र के लीक और वायरल होने से रोकने के लिए इसे कई सेट में तैयार किए जा रहे हैं। जिसमें एक ही जिले में अलग-अलग केंद्र पर प्रश्न पत्र के अलग-अलग सेट रहेंगे। प्रश्न पत्र सेट करने में भी काफी सावधानी बरती गई है। जहां से प्रश्न पत्रों की छपाई होती थी उसे भी इस बार बीपीएससी ने बदल दिया है। सभी परीक्षा केंद्रों को बदलने की भी संभावना है।

404 केन्द्रों पर होगी परीक्षा 

तीसरे चरण की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा 19 से 22 जुलाई तक 27 जिलों के कुल 404 केंद्रों पर आयोजित होगी। इसमें छह लाख अभ्यर्थी अलग-अलग विषयों के शामिल होंगे। आयोग ने प्रवेश पत्र जारी कर दिया है। छात्रों को परीक्षा का शहर भी आवंटित कर दिया गया है। अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र पर एक घंटा पहले प्रवेश मिलेगा। सभी केंद्रों पर जैमर लगाने का निर्देश दिया है। डीएम के निर्देशन में परीक्षा आयोजित होनी है।

यह होगी नई व्यवस्था

1. एक जिले में कई परीक्षा केंद्र पर प्रश्नपत्र के सेट अलग-अलग होंगे

2. जिस प्रिंटिंग प्रेस से प्रश्न पत्रों की छपाई होती थी उसे भी आयोग ने बदल दिया है।

3. पुराने सभी परीक्षा केंद्र इस बार बदले जाएंगे यानी नए सेंटर होंगे

87 हजार 774 से अधिक पदों पर होनी है भर्ती

बिहार में तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती के तहत 87 हजार 774 से अधिक पदों को भरा जाना है। इसके लिए 4.63 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। प्राथमिक में 1,60,644, मध्य में 2,13,940, माध्यमिक में 1,44,735 और उच्च माध्यमिक में 61,986 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। इनमें कई अभ्यर्थियों ने कई वर्गों के लिए अलग-अलग आवेदन किया है। ऐसी स्थिति में परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या 5,81,305 के करीब है।

गौरतलब है कि शिक्षक बहाली के तीसरे चरण की परीक्षा इसी वर्ष 15 मार्च को हुई थी। परीक्षा के दिन हजारीबाग के कुर्रा, पदमा और बरही स्थित कोहिनूर होटल एवं मैरेज हॉल में झारखंड पुलिस की मदद से सघन छापेमारी की गई थी। इस दौरान पाया गया कि होटलों के कई कमरों के अलावा मैरेज हॉल में 270 से अधिक अभ्यर्थियों को बैठाकर प्रश्न पत्र का उत्तर रटवाया जा रहा था। मौके से जब्त किए गए प्रश्न पत्र का मिलान बीपीएससी कार्यालय से प्राप्त प्रश्न पत्रों से कराया गया, जो हूबहू एक जैसे पाए गए। इसके बाद परीक्षा रद्द कर दी गई थी।