हाथरस घटना को अमेठी सांसद ने बताया सरकार का फेल्योरः केएल शर्मा बोले- कोई भी पार्टी का क्यों न हो उसको होनी चाहिए सजा
अमेठी में जीत की शानदार इबारत लिखने के बाद अमेठी सांसद केएल शर्मा आसपास की सीटों पर कांग्रेस की नींव मजबूत करने में जुट गए हैं। इस क्रम में वे गुरुवार को सुल्तानपुर पहुंचे,जहां पं. राम नरेश त्रिपाठी सभागार में कांग्रेस के पूर्व विधान सभा प्रत्याशी संदीप तिवारी पिंटू की ओर से उनका भव्य स्वागत समारोह आयोजित किया गया। इसमें कांग्रेसियों के साथ सपाई भी शामिल हुए। इसके बाद वे पिंटू तिवारी के आवास पर पहुंचे,जहां उन्होंने दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत की...
सवाल:- हाथरस में दर्दनाक घटना हुई सरकार कह रही इसे राजनैतिक मुद्दा ना बनाए हालांकि सरकार इसे खुद मुद्दा बना रही है, अबतक एफआईआर में बाबा का नाम नहीं है इसे कैसे देखते हैं?
जवाब- देखिये ऐसा है सही है कि राजनीति नहीं होनी चाहिए। यह बड़ी दुःखद घटना है इतने लोगों का मर जाना। इस पे राजनीति नहीं होनी चाहिए निश्चित रूप से मैं भी कहूंगा लेकिन गवरमेंट को भी अपनी भूमिका निभानी चाहिए। कितने लोगों की परमीशन थी कितने लोग इकट्ठे हो गए। तो प्रशासन क्या कर रहा था? इतने बड़े आयोजन के अंदर इनके डिपार्टमेंट के लोग भी रहते हैं जो परमीशन देने वाले होते हैं वो इन्वॉल्व रहा तो इस पे राजनीति तो कतई नहीं होनी चाहिए लेकिन जो है जिसने भी किया हो जितना भी बड़ा नाम क्यों न हो कोई भी पार्टी का क्यों न हो उसको सजा होनी चाहिए।
सवाल:- आमतौर से यूपी में अपराधियो पर तुरंत बुलडोजर चलता है, इतनी बड़ी घटना हो गई 72 घंटे के समय बीत चुके हैं, अभी बुलडोजर तक नहीं चला बाबा ढूंढे नहीं मिल रहा क्या कहते हैं इस पर?
जवाब - ये गवरमेंट का फेल्योर है। क्योंकि आपका न्याय का पलड़ा हर जाति धर्म के लिए एक होना चाहिए। न्याय के पलड़े में किसी की तरफ झुकाव नहीं होना चाहिए उसे बराबर होना चाहिए। मैं गवरमेंट से कहूंगा न्याय करिए इसके अंदर, उसमें ये न देखिये कौन कितना बड़ा है। न्याय कीजिए।
सवाल:- कश्मीर में शहीद हुए पंजाब के अग्निवीर जवान अजय के परिजन अभी भी कह रहे उन्हें केंद्र से मुआवजा नहीं मिला रक्षा मंत्री कह रहे दिया सच कौन है और झूठ कौन बोल रहा?
जवाब- बिल्कुल देखिये पोलयामेंट में डिबेट हुई तो उनके फॉदर ने उसके बाद स्टेटमेंट दिया है कुछ नहीं हुआ। जो राजनाथ सिंह बात कर रहे हैं वो इंश्योरेंस की बात कर रहे हैं। इंश्योरेंस भी उनके फॉदर ने अभी जो स्टेटमेंट दी है आप ने देखी जो बाद में आई है जो राहुल ने शेयर की है। तो मुआवजा मिला नहीं है।
अग्निवीर योजना जो है ये नवजवानों के भविष्य से खिलवाड़ करने जैसीबीते दिनों आपने बल्दीराय में मीटिंग ली अब सुल्तानपुर में स्वागत समारोह क्या माना जाए ये विधानसभा के लिए योजना है। अब आप ये बताईए चार साल में रिटायर हो जाएगा। आज गांव के अंदर जानते कहा है आर्मी में है। तो पहला प्रश्न होता है अग्निवीर तो नहीं है? बच्चों की शादियों में मुश्किल आ रही है। अग्निवीर तो नहीं है चार साल के बाद बेरोजगार होकर आ जाएगा।
मतलब इन्होने जो सोचकर किया कहा 152-158 लोगों से राय किया। गवरमेंट ने बता दिया यही राय चाहिए जो हम चाहते हैं। वही राय आ गई। इसको ओपन डिबेट करना चाहिए। हॉउस के अंदर लाना चाहिए था कि हम ये चाहते हैं इसका ये मेरिट है। अपोजिशन भी बताता इसका ये मेरिट है ये डिमेरिट है। इसको संशोधित कीजिये यही योजना को और भी तरीके से लाया जा सकता था।
अब वो आते हैं तो गांव में वो जानते नहीं कि अग्निवीर में क्या है आम सैनिक में क्या है। पंजाब में ही सबसे पहला केस हुआ। जब आए तो उनको सैल्यूट देने वाला उसने कहा ये क्या हो रहा है भाई। मेरा बेटा तो शहीद हुआ है सीमा पर।
युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। आर्मी में तो बना हुआ है न कितनी देर सर्विस करके आप रिटायरमेन्ट ले सकते हैं। तो युवा डिसाइड करेगा कि जब उसको लगेगा सेना में फिजिकल सेट नहीं सेना निकाल सकती है वो तो उनके हाथ में रहता है। वो कहेगे तुम पहाड़ पर नहीं चढ़ सकते तुम्हारा दम फूलता है तुमको नहीं करेंगे कर सकते हैं।
उसमें तो कोई नहीं बोला। लेकिन यह योजना क्या लेकर आए हैं। अग्निवीर, चार साल में घर बैठा दोगे। इतना बड़बोलापन है बीजेपी का कि जब वो रिटायर होकर आएगे तो उनको हम बीजेपी के दफ़्तर में सिक्योरिटी गॉर्ड बनाएगे। अपमान कर रहे हो उनका। ये तो ठीक बात नहीं है पेंशन भी नहीं मिलेगी उनको।
सेना से रिटायर होकर आता है तो पेंशन तो लेता है उसके बाद कही नौकरी कर लेता है। 25-30, 40 हजार रुपए वो अपने बच्चों का भरण पोषण कर लेता है। फिर ओर गवरमेंट के अंदर रिजर्वेशन है हर उसमें लेकिन ये क्या स्कीम थी।
सवाल:- राहुल से हार के बाद स्मृति ईरानी अमेठी में डटी रही आपसे हार के बाद अब तक पलट कर नहीं आई क्या माना जाए डर रही हैं वो आपके ब्रिगेड से?
जवाब- मैं उनके विषय पर न पूरे इलेक्शन में कुछ कहा न अब उनके बारे में कुछ कहूंगा, ठीक है। वो उनका काम है वो क्या करती है जो मेरा काम है वो मैं कर रहा हूं।
सवाल:- अमेठी में उन्होंने मकान बनवाया है नागरिक हैं वो यहां की?
जवाब - आप भी मकान बनवा लो, लोगों के दिलों में मकान बनाना पड़ता है। खाली ईंट पत्थर के मकान बनाने से नहीं चलती। अमेठी प्यार की भाषा समझती है। उनको आप गवरमेंट से हड़का के नहीं कर सकते आप।
सवाल:- बीते दिनों आपने बल्दीराय में मीटिंग ली अब सुल्तानपुर में स्वागत समारोह क्या माना जाए ये विधानसभा की तैयारी है?
जवाब- ब्लॉक समिति की मीटिंग होती है उसमें मैं मेंबर होता हूं। मेरे को लगता है उस मीटिंग में मेरे को जाना चाहिए। जहां मुझे मौका मिलता है जाता हूं। अभी दो-तीन ब्लॉको में और लगी हुई है कोशिश करूंगा वहां पहुंचू। एक तो होता है सारे बीडीसी ग्राम प्रधानो से मैं मिल लेता हूं। जरनली सांसद इसमें जाते नहीं हैं जाना चाहिए, तो उनसे मेरा मिलना हो जाता है। उनके अंदर क्या चल रहा है सारा चीज पता हो जाती है।
सवाल:- बीते दिनों आपने बल्दीराय में मीटिंग ली अब सुल्तानपुर में स्वागत समारोह क्या माना जाए ये विधानसभा की तैयारी है?
जवाब- ब्लॉक समिति की मीटिंग होती है उसमें मैं मेंबर होता हूं। मेरे को लगता है उस मीटिंग में मेरे को जाना चाहिए। जहां मुझे मौका मिलता है जाता हूं। अभी दो-तीन ब्लॉको में और लगी हुई है कोशिश करूंगा वहां पहुंचू। एक तो होता है सारे बीडीसी ग्राम प्रधानो से मैं मिल लेता हूं। जरनली सांसद इसमें जाते नहीं हैं जाना चाहिए, तो उनसे मेरा मिलना हो जाता है। उनके अंदर क्या चल रहा है सारा चीज पता हो जाती है।
क्योंकि लोकतंत्र में ये सबसे छोटा चुनाव बीडीसी ग्राम प्रधान का ही होता है इसको भी पार्टियों को सीरियस लेना चाहिए। हालांकि सिंबल पर नहीं होते व्यवहार पर होते हैं सबसे टफ इलेक्शन प्रधान का है। मैं अपने राजनैतिक कैरियर में जो मेरा है 40-42 साल का मैं सबसे टफ इलेक्शन जो मानता हूं वो ग्राम प्रधान का।
Jul 06 2024, 18:40