आजमगढ़ :कंस बध होते ही श्रीकृष्ण के जयकारे से गूँजा परिक्षेत्र श्रीकृष्ण और रुक्मिणी विवाह की निकाली गई झांकी
सिद्धेश्वर पाण्डेय
आजमगढ़ । विश्व कल्यार्थ फूलपुर बाबा परमहंस जी मंदिर परिसर में चल रहे संगीतमई श्री मद भागवत कथा सप्ताह के छठवें दिन शुक्रवार को वृन्दावन से पधारे व्यास पीठ से कथाकार श्री प्रभु दयाल जी ने बताया कि,, श्री कृष्ण ने कहा मैं प्रेम में बसता हूं। प्रेम के आगे मैं खुद को रोक नहीं पाता। बाल लीला के बाद जब अक्रूर जी मथुरा से नंदगांव श्री कृष्ण, बलराम जी को लिवाने जाते हैं। तो यशोदा मैया अपने आसुओं को रोक नहीं पाती। किसी प्रकार नन्द बाबा उन्हे समझाते हैं। यशौदा मईया रोती हुई श्री कृष्ण से कहती हैं। मुझे आज पता चला तू यशोदा नन्दन नही तू देवकी नन्दन है। इतना सुनते ही श्री कृष्ण रथ से उतर माता से लिपट कर खूब रोते हैं। नन्द बाबा संभालते हैं। कुछ आगे बढ़ते ही श्री कृष्ण के विछड़ने की विरह वेदना से सारी गोपियां उनके रथ के आगे लेट जाती है। हमारे ऊपर से रथ लेकर जाइए। श्री कृष्ण उन्हे समझाते हैं और कहते हैं परसो मथुरा घूम कर हम वापस आ जायेंगे। अक्रूर जी को कंस के सामने ले जाने की दुविधा को श्री कृष्ण अपने दिव्य दर्शन कराकर दूर करते हैं मथुरा पहुंच कर नगर दर्शन के पश्चात कंस के पागल मतवाले हाथी को परलोक पहुंचाने, कुश्ती आदि कंस के चालों को मात देते हुए कंस वध करके अपने माता पिता, को कैद से आजाद कराते हैं। कुछ दिन बाद श्री कृष्ण को अश्रु बहता देख वासुदेव जी उद्धव को भेजते हैं और अश्रु का कारण पूछा तो माधव कहते हैं। यह प्रेम की पीड़ा है। तुम नही समझोगे। नही मानने पर उद्धव को श्री कृष्ण बृज वासियों को हाल लेने भेजते हैं। बृज जाकर उद्धव को प्रेम की विरह वेदना समझ आती है। प्रभु दयाल जी कथा मे रणछोर कृष्ण जो को क्यों कहते हैं।के बाद श्री कृष्ण रुक्मणि के विवाह की रोचक कथा बताई। जीवन्त झांकीके साथ श्री कृष्ण, रुक्मिणी की वैदिक मंत्रों से विवाह श्री अजीत पांडेय द्वारा कराया गया। सभी श्रद्धालु प्रभु श्री कृष्ण रुक्मिणी के पाव पखारे। श्लोक बुंदेला ने कान्हा की दीवानी बन जाऊंगी,,, आज मेरे श्याम की शादी है,,, आदि सुमधुर संगीत पर श्रद्धालु नृत्यकर झूमने लगे। सम्पूर्ण वातावरण श्री कृष्णमय हो उठा। देर रात तक श्रद्धालु भागवत कथा की ज्ञान यज्ञ की अमृत बूंदों का रस पान करते रहे इस अवसर पर दुर्गा देवी मोदनवाल, अजय मोदनवाल,ऊषा देवी, अनीता,उमा, आशा, चिरंजीव लाल, सोहन लाल, जय बहादुर,,राकेश , रवि शंकर, प्रहलाद आर्य,सुरेश मौर्य,राजेश,विष्णु मोदनवाल, मनोज भजन गायक, अनिल बरनवाल मोहन,,सहित गणमान्य और श्रद्धालु ज्ञान यज्ञ के अमृत गंगा का रस पान किया।
Jul 05 2024, 20:25