पीएम मोदी ने इमरजेंसी को बताया “काला धब्बा”, खरगे-राहुल ने बोला हमला, जानें क्या कहा
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18वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया। उन्होंने लोकसभा चुनाव और तीसरी बार चुने जाने पर जनता को धन्यवाद दिया। साथ ही उन्होंने आपालकाल को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। पीएम मोदी के बयान पर कांग्रेस ने जमकर हमला बोला है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से लेकर राहुल गांधी तक ने पीएम मोदी के बयान पर पलटवार किया है।
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी के इमरजेंसी पर दिए गए बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि बार-बार वह एक ही बात करते हैं, उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है। पीएम मोदी की आपातकाल वाली टिप्पणी पर वे कहते हैं, “वे यह बात 100 बार कहेंगे। बिना इमरजेंसी की घोषणा किए आप यह कर रहे हैं। आगे उन्होंने कहा कि एक ही बात को बार-बार कर के आप कब तक हुकुमत करना चाहते हैं? कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी पर पलटवार करते हुए कहा कि आप आपातकाल की याद दिला रहे हैं, लेकिन वे पिछले 10 वर्षों के अघोषित आपातकाल को भूल गए हैं, जो लोगों ने खत्म कर दिया था।
वहीं, खरगे ने अपने सोशल मीडिया हैंडल का सहारा लेते हुए भी पीएम पर निशाना साधा है। खरगे ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि पीएम हमेशा जिन शब्दों का इस्तेमाल करते हैं उसे आज जरूरत से ज्यादा बोल गए है, इसे कहते हैं कि रस्सी जल गई लेकिन बल नहीं गया। पीएम के भाषण को टारगेट करते हुए उन्होंने कहा कि पूरे देश ने पीएम से आशा लगाई थी कि वो अपने भाषण में अहम मुद्दों की बात करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लोगों ने सोचा था कि वह NEET व अन्य भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक के बारे में युवाओं के प्रति कुछ सहानुभूति दिखाएंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया क्योंकि इसमें उनके सरकार की धांधली और भ्रष्टाचार है जिसकी जिम्मेदारी उन्होंने नहीं ली। न ही उन्होंने हाल ही में पश्चिम बंगाल में हुए रेल दुर्घटना के बारे में कुछ कहा। आगे उन्होंने लिखा कि एक साल से ज्यादा समय मणिपुर में हिंसा हो रही है लेकिन न ही पीएम मोदी वहां गए और न ही हाल की हिंसा का जिक्र किया।
वहीं, रायबरेली से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह जो आक्रमण संविधान पर कर रहे हैं, वो हमारे लिए स्वीकार्य नहीं है और वो हम नहीं होने देंगे इसलिए हमने शपथ लेते समय संविधान पकड़ा था...हिंदुस्तान के संविधान को कोई शक्ति नहीं छू सकती..."
बता दें कि लोकसभा सत्र शुरू होने से पहेल पीएम ने आज इमरजेंसी की 50वीं वर्षगांठ से एक दिन पहले इसकी घोषणा को भारतीय लोकतंत्र पर एक "काला धब्बा" बताया। पीएम ने आगे कहा, "भारत की नई पीढ़ी कभी नहीं भूलेगी कि भारत के संविधान को पूरी तरह से नकार दिया गया, संविधान के हर हिस्से को टुकड़े-टुकड़े कर दिया गया, देश को जेलखाना बना दिया गया, लोकतंत्र को पूरी तरह से दबा दिया गया। अपने संविधान की रक्षा करते हुए, भारत के लोकतंत्र की, लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए, देशवासी संकल्प लेंगे कि भारत में दोबारा कोई ऐसा करने की हिम्मत न कर सके जो 50 साल पहले किया गया था। हम जीवंत लोकतंत्र का संकल्प लेंगे। हम भारत के संविधान के निर्देशों के अनुसार सामान्य लोगों के सपनों को पूरा करने का संकल्प लेंगे।"






मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शराब घोटोले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में उनकी जमानत पर दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से रोक लगाने को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि उनकी सुप्रीम कोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली।जमानत पर रोक के खिलाफ अब 26 जून को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।जस्टिस मनोज मिश्रा और एसवीएन भट्टी की अवकाश पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट को अपना आदेश देने दीजिए। हम आपको 26 जून को सुनेंगे। सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल की ओर से पेश हुए अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कथित आबकारी घोटाले से जुड़े ईडी के मामले में जमानत आदेश पर उच्च न्यायालय की रोक हटाने का अनुरोध किया। ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने केजरीवाल की याचिका का विरोध किया और कहा कि हाईकोर्ट उनकी रोक याचिका पर फैसला सुनाने वाला है। सिंघवी ने कहा कि जमानत मिलने के बाद हाई कोर्ट ने रोक लगा दी। यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले में दिए गए दिशानिर्देशों के मुताबिक नहीं है।जो कैदियों के संबंध में दिया गया था। केजरीवाल के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के 10 मई के आदेश का हवाला दिया, जिसमें उन्हें अंतरिम जमानत दी गई थी। सिंघवी ने दलील दी कि मान लीजिए कि हाईकोर्ट ने ईडी की याचिका खारिज कर दी, तो उस समय की भरपाई कैसे की जा सकेगी जो केजरीवाल ने निचली अदालत से मिली जमानत के बाद बिना कारण जेल मे बिताए हैं। जस्टिस मनोज मिश्रा ने कहा कि एक-दो दिन में हाईकोर्ट से फैसला आदेश आने की संभावना है। सिंघवी ने कहा कि मैं अंतरिम तौर पर क्यों नहीं रिहा हो सकता? निचली अदालत से मेरे पक्ष में फैसला आ चुका है। जस्टिस मिश्रा ने कहा कि अगर हम अभी कोई आदेश पारित करते हैं तो हम मामले पर हाईकोर्ट से पहले ही फैसला सुना देंगे। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अभिषेक सिंघवी से कहा कि अगर वह हाईकोर्ट के स्थगन आदेश के खिलाफ सीएम केजरीवाल की याचिका पर कोई आदेश पारित करता है, तो यह मामले को लेकर पूर्वाग्रह होगा। बता दें कि आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। वे पिछले शुक्रवार को तिहाड़ जेल से बाहर आ सकते थे, लेकिन हाईकोर्ट ने संघीय जांच एजेंसी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी जमानत पर स्टे दे दिया। बता दें कि निचली अदालत ने 20 जून को केजरीवाल को जमानत दे दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने बीते शुक्रवार को इस पर अंतरिम रोक लगा दी। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। हाईकोर्ट की एक अवकाशकालीन पीठ ने कहा था कि अगले आदेश तक जिस फैसले को चुनौती दी गई है, उसे अमल में नहीं लाया जा सकेगा। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को 24 जून तक लिखित दलील दाखिल करने को कहा था। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के लिए 10 जुलाई की तारीख तय की है।
18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हो गया है। जैसा की आशंका जताई जा रही थी, वैसे ही सत्र की हंगामेदार शुरूआत हुई है।विपक्ष का संसद भवन में विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। उसने सरकार पर संविधान तोड़ने का आरोप लगाया।18वीं लोकसभा के पहले सत्र के पहले दिन सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कैबिनेट मंत्रियों के बाद राज्य मंत्रियों ने सदन की सदस्यता की शपथ ग्रहण की।

Jun 24 2024, 17:01
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