पंचायत घर खंडर में तब्दील, ग्रामीणों को ब्लॉक के लगाने पड़ते हैं चक्कर
अमृतपुर फर्रुखाबाद 3 जून। सरकार आए दिन ग्रामीणों को बेहतर सुविधा देने के लिए नए-नए तरीके से काम कर रही है।
भ्रष्ट अधिकारी भी नए-नए तरीके निकाल कर ग्रामीण जनता तक लाभ नहीं पहुंचने दे रहे हैं। ग्रामीणों की परेशानी को लेकर प्रत्येक ग्राम पंचायत में सरकार ने ग्राम पंचायत भवन का निर्माण कराया। जहां पर सरकार द्वारा आय जाति मूल जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की सुविधा दी और पंचायत सहायक की भी नियुक्ति किये। लेकिन ग्राम पंचायत अधिकारी ही उनको ऐसी सुविधाएं देने से वंचित किए हुए हैं।
विकासखंड राजेपुर में कुछ ऐसे पंचायत घर अभी भी हैं जहां पर ना तो पंचायत सहायक बैठ रहा है और पंचायत घर भी खंडहर जैसा दिख रहा है। अगर देखा जाए तो ग्राम पंचायत तेरा अकबरपुर में पंचायत घर तो बना हुआ है जिसके गेट व अंदर बालू का लंबा ढेर लगा हुआ है। महमदगंज के पंचायत घर का नजारा ही अलग है।
इन पंचायत घरो में प्रदेश सरकार द्वारा 1.75 लाख की सामग्री भी भेजी गई।जिसमें
कार्यालय के लिए कुर्सी - 25 रुपये 25,000 हजार
ऑफिस/कंप्यूटर मेज - 03 रुपये 6,000 हजार
स्टील अलमारी/ रैक - 02 रुपये 17,000 हजार
सोलर पैनल, दो बैटरी व इनवर्टर 01 के लिए रुपये 38,000 हजार
दरी 02 रुपये 3,000 हजार
पंखा आवश्यकतानुसार- 03 रुपये 6,000 हजार
डेस्कटाप कंप्यूटर, यूपीएस, - 1 सेट रुपये 60,000 हजार
मल्टीपरपज प्रिंटर व वेबकैम
सीसीटीवी कैमरा व सहायक उपकरण 1 सेट रुपये 20,000 हजार आदि की सामग्री दी गई।
प्रत्येक पंचायत घर के लिए पंचायत भवन में बैठने के लिए पंचायत सहायक की नियुक्ति की गई। जहां पर ना ही पंचायत सहायक बैठ रहा और न ही ग्राम विकाश अधिकारी। इस पर उच्च अधिकारी भी मौन साधे हुए हैं। ग्रामीणों को 20 किलोमीटर दूर दौड़कर विकासखंड राजेपुर में आकर अपनी समस्या का समाधान करवाना पड़ रहा है।
परिवार रजिस्टर नकल के लिए पंचायत घर में नहीं बल्कि परिवार रजिस्टर नकल व मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए ब्लॉक ही दौड़ना पड़ रहा है।
इससे साफ सिद्ध हो रहा है कि अधिकारियों की मिली भगत से यह पंचायत घर शोरूम बने खड़े हैं।
Jun 03 2024, 18:09