होटल मालकिन जया शेट्टी की हत्या में छोटा राजन दोषी करार, 23 साल बाद हुआ इंसाफ
#chhota_rajan_gets_life_imprisonment_in_businessman_jaya_shetty_murder_case
मुंबई की एक विशेष अदालत ने होटल व्यवसायी जया शेट्टी की हत्या के मामले में गैंगस्टर छोटा राजन को उम्रकैद की सजा सुनाई है। जया शेट्टी की चार मई 2001 को उनके होटल में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामलों के विशेष न्यायाधीश एएम पाटिल ने राजन को हत्या के लिए भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया।जिसके बाद सजा का ऐलान भी कर दिया गया। जया शेट्टी मध्य मुंबई के गामदेवी में गोल्डन क्राउन होटल की मालकिन थीं। मुंबई की एक मकोका कोर्ट के विशेष न्यायधीश एम एम पाटिल ने राजन को दोषी ठहराया।
छोटा राजन गिरोह की ओर से जबरन वसूली की धमकियों का सामना कर रहीं जया शेट्टी को गिरोह के दो कथित सदस्यों ने 4 मई 2001 को होटल की पहली मंजिल पर गोली मार दी थी। छोटा राजन गिरोह से जबरन वसूली की धमकी मिलने की सूचना के बाद होटल व्यवसायी को पुलिस सुरक्षा प्रदान की गई थी। लेकिन हमले से दो महीने पहले शेट्टी के अनुरोध पर उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई थी।
4 मई 2001 को फिरौती देने से इनकार करने पर ग्रांट रोड के गोल्डन क्राउन होटल में राजन के गुर्गों ने जया शेट्टी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। राजन गैंग ने रवि पुजारी के जरिए जया शेट्टी से 50 करोड़ की फिरौती मांगी थी। इस मामले में अन्य आरोपी अजय मोहिते, प्रमोद धोंडे और राहुल पावसरे को वर्ष 2013 में दोषी ठहराया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। अब छोटा राजन को उम्र कैद की सजा मिली है।
अक्टूबर 2015 में इंडोनेशिया में गिरफ्तारी के बाद भारत प्रत्यर्पित किए जाने के बाद छोटा राजन फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है।कभी दाऊद इब्राहिम का करीबी रहा छोटा राजन 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट के बाद दाऊद गैंग से अलग हो गया था।





देश में लोकसभा चुनाव अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया है। सात चरणों में होने वाले चुनाव में छह टरणों की वोटिंग खत्म हो चुकी है। अब बसआखिरी दौरे के लिए वोट डाले जाने हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर बयान दिया है, जिसपर बवाल मच गया है। विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस ने पीएम मोदी के किलाफ मोर्चा खोल दिया है। दरअसल, प्रधानमंत्री ने इंटरव्यू के दौरान कहा है कि 1982 से पहले महात्मा गांधी को कोई नहीं जानता था।पीएम का दावा है कि रिचर्ड एटनबरो की फिल्म 'गांधी' के रिलीज के बाद दुनिया ने महात्मा गांधी को जाना। समाचार चैनल एबीपी न्यूज को दिए इंटरव्यू में महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है, "दुनिया में महात्मा गांधी एक बहुत बड़े महान आत्मा थे। क्या इस 75 साल में हमारी जिम्मेवारी नहीं थी क्या कि पूरी दुनिया महात्मा गांधी को जानें। कोई नहीं जानता है, माफ करना मुझे। पहली बार जब गांधी फिल्म बनी तब दुनिया में क्यूरिओसिटी हुई कि अच्छा ये कौन है? हमने नहीं किया जी। इस देश का काम था..." पीएम मोदी ने आगे कहा,"अगर मार्टिन लूथर किंग को दुनिया जानती है, अगर हमारे साउथ अफ्रीका के नेल्सन मंडेला जी को दुनिया जानती है, गांधी जी किसी से कम नहीं थे जी। ये मानना पड़ेगा जी। मैं दुनिया घूमने के बाद कह रहा हूं कि गांधी को और गांधी के माध्यम से भारत को तवज्जो मिलनी चाहिए थी।" *पीएम मोदी के बयान पर कांग्रेस का पलटवार* महात्मा गांधी को लेकर दिए गए पीएम नरेंद्र मोदी के बयान पर कांग्रेस पार्टी की तरफ से पलटवार किया गया है। पीएम मोदी के बयान को लेकर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बयान दिया है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, इन्होंने (पीएम नरेंद्र मोदी) अगर पढ़ा होता या पढ़े होते तो ऐसी बात महात्मा गांधी के बारे में नहीं बोलते। 80 से 90 देशों में उनका स्टैच्यू है। महात्मा गांधी ने जो काम किया उसके बारे में उन्हें पता नहीं तो उन्हें संविधान के बारे में भी पता नहीं होगा। गरीबों की वो बात करते थे। वो आजादी की विकास की बात करते थे। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी के बयान पर तंज कसा है। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस टिप्पणी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "सिर्फ 'एंटायर पॉलिटिकल साइंस' के छात्र को ही महात्मा गांधी के बारे में जानने के लिये फिल्म देखने की ज़रूरत रही होगी।" *विपक्ष ने खोला मोर्चा* वहीं, तृणमूल कांग्रेस की नेता और पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा ने पीएम मोदी के इस बयान वाला वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, "कोई गांधी को नहीं जानता था।" केरल कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर महात्मा गांधी की 1930 के दशक में लंदन, पेरिस और स्विट्ज़रलैंड की यात्रा की तस्वीरें साझा की हैं। केरल कांग्रेस ने एक्स पर लिखा, "लंदन, स्विट्ज़रलैंड और पेरिस में गांधी जहां भी गए भीड़ ने उन्हें घेर लिया। अपने जीवनकाल में गांधी दुनिया में सबसे लोकप्रिय नेता थे। भारत को अब भी गांधी और नेहरू के नाम से जाना जाता है। गांधी अपने सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों के लिए जाने जाते थे। कम से कम जब बात गांधी की हो, तब तो सच बोलिए।"
भारत के स्पेस मिशन के क्षेत्र लिए आज का दिन ऐतिहासिक है।चेन्नई स्थित स्पेस स्टार्ट-अप अग्निकुल कॉसमॉस ने श्रीहरिकोटा स्थित अपने लॉन्च पैड से स्वनिर्मित 3डी-प्रिंटेड सेमी-क्रायोजेनिक रॉकेट अग्निबाण का सफल परीक्षण किया है। चार असफल प्रयासों के बाद गुरुवार को परीक्षण बिना किसी लाइव-स्ट्रीमिंग के किया गया। इस सफल परीक्षण के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चेन्नई स्थित अंतरिक्ष स्टार्ट-अप अग्निकुल कॉसमॉस को बधाई दी है और कहा कि ये लॉन्च स्पेस सेक्टर में मील का है। अंतरिक्ष स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस मंगलवार को ही अपने इस रॉकेट का परीक्षण करने वाला था लेकिन कुछ तकनीकी कारण की वजह से लॉन्चिंग से कुछ वक्त पहले ही परीक्षण को को टाल दिया गया था। बता दें कि रॉकेट का परीक्षण मंगलवार को होना था लेकिन उड़ान भरने के महज 5 सेकेंड पहले प्रक्षेपण को होल्ड कर दिया गया। 22 मार्च के बाद से अग्निकुल की तरफ से अग्निबाण सब-ऑर्बिटल टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर (SOrTeD) लॉन्च करने की ये पांचवीं कोशिश थी। लेफ्टिनेंट जनरल एके भट्ट ने इस सफल परीक्षण के लिए पूरी टीम को बधाई भी दी है। उन्होंने कहा, "यह भारत के संपन्न निजी अंतरिक्ष इंडस्ट्री के लिए एक गर्व का पल है और भविष्य में हमारे लिए क्या मायने रखता है,इसकी एक झलक है। इसके पीछे की पूरी टीम को हमारी हार्दिक बधाई और उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं।" *इंजन पूरी तरह से थ्रीडी प्रिंटेड* अग्निकुल कॉसमोस का ये रॉकेट सिंगल स्टेज रॉकेट है। इसका इंजन पूरी तरह से थ्रीडी प्रिंटेड है। ये 6 किलोन्यूटन की ताकत पैदा करने वाला सेमी-क्रयोजेनिक इंजन है। इस रॉकेट को लॉन्च करने में इसरो ने काफी मदद की है। इसरो ने श्रीहरिकोटा में एक छोटा लॉन्च पैड बनाया। जो स्टेट-ऑफ- द-आर्ट टेक्नोलॉजी से लैस है। *स्टार्टअप में आनंद्र महिंद्रा ने लगाए हैं पैसे* मद्रास के इस स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमोस में दिग्गज कारोबारी आनंद महिंद्रा ने निवेश किया है। उनके साथ ही इस कंपनी में सिलीकान वैली के शीर्ष निवेशक नवल रविकांत और बालाजी श्रीनिवासन ने भी अग्निकुल में निवेश किया है। देश में निजी स्पेस टेक्नोलॉजी कंपनियों में अग्निकुल पर बहुत बड़ा दांव खेला गया था। जिसके पहले रॉकेट का आज सफल परीक्षण किया गया है।
May 30 2024, 17:14
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