गुजरात हाई कोर्ट ने गेमिंग जोन हादसे के लिए राजकोट नगर निकाय को फटकार लगाई, कहा-क्या आप चार साल से सो रहे थे
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राजकोट अग्निकांड मामलें में गुजरात हाइकोर्ट ने सरकार और स्थानीय प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई है।स्पेशल जज बीरेन वैष्णव और देवेन देसाई की पीठ राजकोट गेमिंग जोन में लगी आग मामले में स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही है।रविवार को इस मामले को हाइकोर्ट ने खुद ही संज्ञान में लिय़ा था और राज्य सरकार तथा सभी नगर निगमों को तलब किया था। बता दें कि शनिवार (25 मई) को टीआरपी गेम ज़ोन की दो मंजिला इमारत में आग लगने से नौ बच्चों सहित 27 लोगों की जान चली गई।
राजकोट गेम जोन हादसे को लेकर गुजरात हाईकोर्ट ने नगर निगम और स्थानीय प्रशासन को खूब फटकार लगाई है। गुजरात उच्च न्यायालय ने राजकोट नगर निकाय को उन दो गेमिंग जोनों पर ध्यान न देने के लिए फटकार लगाई, जो आवश्यक परमिट के बिना शहर में दो साल से अधिक समय से चल रहे थे। कोर्ट ने कहा पता चला है कि टीआरपी गेम जोन के मालिक ने यह पूरा रैंप लकड़ी से बना रखा था। इसके अलावा वहां एंट्री-एग्जिट का एक ही गेट था और उन्होंने प्रशासन से एनओसी भी नहीं ली थी। इस गड़बड़ियों की तरफ इशारा करते हुए हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में फटकार लगाई।
हाईकोर्ट ने पाया कि राजकोट का गेमिंग जोन अनधिकृत जमीन पर बना हुआ था और फायर सेफ्टी को लेकर चार साल से मामला चल ही रहा था। कोर्ट ने इस पर कहा, अब हमें स्थानीय व्यवस्था और राज्य सरकार पर भरोसा नहीं है, आप अंधे हो गए थे। इतने साल से यह सब चल रहा था तो क्या अधिकारी सो गए थे।
दरअसल, अदालत ने एक दिन पहले अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट नगर निगमों के वकीलों को निर्देश दिया था कि वे सोमवार को उसके सामने पेश हों और बताएं कि किन कानून के प्रावधानों के तहत इन इकाइयों को उनके अधिकार क्षेत्र में स्थापित किया गया है या जारी रखा गया है। राजकोट नगर निकाय ने सोमवार को अदालत में बताया कि दो गेमिंग जोन 24 महीने से अधिक समय से अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र सहित आवश्यक मंजूरी के बिना काम कर रहे हैं। गेमिंग जोन के लिए हमारी मंजूरी नहीं ली गई थी। इस पर अदालत गुस्से में आ गई और कहा कि वह अब राज्य सरकार पर भरोसा नहीं कर सकती।
शनिवार को टीआरपी गेम ज़ोन की दो मंजिला इमारत में आग लगने से नौ बच्चों सहित 27 लोगों की जान चली गई। रिपोर्टों के अनुसार, गर्मी की छुट्टियों और सप्ताहांत की भीड़ के कारण इमारत में 300 से अधिक लोगों की भीड़ थी, जिनमें से कई बच्चे थे। इस बीच, गुजरात सरकार ने राजकोट गेम जोन में लगी आग में लापरवाही के लिए सोमवार को दो पुलिस निरीक्षकों और नागरिक कर्मचारियों सहित सात अधिकारियों को निलंबित कर दिया। एएनआई के अनुसार, जिन लोगों को निलंबित किया गया है उनमें राजकोट नगर निगम (आरएमसी) के नगर नियोजन विभाग के सहायक अभियंता जयदीप चौधरी, आरएमसी के सहायक नगर योजनाकार गौतम जोशी, राजकोट सड़क और भवन विभाग के उप कार्यकारी अभियंता एचआर सुमा, सड़क और भवन विभाग के सहायक अभियंता, आरएमसी पारसभाई एम कोठिया, राजकोट नगर निगम के अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं के स्टेशन अधिकारी, रोहित विगोरा और पुलिस निरीक्षक वीआर पटेल और एनआई राठौड़ शामिल हैं।







भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की आज पुण्यतिथी है। 27 मई 1964 हार्टअटैक से पंडित नेहरू की मौत हो गई थी। आज पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को उनकी 60 वीं पुण्यतिथि है।कांग्रेस नेताओं ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को उनकी 60 वीं पुण्यतिथि पर नई दिल्ली के शांतिवन स्थित उनके स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंडित नेहरू को उनकी 60वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी। *पीएम मोदी ने नेहरू को दी श्रद्धांजलि* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से लिखा कि मैं पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। इससे पहले कांग्रेस ने भी अपने एक्स हैंडल पर तस्वीरों और पोस्ट के जरिए देश के पहले पीएम के योगदान को याद किया।कांग्रेस ने लिखा कि आधुनिक भारत की नींव रखने वाले देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी को कोटिश: नमन। अपने प्रगतिशील विचारों से भारत के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सूत्रधार रहे पंडित नेहरू का देश की प्रगति में अमूल्य योगदान है। वहीं, कांग्रेस नेताओं ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को उनकी 60 वीं पुण्यतिथि पर नई दिल्ली के शांतिवन स्थित उनके स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की।कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी की संसदीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और राज्यसभा सांसद अजय माकन ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को श्रद्धांजलि दी। एक्स पर पोस्ट कर खरगे ने कहा कि आधुनिक भारत के निर्माता, वैज्ञानिक, आर्थिक, औद्योगिक और विभिन्न क्षेत्रों में भारत को आगे ले जाने वाले, लोकतंत्र के समर्पित संरक्षक, स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। हमारे प्रेरणास्त्रोत पंडित जवाहरलाल नेहरू के अतुलनीय योगदान के बिना भारत का इतिहास अधूरा है। बता दें कि 1964 में आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का 74 साल की उम्र में निधन हुआ था। उनके निधन की सूचना दोपहर कोई दो बजे संसद में दी गई और सार्वजनिक की गई।
May 27 2024, 16:21
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