मुश्किल में फंस गए कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा! कथाओं पर लग सकती है रोक, की गई शिकायत, जानिए पूरा मामला
अपनी शिवकथा और बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले मध्य प्रदेश सीहोर के जाने-माने कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन मामले में चुनाव आयोग से कांग्रेस द्वारा शिकायत की गई है। पार्टी का आरोप है कि कथावाचक प्रदीप मिश्रा द्वारा अपनी धार्मिक कथाओं में पार्टी विशेष और एक नेता का नाम लेकर वोट देने की अपील करने तथा पार्टी विशेष के नेताओं को बुलाकर धर्म का राजनीतिकरण कर रहे हैं।
जिला कांग्रेस के पूर्व महासचिव पंकज शर्मा ने भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त के नाम संबोधित एक पत्र कलेक्टर कार्यालय देकर कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की आचार संहिता उल्ंलघन की शिकायत की है। शर्मा ने कहा कि पिछले दिनों सीहोर के कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने एक कथा महाराष्ट्र के परतवाड़ा में की थी, जिसके पहले दिन 6 मई को प्रदीप मिश्रा ने सीधेज-सीधे एक धार्मिक आयोजन में प्रधानमंत्री और भाजपा का नाम लेकर उनके लिए वोट मांगे थे जो कि चुनाव आयोग के निर्देशों का उल्लंघन है और संविधान विरोधी है।
इसी कथा में आखिरी दिन 12 मई को अमरावती की निर्दलीय सांसद और भाजपा सांसद प्रत्याशी नवनीत राणा ने भी इसी कथा में धर्म के नाम पर वोट मांगे थे और भाषण दिया था, जिसके लिए इन दोनों के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किए जाने की मांग उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त से की है।
पंकज शर्मा ने आगे कहा कि कथावाचक प्रदीप मिश्रा पहले भी देश के संविधान को बदलने, लोकतंत्र को खत्म करने और हिंदू राष्ट्र बनाने संबधी अनर्गल बयान देते रहे हैं। इनका देश के लोकतंत्र और संविधान में कोई विश्वास नहीं है और ये जानबूझकर अपनी धार्मिक कथाओं में भाजपा नेताओं को बुलाकर धर्म के नाम पर वोट मांगकर भोली भाली जनता को गुमराह करने का काम करते हैं। परतवाड़ा की कथा में भी उन्होंने प्रधानमंत्री के नाम पर और भाजपा के लिए वोट मांगकर और भाजपा सांसद प्रत्याशी को बुलाया।
धर्म का राजनीतिकरण करने पर प्रदीप मिश्रा और नवनीत राणा पर आचार संहिता उल्लंघन का मुकदमा कायम कर लोकसभा चुनाव समाप्त होने तक प्रदीप मिश्रा की सभी कथाओं पर रोक लगाई जाए। उनसे धर्म का राजनीतिकरण करने पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का निर्देश भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिए जाने तथा नवनीत राणा का नामांकन पत्र खारिज किए जाने की मांग पंकज शर्मा ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त से की है। इस संबंध में कथावाचक प्रदीप मिश्रा की तरफ से विठलेश सेवा समिति ने आरोपों का जवाब दिया है। समिति के समीर शुक्ला ने कहा कि पंडित जी ने किसी पार्टी विशेष को वोट देने के लिए नहीं कहा था। उन्होंने सनातन के लिए मतदान करने की बात कही थी।





बांग्लादेश के सांसद अनवारुल अजीम की हत्या मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। सांसद अनवारुल अजीम की हत्या सुपारी देकर कराई गई थी। इसके लिए 5 करोड़ टका (बांग्लादेशी करेंसी) में डील हुई थी। कोलकाता पुलिस का कहना है कि बांग्लादेश अवामी लीग के सांसद अनवारुल अजीम की 13 मई को न्यूटाउन के फ्लैट में गला घोंटकर हत्या करने के बाद आरोपियों ने शव को सड़ने से बचाने के लिए उसके कई टुकड़े किए। इसके बाद उन टुकड़ों में खास फ्रीजर में रखा गया। बांग्लादेश में पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार करते हुए हत्या की पूरी कहानी का खुलासा किया है। बांग्लादेश की सत्ताधारी पार्टी के सांसद अनवारुल अजीम 12 मई को भारत इलाज के लिए आए थे। यहाँ वह पहले दो दिन अपने एक सुनार दोस्त के यहाँ रुके थे, इसके बाद वह इलाज की बात कह कर उसके घर से निकले और फोन पर बताया कि वह दिल्ली जा रहे हैं। हालाँकि, इसके बाद से वह गायब हो गए और उनका कोई पता नहीं लगा। इसके बाद उनकी हत्या की खबर आई। द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश के गृह मंत्री असदुज्जमां खान ने बताया है कि बीते हफ्ते कोलकाता में लापता हुए हैं। जेनाइदाह-4 से सांसद अनवारुल अजीम की हत्या कोलकाता के एक फ्लैट में की गई थी। अब तक हमें यही पता चला है कि हत्या में शामिल सभी लोग बांग्लादेशी हैं। यह एक पूर्व नियोजित हत्या थी। भारतीय पुलिस हमारे साथ पूरा सहयोग कर रही है और बाकी चीजें भी जल्दी ही सामने आ जाएंगी। बांग्लादेश के अखबार द डेली स्टार की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अजीम का कोलकाता में अवैध सोने का कारोबार था। कारोबार को लेकर अपने सहयोगी अख्तरुज्जमां से अजीम की अनबन हुई थी और इसके बाद उसने अमानुल्लाह नाम के शख्स को अजीम की सुपारी दे दी, जिसे मंगलवार रात ढाका में गिरफ्तार किया गया था। अमानुल्लाह ने मुस्तफिजुर और फैसल नाम को इस काम के लिए अपने साथ मिलाया। ये दोनों भी गिरफ्तार हो चुके हैं, जो बिना किसी पासपोर्ट के भारत गए थे। गिरफ्तारी के बाद इन लोगों ने बताया है कि ये बीते महीने ही कोलकाता आ गए थे और किराए पर फ्लैट लेकर रह रहे थे।
पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान फिर हिंसा हुई है। बीजेपी महिला कार्यकर्ता की मौत के बाद हालात तनावपूर्ण हैं। पश्चिम बंगाल में 25 मई को छठे चरण के मतदान से पहले एक बार फिर हिंसा हुई है। मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम में भाजपा और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हुई है। बुधवार देर रात हुई इस झड़प में भाजपा की एक महिला कार्यकर्ता की मौत हो गई जबकि पार्टी के सात कार्यकर्ता घायल भी हुए हैं। यह घटना नंदीग्राम के सोनचूरा गांव की बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि भाजपा कार्यकर्ता बुधवार रात को चुनाव प्रचार को लेकर इकट्ठा हुए थे, इसी दौरान कुछ गुंडे वहाँ मोटरसाइकिल पर आए और भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला कर दिया। उन्होंने धारदार हथियारों से भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला किया। इसी दौरान गुंडों ने एक महिला भाजपा कार्यकर्ता रथिबाला आदि पर हमला किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गईं। उनको बचाने आए उनके बेटे पर भी गुंडों ने हमला किया। इस हमले में महिला का बेटा भी गंभीर रूप से घायल हो गया। महिला की बाद में मौत हो गई। उसके घायल बेटे को कोलकाता एक एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इस हमले में भाजपा के कुल 7 कार्यकर्ता घायल हो गए हैं, उनका भी इलाज चल रहा है। भाजपा ने हमले का आरोप टीएमसी पर लगाया है। हालांकि टीएमसी ने आरोपों को खारिज किया है। बीजेपी नेता और पश्चिम बंगाल के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने नंदीग्राम में हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा है कि ममता ने नंदीग्राम में मिली हार का बदला लेने की धमकी दी थी। वह 2021 विधानसभा चुनाव का जिक्र कर रहे थे। मालवीय ने एक पोस्ट में कहा, 16 मई, 2024 को ममता बनर्जी ने हल्दिया में एक रैली में धमकी देते हुए कहा कि वह नंदीग्राम में मिली हार का बदला लेंगी। उन्हें बीजेपी के सुवेंदु अधिकारी से हार मिली, लेकिन फिर भी शर्मनाक तरीके से मुख्यमंत्री बन गईं।

May 23 2024, 15:13
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
2- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
4.1k