सुनील छेत्री ने किया संन्यास का ऐलान, जानिए कब खेलेंगे आखिरी मैच
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भारत के सबसे बड़े फुटबॉलर सुनील छेत्री ने संन्यास का ऐलान कर दिया है।इंटरनेशनल फुटबॉल में सबसे ज्यादा गोल दागने वाले खिलाड़ियों में से एक दिग्गज भारतीय कप्तान छेत्री ने गुरुवार 16 मई की सुबह एक वीडियो स्टेटमेंट में इसका ऐलान कर अपने लाखों-करोड़ों फैंस को जोर का झटका दिया। उन्होंने बताया कि वह अपना आखिरी मुकाबला छह जून को कुवैत के खिलाफ खेलेंगे। उन्होंने 2019 में भारत के लिए अपना डेब्यू किया था और उसके बाद से ही टीम इंडिया का हिस्सा रहे और कई मैच अकेले अपने दम पर जिताए।

भारतीय कप्तान छेत्री ने करीब 10 मिनट लंबे अपने वीडियो मैसेज मे बताया कि कुवैत के खिलाफ 6 जून को कोलकाता में होने वाला मुकाबला टीम इंडिया के साथ उनका आखिरी मैच होगा। ये मैच वर्ल्ड कप 2026 क्वालिफाइंग राउंड का हिस्सा है, जहां टीम इंडिया ग्रुप-ए में दूसरे स्थान पर है। उससे आगे सिर्फ कतर है। इस क्वालिफायर में भारतीय टीम का प्रदर्शन खास नहीं रहा है और अगले राउंड में पहुंचने के लिए उसे हर हाल में ये मैच जीतना होगा। ऐसे में टीम इंडिया और खुद सुनील छेत्री अपने आखिरी मैच को यादगार बनाना चाहेंगे।
सुनील छेत्री के अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास के फैसले पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने ट्वीट किया है। बोर्ड ने लिखा, "आपका करियर असाधारण से कम नहीं रहा है और आप भारतीय फुटबॉल और भारतीय खेलों के लिए एक अभूतपूर्व प्रतीक रहे हैं।"
सबसे ज्यादा गोल का रिकॉर्ड
छेत्री ने अभी तक भारत के लिए 150 इंटरनेशनल मैच खेले हैं, जो देश के लिए सबसे ज्यादा हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने इन 150 मैचों में कुल 94 गोल दागे हैं, जो न सिर्फ भारत के लिए सबसे ज्यादा हैं, बल्कि पूरी दुनिया में चौथे नंबर पर हैं। एक्टिव फुटबॉलर्स में उनसे आगे सिर्फ क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनल मेसी जैसे महान फुटबॉलर हैं।
सबसे अधिक गोल करने वाले टॉप-5 फुटबॉलर्स में शामिल
सुनील छेत्री इंटरनेशनल फुटबॉल मैचों में सबसे अधिक गोल करने वाले टॉप-5 फुटबॉलर्स में शामिल हैं। सबसे अधिक 128 गोल करने का विश्व रिकॉर्ड क्रिस्टियानो रोनाल्डो के नाम है. ईरान के अली देई (108) दूसरे और लियोनेल मेसी (106) तीसरे नंबर पर हैं. इन तीनों के बाद सुनील छेत्री हैं। मलेशिया के मुक्तार देहारी (89) पांचवें नंबर पर हैं। सुनील छेत्री ने 150 मैच में 94 गोल किए हैं। उनका प्रति मैच गोल औसत 0.63 है। यह गोल औसत क्रिस्टियानो रोनाल्डो (0.62) और लियोनेल मेसी (0.59) से भी बेहतर है। रोनाल्डो ने 206 मैच में 118 गोल किए हैं। मेसी को 106 गोल करने के लिए 180 मैच खेलने पड़े।


 
						






 
 
   
  
   
   
   
 
 नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित से जमात-ए-इस्लामी से प्रतिबंध हटाने की मांग की है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र को जमात-ए-इस्लामी पर से प्रतिबंध हटा देना चाहिए ताकि संगठन जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में हिस्सा ले सके। इससे पहले दिन में, संगठन के पूर्व प्रमुख गुलाम कादिर वानी ने कहा था कि अगर केंद्र 2019 में संगठन पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा लेता है तो उनका संगठन विधानसभा चुनाव में भाग लेगा। उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के टंगमर्ग में चुनाव प्रचार के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वो केंद्रीय गृह मंत्री से आग्रह करते हैं कि जमात-ए-इस्लामी पर से फौरन प्रतिबंध को हटा लिया जाए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जमात-ए-इस्लामी जो वो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से दूसरी पार्टियों या उम्मीदवारों के लिए काम करती है उसे भी चाहिए कि वो चुनावी मैदान में वह अपने उम्मीदवार उतारकर अपनी किस्मत आमाए। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मरकज से उनकी गुजारिश है कि जमात-ए-इस्लामी पर जो प्रतिबंध लगाया गया है उसे हटा देना चाहिए ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव जो जुलाई-अगस्त में होने हैं उसमें इस संगठन की तरफ से उनके अपने उम्मीदवार खड़े हो सकें। उन्होंने कहा कि कई बार खबरें ऐसी खबरें सामने आई हैं कि जमात-ए-इस्लामी ने कई उम्मीदवारों की या पार्टियों की मदद की है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जमात को आगे होवे वाले चुनावों में पूरे जोर के साथ हिस्सा लेना चाहिए। इससे पहले जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर के पूर्व प्रमुख गुलाम कादिर वानी ने भी बुधवार को कहा कि अगर केंद्र सरकार 2019 में संगठन पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा देती है तो उनका संगठन आगामी विधानसभा चुनावों में भाग ले सकता है। श्रीनगर लोकसभा सीट पर बीते सोमवार को मतदान करने बाद वानी ने कहा था कि उनका संगठन लोकतांत्रिक प्रक्रिया में यकीन रखता है, और पहले हुए चुनावों में भी हिस्सा ले चुका है।
 नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित से जमात-ए-इस्लामी से प्रतिबंध हटाने की मांग की है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र को जमात-ए-इस्लामी पर से प्रतिबंध हटा देना चाहिए ताकि संगठन जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में हिस्सा ले सके। इससे पहले दिन में, संगठन के पूर्व प्रमुख गुलाम कादिर वानी ने कहा था कि अगर केंद्र 2019 में संगठन पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा लेता है तो उनका संगठन विधानसभा चुनाव में भाग लेगा। उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के टंगमर्ग में चुनाव प्रचार के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वो केंद्रीय गृह मंत्री से आग्रह करते हैं कि जमात-ए-इस्लामी पर से फौरन प्रतिबंध को हटा लिया जाए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जमात-ए-इस्लामी जो वो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से दूसरी पार्टियों या उम्मीदवारों के लिए काम करती है उसे भी चाहिए कि वो चुनावी मैदान में वह अपने उम्मीदवार उतारकर अपनी किस्मत आमाए। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मरकज से उनकी गुजारिश है कि जमात-ए-इस्लामी पर जो प्रतिबंध लगाया गया है उसे हटा देना चाहिए ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव जो जुलाई-अगस्त में होने हैं उसमें इस संगठन की तरफ से उनके अपने उम्मीदवार खड़े हो सकें। उन्होंने कहा कि कई बार खबरें ऐसी खबरें सामने आई हैं कि जमात-ए-इस्लामी ने कई उम्मीदवारों की या पार्टियों की मदद की है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जमात को आगे होवे वाले चुनावों में पूरे जोर के साथ हिस्सा लेना चाहिए। इससे पहले जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर के पूर्व प्रमुख गुलाम कादिर वानी ने भी बुधवार को कहा कि अगर केंद्र सरकार 2019 में संगठन पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा देती है तो उनका संगठन आगामी विधानसभा चुनावों में भाग ले सकता है। श्रीनगर लोकसभा सीट पर बीते सोमवार को मतदान करने बाद वानी ने कहा था कि उनका संगठन लोकतांत्रिक प्रक्रिया में यकीन रखता है, और पहले हुए चुनावों में भी हिस्सा ले चुका है।
 
May 16 2024, 14:00
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