स्वाति मालीवाल विवाद के बीच केजरीवाल संग दिखे बिभव कुमार, बीजेपी ने तस्वीर शेयर कर बोला हमला
#swati_maliwal_assault_case_bibhav_kumar_seen_with_kejriwal
आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल संग मारपीट के आरोपों में घिरे बिभव कुमार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ देखा गया है। स्वाति मालीवाल विवाद के बीच बिभव कुमार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ देखे जानें के बाद बीजेपी को एक और मुद्दा मिल गया है। भाजपा ने इस तस्वीर को सोशल मीडिया मंच एक्स पर शेयर किया है और इसे लेकर हमला बोला है। विभव कुमार के ऊपर आरोप है कि उन्होंने आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाति मालीवाल के साथ सीएम आवास में मारपीट की है।

आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद और डीसीडब्ल्यू की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल पर कथित हमले के आरोपों में घिरे निजी सहायक बिभव कुमार लखनऊ एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ दिखाई दिए। तिहाड़ जेल में 51 दिन बिताने के बाद बाहर आए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बुधवार की रात लखनऊ पहुंच चुके हैं। इस बीच, उनके एयरपोर्ट पर पहुंचने का वीडियो और फोटो शेयर कर बीजेपी नेताओं ने केजरीवाल पर हमला बोला है।
दिल्ली बीजेपी के नेता कपिल मिश्रा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लखनऊ एयरपोर्ट का फोटो शेयर किया है। इसमें उन्होंने लिखा है- लखनऊ एयरपोर्ट की कल रात की ये फोटो। काली शर्ट में विभव हैं जिसने स्वाति मालीवाल को मारा। साथ में संजय सिंह जिन्होंने बताया कि बिभव ने बहुत गलत किया, केजरीवाल नाराज हैं। तीसरे खुद केजरीवाल जिन पर स्वाति को पिटवाने का आरोप।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने भी हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कल रात लखनऊ एयरपोर्ट पर अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह और विभव एक साथ देखे गए। जिस व्यक्ति पर स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट का आरोप लगा है, वह उनके साथ घूम रहा है। यह है आम आदमी पार्टी का असली चेहरा जो महिला विरोधी है और जो महिलाओं का अपमान करता है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने गुरुवार को दावा किया कि तस्वीर से अब सबकुछ स्पष्ट हो गया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने निजी सहायक बिभव कुमार को बचा रहे हैं। पूनावाला ने गुरुवार को अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से लखनऊ हवाई अड्डे पर आप नेताओं की एक तस्वीर साझा की। इसमें पार्टी प्रमुख केजरीवाल, संजय सिंह और बिभव कुमार साथ में दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने लिखा कि 72 घंटे में विभव कुमार पर कोई एफआईआर नहीं हुई, केजरीवाल बचा रहे हैं। बिभव को साथ घूम रहे हैं। भाजपा प्रवक्ता ने दावा किया कि मालीवाल पर हमला केजरीवाल के इशारे पर किया गया और उनके साथ हिंसा की गई।


 
						






 नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित से जमात-ए-इस्लामी से प्रतिबंध हटाने की मांग की है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र को जमात-ए-इस्लामी पर से प्रतिबंध हटा देना चाहिए ताकि संगठन जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में हिस्सा ले सके। इससे पहले दिन में, संगठन के पूर्व प्रमुख गुलाम कादिर वानी ने कहा था कि अगर केंद्र 2019 में संगठन पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा लेता है तो उनका संगठन विधानसभा चुनाव में भाग लेगा। उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के टंगमर्ग में चुनाव प्रचार के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वो केंद्रीय गृह मंत्री से आग्रह करते हैं कि जमात-ए-इस्लामी पर से फौरन प्रतिबंध को हटा लिया जाए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जमात-ए-इस्लामी जो वो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से दूसरी पार्टियों या उम्मीदवारों के लिए काम करती है उसे भी चाहिए कि वो चुनावी मैदान में वह अपने उम्मीदवार उतारकर अपनी किस्मत आमाए। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मरकज से उनकी गुजारिश है कि जमात-ए-इस्लामी पर जो प्रतिबंध लगाया गया है उसे हटा देना चाहिए ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव जो जुलाई-अगस्त में होने हैं उसमें इस संगठन की तरफ से उनके अपने उम्मीदवार खड़े हो सकें। उन्होंने कहा कि कई बार खबरें ऐसी खबरें सामने आई हैं कि जमात-ए-इस्लामी ने कई उम्मीदवारों की या पार्टियों की मदद की है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जमात को आगे होवे वाले चुनावों में पूरे जोर के साथ हिस्सा लेना चाहिए। इससे पहले जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर के पूर्व प्रमुख गुलाम कादिर वानी ने भी बुधवार को कहा कि अगर केंद्र सरकार 2019 में संगठन पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा देती है तो उनका संगठन आगामी विधानसभा चुनावों में भाग ले सकता है। श्रीनगर लोकसभा सीट पर बीते सोमवार को मतदान करने बाद वानी ने कहा था कि उनका संगठन लोकतांत्रिक प्रक्रिया में यकीन रखता है, और पहले हुए चुनावों में भी हिस्सा ले चुका है।
 नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित से जमात-ए-इस्लामी से प्रतिबंध हटाने की मांग की है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र को जमात-ए-इस्लामी पर से प्रतिबंध हटा देना चाहिए ताकि संगठन जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में हिस्सा ले सके। इससे पहले दिन में, संगठन के पूर्व प्रमुख गुलाम कादिर वानी ने कहा था कि अगर केंद्र 2019 में संगठन पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा लेता है तो उनका संगठन विधानसभा चुनाव में भाग लेगा। उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के टंगमर्ग में चुनाव प्रचार के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वो केंद्रीय गृह मंत्री से आग्रह करते हैं कि जमात-ए-इस्लामी पर से फौरन प्रतिबंध को हटा लिया जाए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जमात-ए-इस्लामी जो वो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से दूसरी पार्टियों या उम्मीदवारों के लिए काम करती है उसे भी चाहिए कि वो चुनावी मैदान में वह अपने उम्मीदवार उतारकर अपनी किस्मत आमाए। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मरकज से उनकी गुजारिश है कि जमात-ए-इस्लामी पर जो प्रतिबंध लगाया गया है उसे हटा देना चाहिए ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव जो जुलाई-अगस्त में होने हैं उसमें इस संगठन की तरफ से उनके अपने उम्मीदवार खड़े हो सकें। उन्होंने कहा कि कई बार खबरें ऐसी खबरें सामने आई हैं कि जमात-ए-इस्लामी ने कई उम्मीदवारों की या पार्टियों की मदद की है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जमात को आगे होवे वाले चुनावों में पूरे जोर के साथ हिस्सा लेना चाहिए। इससे पहले जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर के पूर्व प्रमुख गुलाम कादिर वानी ने भी बुधवार को कहा कि अगर केंद्र सरकार 2019 में संगठन पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा देती है तो उनका संगठन आगामी विधानसभा चुनावों में भाग ले सकता है। श्रीनगर लोकसभा सीट पर बीते सोमवार को मतदान करने बाद वानी ने कहा था कि उनका संगठन लोकतांत्रिक प्रक्रिया में यकीन रखता है, और पहले हुए चुनावों में भी हिस्सा ले चुका है।
 

 
   
  

 
 
May 16 2024, 13:11
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