न्यूजक्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ़्तारी को सुप्रीम कोर्ट ने बताया अवैध, रिहाई का आदेश
#supreme_court_orders_immediate_release_of_newsclick_editor_prabir_purkayastha
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड को अवैध करार दिया और उनकी रिहाई के आदेश जारी कर दिए। अदालत ने ये भी कहा कि पुरकायस्थ की गिरफ़्तारी के समय ये नहीं बताया गया कि इसका आधार क्या था, इसकी वजह से गिरफ़्तारी निरस्त की जाती है। बता दें कि प्रबीर पुरकायस्थ को पिछले साल दिल्ली पुलिस ने यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया था।

जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, इस निष्कर्ष पर पहुंचने में कोई झिझक नहीं है कि लिखित रूप में गिरफ्तारी के लिए रिमांड कॉपी नहीं दी गई, जिसके चलते ये गिरफ्तारी अवैध है।सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि गिरफ्तारी के वक्त पुरकायस्थ को पुलिस ने गिरफ्तारी का आधार नहीं दिया था, इसलिए वह जमानत के हकदार हैं।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 30 अप्रैल को न्यूजक्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को गिरफ्तारी के बाद उनके वकील को सूचित किए बिना मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने में जल्दबाजी के लिए दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाए थे। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि पुरकायस्थ के वकील को रिमांड आवेदन दिए जाने से पहले ही रिमांड आदेश पारित कर दिया गया था। पिछले साल अक्टूबर में जस्टिस गवई की अगुवाई वाली पीठ ने पुलिस रिमांड का आधार नहीं बताने पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था।
प्रबीर पुरकायस्थ के वकील कपिल सिब्बल ने अदालत में दलील दी थी कि उनके मुवक्किल को हिरासत में लिए जाते समय गिरफ़्तारी का आधार नहीं बताया गया था, जबकि इसकी जानकारी लिखित में दी जानी चाहिए थी। हालांकि, दिल्ली पुलिस की ओर से एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि पुरकायस्थ को बताया गया था कि उनकी गिरफ़्तारी किन आधारों पर की गई है। उन्होंने कहा कि लिखित में इसकी जानकारी देना यूएपीए के तहत अनिवार्य नहीं है।
दिल्ली पुलिस ने न्यूज़क्लिक कार्यालय और समाचार पोर्टल के संपादकों और पत्रकारों के आवासों सहित कई छापे के बाद पिछले साल 3 अक्टूबर को पुरकायस्थ और एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर लिया था। बता दें कि पोर्टल के माध्यम से राष्ट्र-विरोधी प्रचार को बढ़ावा देने के लिए कथित चीनी फंडिंग के मामले में पुरकायस्थ को गिरफ्तार किया गया था।


 
						








 
  
  
   
   कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें राहुल गांधी मां सोनिया गांधी के साथ बैठकर अमेठी और रायबरेली से उनके परिवार का रिश्ता कैसा रहा वो बताते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बताया है कि उनका रायबरेली और अमेठी के लोगों के साथ एक भावनात्मक पारिवारिक रिश्ता है और जब भी आवश्यकता होगी, वे दोनों के साथ खड़े रहेंगे। इसमें वह अमेठी और रायबरेली में पारिवारिक तस्वीरें देखते नजर आ रहे हैं और उन्होंने अमेठी और रायबरेली दोनों के लोगों साथ अपने जुड़ाव को याद किया। सोनिया गांधी और राहुल गांधी छह मिनट 12 सेकेंड की अवधि वाले इस वीडियो में रायबरेली और अमेठी से जुड़ी इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की तस्वीरें वाले अलबम को पलटते और दोनों क्षेत्रों से पुराने रिश्तों के बारे में बात करते देखे जा सकते हैं।राहुल गांधी ने यह वीडियो सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, “रायबरेली और अमेठी हमारे लिए सिर्फ चुनाव क्षेत्र नहीं, हमारी कर्मभूमि है, जिसका कोना कोना पीढ़ियों की यादें संजोए हुए है। मां के साथ पुरानी तस्वीरें देखकर पापा और दादी की याद भी आ गई, जिनकी शुरू की गई सेवा की परंपरा मैंने और मां ने आगे बढ़ाई।”उन्होंने कहा, “प्रेम और विश्वास की बुनियाद पर खड़े 100 वर्षों से भी पुराने इस रिश्ते ने हमें सब कुछ दिया है।अमेठी और रायबरेली जब भी हमें पुकारेंगे, हम वहां मिलेंगे।” उनका कहना है कि वह रायबरेली में इंदिरा गांधी एवं सोनिया गांधी के कार्यों को आगे ले जाएंगे। सोनिया गांधी इस वीडियो में रायबरेली और अमेठी के अपने कई दौरों और कार्यों का उल्लेख करते हुए कहती हैं कि इन दोनों क्षेत्रों के लोगों के साथ उनका रिश्ता बेटी-बहू वाला रहा है।वीडियो में सोनिया गांधी ने कहा कि उन्होंने 1982 में अमेठी का दौरा करना शुरू किया था जब वे चिकित्सा शिविर आयोजित करने के लिए वहां जाती थीं। उन्होंने कहा कि पंडित जी ने 1921 में इस क्षेत्र से अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था। राहुल के दादा फिरोज गांधी 1952 में रायबरेली से सांसद थे। उनके निधन के बाद इंदिरा गांधी ने रायबरेली का प्रतिनिधित्व करना शुरू कर दिया। सोनिया गांधी ने कहा कि हम शादियों या मौतों के दौरान गांव-गांव जाते थे और यहां तक कि बाढ़ या सूखे के दौरान भी जाते थे और गांवों में लोगों से मिलते थे। उन्होंने मुझे तुरंत स्वीकार कर लिया और हमारे बीच एक बेटी और बहू जैसा रिश्ता था। बता दें कि राहुल गांधी इस बार अमेठी की बजाय रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं और उनका मुकाबला भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह से है, जिन्होंने पिछला लोकसभा चुनाव सोनिया गांधी के खिलाफ लड़ा था और हार गए थे। राहुल गांधी पहले अमेठी से सांसद थे लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी से हार गए थे। इस बार उनके कंधों पर अपने गढ़ को बचाने की जिम्मेदारी है। परदादा, दादा, दादी, पिता और मां के बाद अब वो इस जगह का जिम्मा उठा रहे हैं।
 कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें राहुल गांधी मां सोनिया गांधी के साथ बैठकर अमेठी और रायबरेली से उनके परिवार का रिश्ता कैसा रहा वो बताते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बताया है कि उनका रायबरेली और अमेठी के लोगों के साथ एक भावनात्मक पारिवारिक रिश्ता है और जब भी आवश्यकता होगी, वे दोनों के साथ खड़े रहेंगे। इसमें वह अमेठी और रायबरेली में पारिवारिक तस्वीरें देखते नजर आ रहे हैं और उन्होंने अमेठी और रायबरेली दोनों के लोगों साथ अपने जुड़ाव को याद किया। सोनिया गांधी और राहुल गांधी छह मिनट 12 सेकेंड की अवधि वाले इस वीडियो में रायबरेली और अमेठी से जुड़ी इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की तस्वीरें वाले अलबम को पलटते और दोनों क्षेत्रों से पुराने रिश्तों के बारे में बात करते देखे जा सकते हैं।राहुल गांधी ने यह वीडियो सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, “रायबरेली और अमेठी हमारे लिए सिर्फ चुनाव क्षेत्र नहीं, हमारी कर्मभूमि है, जिसका कोना कोना पीढ़ियों की यादें संजोए हुए है। मां के साथ पुरानी तस्वीरें देखकर पापा और दादी की याद भी आ गई, जिनकी शुरू की गई सेवा की परंपरा मैंने और मां ने आगे बढ़ाई।”उन्होंने कहा, “प्रेम और विश्वास की बुनियाद पर खड़े 100 वर्षों से भी पुराने इस रिश्ते ने हमें सब कुछ दिया है।अमेठी और रायबरेली जब भी हमें पुकारेंगे, हम वहां मिलेंगे।” उनका कहना है कि वह रायबरेली में इंदिरा गांधी एवं सोनिया गांधी के कार्यों को आगे ले जाएंगे। सोनिया गांधी इस वीडियो में रायबरेली और अमेठी के अपने कई दौरों और कार्यों का उल्लेख करते हुए कहती हैं कि इन दोनों क्षेत्रों के लोगों के साथ उनका रिश्ता बेटी-बहू वाला रहा है।वीडियो में सोनिया गांधी ने कहा कि उन्होंने 1982 में अमेठी का दौरा करना शुरू किया था जब वे चिकित्सा शिविर आयोजित करने के लिए वहां जाती थीं। उन्होंने कहा कि पंडित जी ने 1921 में इस क्षेत्र से अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था। राहुल के दादा फिरोज गांधी 1952 में रायबरेली से सांसद थे। उनके निधन के बाद इंदिरा गांधी ने रायबरेली का प्रतिनिधित्व करना शुरू कर दिया। सोनिया गांधी ने कहा कि हम शादियों या मौतों के दौरान गांव-गांव जाते थे और यहां तक कि बाढ़ या सूखे के दौरान भी जाते थे और गांवों में लोगों से मिलते थे। उन्होंने मुझे तुरंत स्वीकार कर लिया और हमारे बीच एक बेटी और बहू जैसा रिश्ता था। बता दें कि राहुल गांधी इस बार अमेठी की बजाय रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं और उनका मुकाबला भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह से है, जिन्होंने पिछला लोकसभा चुनाव सोनिया गांधी के खिलाफ लड़ा था और हार गए थे। राहुल गांधी पहले अमेठी से सांसद थे लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी से हार गए थे। इस बार उनके कंधों पर अपने गढ़ को बचाने की जिम्मेदारी है। परदादा, दादा, दादी, पिता और मां के बाद अब वो इस जगह का जिम्मा उठा रहे हैं।
 
 
 
May 15 2024, 16:00
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