आगामी रविवार 5 मई को नीट की परीक्षा के लिए डॉ आरके कुशवाहा ने दिए कुछ टिप्स
विश्वनाथ प्रताप सिंह,प्रयागराज । कोरांव सुकृत अस्पताल के डॉक्टर आर के कुशवाहा MBBS , MS ने प्रेस वार्ता में नीट की परीक्षा को जानकारी दी है।
नीट यूजी एक्जाम के लिए कुल 2381833 कैंडिडेट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया है। एमबीबीएस की 106333 सीटें इस एग्जाम का मुख्य लक्ष्य है।
एग्जाम के विषय में डॉक्टर आर. के. कुशवाहा का इंटरव्यू लिया गया, जिसका कुछ अंश इस प्रकार है।
सबसे पहले आप अपने एग्जाम एवं तैयारी के विषय में बताएं
मैंने एमबीबीएस में 1997 में दाखिला लिया था। तब से अब तक एग्जाम के पैटर्न, सीट्स एवं कैंडीडेट्स की संख्या में काफी बदलाव आया है।
मेरी तैयारी
बनारस के प्रतिष्ठित उदय प्रताप इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट करने के तत्काल बाद हमने ऑल इंडिया पीएमटी दिया था।
क्योंकि मेरे परिवार में पहले से कोई डॉक्टर नहीं था इसलिए सारी तैयारी हमें अपने स्तर पर ही करनी पड़ी।
कोचिंग थीं लेकिन काफी कम थीं।
इंटरमीडिएट के एग्जाम देने के पश्चात एक माह का समय था जिसमें मैंने तैयारी किया। ऑल इंडिया पीएमटी में बहुत अच्छी रैंक नहीं आई और रांची मेडिकल कॉलेज में मैंने एडमिशन लिया। चुँकि पिताजी की इंजीनियरिंग की शिक्षा रांची से हुई थी तो वहां से उनका लगाव था और उनकी इच्छा थी कि मैं वहां से एमबीबीएस करूँ। परंतु हमें अपने ऊपर विश्वास था, हमने एडमिशन कैंसल करा लिया।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में रहकर मैंने एक वर्ष तैयारी की एवं 1997 में मेरा सेलेक्शन ऑल इंडिया, बीएचयू, एवं सीपीएमटी (यूपी पीएमटी) तीनों जगह हुआ।
सीपीएमटी में मेरी रैंक अच्छी आई। लगभग 83000 कैंडिडेट्स में से मेरी सामान्य रैंक 53 थी। किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज लखनऊ में मेरा दाखिला हो गया।
एग्जाम में अब काफी कम समय बचा हुआ है। बेहतर रिजल्ट के लिए मैं विद्यार्थियों को कुछ टिप्स देना चाहूंगा.
अपनी दिनचर्या में बहुत बदलाव न करें
कई विद्यार्थी सुबह जल्दी उठकर पढ़ाई करना पसंद करते हैं, कुछ विद्यार्थी देर रात तक पढ़ना पसंद करते हैं, कुछ बेड पर पढ़ते हैं कुछ टेबल कुर्सी पर पढ़ते हैं, अलग-अलग च्वाईस है। जिस तरह से पढ़ाई कर रहे हैं करते रहें बहुत बदलाव करने का प्रयास न करें।बदलाव करना है तो एग्जाम के बाद एवम् धीरे-धीरे करें।
अन्य लोगों का अंधानुकरण न करें।हर व्यक्ति का परिवेश, माता-पिता के शिक्षा, आर्थिक स्थिति, सोंचने का तरीका अलग-अलग होता है।
किसी अन्य का हू बहू नकल करने पर आपकी क्षमता कम हो सकती है। अपनी सुविधा के अनुसार पढ़ाई करें।टेस्ट पेपर अवश्य दें।
यदि आपके पास टेस्ट पेपर नहीं हैं तो नेट से डाउनलोड कर लें एवं प्रतिदिन दोपहर 2:00 बजे से 4:45 तक पूर्ण रूप से तैयार होकर टेस्ट अवश्य दें। यह नए चैप्टर पढ़ने अथवा रिवीजन करने से भी ज्यादा उपयोगी है। बिल्कुल शांत कमरे में टेबल कुर्सी लगाकर पूर्ण रूप से तैयार होकर टेस्ट देना चाहिए ।
एग्जाम में भले ही 200 मिनट मिलते हैं परंतु टेस्ट के लिए लगभग 20 परसेंट कम समय लें।
घबराहट बिल्कुल ना रखें
घबराहट की वजह से गलतियां हो ही सकती हैं साथ ही साथ क्षमता भी प्रभावित होती है। पढ़ी हुई बातें भूल सकते हैं, गलत आंसर मार्क कर सकते हैं।
अमूमन 7 घंटे की नींद अवश्य लें।
कम सोने से एकाग्रता कम होती है, ज्यादा सोने से सर दर्द, आलस्य एवं समय का नुकसान होता है।
सोने एवं जगने का समय यदि नियत रहे तो ज्यादा अच्छा है।
एग्जाम में जाने के पहले हल्का नाश्ता अवश्य करें। खाली पेट रहना एवं ज्यादा भोजन लेना, दोनों एग्जाम में एकाग्रता को कम कर सकता है।
एग्जाम के लगभग 2 घंटे पहले पढ़ना बंद कर देने से कई विद्यार्थियों में अच्छा परिणाम आता है।
सकारात्मक विचार रखें
नकारात्मक बातें आपकी पढ़ाई एवं एग्जाम में परफॉर्मेंस को नकारात्मक दिशा दे सकती है।
स्वयं से कंपटीशन करें
प्रतिदिन बीते हुए कल की गलतियों को सुधारने का प्रयास करना है और बीते हुए दिन से ज्यादा अच्छा कार्य करने का प्रयास करना है।
Apr 29 2024, 19:25