वेव इंटरनेशनल होटल की पार्टियों में देर रात्रि आतिशबाजियों के धमाके डीजे साउंड से ग्रामीण एवं वन्य जीव परेशान।
सरायकेला : वेव इंटरनेशनल होटल एंड रिसॉर्ट में आए रात्रि शादी समारोह में डीजे साउंड और आतिशबाजी धमाके से चांडिल दलमा की तराई में ईको सेंसिटिव क्षेत्र के ग्रामीण और वन्य प्राणीयो के परेशानियों कारण बन गया।
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बता दें वेव इंटरनेशनल होटल एंड रिसॉर्ट दलमा तराई क्षेत्र के ईको सेंसिटिव क्षेत्र में आता है महज हाफ किमी दूरी है। होटल और रिसॉर्ट है तो शादी, बर्थडे पार्टी, समारोह, होना लाजमी है।
होटल मैनेजमेंट की क्या है लापरवाही.?
उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार रात्रि 10 बजे तक 6 वॉल्यूम तक बजा सकते है उसके बाद बंद, साथ ही दलमा तराई क्षेत्र ईको सेंसिटिव जोन में वन्य प्राणी आश्रय है, इस क्षेत्र अधिकांश जगली हाथी की झुंड विचरण करते नजर आते है ।जिसे हाथी की झुंड एब वन्य जीवजंतु भयभीत होकर दूसरी ओर पलायन करते हैँ ।
इस कारण वेव इंटरनेशनल होटल एंड रिसॉर्ट में धमकेदार आतिशबाजी , अत्यधिक साउंड वाले पटाखे इत्यादि बजाना पर् प्रतिबंध है।
वेव इंटरनेशनल होटल एंड रिसॉर्ट प्रबंधन की मनमानी के कारण ग्रामीणों को रात्रि जागरण करना पड़ रहा है। वन विभाग दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी के जीव जंतुओं की संरक्षण के लिए सरकार करोड़ो रुपए खर्च कर रही है।टाटा रांची हाइवे एनएच 33 में दो जगहों पर जंगली जीव जंतु हाथियों के लिए एलिफेंट अंडरपास और नो साउंड क्षेत्र घोषित किया गया है।
वही वेव इंटरनेशनल होटल एंड रिसॉर्ट नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है ये अति संवेदनशील मामला है। साथ ही ग्रामीणों का कहना है की इस संबंध में कई बार होटल प्रबंधन से कहा गया लेकिन कोई ध्यान नहीं देते।
आसनबानी पंचायत वार्ड पार्षद मलिंदर उरांव ने बताया वेव इंटरनेशनल होटल एंड रिसॉर्ट मे आयोजित होने वाले पार्टी आदि में प्रबंधन की मनमानी के कारण डीजे साउंड और आतिशबाजी बम धमके के रात्रि जागरण करना पड़ता नियम के मुताबिक रात 10 बजे के बाद ये सब प्रतिबंध है।
प्रबंधन ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान निकाले , नही तो ग्रामीण आंदोलन की राह चुनेंगे जिसकी जिम्मेवारी होटल प्रबंधन की होंगी।कब तक वन्य जीव जंतु की सुरक्षा देने में सक्षम होगा ,वन विभाग ।इस संबंध चांडिल दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के वन क्षेत्र के पदाधिकारी मौन बना रखा है।
गज परियोजना के आसंबानी पंचायत क्षेत्र में कोई जगह पर हाथी विचरण क्षेत्र में अवेध रूप से विभिन्न प्लाट लगाया गया जिसे गज परियोजना के वन्य जीव जंतु की भ्रमण क्षेत्र सिमटने लगा ।वन विभाग अबतक कोई ठोस कदम नही उठाया गया।
Apr 29 2024, 11:19