शांति प्रतिष्ठा अस्पताल में इलाज के दौरान महिला की मौत
विश्वनाथ प्रताप सिंह,प्रयागराज। जनपद के यमुनानगर शंकरगढ़ क्षेत्र में इन दिनों अस्पतालों की बाढ़ सी आ गई है। जिसका जीता जागता उदाहरण शांति प्रतिष्ठा अस्पताल लाइन पार काफी दिनों से सुर्खियों में चल रहा है। आए दिन गलत उपचार को लेकर अस्पताल में हंगामा और बवाल होना आम बात हो गई है।
विभागीय आला अधिकारियों का ध्यान समाचार पत्रों के माध्यम से कई बार आकृष्ट करवाया गया लेकिन विभाग ही मेहरबान बना हुआ है।
मनमाने अस्पताल संचालक पर कोई भी कार्यवाही नहीं होने से क्षेत्रीय लोगों में रोष व्याप्त है। मरीजों का शोषण कर खुद मालामाल हो रहे अस्पताल परिसर में आए दिन तीमारदारों और चिकित्सकों में झड़प होती रहती है।विभागीय कार्यवाही नहीं होने की वजह से अस्पताल संचालक के हौसले बुलंद हैं। ऐसा ही ताजा मामला बुधवार के दिन प्रकाश में आया है जहां इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई। मोदीनगर शंकरगढ़ के परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टर और नर्स पर गंभीर आरोप लगाते हुए जानकारी दी की बुधवार की सुबह परिजनों ने महिला को डिलीवरी के लिए शांति प्रतिष्ठा हॉस्पिटल में दाखिल करवाया था।
दोपहर तक सब कुछ नॉर्मल था अस्पताल संचालक के द्वारा पेमेंट और खून जो भी मांगा गया उसे परिजनों ने पूरा किया लेकिन परिजनों का आरोप है कि अस्पताल संचालक द्वारा मोटी रकम की मांग की जा रही थी गरीब परिजन डॉक्टर के सामने गिड़गिड़ाते और मिन्नतें करते रहे मगर पैसों के भूखे भेड़ियों का दिल नहीं पसीजा और मरीज को इतना टॉर्चर किया गया कि महिला नवजात शिशु को जन्म दे काल के गाल में समा गई। वहीं अस्पताल के संचालक डॉक्टर केपी सिंह के अनुसार शंकरगढ़ लाइन पार के निजी अस्पताल संचालक महिला डॉक्टर पारो ने महिला मरीज को जब यहां रेफर किया था उस वक्त महिला मरीज के शरीर में 6 यूनिट खून था। बहरहाल पूरा मामला क्या है डॉक्टर ने क्यों और कैसे लापरवाही की यह जांच का विषय है।
मगर मौत से गुस्साए परिजन लगातार अस्पताल के पास हंगामा कर रहे हैं हाला कि इलाकाई पुलिस मौके पर मौजूद है। वही स्थानीय लोगों के मुताबिक यह हॉस्पिटल तो महज एक बानगी है इस प्रकार के अनेकों ऐसे अस्पताल क्षेत्र में संचालित हो रहे हैं जहां बिना डिग्री के डॉक्टर नीम हकीम खतरे जान बने हुए हैं। स्थानीय लोगों की चर्चाओं पर गौर करें तो अवैध रूप से क्लीनिक व अस्पताल चला रहे संचालकों के द्वारा प्रत्येक महीने विभाग को मोटी रकम दी जाती है यही वजह है कि विभाग मेहरबान बना रहता है।
Apr 26 2024, 17:14