विरासत टैक्स को लेकर पीएम मोदी का कांग्रेस पर वार, बोले-राजीव गांधी ने अपनी संपत्ति बचाने के लिए खत्म किया कानून*
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लोकसभा चुनाव को लेकर पीएम मोदी ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं। गुरुवार को प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। प्रधानमंत्री मोदी ने विरासत टैक्स के मुद्दे पर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, विरासत कर से जुड़े तथ्य आंखें खोलने वाले हैं। राजीव गांधी ने अपनी संपत्ति बचाने के लिए विरासत कानून को खत्म किया था, ताकि संपत्ति सरकार के पास ना जाए। *राजीव गांधी ने खत्म किया था विरासत कानून* विजय संकल्प रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘विरासत कर से जुड़े तथ्य आंखें खोलने वाले हैं… जब पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की मृत्यु हुई, तो उनके बच्चों को उनकी संपत्ति मिलने वाली थी। पहले एक नियम था कि संपत्ति बच्चों को जाने से पहले उसका कुछ हिस्सा सरकार ले लेती थी। संपत्ति को बचाने के लिए ताकि वह सरकार के पास न जाए, तत्कालीन पीएम राजीव गांधी ने विरासत कानून को खत्म कर दिया। पीएम मोदी ने कहा, मैं आज देश के सामने पहली बार एक दिलचस्प तथ्य आपके सामने रखना चाहता हूँ। जब देश की एक प्रधानमंत्री बहन जी नहीं रही, तो उनकी जो मिल्कियत थी, उनकी जो प्रॉपर्टी थी, वो उनकी संतानों को मिलनी थी। लेकिन पहले ऐसा कानून था कि उनको मिलने से पहले एक हिस्सा सरकार ले लेती थी। ऐसा कानून कांग्रेस ने ही बनाया था। जब इंदिरा जी नहीं रही, तब उनके बेटे राजीव जी को प्रॉपर्टी मिलनी थी, उस प्रॉपर्टी को बचाने के लिए उस समय के प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने, अपनी संपत्ति बचाने के लिए पहले जो इनहेरिटेंट कानून था, उसे समाप्त किया और अपने पैसे बचा लिए। खुद पर जब आई, तब कानून ही बदल दिया। और आज सत्ता पाने के बाद वही कानून कॉन्ग्रेस वाले वापस लाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, बिना टैक्स के अपने परिवार के 4-4 पीढ़ियों की अकूत धन-दौलत हासिल करने के बाद आप जैसे सामान्य मानविकी की विरासत, आपकी मेहनत की कमाई, जो आपने अपने बच्चों के लिए बचत करके रखा है, उसकी आधी संपत्ति लूटना चाहते हैं। इसीलिए पूरा देश कह रहा है, कांग्रेस की लूट जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के। *आपके और कांग्रेस की आपको लूटने की योजना के बीच मोदी दीवार बनकर खड़ा-पीएम मोदी* पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो विरासत कर के जरिए लोगों की उनके पूर्वजों द्वारा छोड़ी गई आधी से ज्यादा संपत्ति छीन लेगी। उन्होंने कहा, कांग्रेस कहती है कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है, जबकि मैं कह रहा हूं कि इस पर पहला हक गरीबों का है। प्रधानमंत्री ने कहा, आपके और कांग्रेस की आपको लूटने की योजना के बीच मोदी दीवार बनकर खड़ा है। *कांग्रेस के शहजादे को मोदी का अपमान करने में मजा आता है-पीएम मोदी* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुरैना में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, इन दिनों कांग्रेस के शहजादे, आज कल वो इतने चिंतित हैं कि आए दिन उनको मोदी का अपमान करने में मजा आता है। मोदी के लिए भला-बुरा कहने में उनको मजा आ रहा है और मैं देख रहा हूँ सोशल मीडिया में, टी.वी. में बहुत सारे लोग चिंता जताते हैं कि ये भाषा अच्छी नहीं है। ऐसी भाषा देश के प्रधानमंत्री के लिए बोलना ठीक नहीं है, कुछ लोग बहुत दुखी हो जाते हैं कि मोदी जी को ऐसा क्यों बोला? मेरी सबसे विनती है कि कृपा करके आप दुखी मत हों, आप गुस्सा मत कीजिए। आपको पता है कि ये नामदार हैं, हम तो कामदार हैं। और नामदार तो कामदार के साथ सदियों से ऐसे ही गाली-गलौज करते हुए आए हैं… मैं तो आपमें से आता हूँ, गरीबी से निकला हूँ, अगर 5-50 गालियाँ पड़ जाएँगी तो पड़ जाएँगी। आप गुस्सा मत कीजिए।





लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनज़र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को आगरा में जनता को संबोधित किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनावी सभा में इंडिया गठबंधन पर जोरदार हमला बोला। कांग्रेस पर लोगों की संपत्ति की जांच के कथित प्लान का आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा, इंडी गठबंधन वाले कान खोलकर सुन लें कि जब तक मोदी जिंदा है, ऐसा कोई भी पाप करने से पहले आपको मोदी से निपटना पड़ेगा। हमारा संकल्प है, जो भ्रष्टाचारी हैं, उनकी जांच होगी, जिन्होंने गरीबों को लूटा है, वो लूट का पैसा गरीबों को वापस मिलेगा। प्रधानमंत्री ने इंडी गठबंधन के उस आरोप का करारा जवाब दिया जिसमें संविधान खत्म करने का आरोप लगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने संविधान बनाने वाले बाबा साहेब आंबेडकर का अपमान करती रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगरा में कहा कि ‘कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है, जो आए दिन बाबा साहेब का अपमान करती है, संविधान का अपमान करती है और सामाजिक न्याय की तो धज्जियां उड़ा देती है। इसी कांग्रेस ने कभी कर्नाटक में, कभी आंध्र प्रदेश में, कभी अपने घोषणा पत्र में बार-बार धर्म के आधार पर आरक्षण की वकालत। पीएम ने आगे कहा कि अब कांग्रेस ने ठान लिया है कि वो धर्म के आधार पर रिजर्वेशन लाकर रहेगी। इसके लिए कांग्रेस ने तरीका निकाला है कि 27% का ओबीसी का जो कोटा है, उसमें से कुछ चोरी कर लिया जाए, छीन लिया जाए और धर्म के आधार पर आरक्षण दे दिया जाए। विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस का इंडी गठबंधन घोर तुष्टीकरण में डूबा है। उन्होंने जो घोषणापत्र जारी किया है उसमें शत-प्रतिशत मुस्लीम लीग की छाप है। कांग्रेस का पूरा घोषणापत्र सिर्फ वोट बैंक को मजबूत करने के लिए समर्पित है। हमारा घोषणापत्र देश को मजबूत करने के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा, हमने देश में तुष्टीकरण की राजनीति देखी है, इस वजह से देश टुकड़ों में बंट गया है। इसने सच्चे और ईमानदार के हक को डूबोया है। इस वजह से मोदी तुष्टीकरण को समाप्त करने संतुष्टिकरण को ओर बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मोदी तुष्टिकरण को समाप्त करके, संतुष्टिकरण की ओर आगे बढ़ रहा है। हमारा रास्ता तुष्टिकरण का नहीं, संतुष्टिकरण का है। सबका साथ, सबका विकास का मंत्र भी उसी का महामार्ग है। हमारा सेक्युलरिज्म भी वही है कि जो भी योजना जिसके लिए बने, बिना धर्म, जाति, भेदभाव के उसका लाभ सबको मिलना चाहिए। सच्चा सामाजिक न्याय भी यही है जब आप बिना भेदभाव, बिना अपने-पराए, बिना रिश्वतखोरी सबका हक पूरा करें।
*मंडी सीट पर ठाकुर-ब्राह्मण उम्मीदवारों का है दबदबा* *ज्यादातर बार राजपूत और ब्राह्मण सांसद ही चुने गए* *ठाकुर और ब्राह्मण जाति के उम्मीदवारों पर पर लगा दांव* *मंडी में राज परिवार और स्टारडम के बीच मुकाबला* हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट चर्चा में है। इस सीट से बीजेपी ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को मैदान में उतारा है। जिसने इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प कर दिया है। फिल्म अभिनेत्री और फिल्मी क्वीन कंगना रनौत ने हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से पहली बार सियासत में कदम रखा है। उनके सामने हिमाचल प्रदेश के शाही परिवार से संबंध रखने वाले विक्रमादित्य सिंह को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया है। विक्रमादित्य सिंह हिमाचल प्रदेश के पू्र्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे हैं। दोनों प्रत्याशियों की वजह से मंडी सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है। हिमाचल की चार लोकसभा सीटों में से मंडी सीट पर हर किसी की नजर है। इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर देखने को मिलती है। इस लोकसभा सीट पर 1951 से अब तक 17 बार लोकसभा चुनाव हुए हैं जिसमें से 11 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है जबकि 5 बार ये सीट बीजेपी के पास गई है। मंडी लोकसभा सीट हिमाचल प्रदेश की चार लोकसभा सीटों में से एक है। 12 लाख मतदाताओं की आबादी वाले इस जिले में 17 विधानसभा क्षेत्र हैं। ये सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है, लेकिन 2014 और 2019 में मोदी लहर में ये सीट बीजेपी के पाले में गई थी। मंडी लोकसभा सीट में राजपूत वोटरों की संख्या सबसे अधिक है। इस सीट पर राजपूत और ब्राह्मण नेताओं का दबदबा रहा है। पहले लोकसभा चुनाव में एससी उम्मीदवार के रूप में गोपी राम की जीत को छोड़ दें तो अब तक हर सांसद राजपूत या ब्राह्मण रहा है। कुछ मौके ऐसे भी आए जब दो राजपूत चेहरे आमने-सामने थे। 6 जिलों में फैले मंडी संसदीय क्षेत्र में अभी तक दोनों ही दलों ने ठाकुर और ब्राह्मण जाति के उम्मीदवारों पर ही दांव लगाया है। कंगना रनौत भी राजपूत बिरादरी से आती है। बीजेपी ने जातिय समिकरण को साधने के कंगना को मैदान में उतारा है। हालांकि, यहां पर अनुसूचित जाति के मतदाता काफी अधिक है। लेकिन उसके बावजूद भी कांग्रेस और भाजपा द्वारा मंडी संसदीय क्षेत्र से ब्राह्मण या ठाकुर जाति के लोगों को ही चुनावी मैदान में उतारा जाता है। मंडी संसदीय क्षेत्र में अगर कुल मतदाताओं की बात करें तो यहां पर 13 लाख 59 हजार मतदाता है। जिनमे 6 लाख 90 हजार पुरुष और 6 लाख 68 हजार महिलाएं शामिल हैं। जातीय समीकरण की अगर बात करे तो अनुसूचित जाति के यहां पर 29.85 प्रतिशत वोट है। जबकि ब्राह्मण वोट 21.4 प्रतिशत है। ठाकुर जाति के वोट यहां पर 33.6 फ़ीसदी है। मंडी जिले में 10 विधानसभा सीटें आती है। 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां बीजेपी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था। मंडी की 10 में से 9 सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया था। प्रदेश की 68 सीटों में से सिर्फ 25 सीटें जीतने वाली बीजेपी ने 9 सीटें तो मंडी से जीती थी। ये भी एक वजह है कि बीजेपी के लिए सबसे सेफ लोकसभा सीट से कंगना रनौत टिकट दिया है। पार्टी को उम्मीद है कि इस सीट को बीजेपी आसानी से जीत जाएगी।
कन्नौज से भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुब्रत पाठक ने यूपी निर्वाचन क्षेत्र से समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के साथ अपने चुनावी मुकाबले की तुलना भारत बनाम पाकिस्तान क्रिकेट मैच से की है। पार्टी द्वारा निर्वाचन क्षेत्र से एक और उम्मीदवार की घोषणा करने के तीन दिन बाद, यादव आज इस सीट से अपना नामांकन दाखिल करेंगे।अखिलेश यादव ने जब तेज प्रताप को यहां भेजा तो उन्हें समझ आ गया, अगर मैच तेज प्रताप से होता तो भारत बनाम जापान का क्रिकेट मैच होता ,अब मैच भारत बनाम पाकिस्तान (सुब्रत पाठक बनाम अखिलेश यादव) जैसा होगा,'' पाठक ने कहा। 2019 में आम तौर पर। चुनाव में बीजेपी के सुब्रत पाठक ने कन्नौज से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को हराया था। बुधवार शाम को समाजवादी पार्टी ने एक्स (सोशल मीडिया )पर लिखा कि अखिलेश यादव आज कन्नौज से अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।पार्टी ने हिंदी में पोस्ट किया, ''राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कल दोपहर 12 बजे समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में कन्नौज लोकसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।'' घोषणा से पहले, अखिलेश यादव ने सीट से समाजवादी पार्टी की जीत पर विश्वास जताया था।उन्होंने कहा, ''यहां सवाल सीट से ऐतिहासिक जीत का है। इस चुनाव में भाजपा इतिहास बन जाएगी क्योंकि लोगों ने इंडिया ब्लॉक के लिए अपना मन बना लिया है। लोग राजग के खिलाफ मतदान करने जा रहे हैं।'' यह फैसला पार्टी द्वारा उनके भतीजे तेज प्रताप यादव को कन्नौज से अपना उम्मीदवार घोषित करने के कुछ दिनों बाद आया है। लालू प्रसाद यादव के दामाद तेज प्रताप 2014 से 2019 के बीच मैनपुरी से सांसद थे। वह समाजवादी पार्टी के सदस्य हैं।अखिलेश यादव ने तीन बार 2000, 2004 और 2009 में कन्नौज सीट जीती है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने 2012 में निर्वाचन क्षेत्र खाली कर दिया था। डिंपल यादव 2019 तक कन्नौज की सांसद थीं।अखिलेश यादव फिलहाल यूपी विधानसभा में विधायक हैं।
लोकसभा चुनाव को लेकर देश का सियासी पारा हाई है। नेताओं की बयानबाजियों का दौर जारी है। आचार संहिता के उल्लंघन के आरोपों पर चुनाव आयोग ने पीएम मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भाषणों पर स्वतः संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया है। चुनाव आयोग ने 29 अप्रैल सुबह 11 बजे तक दोनों पार्टियों से जवाब मांगा है।चुनाव आयोग ने ये नोटिस कांग्रेस और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजे हैं। चुनाव आयोग ने कहा है कि राजनीतिक दलों को अपने उम्मीदवारों, विशेषकर स्टार प्रचारकों के आचरण की प्राथमिक जिम्मेदारी लेनी होगी। उच्च पदों पर बैठे लोगों के प्रचार भाषणों के अधिक गंभीर परिणाम होते हैं। नोटिस में कहा गया है कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 77 के तहत ‘स्टार प्रचारक’ का दर्जा देना वैधानिक रूप से पूरी तरह से राजनीतिक दलों के दायरे में आता है और स्टार प्रचारकों से भाषणों की उच्च गुणवत्ता में योगदान करने की उम्मीद की जाती है। चुनाव आयोग ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 77 को लागू किया और पार्टी अध्यक्षों को जिम्मेदार ठहराया। इसके तहत पहले कदम के रूप में प्रधानमंत्री मोदी और राहुल गांधी के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघनों के आरोपों का जवाब क्रमश: बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मांगा गया है। इसमें उनसे कहा गया है कि वे 29 अप्रैल तक जवाब दें और अपने स्टार प्रचारकों को आचार संहिता का पालन करने को कहें। आयोग ने कहा है कि राजनीतिक दलों को अपने उम्मीदवारों, विशेषकर स्टार प्रचारकों के आचरण की प्राथमिक और बढ़ती जिम्मेदारी लेनी होगी। चुनाव आयोग का कहना है कि उच्च पदों पर बैठे लोगों के प्रचार भाषणों के अधिक गंभीर परिणाम होते हैं। इसने कहा है कि स्टार प्रचारकों को अपने जरिए दिए जाने वाले भाषणों के लिए खुद तो जिम्मेदार होना ही होगा। मगर विवादित भाषणों के मामले में चुनाव आयोग पार्टी के प्रमुखों से हर मामले पर जवाब मांगेगा। बता दें कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के बांसवाड़ा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर कांग्रेस की सरकार आई तो वह देश की संपत्ति को घुपैठिए और जिनके अधिक बच्चे हैं उनके बीच बांट सकती है। पीएम मोदी के इस बयान के बाद कांग्रेस हमलावर हो गई। उसका कहना है कि प्रधानमंत्री हिंदू-मुस्लिम करने लग गए हैं। साथ ही साथ उसने चुनाव आयोग से इस मसले पर एक्शन लेने की मांग की थी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बुधवार को अपने गृह जिला कलबुर्गी पहुंचे हुए थे। जहां, उन्होंने लोगों से भावनात्मक रूप से जुड़ाव बनाने की कोशिश की। कांग्रेस अध्यक्ष ने लोगों से अपील की कि भले ही वे आगामी लोकसभा चुनावों में पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में वोट न करना चाहते हों, लेकिन अगर उन्हें लगता है कि उन्होंने (खरगे ने) उनके लिए काम किया है तो कम से कम उनके अंतिम संस्कार में आइएगा। बता दें कि कलबुर्गी से खड़गे के दामाद राधाकृष्ण डोड्डामणि कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। *... मैं सोचूंगा कि मेरे लिए यहां कोई जगह नहीं है-खड़गे* कलबुर्गी के अफजलपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अगर लोग कांग्रेस प्रत्याशी के लिए वोट नहीं करते हैं तो मैं समझूंगा कि मेरे लिए कलबुर्गी में अब कोई जगह नहीं है। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, अगर आप इस बार वोट देने से चूक गए (मतलब आपने कांग्रेस उम्मीदवार को वोट नहीं दिया) तो मैं सोचूंगा कि मेरे लिए यहां कोई जगह नहीं है और मैं आपका दिल नहीं जीत सका। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, भले ही आप कांग्रेस के लिए वोट करें या नहीं करें, लेकिन अगर आपको लगता है कि मैंने कलबुर्गी के लिए कुछ किया है तो मेरे अंतिम संस्कार में जरूर आना। *मैं आखिरी सांस तक राजनीति में रहूंगा- खड़गे* इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने लोगों से कहा कि आप हमें वोट दें या नहीं, लेकिन अगर आपको लगता है कि मैंने कलबुर्गी के लिए काम किया है तो कम से कम मेरे अंतिम संस्कार में जरूर आएं। उन्होंने कहा कि वह बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा को हराने के लिए अपनी आखिरी सांस तक राजनीति में बने रहेंगे। मेरा जन्म राजनीति के लिए हुआ है. मैं चुनाव लड़ूं या नहीं लड़ूं, लेकिन इस देश के संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए आखिरी सांस तक प्रयासरत रहूंगा। *मैं भाजपा और आरएसएस की विचारधारा को हराने के लिए पैदा हुआ-खड़गे* कांग्रेस नेता ने आगे कहा, कि मैं भाजपा और आरएसएस की विचारधारा को हराने के लिए पैदा हुआ हूं, न कि उनके सामने आत्मसमर्पण करने के लिए। उन्होंने उनके साथ मंच साझा करने वाले कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को भी उनके सिद्धांतों का पालन करने की सलाह दी। उन्होंने कहा, मैं सिद्धरमैया से बार-बार कहता हूं कि आप मुख्यमंत्री या विधायक के रूप में सेवानिवृत्त हो सकते हैं, लेकिन आप तब तक राजनीति से संन्यास नहीं ले सकते जब तक आप भाजपा और आरएसएस की विचारधारा को नहीं हरा देते। कांग्रेस के राधाकृष्ण डोड्डामणि के सामने बीजेपी ने मौजूदा सांसद उमेश जाधव होने वाले हैं। इस सीट पर खरगे लंबे समय से जीत हासिल करते हुए आ रहे थे। कांग्रेस नेता ने इस सीट से 2009 और 2014 में चुनाव जीता था लेकिन 2019 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
Apr 25 2024, 20:13
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