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प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी की जांच कर रहा चुनाव आयोग, जानें क्या है मामला*
#election_commission_begins_investigation_into_complaints_against_pm_modi * चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजस्थान में दिए गए भाषण के खिलाफ दर्ज शिकायतों पर जांच शुरू कर दी है। कांग्रेस और मार्क्सवादी कांग्रेस पार्टी (माकपा) ने पीएम के बयान को लेकर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था। कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने मोदी के भाषण को लेकर आयोग को अलग-अलग शिकायतें दी थीं। इसमें पीएम मोदी ने आरोप लगाया था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो वह लोगों की संपत्ति को मुस्लिमों को बांट देगी। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी की ओर से दिए गए बयान के बाद कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन की पार्टियां लामबंद होकर चुनाव आयोग के पास पहुंच गई थी। पार्टियों ने पीएम के बयान को लेकर चुनाव आयोग में अपनी शिकायत दर्ज कराई और एक्शन की मांग की। सूत्रों के मुताबिक, अब चुनाव आयोग उन शिकायतों की पड़ताल शुरू कर दी है। *क्या कहा था पीएम मोदी ने?* मोदी ने रविवार को कहा था कि कांग्रेस सत्ता में आई तो संपत्ति को मुसलमानों में बांटेगी। उन्होंने अपने इस दावे के लिए पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की इस टिप्पणी का हवाला दिया था कि देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यक समुदाय का है। कांग्रेस ने आयोग से मोदी की इन टिप्पणियों के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी और कहा था कि ये टिप्पणियां विभाजनकारी और दुर्भावनापूर्ण हैं। ये एक विशेष धार्मिक समुदाय को टारगेट करती हैं। कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि यह चुनाव आयोग का भी परीक्षण है। उनका कहना था कि आयोग निष्क्रियता की एक मिसाल कायम करके अपनी विरासत को धूमिल करने का जोखिम उठा रहा है और अपने संवैधानिक कर्तव्य को त्याग रहा है।
यूएन में आमने-सामने आए अमेरिका-रूस, अंतरिक्ष में परमाणु हथियारों की तैनाती का मुद्दा*
#issue_of_nuclear_weapons_in_space_us_russia_clash_in_un पूरी दुनिया पहले से ही दो युद्धों से प्रभावित है, एक तरफ रूस-यूक्रेन के बीज संघर्ष जारी है, तो वहीं इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है। इस बीच दुनिया इन दिनों मध्‍यपूर्व में सैन्‍य टकराव के युद्ध में तब्‍दील होने की आशंका से जूझ रहा है। पिछले दिनों ईरान ने इजरायल पर ड्रोन और मिसाइल से हमला कर दिया था. इसके बाद इजरायल ने भी ईरान पर पलटवार करने का दावा किया था। आशंका जताई जा रही है कि इन दोनों देशों की बीच कभी भी युद्ध शुरू हो सकता है। इस बीच रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में बाहरी अंतरिक्ष संधि के प्रस्ताव को वीटो लगाकर रोक दिया। यह मसौदा प्रस्ताव जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका ने पेश किया था। इस मसौदे का उद्देश्य बाहरी अंतरिक्ष को हथियारों से मुक्त रखना था। मसौदे के समर्थन में 13 वोट पड़े, एक सदस्य - चीन ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया और सुरक्षा परिषद एक स्थाई सदस्य के रूप में, रूस ने वीटो किया। पिछले दिनों मीडिया रिपोर्ट में रूस की ओर से पृथ्‍वी की कक्षा में परमाणु हथियार तैनात करने की योजना बनाने की बात सामने आई थी। इस खतरे का खुलासा अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की इंटेलिजेंस कमेटी के रिपब्लिकन अध्यक्ष सीनेटर माइक टर्नर ने किया था। उन्होंने इसे अमेरिका के लिए एक गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा खतरा बताया था। जिसके बाद अमेरिका ने अंतरिक्ष में रूस के परमाणु हथियार को लेकर चेतावनी दी थी। अमेरिका ने बतााय कि रूस अंतरिक्ष में परमाणु हथियार तैनात करने की तैयारी में है। इसके बाद अमेरिका ने संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में इसे प्रतिबंधित करने का प्रस्‍ताव लाया। रूस ने इस प्रस्‍ताव पर वीटो कर दिया। अब वॉशिंगटन ने मॉस्‍को के इस कदम की कड़ी आलोचना की है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने एक बयान जारी कर कहा, ‘जैसा कि हमने पहले नोट किया है, संयुक्त राज्य अमेरिका का आकलन है कि रूस परमाणु उपकरण ले जाने वाला एक नया उपग्रह विकसित कर रहा है। हमने राष्ट्रपति (व्लादिमीर) पुतिन को सार्वजनिक रूप से यह कहते सुना है कि रूस का अंतरिक्ष में परमाणु हथियार तैनात करने का कोई इरादा नहीं है। यदि ऐसा होता तो न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में रूस द्वारा प्रस्ताव पर वीटो नहीं किया गया होता।’ सुलिवन ने आगे कहा, ‘रूस ने अमेरिका और जापान द्वारा संयुक्त रूप से प्रस्तावित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को वीटो कर दिया। यह प्रस्‍ताव बाहरी अंतरिक्ष में किसी भी सदस्‍य देश द्वारा परमाणु हथियार तैनात न करने को लेकर था। उन्होंने बताया कि प्रस्ताव में सभी सदस्य देशों से विशेष रूप से कक्षा में स्थापित करने के लिए डिज़ाइन किए गए परमाणु हथियार विकसित न करने का भी आह्वान किया गया था। सुलिवन ने कहा, किसी देश द्वारा कक्षा में परमाणु हथियार रखना न केवल बाहरी अंतरिक्ष संधि का उल्लंघन होगा, बल्कि महत्वपूर्ण संचार, वैज्ञानिक, मौसम विज्ञान, कृषि, वाणिज्यिक और राष्ट्रीय सुरक्षा सेवाओं को खतरे में डाल देगा। अंतरिक्ष में तैनात हथियार क्या होते हैं स्पेस वेपन अंतरिक्ष युद्ध में इस्तेमाल होने वाले हथियार हैं। इनमें वे हथियार शामिल हैं, जो अंतरिक्ष में सैटेलाइट या स्पेस स्टेशन पर हमला कर सकते हैं। इनमें मुख्य तौर पर एंटी सैटेलाइट हथियार शामिल हैं। कुछ हथियार ऐसे भी होते हैं, जो अंतरिक्ष से पृथ्वी पर हमला कर सकते हैं या अंतरिक्ष से गुजरने वाली मिसाइलों को निष्क्रिय कर सकते हैं। इन्हें ही स्पेस आधारित वेपन कहा जाता है। अंतरिक्ष के सैन्यीकरण मुख्य रूप से शीत युद्ध के दौरान शुरू हुआ था। इस दौरान मुख्य रूप से दो प्रतिस्पर्धी महाशक्तियों अमेरिका और रूस ने ऐसे हथियारों का विकास किया था। आज भी दुनिया के कुछ देशों में ऐसे हथियारों का डेवलपमेंट जारी है। प्रस्ताव के पास होने पर क्या होता? अगर यह मसौदा पारित होकर प्रस्ताव बन जाता तो इसमें दुनिया के सभी देशों से, विशेष रूप से अंतरिक्ष क्षमताओं वाले देशों से, बाहरी अन्तरिक्ष के शान्तिपूर्ण इस्तेमाल के लिए सक्रिय योगदान करने और बाहरी अंतरिक्ष में हथियारों की किसी भी दौड़ को रोकने का आहवान किया जाता। बता दें 1967 की आउटर स्पेस संधि हस्ताक्षरकर्ताओं - जिसमें रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका भी शामिल है - को 'पृथ्वी के चारों ओर कक्षा में परमाणु हथियार या किसी अन्य प्रकार के सामूहिक विनाश के हथियार ले जाने वाली वस्तुओं' को रखने से रोकती है।
क्या है “विरासत टैक्स“ जिसकी वकालत कर सैम पित्रोदा ने छेड़ दी नई बहस

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कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने टैक्स को लेकर एक बयान दिया। पित्रोदा ने जिस टैक्स सिस्टम को लेकर बयान दिया है वो 'विरासत टैक्स' है। कांग्रेस के घोषणा-पत्र पर जारी विवाद के बीच पार्टी के नेता सैम पित्रोदा ने अमेरिका की तर्ज पर विरासत टैक्स लगाने की वकालत की है। पित्रोदी के इस बयान से भारत की राजनीति में उबाल आ गया है।दरअसल, विरासत टैक्स किसी व्यक्ति को विरासत में मिली संपत्ति पर लगाया जाने वाला टैक्स है। यह व्यवस्था अमेरिका के छह राज्यों में लागू है। भारत की बात करें तो यहां विरासत टैक्स नाम से कोई भी टैक्स सरकार नहीं वसूलती है।

सबसे पहले जान लेते हैं कि ये बहस शुरू कैसे हुई? दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा था कि अगर चुनाव बाद उनकी सरकार सत्ता में आई तो एक सर्वे कराया जाएगा और पता लगाया जाएगा कि किसके पास कितनी संपत्ति है। राहुल गांधी के इसी बयान के बारे में जब सैम पित्रोदा से पूछा गया तो उन्होंने अमेरिका में लगने वाले विरासत टैक्स का जिक्र किया।इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में व‍िरासत में छोड़ी गई प्रॉपर्टी पर टैक्‍स लगता है। अमेरिका में अगर किसी के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है और वो मर जाता है तो उसके बच्‍चों को केवल उस प्रॉपर्टी का 45 प्रत‍िशत ह‍िस्‍सा ही म‍िलता है। बाकी 55 प्रत‍िशत प्रॉपर्टी सरकार के पास चली जाती है।

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने कहा है कि भारत में भी विरासत टैक्स जैसा नियम होना चाहिए। पित्रोदा ने कहा, यह एक नीतिगत मुद्दा है। कांग्रेस पार्टी एक ऐसी नीति बनाएगी, जिसके माध्यम से धन का बांटना बेहतर होगा। हालांकि, कांग्रेस ने पित्रोदा के बयान से किनारा कर लिया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि एक व्यक्ति अपने व्यक्तिगत विचारों पर चर्चा करने, व्यक्त करने और बहस करने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि पित्रोदा के विचार हमेशा कांग्रेस की स्थिति को दर्शाते हैं। हालांकि, भाजपा ने पित्रोदा के बयान पर कांग्रेस को घेर लिया है।

क्या होता है “विरासत टैक्स“?

देश में जिस “विरासत टैक्स“ को लेकर बहस छिड़ी हुई है, उसके बारे में जान लेते हैं कि ये होता क्या है ? विरासत टैक्स एक तरह से संपत्ति पर एक टैक्स है, जिसमें किसी मृत व्यक्ति से पैसा या घर किसी को विरासत में मिला है तो जिस व्यक्ति को संपत्ति विरासत में मिलती है, वह टैक्स का भुगतान करता है. टैक्स की दरें विरासत में मिली संपत्ति और मृतक के साथ उत्तराधिकारी के रिश्ते के पर अलग-अलग होती है। आमतौर पर आप मृतक के जितना करीब होंगे, आपको यह टैक्स चुकाने की संभावना उतनी ही कम होगी। पति-पत्नी को हमेशा विरासत टैक्स का भुगतान करने से छूट दी जाती है, परिवार के सदस्यों को भी अक्सर कम दर का भुगतान करना पड़ता है।

क्या है नियम?

विरासत टैक्‍स सीधे उन लोगों पर लगता है जिन्हें विरासत में संपत्ति मिलती है। अगर इस संपत्ति से किसी तरह की कमाई होती है तो उस पर अलग से इनकम टैक्‍स भी लगता है। अभी अमेर‍िका में आयोवा, केंटकी, मैरीलैंड, नेब्रास्का, न्यू जर्सी और पेंसिलवेन‍िया में विरासत टैक्स की परंपर है।विरासत टैक्‍स लगेगा या नहीं यह भी कई बातों पर न‍िर्भर करता है। विरासत टैक्‍स सिर्फ उस रकम पर लगता है जो एक ल‍िम‍िट से ज्यादा हो। यद‍ि विरासत की रकम तय ल‍िम‍िट से कम है तो उस पर यह टैक्स नहीं लगाया जाता।

आयोवा ने टैक्स रेट कम करके अगले वर्ष तक इसे घटाकर 5 कर दिया जाएगा और 2025 में इसको खत्म करने की घोषणा की है। टैक्स की दरें राज्य के आधार पर अलग-अलग होती हैं, लेकिन 1% से कम से लेकर 20% तक होती हैं और आमतौर पर छूट सीमा से ऊपर की राशि पर लागू होती हैं। टैक्स दरें आपकी विरासत के आकार, राज्य टैक्स कानूनों और मृतक के साथ आपके संबंधों पर निर्भर करती हैं।

इन देशों में भी लगता है विरासत टैक्स

अमेरिका के अलावा दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां विरासत टैक्स लगाया जाता है। tax federation.org research के एक सर्वे में बताया गया है कि किस देश में कितना विरासत टैक्स वसूला जाता है।

- जापान में 55 प्रतिशत विरासत टैक्स लगाया जाता है।

- साउथ कोरिया में 55 प्रतिशत विरासत टैक्स लगाया जाता है।

- फ्रांस में 45 प्रतिशत विरासत टैक्स लगाया जाता है।

- ब्रिटेन में 40 प्रतिशत विरासत टैक्स लगाया जाता है।

- अमेरिका में 40 प्रतिशत विरासत टैक्स लगाया जाता है।

- स्पेन में 34 प्रतिशत विरासत टैक्स लगाया जाता है।

- आयरलैंड 33 प्रतिशत विरासत टैक्स लगाया जाता है।

- बेल्जियम में 30 प्रतिशत विरासत टैक्स लगाया जाता है।

- जर्मनी में 30 प्रतिशत विरासत टैक्स लगाया जाता है।

- चिली में 25 प्रतिशत विरासत टैक्स लगाया जाता है।

- ग्रीस में 20 प्रतिशत विरासत टैक्स लगाया जाता है।

- नीदरलैंड में 20 प्रतिशत विरासत टैक्स लगाया जाता है।

- फिनलैंड में 19 प्रतिशत विरासत टैक्स लगाया जाता है।

- डेनमार्क में 15 प्रतिशत विरासत टैक्स लगाया जाता है।

- आइसलैंड में 10 प्रतिशत विरासत टैक्स लगाया जाता है।

- पोलैंड में 7 प्रतिशत विरासत टैक्स लगाया जाता है।

- स्विट्जरलैंड में 7 प्रतिशत विरासत टैक्स लगाया जाता है।

- इटली में 4 प्रतिशत विरासत टैक्स लगाया जाता है।

जब इंदिरा गांधी ने देश को दिया था अपना सोना, जानें क्या है वो वाकया जिसका प्रियंका ने किया जिक्र*
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देश की राजनीति इन दिनों “मंगलसूत्र” के आस-पास चक्कर काट रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंगलसूत्र पर बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा, इंदिरा गांधी ने तो अपना सोना जंग के समय देश को दे दिया था । यही नहीं, प्रियंका ने पीएम मोदी को जवाब देते हुए कहा कि मेरी मां का मंगलसूत्र इस देश पर कुर्बान हुआ है। अगर मोदी जी मंगलसूत्र का महत्व समझते तो ऐसी अनैतिक बातें नहीं करते। दरअसल, राजस्थान के बांसवाड़ा में एक चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कांग्रेस महिलाओं के गहने और मंगलसूत्र लेकर पैसे ऐसे लोगों में बांट देगी, जिनके अधिक बच्चे हैं। कांग्रेस की तरफ से प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कैसी-कैसी बहकी हुई बातें की जा रही हैं। दो दिनों में अब ये कहा जाना शुरू हुआ है कि कांग्रेस पार्टी चाहती है कि आपका मंगलसूत्र और सोना छीन लें। चुनावी रैली में प्रियंका ने कहा कि 70 साल से यह देश स्वतंत्र है। 55 साल तक कांग्रेस की सरकार रही है, किसी ने आपसे सोना छीना क्या? आपके मंगलसूत्र छीने थे क्या? प्रियंका ने कहा कि मेरी मां का मंगलसूत्र इस देश पर कुर्बान हुआ है। अगर मोदी जी मंगलसूत्र का महत्व समझते तो ऐसी अनैतिक बातें नहीं करते। बीजेपी पर बरसते हुए प्रियंका ने कहा कि इंदिरा गांधी ने तो अपना सोना जंग के समय देश को दे दिया था। क्या आप प्रियंका गांधी के कहे वाकये से वाकिफ हैं, अगर नहीं, तो आइए जान लेते हैं कि आखिर वह क्या मौका था, जिसके कारण इंदिरा गांधी को सोना देश के लिए देना पड़ा था। यह साल 1962 में हुए चीन-भारत युद्ध की बात है। उस वक्त पंडित नेहरू प्रधानमंत्री थे। 20 अक्तूबर को पश्चिम में आकसाई चिन और अरुणाचल प्रदेश (तब नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी या नेफा) पर चीन ने अचानक हमला बोल दिया था। भारत की सेना इस हमले लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी, क्योंकि आशंका ही नहीं थी कि चीन ऐसा भी कर सकता है। तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को भी चीन की इस मंशा का अंदाजा नहीं था। पड़ोसी देश ने पंडित जवाहर लाल नेहरू के हिंदी-चीनी भाई-भाई के नारे को धत्ता बता दिया था। देश में इसी साल के शुरू में आम चुनाव हुए थे और पंडित नेहरू फिर से प्रधानमंत्री बने थे। चीन के हमले ने उनके सामने नई चुनौती खड़ी कर दी थी। देश को आजाद हुए साल ही कितने हुए थे। फिर बंटवारे की विभीषिका देश झेल चुका था। ऐसे में लड़ाई के लिए हमारे पास अच्छे हथियार तक नहीं थे। आधे-अधूरे हथियारों और दूसरे साज-ओ-सामान के साथ सीमा पर डटे सैनिक शहीद हो रहे थे। ऐसे में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक लोग मदद के लिए आगे आए। उस समय फिल्म स्टार एमजी रामचंद्रन ने 75,000 रुपये राष्ट्रीय रक्षा कोष में दान किए थे। जनता में देशभक्ति की भावना प्रबल थी। बॉलीवुड भी पीछे नहीं था। अभिनेता दिलीप कुमार, राज कपूर और मीना कुमारी ने भी 50-50 हजार रुपये दान में दिए। तब महिला धन दान करने की शुरुआत इंदिरा गांधी ने की। उस साल 2 नवंबर को अखबारों में रिपोर्ट प्रकाशित हुई। इंदिरा ने 336 ग्राम सोना राष्ट्रीय रक्षा कोष में दे दिया था। उस समय की एक तस्वीर भी काफी चर्चा में रही थी जिसमें इंदिरा अपने गहने जमा कराती दिखती हैं। टेबल पर चेन और चूड़ियां दिखाई देती हैं। इसके बाद तो जैसे मुहिम ही चल पड़ी। घरों से महिलाएं निकल पड़ीं और उनसे जो कुछ भी बन पड़ रहा था नेशनल डिफेंस फंड (राष्ट्रीय सुरक्षा निधि) में जमा कर रही थीं। वे अपना हर तरह का जेवर सेना के लिए दान करने लगीं। यहां तक महिलाएं अपना मंगलसूत्र तक सेना की दान पेटी में डालने से नहीं चूक रही थीं।
कर्नाटक में ओबीसी का अधिकार मुस्लिमो में बांटा जा रहा , ओबीसी आयोग ने की तल्ख टिप्पणी

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) ने कर्नाटक में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा मुस्लिम समुदाय को आरक्षण के लिए पिछड़ी जाति के रूप में वर्गीकृत करने के निर्णय पर असहमति व्यक्त की है। लोकसभा चुनाव में आरक्षण एक बड़ा मुद्दा बन छाया हुआ है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वह एससी, एसटी और ओबीसी का हक मारकर मुसलमानों को देना चाहती है।आयोग ने तर्क दिया कि यह दृष्टिकोण "सामाजिक न्याय के सिद्धांत" को कमजोर करता है और सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ी जातियों या समुदायों को पूरे धर्म के बराबर नहीं माना जा सकता।कर्नाटक में, मुस्लिम धर्म के सभी जातियों और समुदायों को सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ी श्रेणियों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इस वर्गीकरण के माध्यम से मुस्लिम समुदाय को शैक्षिक संस्थानों में प्रवेश के लिए और राज्य सरकार की नियुक्तियों के लिए आरक्षण का लाभ मिलता है। यही नहीं राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने कर्नाटक में मुस्लिमों को मिलने वाले आरक्षण की नियमावली के बारे में भी विस्तार से बताया है। आयोग ने बताया कि कर्नाटक में कैटेगरी 1 के तहत 17 मुस्लिम जातियों को शामिल गया है, जो 4 फीसदी ओबीसी कोटे के तहत आवेदन कर सकती हैं। इसके बाद कैटेगरी 2A में 19 मुस्लिम जातियां शामिल हैं और कुल मिलाकर 393 जातियां इस सूची का हिस्सा हैं। इसके तहत 15 फीसदी ओबीसी कोटा मिलता है। इसके बाद कैटेगरी 2B के तहत 4 प्रतिशत आरक्षण मिलता है, जिसमें मुस्लिम समुदाय की सभी जातियां शामिल हैं। मुस्लिम समुदाय के भीतर वंचित और ऐतिहासिक रूप से हाशिए पर रहने वाले समूहों की उपस्थिति को स्वीकार करते हुए, आयोग ने नोट किया कि इस्लाम जाति प्रणाली को स्वीकार नहीं करता है। हालांकि, व्यवहार में इस्लाम पूरी तरह से जातिवाद से मुक्त नहीं है। NCBC ने निष्कर्ष निकाला कि पूरे मुस्लिम समुदाय को पिछड़ा मानना समाज में विविधता और जटिलताओं की अनदेखी करना है। आयोग ने यह भी चेतावनी दी कि यह निर्णय अन्य पिछड़ा वर्गों के अधिकारों का उल्लंघन कर सकता है।
राहुल गांधी के DNA की जांच हो, मुझे शक है..', INDIA गठबंधन के नेता ने कर दी ये मांग तो मचा बवाल, CM ने भी किया समर्थन

केरल के CPIM विधायक पी वी अनवर ने मंगलवार (23 अप्रैल) को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के DNA की जांच की मांग करके विवाद खड़ा कर दिया। इस जिले में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए व्यवसायी से विधायक बने अनवर ने कहा कि राहुल चौथे दर्जे के नागरिक बन गए हैं, जो गांधी उपनाम से बुलाए जाने के लायक नहीं हैं। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के खिलाफ राहुल की हालिया टिप्पणी से नाराज अनवर ने एडाथनट्टुकरा में LDF स्थानीय समिति द्वारा आयोजित एक बैठक में कहा ''क्या नेहरू परिवार से आने वाला कोई व्यक्ति ऐसे बयान कैसे दे सकता है। मुझे शक है, मेरी राय है कि राहुल गांधी के DNA की जांच की जानी चाहिए। इसमें कोई विवाद नहीं है।" अनवर ने ये भी कहा कि, राहुल को अपने नाम में गांधी नहीं जोड़ना चाहिए। उल्लेखनीय है कि, राहुल ने राज्य में अपने हालिया चुनाव अभियानों के दौरान यह कहा था कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को केंद्रीय एजेंसियों द्वारा पूछताछ और गिरफ्तारी से छूट क्यों दी गई, जबकि उनके खिलाफ कई आरोप सामने आए थे। वामपंथी नेताओं ने विजयन के खिलाफ दिए गए बयानों के लिए राहुल गांधी की कड़ी आलोचना की है और कहा कि उन्हें विजयन के बजाय मोदी और आरएसएस की आलोचना करनी चाहिए। राहुल के खिलाफ अनवर की आपत्तिजनक टिप्पणी पर उनकी प्रतिक्रिया मांगने पर सीएम विजयन ने मंगलवार को LDF विधायक की मांग को सही ठहराया और कहा कि राहुल गांधी कोई आलोचना से परे व्यक्ति नहीं हैं। विजयन ने कन्नूर में संवाददाताओं से कहा, "राहुल गांधी ने जो कहा है उसका जवाब उन्हें मिलेगा। वह ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जो आलोचना से परे खड़े हों।" राहुल गांधी के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस ने कहा कि पार्टी ने अनवर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। मामले में आयोग के तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए, केरल कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष एमएम हसन ने पुलिस से राहुल गांधी और नेहरू परिवार का अपमान करने के लिए विधायक के खिलाफ मामला दर्ज करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह सीएम ही थे जो राहुल के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए अनवर का इस्तेमाल कर रहे थे। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और कांग्रेस सचिव केसी वेणुगोपाल भी गांधी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के खिलाफ सामने आए और आरोप लगाया कि सीपीआई (एम) ने नेहरू परिवार को अपमानित करने के लिए नीलांबुर विधायक को "उद्धरण" दिया था। बता दें कि CPM और कांग्रेस, दोनों ही INDIA गठबंधन के सदस्य हैं, लेकिन केरल में दोनों अलग-अलग लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
महाराष्ट्र के यवतमाल में भाषण देते वक्त अचानक मंच पर बेहोश होकर गिरे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, इलाज जारी

महाराष्ट्र के यवतमाल में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भाषण देते समय मंच पर अचानक गिर पड़े. मंच पर मौजूद लोग तत्काल उन्हें उठाकर इलाज के लिए ले गए. गडकरी यवतमाल के पुसद में एक चुनावी सभा को संबोधित करने के लिए पहुंचे हुए थे. वह मंच पर बोल ही रहे थे कि अचानक वह बेसुध होकर गिर पड़े जिसके बाद उनके आसपास मौजूद लोगों ने उन्हें संभाला और तत्काल इलाज के लिए ले गए.

लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में जिन पांच सीटों पर मतदान हो रहा है, उनमें नागपुर की सीट भी शामिल है. यहां बीजेपी के उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी हैं. उनका मुकाबला कांग्रेस के विकास ठाकरे से है.

सैम पित्रोदा के बयान पर पीएम मोदी का तंज, बोले-कांग्रेस की लूट जिंदगी के साथ भी जिंदगी के बाद भी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के बयान पर बुधवार को पलटवार किया। उन्होंने कहा कि आप जो अपनी मेहनत से संपत्ति जुटाते हैं, वो आपके बच्चों को नहीं मिलेगी। कांग्रेस का पंजा वो भी आपसे लूट लेगा। कांग्रेस का मंत्र है- कांग्रेस की लूट जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ के सरगुजा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला।

बता दें कि सैम पित्रोदा ने अमेरिकी सिस्टम को समझाते हुए कहा कि अमेरिका में विरासत कर लगता है। यदि किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45% अपने बच्चों को हस्तांतरित कर सकता है, 55% सरकार ले लेती है। यह एक दिलचस्प कानून है। इसमें कहा गया है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए, पूरी नहीं, आधी, जो मुझे उचित लगती है।

पीएम मोदी मोदी छत्तीसगढ़ के सरगुजा में कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के विरासत टैक्स वाले बयान को लेकर हमला बोला। इस दौरान उन्होंने सम्पत्ति के दोबारा बँटवारे और मरने के बाद सम्पत्ति जब्त करने जैसे मुद्दों लेकर कांग्रेस को घेरा। पीएम मोदी ने लोगों को चेताया है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो जीवन भर की कमाई छीन लेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की लूट जिन्दगी के साथ भी और जिन्दगी के बाद भी चलती हैष

कांग्रेस के खतरनाक इरादे खुलकर सामने आ रहे हैं-पीएम मोदी

सैम पित्रोदा के बयान पर पीएम मोदी ने कहा, कांग्रेस पार्टी के खतरनाक इरादे एक के बाद एक खुलकर सामने आ रहे हैं। पीएम मोदी ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा-'शाही परिवार के शहजादे के सलाहकार ने कुछ समय पहले कहा था कि मिडिल क्लास पर और ज्यादा टैक्स लगाना चाहिए। अब ये लोग इससे भी एक कदम और आगे बढ़ गए हैं। अब कांग्रेस का कहना है कि वो विरासत टैक्स लगाएगी, माता-पिता से मिलने वाली विरासत पर भी टैक्स लगाएगी। जब तक आप जीवित रहेंगे, तब तक कांग्रेस आपको ज्यादा टैक्स से मारेगी और जब जीवित नहीं रहेंगे, तब आप पर विरासत टैक्स का बोझ लाद देगी। पूरी कांग्रेस पार्टी को अपनी पैतृक संपत्ति मानकर जिन लोगों ने अपने बच्चों को दे दी, अब वो नहीं चाहते कि भारतीय अपनी संपत्ति अपने बच्चों को दें।

आंध्र प्रदेश में सभी मुस्लिमों को आरक्षण देने के मुद्दे पर भी बोला हमला

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस का मेनिफेस्टो मुस्लिम लीग की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माण के समय यह तय हुआ था कि आरक्षण धर्म के नाम पर नहीं होगा लेकिन वोटबैंक के कारण कांग्रेस ने इन महापुरुषों की बात नहीं मानी। कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में मुस्लिमों को आरक्षण देने की बात कही। रैली में पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि 2009 और 2014 के मेनिफेस्टो में भी कांग्रेस ने यह वादा किया था। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने मुस्लिम समुदाय की सभी जातियों को ओबीसी में डाल दिया और सामाजिक न्याय की हत्या की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस संविधान बदल कर एससी/एसटी और ओबीसी आरक्षण छीनकर अपने वोट बैंक को देना चाहती हीं।

सुप्रिया श्रीनेत के नक्सलियों को शहीद पर भी बोला हमला

पीएम मोदी ने कहा, “भारत विरोधी इंडी गठबंधन की कमजोर सरकार चाहते हैं जिसमें भ्रष्टाचार होता रहे और सब एक दूसरे से लड़ते रहें। कांग्रेस के शासन में नक्सल और आतंकवाद फैला। कांग्रेस का कुशासन और लापरवाही देश की बर्बादी का कारण है।” उन्होंने कॉन्ग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत के नक्सलियों को शहीद बताने को लेकर भी हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा, “इसी कांग्रेस की सबसे बड़ी नेता आतंकवादियों के मारे जाने पर आंसू बहाती हैं। इस कारण कांग्रेस देश का भरोसा खो चुकी है।”

राहुल गांधी करेंगे देश का एक्स-रे, जाति जनगणना को बताया अपने जीवन का मिशन

 कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को जाति जनगणना को अपना "जीवन मिशन" बताया और कहा कि सत्ता में आने पर उनकी पार्टी यह पहला कार्य करेगी। उन्होंने धन पुनर्वितरण विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर भी पलटवार करते हुए कहा कि वे कांग्रेस के "क्रांतिकारी" घोषणापत्र को पढ़ने के बाद "घबराहट की स्थिति" में हैं और इस बात पर जोर दिया कि पार्टी का लक्ष्य 90 प्रतिशत लोगों को राहत देना है। भाजपा द्वारा 22-25 बड़े व्यवसायियों को ऋण माफी के रूप में प्रदान किए गए ₹16 लाख करोड़ के एक हिस्से को पुनः प्राप्त करके जनता तक उसे पहुँच्या जाएगा।

राष्ट्रीय राजधानी में 'सामाजिक न्याय सम्मेलन' में बोलते हुए, गांधी ने कहा, "जाति जनगणना राजनीति नहीं है मेरे लिए, यह मेरे जीवन का मिशन है। दुनिया की कोई ताकत जातीय जनगणना को नहीं रोक सकती। जब कांग्रेस सत्ता में आएगी तो जनगणना पहला काम होगा जिसे हम हाथ में लेंगे। यह मेरी गारंटी है।'' ''संपत्ति पुनर्वितरण'' विवाद पर वायनाड सांसद ने कहा, ''मैंने अभी तक यह नहीं कहा है कि हम कार्रवाई करेंगे... मैं सिर्फ यह कह रहा हूं कि आइए जानें कि कितना अन्याय हुआ है।''

मंगलवार को राजस्थान के टोंक में लोकसभा चुनाव प्रचार रैली में बोलते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “कांग्रेस के पास लोगों से संपत्ति छीनने और इसे अपने खास लोगों को बांटने की चाल है। मैंने इस वोट बैंक की राजनीति, इस तुष्टिकरण की राजनीति को उजागर किया और इससे कांग्रेस और उसके पारिस्थितिक तंत्र में मंदी आ गई। वे अब मुझे गाली दे रहे हैं।”

राहुल गांधी ने कहा कि जाति जनगणना सिर्फ एक जाति सर्वेक्षण नहीं है बल्कि इसमें "आर्थिक" और "संस्थागत" घटक भी होंगे जो "खुलासा" करेंगे कि किन समुदायों को फायदा हो रहा है और सामाजिक-आर्थिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए क्या किया जाना चाहिए। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि भाजपा दलितों और आदिवासियों के इतिहास को “मिटा” रही है और उन्हें इसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। गांधी ने कहा कि उन्हें जाति में कोई दिलचस्पी नहीं है, लेकिन "न्याय" में उनकी दिलचस्पी है और उन्होंने मोदी से उनकी ओबीसी स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा, "प्रधानमंत्री मोदी पिछले दस वर्षों से कह रहे हैं कि वह ओबीसी हैं, लेकिन जब मैंने जाति जनगणना के बारे में बात की, मोदी ने कहा कि कोई जाति नहीं होती, जब कोई जाति नहीं होती तो आप ओबीसी कैसे? मोदी ने कहा कि भारत में सिर्फ दो जातियां हैं, गरीब और अमीर...तो गरीब और अमीर की लिस्ट निकालो। गरीब लोगों की सूची में ओबीसी और दलित, आदिवासी तो मिल जाएंगे लेकिन अमीरों की सूची में वे नहीं मिलेंगे।'

राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह पर बोलते हुए, गांधी ने कहा, “राम मंदिर और संसद भवन उद्घाटन में एक भी दलित, आदिवासी नहीं देखा गया, 90% आबादी इस बात को समझती है।” उन्होंने 22 जनवरी को आयोजित राम मंदिर समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित नहीं करने पर भी भाजपा पर कटाक्ष किया। 

उन्होंने आगे कहा कि मीडिया ने उन्हें "गैर-गंभीर" राजनेता के रूप में चित्रित किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मनरेगा, भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ लड़ाई, 'नियमगिरि' और 'भट्टा पारसौल' को गैर-गंभीर मुद्दों के रूप में दिखाया गया, लेकिन अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय, विराट कोहली को मीडिया द्वारा "गंभीर मुद्दे" के रूप में दिखाया गया है।

“मैंने हितधारकों की जांच की...कोई भी ओबीसी, दलित, आदिवासी नहीं है जो बड़ा एंकर हो...इसलिए लाउडस्पीकर आपके पास नहीं है। मीडिया में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। मीडिया में किसका पैसा जाता है? सरकारें पैसा देती हैं। जीएसटी में किसका पैसा आता है? यह 90 प्रतिशत लोगों का पैसा है। जब तक हम सुप्रीम कोर्ट पहुंचते हैं, सब ख़त्म हो चुका होता है। 25 अरबपतियों को ₹16 लाख करोड़ दिए गए...किसानों के कर्ज का पैसा माफ कर दो, उससे 25 गुना ज्यादा पैसा मोदी ने 25 लोगों को दे दिया। मीडिया, निजी अस्पताल, बड़ी कंपनियाँ, न्यायपालिका- 90 प्रतिशत में से कोई नहीं है।''

जाति जनगणना को “राष्ट्रीय एक्स-रे” कहते हुए गांधी ने कहा, “एक देशभक्त क्या चाहता है? एक देशभक्त देश में न्याय चाहता है। एक देशभक्त चाहता है कि भारत आगे बढ़े और महाशक्ति बने। इसलिए, अगर आपको महाशक्ति बनना है और चीन से आगे बढ़ना है तो 90 फीसदी आबादी की ताकत का इस्तेमाल करना होगा। जो लोग खुद को 'देशभक्त' कहते हैं वे एक्स-रे से डरते हैं।

दूसरे चरण के चुनाव 26 अप्रैल से शुरू हो जाएंगे जिसमे कर्नाटक , केरल और अन्य राज्यों में 80 सीटों के लिए वोट होंगे। राहुल गाँधी का संसद छेत्र वायनाड है वही प्रधानमंत्री वाराणसी से चुनावी मैदान में उतरेंगे। हालांकि राहुल गाँधी के पूर्व संसद छेत्र अमेठी से अभी तक पार्टी ने कोई नाम पक्का नई किया है। उम्मीद है की राहुल गाँधी के जीजा , प्रियंका गाँधी वाड्रा के पति रोबर्ट वाड्रा अमेठी से दावेदारी कर सकते हैं।

कर्नाटक में सभी मुसलमान ओबीसी लिस्ट में शामिल, पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट में खुलासा

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हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी एससी, एसटी और ओबीसी समाज का आरक्षण छीन कर मुस्लिमों को देना चाहती है। कर्नाटक के आँकड़े पीएम मोदी के इन आरोपों की तस्दीक करते हैं। दरअसल, कर्नाटक सरकार ने आरक्षण का लाभ देने के लिए मुसलमानों को पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल किया है। कर्नाटक सरकार के इस फैसले की जानकारी राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग ने प्रेस रिलीज जारी करके दी।राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने इस पर अपत्ति भी जताई है। 

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने जानकारी दी कि कर्नाटक में शिक्षण संस्थानों और नौकरियों में मुस्लिम समुदाय को आरक्षण मिल रहा है। आयोग ने ये भी जानकारी दी कि कर्नाटक के मुस्लिमों की सभी जातियों और समुदायों को सरकारी नौकरियों एवं शिक्षण संस्थानों में आरक्षण दिया जा रहा है। इस मामले पर कर्नाटक सरकार द्वारा आयोग को कोई स्पष्टीकरण नहीं दी गई है।

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने कहा कि हमने इस मामले पर कर्नाटक सरकार से पूछा था कि आखिर किस आधार पर यह कोटा दिया जा रहा है। इस मामले पर हमें कोई स्पष्टीकरण नहीं मिला है। हंसराज गंगाराम अहीर के ओर से जारी बयान में कहा गया, कर्नाटक सरकार के नियंत्रणाधीन नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण हेतु कर्नाटक के सभी मुस्लिम धर्मावलंबियों को ओबीसी की राज्य लिस्ट में शामिल किया गया है। बयान में आगे लिखा है,"कर्नाटक सरकार के पिछड़ा वर्ग विभाग ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग को लिखित रूप में बताया है कि मुस्लिम और ईसाई जैसे समुदाय न तो जाति है और न धर्म है। कर्नाटक में मुस्लिम की आबादी 12.92 प्रतिशत है। राज्य में मुस्लिमों को धार्मिक अल्पसंख्यक माना जाता है।"

कर्नाटक सरकार की नीती सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के विरुद्ध

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने कर्नाटक की इस नीति को सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के विरुद्ध बताया है। पिछले साल NCBC ने ग्राउंड पर जाकर आरक्षण की स्थति का पता लगाया था। आयोग का कहना है कि ऐसे में मुस्लिमों में जो जातियाँ शिक्षिक-सामाजिक रूप से पिछड़ी हैं उनकी भी हकमारी हो रही है। सभी मुस्लिमों को पिछड़े समाज में डालना इस समाज की विविधता और जटिलता को नज़रअंदाज़ करने के जैसा है। 

कर्नाटक सरकार से स्पष्टीकरण मांगा

हंसराज अहीर ने कहा कर्नाटक में कैटेगरी 1बी और बी2 में कुल 34 मुस्लिम ओबीसी जातियां आती हैं, लेकिन आरक्षण जो दिया है वो समूचे मुस्लिम जातियों को दे दिया गया है। हमने पूछा कि 4 प्रतिशत की जगह 16 प्रतिशत आरक्षण कैसे दिया तो उनका गोलमोल जवाब आया है। हंसराज अहीर ने कहा कि हमने कर्नाटक सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। हम कर्नाटक के चीफ सेक्रेटरी को तलब कर रहे हैं। हम किसी भी तरह मूल ओबीसी के हक को मरने नहीं देंगे। हमारे आयोग का यही काम है। जरूरत पड़ेगी तो हम कर्नाटक में ओबीसी आरक्षण के कोटा से इनको हटाएंगे। हम राष्ट्रपति से भी शिकायत कर सकते हैं। बहुत सारे कानूनी उपाय हैं।

ओबीसी आरक्षण कोटे में अनियमितता की शिकायत के बाद जांच

दरअसल, राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग को कर्नाटक में ओबीसी आरक्षण कोटे में अनियमितता की जानकारी मिली थी। उसके बाद आयोग ने पिछले 6 महीने में इसकी जांच शुरू की। आयोग ने अपने जांच के दरमियान सरकारी नौकरी, मेडिकल, इंजीनियरिंग एडमिशन और तमाम सरकारी पदों पर सीमा से अधिक मुस्लिम आरक्षण दिए जाने की बात सामने आई। गत वर्ष राज्य के सरकारी पीजी मेडिकल के 930 सीटों में दिए गए आरक्षण की जब जांच की तो उसमें चौकाने वाले तथ्य सामने आए। आयोग ने पाया कि 930 में से 150 सीट मुस्लिम वर्ग को आरक्षित किया गया है जो करीब कुल सीट का 16 प्रतिशत है। खास बात ये है कि इनमें मुस्लिम वर्ग के उन जातियों को भी लाभ दिया गया है जो आरक्षण के दायरे में नहीं आते।