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सैम पित्रोदा के “विरासत टैक्स” वाले बयान पर छिड़ी बहस, बीजेपी ने खोला मोर्चा, कांग्रेस ने दिया जवाब

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भारत में लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल गर्म है। मंगलसूत्र और संपत्ति बंटवारे को लेकर वार-पलटवार जारी है। अब कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के अमेरिका के विरासत टैक्स पर दिए बयान पर बहस छिड़ गई। उनके इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस को घेरा है तो कांग्रेस ने सैम पित्रोदा के बयान से किनारा कर लिया है। दरअसल सैम पित्रोदा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह अमेरिका के विरासत टैक्स का जिक्र कर रहे हैं।इस पर बीजेपी ने उन्हें घेरते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस की नीतियां देश को बर्बाद करने वाली है। इस बीच कांग्रेस ने पित्रोदा के बयान से पल्ला झाड़ते हुए इसे उनका निजी बयान बताया है।

दरअसल, सैम पित्रोदा ने कहा, अमेरिका में विरासत कर लगता है। यदि किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45% अपने बच्चों को हस्तांतरित कर सकता है, 55% सरकार ले लेती है। यह एक दिलचस्प कानून है। इसमें कहा गया है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए, पूरी नहीं, आधी, जो मुझे उचित लगती है।

उन्होंने आगे कहा, हालांकि, भारत में आपके पास ऐसा नहीं है। अगर किसी की संपत्ति 10 अरब है और वह मर जाता है, तो उसके बच्चों को 10 अरब मिलते हैं और जनता को कुछ नहीं मिलता। इसलिए लोगों को इस तरह के मुद्दों पर बहस और चर्चा करनी होगी। मुझे नहीं पता कि आखिर में निष्कर्ष क्या निकलेगा, लेकिन जब हम धन के पुनर्वितरण की बात करते हैं, तो हम नई नीतियों और नए कार्यक्रमों के बारे में बात करते हैं, जो लोगों के हित में हैं न कि केवल अति-अमीरों के हित में। पित्रोदा ने कहा, यह एक नीतिगत मुद्दा है। कांग्रेस पार्टी एक ऐसी नीति बनाएगी, जिसके माध्यम से धन का बांटना बेहतर होगा।

कांग्रेस का फैसला देश को बर्बाद करने वाला- अमित मालवीय

सैम पित्रोदा के इस बयान पर भाजपा हमलावर है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय बुधवार को कांग्रेस पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश को बर्बाद करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस ने भारत को बर्बाद करने का फैसला किया है। अब, सैम पित्रोदा धन पुनर्वितरण के लिए 50 फीसदी विरासत कर की पैरवी करते हैं। इसका मतलब यह है कि हम अपनी सारी मेहनत और उद्यम से जो कुछ भी बनाएंगे, उसका आधा हिस्सा छीन लिया जाएगा। 50 फीसदी हमारे द्वारा भुगतान किए जाने वाले सभी कर भी बढ़ जाएंगे, अगर कांग्रेस जीतती है।'

जयराम बोले- यह पार्टी का विचार नहीं

वहीं, कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा की तरफ से भारत में 'विरासत टैक्स' लगाए जाने की मांग वाले बयान से पार्टी ने ही पल्ला झाड़ लिया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बुधवार को कहा कि सैम पित्रोदा को खुलकर और आजादी से अपने विचार रखने का अधिकार है। लेकिन यह जरूरी नहीं कि पित्रोदा के विचार किसी मुद्दे पर कांग्रेस का पक्ष हों। कई बार वे नहीं होते। जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट में कहा, "वे मेरे और दुनिया में कई लोगों के अच्छे मेंटर, दोस्त और मार्गदर्शक रहे हैं। पित्रोदा किसी भी मुद्दे पर अपनी राय को स्वतंत्रता के साथ रख सकते हैं। जाहिर तौर पर एक लोकतंत्र में लोगों को अपने निजी विचारों पर चर्चा करने और उन्हें रखने का अधिकार है। इसका यह मतलब नहीं कि उनका विचार हमेशा कांग्रेस का विचार दर्शाता हो। कई बार ऐसा नहीं होता है। उनके बयान को इस वक्त सनसनीखेज बनाकर चलाना और इसे परिप्रेक्ष्य से बाहर ले जाना पीएम मोदी के दुर्भावनापूर्ण चुनावी अभियान से ध्यान बंटाने की कोशिश है।"

पवन खेड़ा ने पूछा ये सवाल

इसके अलावा वरिष्ठ कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने फटकार लगाते हुए सवाल किया, ‘क्या उन्होंने (पित्रोदा) कहा है कि कांग्रेस यह नीति लाएगी? क्या कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में ऐसा कहा है? क्या शास्त्रार्थ की इस प्राचीन भूमि में विभिन्न विचारों पर चर्चा और बहस करने की अनुमति नहीं है?’

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद बाबा रामदेव ने फिर मांगी माफी, अखबारों में छपे माफीनामे का साइज बढ़ाया

#ramdev_published_another_apology_in_newspapers 

भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट से फटकार के बाद पतंजलि ने अखबारों में एक नया विज्ञापन जारी किया है। इस बार इसका आकार भी पहले से ज्यादा बड़ा है। साथ ही अखबारों में दिए माफीनामे में स्वामी रामवेद, पतंजलि और बालकृष्ण का नाम भी है।पतंजलि की ओर से न्यूज़ पेपर में बिना शर्त माफी प्रकाशित करवाई गई है।पतंजलि ने एक दिन पहले भी ऐसा ही एक माफीनामा छपवाया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इसकी जानकारी मांगते हुए पतंजलि से पूछा था कि क्या उसकी माफी उसके विज्ञापनों जितनी बड़ी है। बता दें कि पतंजलि पर अखबारों में विज्ञापन देकर एलोपैथी के खिलाफ निगेटिव प्रचार करने का आरोप है। मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

पतंजलि आयुर्वेद के सह-संस्थापक योग गुरु रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने आज यानी बुधवार को अखबारों में एक नया सार्वजनिक माफीनामा जारी किया।स्वामी रामवेद, पतंजलि और बालकृष्ण के नाम से अखबारों में दिए गए माफीनामे में लिखा है, ‘भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष चल रहे एक मामले के मद्देनजर हम अपनी व्यक्तिगत क्षमता के साथ-साथ कंपनी की ओर से माननीय भारत के सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों/आदेशों का पालन न करने अथवा अवज्ञा के लिए बिना शर्त माफी मांगते हैं।ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी। हम सावधानी के साथ सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करने का वचन देते हैं।’

इससे पहले 22 अप्रैल को भी पतंजलि ने 67 अखबारों में माफीनामा छपवाया था। पतंजलि ने 23 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानतुल्लाह की बेंच को इसकी जानकारी दी थी। जस्टिस हिमा कोहली ने कहा था- आपके विज्ञापन जैसे रहते थे, इस माफीनामे का भी साइज वही था? कृपया इन विज्ञापनों की कटिंग ले लें और हमें भेज दें। इन्हें बड़ा करने की जरूरत नहीं है। हम इसका वास्तविक साइज देखना चाहते हैं। जस्टिस कोहली ने कहा था कि जब आप कोई विज्ञापन प्रकाशित करते हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि हम उसे माइक्रोस्कोप से देखेंगे। सिर्फ पन्ने पर न हो, पढ़ा भी जाना चाहिए। इसके बाद कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण को निर्देश दिया कि अगले दो दिन में वे ऑन रिकॉर्ड माफीनामा जारी करें। मामले की अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होगी।

बता दें कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने पतंजलि पर कोविड टीकाकरण और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के खिलाफ एक दुष्प्रचार अभियान चलाने का आरोप लगाया गया है। इस मामले ही सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट आईएमए की ओर से 17 अगस्त 2022 को दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रही है। इसमें कहा गया है कि पतंजलि ने कोविड वैक्सीनेशन और एलोपैथी के खिलाफ निगेटिव प्रचार किया। वहीं खुद की आयुर्वेदिक दवाओं से कुछ बीमारियों के इलाज का झूठा दावा किया। आईएमए का तर्क था कि हर कंपनी को अपने प्रोडक्ट्स का प्रचार करने का हक है, लेकिन पतंजलि के दावे 'ड्रग्स एंड अदर मैजिक रेमेडीज एक्ट 1954' और 'कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019' का सीधा उल्लंघन करते हैं। आईएमए ने एलोपैथी और आधुनिक चिकित्सा प्रणाली (मॉडर्न सिस्टम ऑफ मेडिसिन) के बारे में फैलाई जा रहीं गलत सूचनाओं पर चिंता जताई। याचिका में कहा गया कि पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन एलोपैथी की निंदा करते हैं और कई बीमारियों के इलाज के बारे में झूठे दावे करते हैं। याचिका में बाबा रामदेव के दिए कुछ विवादास्पद बयानों का भी जिक्र किया गया। मसलन, एलोपैथी को 'बेवकूफ और दिवालिया बनाने वाला विज्ञान' बताना, कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान एलोपैथिक दवाओं के इस्तेमाल से लोगों की मौत का दावा करना वगैरह।

संपत्ति विवाद” के बीच कांग्रेस नेता पित्रोदा ने बताई नई थ्योरी, भारत में विरासत टैक्स लगाने का समर्थन

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देश का माहौल पूरी तरह से चुनावी हो गया है। राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इस बीच अगर किसी मुद्दे पर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, तो वो है मंगलसूत्र और संपत्ति बंटवारे पर।संपत्ति के बंटवारे पर मचे घमासान के बीच इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने नई थ्योरी बताई है। सैम पित्रोदा ने अमेरिका का उदाहरण देते हुए विरासत टैक्स लगाने का सुझाव दिया है। जिसके बाद भारत की राजनीति में हलचल मच गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के घोषणापत्र पर निशाना साधते हुए कहा था कि ये आपका मंगलसूत्र भी बचने नहीं देंगे। पीएम मोदी के इस बयान के बाद विपक्षी दल हमलावर हैं। अब इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अमेरिका का उदाहरण दिया। सैम पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में जो भी मरता है, वह सिर्फ अपनी 45 फीसदी संपत्ति अपने बच्चों को दे सकता है, बाकी की 55 फीसदी सरकार को दे दी जाती है, जिसको गरीबों में बांट दिया जाता है।

सैम पित्रोदा ने कहा, अमेरिका में विरासत कर लगता है। यदि किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45% अपने बच्चों को हस्तांतरित कर सकता है, 55% सरकार ले लेती है। यह एक दिलचस्प कानून है। इसमें कहा गया है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए, पूरी नहीं, आधी, जो मुझे उचित लगती है।

उन्होंने आगे कहा, हालांकि, भारत में आपके पास ऐसा नहीं है। अगर किसी की संपत्ति 10 अरब है और वह मर जाता है, तो उसके बच्चों को 10 अरब मिलते हैं और जनता को कुछ नहीं मिलता। इसलिए लोगों को इस तरह के मुद्दों पर बहस और चर्चा करनी होगी। मुझे नहीं पता कि आखिर में निष्कर्ष क्या निकलेगा, लेकिन जब हम धन के पुनर्वितरण की बात करते हैं, तो हम नई नीतियों और नए कार्यक्रमों के बारे में बात करते हैं, जो लोगों के हित में हैं न कि केवल अति-अमीरों के हित में।

कांग्रेस बनाएगी ऐसी नीति

पित्रोदा ने कहा, यह एक नीतिगत मुद्दा है। कांग्रेस पार्टी एक ऐसी नीति बनाएगी, जिसके माध्यम से धन का बांटना बेहतर होगा। हमारे पास (भारत में) न्यूनतम मजदूरी नहीं है। अगर देश में न्यूनतम मजदूरी हो और कहा जाए कि आपको गरीबों को इतना पैसा देना चाहिए, तो यह धन का बंटवारा है। आज, अमीर लोग अपने चपरासी और नौकर को पर्याप्त भुगतान नहीं करते हैं, लेकिन वे उस पैसे को दुबई और लंदन में छुट्टी पर खर्च करते हैं। हमारे पास अभी तक न्यूनतम मजदूरी का कोई कानून नहीं है।

भाजपा नेता ने बयान पर जताई आपत्ति

सैम पित्रोदा के इस बयान पर भाजपा नेता और आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कड़ी आपत्ति जताई है। भाजपा नेता ने एक्स पर लिखा,कांग्रेस ने भारत को बर्बाद करने की ठान ली है। अब, सैम पित्रोदा संपत्ति वितरण के लिए 50 फीसदी विरासत कर की वकालत करते हैं। इसका मतलब यह है कि हम अपनी सारी मेहनत और उद्यम से जो कुछ भी बनाएंगे, उसका 50 फीसदी छीन लिया जाएगा। इसके अलावा अगर कांग्रेस जीतती है तो हम जो भी टैक्स देते हैं, वह भी बढ़ जाएगा।"

ऐसे शुरू हुआ विवाद

इस विवाद की शुरूआत उस वक्त हुआ, जब राजस्थान के बांसवाड़ा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि अगर कांग्रेस की सरकार आई तो वो लोगों की संपत्तियां लेकर ज्यादा बच्चों वालों और घुसपैठियों को बांट देगी। पीएम मोदी ने आगे कहा था,"पहले जब इनकी सरकार थी तब उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमानों का है। इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठा करते किसको बांटेंगे? जिनके ज्यादा बच्चे हैं, उनको बांटेंगे. घुसपैठियों को बांटेंगे. क्या आपकी मेहनत का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा? आपको मंजूर है ये?"उन्होंने आगे कहा,"ये कांग्रेस का मेनिफेस्टो कह रहा है कि वो मां-बहनों के गोल्ड का हिसाब करेंगे। उसकी जानकारी लेंगे और फिर उसे बांट देंगे। और उनको बांटेंगे जिनको मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। भाइयो-बहनो ये अर्बन नक्सल की सोच, मेरी मां-बहनों, ये आपका मंगलसूत्र भी नहीं बचने देंगे। ये यहां तक जाएंगे।"

*दूसरे चरण के लिए आज थम जाएगा प्रचार का शोर, 13 राज्यों की 88 सीटों पर 26 अप्रैल को होगी वोटिंग*
#lok_sabha_election_2nd_phase_campaigning_stop_today_evening लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण के मतदान का काउंटडाउन शुरू हो गया है। आज शाम दूसरे चरण के लिए चुनाव प्रचार थम जाएगा। इसके बाद 26 अप्रैल को 13 राज्यों की 88 लोकसभा सीटों पर वोट डाले जाएं।इसके बाद कोई सार्वजनिक सभा नहीं होगी और प्रत्याशी और उनके स्टार प्रचारक अगले 48 घंटे तक घर-घर जाकर वोट मांग सकेंगे। दूसरे चरण में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, शशि थरूर, केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर,अभिनेत्री हेमा मालिनी, रामायण सीरियल के राम अरुण गोविल समेत 1,206 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिसनकी किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी। दूसरे चरण 12 राज्यों और 1 केंद्रशासित प्रदेश के 89 लोकसभा सीटों पर मतदान होना है। दूसरे चरण में केरल की 20, कर्नाटक की 14, राजस्थान की 13, उत्तर प्रदेश की 8, महाराष्ट्र की 8, मध्य प्रदेश की 7, बिहार की 5, असम की 5, पश्चिम बंगाल की 3, छत्तीसगढ़ की 3, मणिपुर, त्रिपुरा और जम्मू-कश्मीर की एक-एक सीट पर वोट डाले जाएंगे। *दूसरे चरण में किस राज्य की किन-किन सीटों पर मतदान* *त्रिपुरा:* त्रिपुरा पूर्व *जम्मू-कश्मीर:* जम्मू लोकसभा *पश्चिम बंगाल:* दार्जिलिंग, रायगंज और बालूरघाट *असम:* दर्रांग-उदालगुरी, डिफू, करीमगंज, सिलचर और नौगांव *बिहार:* किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका *छत्तीसगढ़:* राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर *मध्य प्रदेश:* टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद *महाराष्ट्र:* बुलढाणा, अकोला, अमरावती, वर्धा, यवतमाल- वाशिम, हिंगोली, नांदेड़ और परभणी *उत्तर प्रदेश:* अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा *राजस्थान:* टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़-बारा *कर्नाटक:* उडुपी-चिकमगलूर, हासन, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग, तुमकुर, मांड्या, मैसूर, चामराजनगर, बेंगलुरु ग्रामीण, बेंगलुरु उत्तर, बेंगलुरु केंद्रीय, बेंगलुरु दक्षिण,चिकबल्लापुर और कोलार *केरल:* कासरगोड, कन्नूर, वडकरा, वायनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम, पोन्नानी, पलक्कड़, अलाथुर, त्रिशूर, चलाकुडी, एर्णाकुलम, इडुक्की, कोट्टायम, अलाप्पुझा, मवेलिक्कारा, पथानमथिट्टा, कोल्लम, अट्टिंगल और तिरुअनंतपुरम
गांधी परिवार अपनी पार्टी के प्रत्याशी को नहीं दे पाएगा वोट, जानें क्या है वजह

#gandhi_family_will_not_be_to_vote_for_their_party 

गांधी परिवार का कोई भी सदस्य इस बार के लोकसभा चुनाव में अपनी ही पार्टी यानी कांग्रेस के पक्ष में मतदान नहीं कर सकेंगे।दरअसल, सोनिया गांधी, राहुल गांधी व प्रियंका वाड्रा जैसे बड़े कांग्रेस नेता नई दिल्ली की जिस लोकसभा सीट के मतदाता है, वहां कांग्रेस का कोई उम्मीदवार ही नहीं है।इंडिया गठबंधन के तहत यह सीट कांग्रेस को नहीं मिल सकी और आम आदमी पार्टी के खाते में गई है। ऐसे में गांधी परिवार को कांग्रेस के बजाय आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार को वोट देना होगा।

आजादी के बाद यह पहला लोकसभा चुनाव होगा, जब गांधी परिवार का वोट कांग्रेस को नहीं मिल सकेगा।आजादी के बाद यह पहला अवसर है जब कांग्रेस पार्टी का कोई उम्‍मीदवार यहां मैदान में नहीं है। कांग्रेस यहां मुकाबले से बाहर है। कांग्रेस के भी कई नेता मानते हैं कि आम आदमी पार्टी आज तक नई दिल्ली लोकसभा सीट नहीं जीती है, जबकि कांग्रेस 7 बार नई दिल्‍ली लोकसभा का चुनाव जीत चुकी है। बावजूद इसके कांग्रेस को यह सीट छोड़नी पड़ी है। दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच हुए सीट समझौते के कारण कांग्रेस यहां मुकाबले में नहीं है। यह वही सीट हैं जहां के मतदाताओं में कांग्रेस संसदीय दल की अध्‍यक्ष सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी और उनकी बहन प्र‍ियंका वाड्रा शामिल हैं।

आम आदमी पार्टी से सोमनाथ भारती चुनाव चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि उनके सामने बीजेपी से बांसुरी स्वराज मैदान में है। इस बार भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्‍वराज की बेटी बांसुरी स्‍वराज को अपना उम्‍मीदवार बनाया है।भाजपा उम्मीदवार बांसुरी स्वराज ने वारविक विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में ग्रेजुएशन की है। उन्होंने लंदन के बीपीपी लॉ स्कूल से कानून की पढ़ाई और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के सेंट कैथरीन कॉलेज से मास्टर्स की है। 'आप' के सोमनाथ भारती की बात की जाए तो वह भी पेशे से वकील हैं। वह दिल्ली की केजरीवाल सरकार में कानून मंत्री रह चुके हैं। वर्तमान में वह दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष हैं।

वहीं, आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के परिवार के साथ भी यही हालात है। केजरीवाल का परिवार चांदनी चौक लोकसभा सीट के वोटर हैं। चांदनी चौक संसदीय सीट इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस के खाते में गई है। सीएम केजरीवाल फिलहाल जेल में बंद है, जिसके चलते भले ही वो खुद वोट नहीं डाल सके, लेकिन उनका परिवार मतदान करेगा।केजरीवाल की पत्नि सुनीता केजरीवाल और उनके दोनो बच्चे रहते हैं। इस तरह केजरीवाल परिवार को इस बार के चुनाव में आम आदमी पार्टी के बजाय कांग्रेस या फिर अन्य किसी को वोट देना होगा। चांदनी चौक लोकसभा सीट से कांग्रेस के जेपी अग्रवाल चुनाव मैदान में है तो बीजेपी के प्रवीण खंडेलवाल चुनाव लड़ रहे हैं।

गोवा पर भारत का संविधान लागू नहीं होता”, कांग्रेस प्रत्याशी के बयान से बढ़ा विवाद, पीएम मोदी ने बोला हमला

#congress_south_goa_candidate_viriato_fernandes_says_constitution_was_forced_on_goans 

देश में चुनावी माहौल के बीच बयानबाजियों का दौर जारी है। इस बीच गोवा में कांग्रेस कैंडिडेट विरीएटो फर्नांडिस के बयान पर पर विवाद खड़ा हो गया है।दक्षिण गोवा लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार विरीएटो फर्नांडिस ने दावा किया है कि गोवा वासियों पर भारत का संविधान जबरदस्ती लादा गया था। उन्होंने राज्य के निवासियों के लिए दोहरी नागरिकता की माँग भी की है जिससे वह भारत के साथ ही पुर्तगाल के नागरिक भी बन सकें।

कांग्रेस प्रत्याशी विरीएटो फर्नांडिस ने सोमवार को दावा किया कि 1961 में पुर्तगाली शासन से मुक्त होने के बाद गोवा पर भारतीय संविधान थोपा गया था। फर्नांडिस ने चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कि गोवा अपना भाग्य खुद तय करेगा। फर्नांडिस ने कहा कि लेकिन ऐसा नहीं हुआ। गोवा 1987 में एक राज्य बना था। साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी से हुई बातचीत का जिक्र करते हुए फर्नांडिस ने कहा कि उन्होंने राहुल गांधी से कहा था कि जब 1961 में गोवा आजाद हुआ था, तो भारतीय संविधान हम पर थोपा गया था।

फर्नांडिस ने सभा में कहा कि हमने (पणजी के पास एक होटल में राहुल गांधी के साथ बैठक के दौरान) गांधी के सामने 12 मांगें रखीं और उनमें से एक दोहरी नागरिकता देने से संबंधित थी। गांधी ने मुझसे पूछा कि क्या मांग संवैधानिक है। हमने कहा-नहीं। फर्नांडिस ने कहा कि कांग्रेस सांसद गांधी ने उनसे कहा कि अगर मांग संवैधानिक नहीं होगी तो उस पर विचार नहीं किया जाएगा।फर्नांडिस ने कहा कि मैंने उन्हें समझाया कि भारतीय संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था। जब 1961 में गोवा पुर्तगाली शासन से मुक्त हुआ, तो आपने तत्कालीन केंद्र सरकार का जिक्र करते हुए) हम पर संविधान थोप दिया। हमें इसमें शामिल नहीं किया गया था। फर्नांडिस ने कहा कि उन्हें गांधी के पिता के नाना (नेहरू) का एक भाषण याद है जिसमें उन्होंने कहा था कि आजादी के बाद गोवा अपना भाग्य खुद तय करेगा कि लेकिन हमारी किस्मत किसी और ने तय की थी।

कांग्रेस प्रत्याशी के इस बयान पर पीएम मोदी ने करारा जवाब दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने आज मंगलवार को जांजगीर-चापा लोकसभा क्षेत्र के बाराद्वार गांव में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर जुबानी हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने एक और बड़ा खेल शुरू कर दिया है। उनके सांसद ने कहा दक्षिण भारत को अलग देश घोषित कर दें। गोवा के उम्मीदवार कह रहे हैं कि गोवा पर भारत का संविधान लागू नहीं होता। गोवा पर भारत का संविधान थोपा गया है। उन्होंने कांग्रेस के शहजादे के सामने ये बात कही है। यह बाबा साहब अंबेडकर और भारत के संविधान का अपमान है। यह भारत के संविधान के साथ छेड़छाड़ है। जम्मू कश्मीर के लोग भी यही कहा करते थे। जनता के आशीर्वाद से आज उनकी बोलती बंद हो गई है। वहां देश का संविधान चल रहा है। बाबा साहब का संविधान जम्मू कश्मीर में लागू है। कांग्रेस के पास ना कोई विजन है न ही कोई नीति है और न ही गरीबों के कल्याण के लिए उसको एबीसीडी आती है।

फर्नांडिस के इस बयान पर गोवा के मुख्यमंत्री डॉक्टर प्रमोद सावंत ने गुस्सा जाहिर करते हुए एक्स पर लिखा, मैं कांग्रेस के दक्षिण गोवा उम्मीदवार के बयान पर हैरान हूँ, जिसमें कहा गया है कि भारत का संविधान को गोवावासियों पर जबरदस्ती थोपा गया है। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का स्पष्ट तौर पर मानना था कि गोवा भारत का अभिन्न अंग है।

हिमाचल की मंडी लोकसभा सीटः क्या बीजेपी लहराएगी जीत का परचम या कांग्रेस मारेगी बाजी?

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देश की सबसे हॉट सीटों में से एक

राज परिवारों की सीट रही मंडी

मंडी सीट पर कांग्रेस का रहा है दबदबा

बीजेपी और कांग्रेस में रहती है कड़ी टक्कर

17 लोकसभा चुनाव में से 11 बार कांग्रेस ने दर्ज की जीत

5 बार बीजेपी के पास गई ये सीट

इस बार बीजेपी लहराएगी परचम या कांग्रेस मारेगी बाजी

हिमाचल प्रदेश की 4 लोकसभा सीटों में से मंडी सीट पर हर किसी की नजर होती है. इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्‍कर देखने को मिलती है। इस लोकसभा सीट पर 1951 से अब तक 17 बार लोकसभा चुनाव हुए हैं जिसमें से 11 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है जबकि 5 बार ये सीट बीजेपी के पास गई है। जबकि एक बार इस सीट पर बीएलडी ने कब्‍जा जमाया। मंडी लोकसभा सीट राज परिवारों की सीट रही है। यहां से 1 3 बार राज परिवार के सदस्यों ने जीत दर्ज की है। साल 1951 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में यहां से रानी अमृत कौर ने जीत हासिल की थी। इसके अलावा यहां से ललित सेन, जोगिंदर सेन और बुशहर रिसासत के राजा वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह लोकसभा पहुंच चुके हैं। यही नहीं कुल्लू के रूपी रियासत के राजा महेश्वर सिंह भी यहां से चुनाव जीतकर लोकसभा जा चुके हैं।उन्होंने इस सीट से तीन बार चुनाव जीता था।

दो रियासतों मंडी और सुकेत के विलय के साथ मंडी जिले का गठन 1948 में किया गया। साल 1951-52 में देश के पहले आम चुनाव हुए तब मंडी नाम से लोकसभा सीट नहीं थी। पहले चुनाव में मंडी महासू नाम से सीट थी जिस पर कांग्रेस से अमृत कौर को जीत मिली थी। अगले आम चुनाव, जो 1957 में हुए, उसमें मंडी सीट अस्तित्व में आई। इस चुनाव में कांग्रेस से जोगिंदर सेन को जीत मिली। 1962 में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के ललित सेन को जीत मिली। 1967 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस के ललित सेन जीते।

1971 में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने राजपरिवार से ताल्लुक रखने वाले वीरभद्र सिंह को यहां से अपना उम्मीदवार बनाया। 1971 में हुए चुनाव में वीरभद्र ने बड़ी जीत हासिल की। आपातकाल के बाद 1977 में हुए चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार वीरभद्र सिंह को मंडी सीट पर हार मिली। जनता लहर में यहां से भारतीय लोक दल के गंगा सिंह ने जीत गर्ज की। तीन साल बाद हुए मध्यावधि चुनाव में दोनों उम्मीदवार फिर आमने-सामने थे। इस बार नतीजा बदल गया। वीरभद्र सिंह ने गंगा सिंह से 1977 में मिली हार का बदला ले लिया। 1984 के चुनाव में कांग्रेस ने यहां से सुखराम को अपना उम्मीदवार बनाया। सहानुभूति लहर पर सवार होकर सत्ता में आई कांग्रेस को मंडी से एक बार फिर बहुत बड़ी जीत मिली। 

1989 का लोकसभा चुनाव में मंडी की राजनीति में बदलाव आया।इस चुनाव में भाजपा ने पहली बार सफलता हासिल की। पार्टी की तरफ से उतरे उम्मीदवार महेश्वर सिंह ने कांग्रेस नेता सुख राम को हरा दिया। दो साल बाद हुए 1991 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर सुखराम और महेश्वर सिंह आमने-सामने थे। इस बार सुखराम ने मंडी सीट पर कांग्रेस की वापसी कराई। 1996 में सुख राम ने मंडी सीट पर तीसरी बार जीत दर्ज की। हालांकि, घोटाले में नाम आने के बाद कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया।

1998 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने मंडी के पूर्व सांसद महेश्वर सिंह को टिकट दिया तो कांग्रेस ने वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को मैदान में उतारा। 1999 के चुनाव में भी भाजपा के महेश्वर सिंह तीसरी बार मंडी सीट से जीते।

साल 2004, एक बार फिर वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह और भाजपा के महेश्वर सिंह आमने-सामने थे। इस बार प्रतिभा ने 1998 में मिली हार का बदला ले लिया। 2009 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को उतारा। नतीजे आए तो एक बार फिर कांग्रेस दिग्गज को जीत मिली। उन्होंने भाजपा के पूर्व सांसद महेश्वर सिंह को 13,997 वोटों से हराकर जीत दर्ज की। 2012 में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली और वीरभद्र सिंह एक बार फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने लोकसभा की सदस्यता छोड़ दी। इसके बाद 2013 में हुए उप-चुनाव में यहां से उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह फिर से जीतकर लोकसभा पहुंचीं। 

2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के एक बार फिर प्रतिभा सिंह को यहां से उम्मीदवार बनाया। उनके सामने थे भाजपा के रामस्वरूप शर्मा। भाजपा के राम स्वरुप शर्मा ने कांग्रेस की पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह को हरा दिया।2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने एक बार फिर बड़ी जीत दर्ज की। भाजपा की इस सफलता में मंडी की जीत में शामिल रही, जहां दूसरी बार भाजपा से राम स्वरुप शर्मा जीते।2021 में मंडी सांसद रामस्वरूप शर्मा का निधन हो गया। इसके बाद मंडी सीट पर उप-चुनाव हुआ। इस चुनाव में भाजपा ने ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) खुशाल ठाकुर को उतारा, जबकि कांग्रेस की उम्मीदवार पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह थीं। उप-चुनाव में प्रतिभा सिंह ने भाजपा के खुशाल ठाकुर को हरा दिया। इस तरह प्रतिभा तीसरी बार मंडी लोकसभा सीट से सांसद चुनी गईं।

अब बात 2024 के चुनाव की कर लेते हैं। इस बार भाजपा ने मंडी लोकसभा सीट से बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को अपना उम्मीदवार बनाया है। कंगना के उम्मीदवार बनने के बाद यह सीट सुर्खियों में है। वहीं, कंगना को टक्‍कर देने के लिए कांग्रेस ने विक्रमादित्‍य सिंह पर दांव खेला है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व सांसद प्रतिभा सिंह के पुत्र विक्रमादित्य वर्तमान में शिमला ग्रामीण से विधायक हैं। विक्रमादित्य सिंह का परिवार मंडी लोकसभा सीट का छह बार प्रतिनिधित्व कर चुका है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा की कंगना मंडी की “क्वीन” बनती हैं या विक्रमादित्य बाजी मारते हैं।

नहीं मिली अरविंद केजरीवाल को राहत , दिल्ली कोर्ट ने 7 मई तक बढ़ाई हिरासत

दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता के.कविता और गोवा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी के कथित फंड मैनेजर चनप्रीत सिंह की न्यायिक हिरासत 7 मई तक बढ़ा दी। अब दिल्ली की उत्पाद शुल्क नीति को खत्म कर दिया गया है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने नीति से संबंधित सीबीआई मामले में कविता की न्यायिक हिरासत भी 7 मई तक बढ़ा दी है। तीनों आरोपियों को वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के जरिए कोर्ट में पेश किया गया।  

अदालत का यह फैसला आम आदमी पार्टी के संयोजक की उस याचिका को खारिज करने के एक दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल की उपस्थिति में अपने डॉक्टर के साथ रोजाना 15 मिनट के चिकित्सीय परामर्श की अनुमति देने की मांग की थी। दिल्ली अदालत ने निर्देश दिया कि आवश्यक चिकित्सा उपचार प्रदान किया जाए। किसी विशेष परामर्श की आवश्यकता के मामले में, तिहाड़ जेल अधिकारी एम्स निदेशक द्वारा गठित एक मेडिकल बोर्ड की नियुक्ति करेंगे, जिसमें एक एंडोक्रिनोलॉजिस्ट और एक मधुमेह विशेषज्ञ शामिल होंगे।

तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने कहा कि सोमवार शाम को रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने के बाद केजरीवाल को इंसुलिन की "कम खुराक" दी गई। आप ने हनुमान जयंती के मौके पर मिली इस खबर का स्वागत किया और कहा कि यह विकास भगवान के आशीर्वाद का नतीजा है। तिहाड़ के एक अधिकारी के अनुसार, एम्स के डॉक्टरों की सलाह पर केजरीवाल को सोमवार शाम को कम खुराक वाली इंसुलिन की दो यूनिट दी गईं। दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें जबरदस्ती सुरक्षा देने से इनकार करने के बाद केजरीवाल को 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया था। 

तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी कविता ईडी और सीबीआई द्वारा दर्ज दोनों मामलों में न्यायिक हिरासत में हैं। सीबीआई ने तेलंगाना एमएलसी को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था, जहां उन्हें कथित घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तारी के बाद रखा गया था।

दूसरी ओर, ईडी ने चनप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया था, जिसने कथित तौर पर गोवा विधानसभा चुनाव 2022 के लिए आम आदमी पार्टी के फंड का प्रबंधन किया था, जिसे दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति में कथित रिश्वत के माध्यम से खरीदा गया था।

न मिट्‌टी, न पत्थर, न लकड़ी... इंदौर के कलाकार ने स्क्रैप-मेटल से बनाई हनुमानजी की अनोखी प्रतिमा, जानिए, इस शहर में होगी स्थापित

आज देशभर में हनुमान जन्मोत्सव का पर्व मनाया जा रहा है। प्रातः से ही हनुमानजी के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है। तो आज हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर हम पूरी तरह से स्क्रैप-मेटल से बनी 8.5 फीट ऊंची एवं 350 किलोग्राम वजन वाली बजरंगबली जी की मूर्ति के बारे में बात करेंगे। इंदौर के एक कलाकार देवल वर्मा द्वारा बनाई गई यह मूर्ति अगले महीने गुजरात के गोधरा में स्थापित की जानी है। 

 देवल वर्मा ने कहा, 'हम बीते 7-8 वर्षों से स्क्रैप-मेटल आर्ट पर काम कर रहे हैं। स्क्रैप-मेटल से हम कलाकृतियां बनाते हैं। और ऑर्डर के मुताबिक प्रतिमा बनाते हैं। गोधरा से एक ऑर्डर आया था। आमतौर पर क्लायंट हमें जगह दिखाता है तथा सुझाव चाहता है कि वहां क्या होना चाहिए। उन्हें भगवान की एक प्रतिमा स्थापित करनी थी। वे हमसे जानना चाहते थे कि कौन सी प्रतिमा बननी चाहिए तथा किस प्रकार से बननी चाहिए। हमने उन्हें हनुमानजी की प्रतिमा सुझाई। फिर हमने हनुमानजी की प्रतिमा डिजाइन की।' आगे देवल वर्मा ने कहा कि, 'सबसे पहले तो यह बजरंगबली की प्रतिमा है तथा हम स्क्रैप से काम कर रहे हैं. मतलब बनानी तो स्क्रैप से ही थी. मगर यह ऐसा था, हम सामान्य तौर पर जो करते हैं उससे कुछ अलग करेंगे। यानी हम प्रतिमा को थोड़ा अलग बनाएंगे। हमने इसमें बहुत सारा पीतल और स्टेनलेस स्टील डाला है।'

डिज़ाइन बनाने में 2-3 महीने का समय लगा

'बजरंगबली जी की इस प्रतिमा को डिजाइन करने में हमें 2-3 महीने लगे। डिज़ाइन में प्रपोशन-डायमेंशन सेट किया। डिजाइन फाइनल होने के पश्चात् हमने मटेरियल की तलाश आरम्भ कर दी कि, कोन से मटेरियल से प्रतिमा बनाई जाए। स्क्रैप ढूंढने में बहुत वक़्त लगता है. प्रतिमा में पीतल की कड़ाही, प्लेट एवं स्टेनलेस स्टील के पाइप हैं। एसएस शीट भी लगी हुई हैं. कारों के स्प्रिंग, गियर बियरिंग अलग-अलग तरह के स्क्रैप से बनाई गई हैं।'

हनुमान चालीसा

हनुमानजी की प्रतिमा बनाने के लिए हमने हनुमान चालीसा का अनुवाद भी किया। उनकी विशेषताएं क्या हैं? जैसे, कांधे मूंज जनेऊ साजै।, यानी जनेऊ कैसे पहनाया जाता है। फिर कानों में कुंडल कैसे हैं। उस प्रकार की डिटेलिंग की गई है। कहा जाता है कि श्री राम जानकी बजरंगबली जी के सीने में बैठे हैं। तो हमने वैसा ही एक स्केच बनाया, उसे डिजिटल रूप से पीतल में उकेरा, एक पेंडेंट बनाया और उनकी छाती पर लगा दिया। इस प्रकार की डिटेलिंग की गई है। वही सबसे बड़ी चुनौती हनुमानजी की प्रतिमा बनाने में सामने यह आती है कि, बजरंगबली जी का शरीर एकदम स्वस्थ है। हनुमानजी शक्तिशाली हैं. इसके साथ ही हनुमानजी का चेहरा अत्यंत सौम्य है। चेहरे पर वह कोमलता एवं सौम्यता लाना बहुत बड़ी चुनौती थी।

स्टेनलेस स्टील, पीतल, माइल्ड स्टील का इस्तेमाल किया गया है। जैसे की पीतल की प्लेट है तो इसे कहां उपयोग करना है, कैसे उपयोग करना है, उस प्रकार से काटकर फिट की गई है।

मूर्ति बनाने में कितना लगा समय 

बजरंगबली जी की इस प्रतिमा को बनाने में कुल 1 वर्ष का वक्र लगा। डिज़ाइन से लेकर मटेरियल संग्रह से लेकर अंतिम निर्माण तक। ऑर्डर पिछले फरवरी में हमारे पास आया तथा प्रतिमा इस वर्ष मार्च में बनकर तैयार हो गई।

इस प्रतिमा को बनाने में हमारी 4 लोगों की टीम ने काम किया। मैं देवल वर्मा, चीफ मैकेनिकल इंजीनियर फैजान खान, चीफ वेल्डर राजेश झा और हेल्पर अर्जुन। यह प्रतिमा इंदौर में हमारे डिजाइन स्टूडियो में बनाई गई है।

यह प्रतिमा गोधरा में बस स्टैंड के पास श्री सार्वत रेस्तरां में स्थापित की जानी है। इस प्रतिमा को बनाते वक़्त सबसे बड़ी चुनौती हनुमानजी के चेहरे पर भाव लाना था। क्योंकि, स्क्रैप सामग्री से कुछ बनाना तथा उसके चेहरे पर भाव लाना सबसे चुनौतीपूर्ण काम है। जब लोग इस मूर्ति को देखते हैं तो उन्हें ऐसा लगता है कि बजरंगबली जी उन्हें देख रहे हैं। लोगों ने हमें ऐसा बताया है. प्रीव्यू के चलते कई लोग बजरंगबली जी की प्रतिमा के सामने रो पड़े थे। हनुमानजी की दाढ़ी में स्टेनलेस स्टील के तार लगे हैं। गदा पीतल के हुण्डा से बनी होती है। मुकुट पर लोटा है. नीचे पीतल के गिलास हैं। मुकुट के पीछे सिलाई मशीन का पहिया है।

MP में मौजूद है दुनिया का सबसे अनोखा मंदिर, जहां स्त्री रूप में विराजमान हैं हनुमान, जानिए इसकी मान्यता

 क्या आप जानते हैं कि मध्य प्रदेश में एक ऐसा हनुमान मंदिर है जहाँ हनुमान जी को महिला रूप में पूजा जाता है? यह अनोखा मंदिर रतनपुर गांव में स्थित है, जो ओरछा के पास है। यह मंदिर न केवल अपनी अनोखी प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां भगवान हनुमान की पूजा करने की परंपरा भी अद्भुत है।

मंदिर के इतिहास की बात करें तो कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 25 किलोमीटर दूर बिलासपुर के राजा पृथ्वीदेवजू ने कराया था। राजा कोढ़ से पीड़ित थे और इस रोग से मुक्ति पाने के लिए उन्होंने हनुमान जी की भक्ति की। एक रात उन्हें सपने में हनुमान जी की एक स्त्री रूपी प्रतिमा दिखाई दी, जिसने उन्हें मंदिर बनाने और तालाब खोदने का आदेश दिया। राजा ने सपने में देखी गई प्रतिमा के अनुसार मंदिर का निर्माण करवाया और तालाब खोदकर उसमें स्नान किया, जिससे उन्हें रोग से मुक्ति मिली।

मंदिर की विशेषताएं:

इस मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा को महिलाओं के समान श्रृंगार किया जाता है। उन्हें जेवर और नथ भी पहनाए जाते हैं। मंदिर में नियमित रूप से आरती और भोग लगाया जाता है। हर मंगलवार को यहां ​विशेष पूजा का आयोजन होता है।

भगवान राम मंदिर:

हनुमान मंदिर के पास ही भगवान राम का मंदिर भी है। इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां भगवान राम को राजा के रूप में पूजा जाता है। मंदिर खुलते ही सेना के जवान उन्हें सलामी देते हैं। यह मंदिर बुंदेलखंड की राजधानी कहे जाने वाले ओरछा में स्थित है। यह मंदिर मध्य प्रदेश के धार्मिक पर्यटन का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यदि आप कभी ओरछा जाते हैं, तो इन अनोखे मंदिरों की यात्रा अवश्य करें।

अतिरिक्त जानकारी:

मंदिर का समय: सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक

स्थान: रतनपुर गांव, ओरछा, मध्य प्रदेश

निकटतम रेलवे स्टेशन: झांसी (45 किलोमीटर)

निकटतम हवाई अड्डा: ग्वालियर (100 किलोमीटर)