भदोही में धूमधाम से मनाई गया हनुमान जन्मोत्सव
नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। भारतीय संस्कृति में सनातन धर्म के अनुसार रामदूत हनुमान की महिमा अपार है। इनकी भक्ति व शक्ति से जीवन के समस्त संकटों का शीघ्र निवारण हो जाता है। यही वजह है इन्हें संकट मोचन की उपाधि से विभूषित किया गया है।
वानर राज केशरी और माता अंजनी के पुत्र भगवान हनुमान का जन्म महोत्सव वर्ष में दो बार मनाने की पौराणिक मान्यता है। प्रथम चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि तथा द्वितीय कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मनाया जाता है। उत्तर प्रदेश के भदोही जनपद में वीरों के वीर हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है आज के शुभ दिन मंगलवार को जन्मोत्सव होने पर जगह जगह बड़े ही धूमधाम से मंदिरों में मनाया जा रहा है।
मंदिरों में सुबह से ही लंबी-लंबी लाइनें लगी है,हर कोई बजरंग बली को मनाने में लगा है।
आचार्य शरद पांडेय ने बताया कि हर वर्ष चैत्र पूर्णिमा तिथि पर भगवान शिव के ग्यारहवें रुद्रावतार हनुमानजी का जन्म त्रेतायुग में चैत्र पूर्णिमा तिथि पर सुबह के समय हुआ था। हनुमान जयंती पर बजरंगबली की विधिवत पूजा आराधना के साथ चोला,तेल और सिंदूर चढ़ाने का भी विधान है। हनुमान जी की भक्ति भाव से पूजा करने पर अशुभ ग्रह भी शुभ फल देने लगते हैं।
इस दिन हनुमान चालीसा बजरंग बाण और हनुमान बाहुक का पाठ करने से जन्म कुंडली के अकाल मृत्यु योग भी नष्ट हो जाएंगे। इनकी आराधना के फलस्वरूप सभी अशुभ ग्रह शुभ फल देने को विवश हो जाते हैं।
हनुमानजी की आराधना करने से साधक को आठ सिद्धियां और नवों प्रकार की निधियां स्वतरु प्राप्त हो जाती है क्योंकि हनुमानजी को माता सीता ने ऐसा आशीर्वाद दिया है कि जो कोई भी हनुमान जी की पूजा आराधना करेगा। उसे यह उपलब्धि प्राप्त हो जाएगी। हनुमानजी की आराधना करने से समस्त प्रकार के रोग दुःख का नाश हो जाता है।
Apr 23 2024, 13:46