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घोप‌इला मंदिर पर 19 को भंडारे में हो शामिल

नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। ज्ञानपुर क्षेत्र स्थित घोप‌इला मंदिर में 19 अप्रैल को विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा।

गांव निवासी राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि चैत्र नवरात्र में पूरे नौ दिनों तक दर्शन - पूजन को बड़ी तादाद में लोग आते हैं। प्रत्येक की तरह इस साल भी 19 अप्रैल को शाम को चार बजे से लेकर देर रात तक विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा।

सहालग में भरेगा उड़ान, सामानों के सज ग‌ए बाजार

नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। चैत्र नवरात्र शुरू होने के साथ ही खरमास का भी समापन हो गया। 18 अप्रैल से शादी - विवाह का सीजन शुरू हो रहा है। शुभ लगन केवल अप्रैल माह तक ही है, लेकिन म‌‌ई जून में भी जमकर शादियां होगी। ऐसे में कारोबार को बुस्टर डोज की उम्मीदें हैं। इसे लेकर जनपद में बाजार सज गए हैं।

बता दें कि इस साल ठंड के सीजन में भी शादियों की धूम थी। लेकिन गांवों में अधिकांश लोग अप्रैल व म‌ई माह में ही शादियां करते हैं। उसका कारण रबी फसलों की कटाई - मड़ाई के बाद खेतों का खाली होना, महानगरों में बच्चों की छुटियां होने पर प्रवासियों का आना होता है। शादियों के सीजन में सूबे के सबसे छोटे जनपद भदोही में करोड़ों का कारोबार होता है।

इससे लाभान्वित होने वाले कारोबारियों में होटल, ढाबा, मैरिज लाॅन संचालक, आभूषण कारोबारी, कैटरिंग,टेंट कारोबारी आदि है। उधर,इस साल अप्रैल में ही शुभ मुहूर्त है।

मां दुर्गा का मोहक रुप है देवी महागौरी, इनकी पूजा से बढ़ती है सकारात्मक ऊर्जा

नितेश श्रीवास्तव ,भदोही।नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। आदिशक्ति श्री दुर्गा का अष्टम रुप श्री महागौरी है। मां महागौरी का रंग अत्यंत गौरा है इसलिए इन्हें महागौरी के नाम से जाना जाता है। मान्यता के अनुसार अपनी कठिन तपस्या से मां ने गौर वर्ण प्राप्त किया था।

तभी से इन्हें उज्ज्वला स्वरुपा महागौरी,धन ऐश्वर्य प्रदायिनी,चैतन्यमयी त्रैलोक्य पूज्य मंगला, शारीरिक मानसिक और सांसारिक ताप का हरण करने वाली माता महागौरी का नाम दिया गया। मां दुर्गा की आठवीं शक्ति देवी महागौरी है। इनका स्वरूप अत्यंत सौम्य है।

मां गौरी का ये रुप बेहद सरस, सुलभ और मोहक है‌। देवी महागौरी का अत्यंत गौर वर्ण हैं। इनके वस्त्र और आभूषण आदि भी सफेद ही हैं। इनकी चार भुजाएं हैं। महागौरी का वाहन बैल हैं। देवी के दाहिने ओर के ऊपर वाले हाथ में अभय मुद्रा और नीचे वाले हाथ में त्रिशूल है। बाएं ओर के ऊपर वाले हाथ में डमरू और नीचे वाले हाथ में वर मुद्रा है।

इनका स्वभाव अति शांत है।नैत्र नवरात्र के आठवें दिन मंगलवार को आदि शक्ति मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी विधि-विधान से पूजी गईं। देवी मंदिरों से लेकर लोगों के घरों तक देवी मंत्रों से गांव और नगर गुंजायमान रहे। घंट-घड़ियाल की आवाज से पूरा वातावरण देवीमय हो गया।

कड़ी धूप के बाद भी आस्था में डूबे भक्त मां की एक झलक पाने को बेताब रहे। साधकों ने मां जगत जननी जगदंबा के महागौरी के स्वरूप में पूजन -अर्चना की। देवी मंदिरों में दर्शन पूजन में भक्तों की सुबह से ही लंबी कतार लगी रही।

अष्टमी पर ज्यादातर देवी भक्तों ने व्रत रखा और वे माता रानी के पूजन- अर्चन में लगे रहे। नगर के घोपइला माता मंदिर पर भोर से ही आदि शक्ति के दर्शन को भक्तों की कतार लगी रही शुक्रवार को घोपइला मंदिर में भंडारे का आयोजन किया गया है। जिसमें भारी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ेगी।

*धूप से खेत में झुलस रही सब्जी फसल*

नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। धूप से सब्जी की फसल झुलस रही है। सिंचाई के दो दिन बाद ही खेतों में दरार पड़ जा रही है। झुलस रही सब्जी फसल को किसान कैसे बचाएं यह चिंता सताए जा रही है।

यही नहीं, खेतों में ज्यादा पानी छोड़े जाने से सब्जी का फल सड़कर खराब हो रहा है। सब्जी की सिंचाई को लेकर किसानों की चिंता बढ़ने लगी है। चिलचिलाती धूप में किसान सब्जी सफल कैसे बचाएं यह समझ नहीं पा रहे हैं। खेत की गहरी भराई करने पर सब्जी फल सड़ जा रहा है। हल्की सिंचाई से दो दिनों में ही खेत सूख जा रहा है। ऐसे में कृषक बार - बार सब्जी फसल की सिंचाई करने पर विविश हो रहें हैं। इन दिनों मौसम की मार से भिंडी,करेला, कद्दू, नेनुआ, लौकी,की फसल ज्यादा प्रभावित हो रही है।

तीखी धूप आंखों के लिए घातक, बरतें सावधानी,सावधानी न रखने पर इंफेक्शन का खतरा

नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। अप्रैल माह आधा बीत गया है। इसके साथ ही मौसम का मिजाज भी पूरी तरह से बदल चुका है। तीखी, धूप, गर्मी व उमस ने कहर ढाया शुरू कर दिया है। ऐसे में आंखों के प्रति थोड़ी सी लापरवाही घातक साबित हो सकती है। इन दिनों आंखों में एलर्जी आम बात हो जाता है।

जरुरत पर चिकित्सकों से परामर्श लेकर इससे बच सकते हैं। ज्ञानपुर के महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय के नेत्र विशेषज्ञ डॉ सुरेंद्र कुमार ने बताया कि भीषण गर्मी में तीखी धूप आंखों के लिए नुकसानदायक होती है। इससे बचना ही एक मात्र सबसे अच्छा उपाय है।

उन्होंने बताया कि इस इस दिनों आंखों में एलर्जी, खुजलाहट, पानी गिरना,फंगल इंफेक्शन, कीड़े रेगना आदि की शिकायतें आ रही है। इससे संबंधित मरीज को रात में नीदें नहीं आती। अधिक देर रात तक मोबाइल रात में भी देखना नुकसानदायक होता है। उन्होंने बताया कि इससे बचने के लिए चश्मा जरुर पहनें।

गर्म हवा व लू से बचाव को लेकर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा एडवाइजरी जारी

नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार अप्रैल व जून माह में अधिक तापमान रहने के साथ ही हीट व चलने की संभावना है। इसे लेकर जिलाधिकारी विशाल सिंह द्वारा समस्त अधिकारियों को होट वेव से बचाव के लिए विभागवार दायित्व जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। वहीं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, भदोही द्वारा एडवाइजरी जारी कर लू से बचाव के उपाय, लक्षण व उपचार आदि के बारे में बताया है।

जिलाधिकारी विशाल सिंह ने अपील करते हुए कहा है कि जनसामान्य लू से बचाव को लेकर बताये उपायों को अमल में लायें और अपना बचाव करें ।अपर जिलाधिकारी/प्रभारी अधिकारी दैवीय आपदा श्री कुंवर वीरेन्द्र मौर्य ने बताया कि मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार अप्रैल माह में अधिक तापमान रहने की संभावना है तथा हीट वेव चलने की संभावना है। ऐसे में हीटवेब(लू) से बचाव के लिए आवश्यक एहतियातें बरती जायें तथा सुरक्षात्मक उपायों को अपनाया जाये।

आपदा लिपिक ने बचाव के तरीके बताते हुए कहा कि गर्मी हवाओं से बचने के लिए खिड़की को रिफ्लेक्टर जैसे एलुमिनियम पन्नी, गत्ते इत्यादि से ढककर रखें, ताकि बाहर की गर्मी को अन्दर आने से रोका जा सके। उन खिड़कियों व दरवाजों पर, जिनसे दोपहर के समय गर्म हवाएं आतीं हैं, काले परदे लगाकर रखना चाहिए। स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान को सुनें और आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सजग रहें। आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण लें। बच्चों तथा पालतू जानवरों को कभी भी बन्द वाहन में अकेला न छोड़ें। जहां तक सम्भव हो घर में ही रहें तथा सूर्य के ताप से बचें। सूर्य के ताप से बचने के लिए जहां तक संभव हो घर की निचली मंजिल पर रहें। संतुलित, हल्का व नियमित भोजन करें। मादक पेय पदार्थों का सेवन न करें। घर से बाहर अपने शरीर व सिर को कपड़े या टोपी से ढककर रखें।

उन्होंने बचाव के बारे में बताते हुए कहा कि धूप में खड़े वाहनों में बच्चों या पालतू जानवरों को न छोड़ें।

खाना बनाते समय घर के खिड़की दरवाजे आदि खुले रखें जिससे हवा का आना जाना बना रहे। नशीले पदार्थों, शराब अथवा अल्कोहल से बचें। उच्च प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थों का अधिक से अधिक सेवन करें तथा बासी भोजन कतई न इस्तेमाल करें इसके साथ ही संतुलित व हल्का आहार लें। दोपहर के समय यदि बहुत आवश्यक हो तभी घर से धूप में बाहर निकलें अन्यथा धूप में जाने से बचें और यदि जाना ही पड़े तो सिर को जरूर ढकें। घर में पेय पदार्थ जैसे लस्सी, छांछ, मट्ठा, बेल का शर्बत, नमक चीनी का घोल, नीबू पानी या आम का पना इत्यादि का प्रयोग करें। उन्होंने बताया कि अभी आगे गर्मी का प्रकोप और बढ़ेगा इसलिए गर्मी से बचाव के लिए विभिन्न उपायों को अपनाना चाहिए।

कब लगती है लू

गर्मी में शरीर के द्रव्य बॉडी फ्लूड सूखने लगते हैं। शरीर में पानी, नमक की कमी होने पर लू लगने का खतरा ज्यादा रहता है। शराब की लत, हृदय रोग,, पुरानी बीमारी, मोटापा, पार्किंसंस रोग, अधिक उम्र, अनियंत्रित मधुमेह वाले व्यक्तियों को लू से विशेष बचाव करने की जरूरत है। इसके अलावा डॉययूरेटिक, एंटीस्टिमिनक, मानसिक रोग की औषधि का उपयोग करने वाले व्यक्ति भी लू से सावधान रहें।

लू के लक्षण

गर्म, लाल, शुष्क त्वचा का होना, पसीना न आना, तेज पल्स होना, उल्टे श्वास गति में  तेजी,व्यवहार में परिवर्तन, भ्रम की स्थिति, सिरदर्द, मिचली, थकान और कमजोरी का होना या चक्कर आना, मूत्र न होना  अथवा इसमें कमी आदि मुख्य लक्षण हैं। इन लक्षणों के चलते मनुष्यों के शरीर के उच्च तापमान से आंतरिक अंगों, विशेष रूप से मस्तिष्क को नुकसान पहुंचता है। इससे शरीर में उच्च रक्तचाप उत्पन्न हो जाता है।

कागजों पर फाॅगिंग, गांवों में दवाओं का छिड़काव नहीं

नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। जिले में गर्मी के साथ मच्छरों का प्रकोप बढ़ने लगा है। निकाय क्षेत्रों से लगायत ग्रामीण इलाकों में मच्छरों के कारण संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा रहता है। स्वास्थ्य विभाग ने अभी से संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिए अभियान शुरू कर दिया है, लेकिन फॉगिंग के नाम पर केवल कोरमपूर्ति हो रही है। निकाय क्षेत्रों में केवल कागजों पर फॉगिंग कराई जा रही है।

ग्रामीण इलाकों में अब तक दवाओं का छिड़काव नहीं शुरू हो सका है।जिले में पिछले साल डेंगू के रिकार्ड मरीज सामने आए थे। बीते पांच साल में सबसे अधिक 2023 में 280 डेंगू के मरीज मिले थे। जिले की सात निकायों में कुल साढे तीन लाख और 546 ग्राम पंचायतों में 16 लाख की आबादी रहती है। जिले में गर्मी बढ़ने के बाद पिछले कुछ दिनों से मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है। मच्छर के काटने से डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड समेत अन्य संक्रामक बीमारियों के फैलने का डर बना रहता है।

इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग अभी से अलर्ट मोड पर भी आ गया है और गांव-गांव संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाकर लोगों को जागरूक कर रहा है, लेकिन इसके उलट अब तक गांवों में दवाओं का छिड़काव शुरू नहीं हो सका है। दूसरी तरफ निकायों की भी वहीं स्थिति है। जिले की सात निकायों में कुछ को छोड़कर अन्य में केवल कागजों पर फॉगिंग कराई जा रही है। इससे मच्छरों को पनपने का डर बना हुआ है। निकायों के साथ ग्रामीण अंचलों में जगह-जगह फैले कचरे इसकी आशंका को बढ़ावा दे रहे हैं। विभाग के अनुसार संक्रामक रोगों का खतरा मानसून के सीजन में सबसे अधिक होता है, लेकिन अगर पहले से तैयारियां पुख्ता रहे तो मानसून सीजन में संक्रामक बीमारियों के फैलने की आशंका कम रहेगी।

संचारी रोग नियंत्रण अभियान चल रहा है। अभी तक हर विभाग की रिपोर्ट अच्छी मिली है। फॉगिंग भी नियमित रूप से हो रही है। यदि कहीं नहीं की जा रही है, तो इसे लेकर निकाय प्रशासन से बातचीत की जाएगी। - राम आसरे पाल, जिला मलेरिया अधिकारी, भदोही।

इस्त्राइल पर ईरान के हमले से बढ़ी कालीन कारोबारियों की चिंता

नितेश श्रीवास्तव ,भदोही । रूस-युक्रेन युद्ध से कालीन उद्योग पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे थे। यह अनिश्चितता खत्म होने के का नाम नहीं ले रही है। हमास और इस्राइल विवाद और अब इस्राइल पर ईरान के हमले से विश्व की आर्थिक गतिविधि प्रभावित हुई है। इससे कालीन उद्यमियों की चिंता बढ़ गई है। उनका कहना है कि खाड़ी में लाल सागर से कालीन के शिपमेंट में पहले ही दिक्कत हो रही थी, अब नए हालात स्थिति और खराब हो जाएंगे।कालीन उद्यमी का मानना है कि ईरान और इस्राइल के झगड़े को दो देश के झगड़े के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।

ऐसे युद्ध जिसमें ईरान और इस्राइल आमने-सामने हों उसमें पश्चिमी देशों संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड तथा यूरोपीय देशों को अलग नहीं किया जा सकता है। उद्यमियों का कहना है कि रूस-युक्रेन युद्ध के समय भी पश्चिमी देशों में काफी उथल-पुथल का माहौल था। इसके ठीक बाद हमास और इस्राइल आपस में भिड़ गए। और अब ईरान और इस्राइल के बीच के हालात खराब हो गए। आल इंडिया कारपेट मैनुफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मो.रजा खां ने कहा कि ईरान को भारतीय कालीन नहीं जाता था, लेकिन वैश्विक हालातों को और बिगड़ने से रोका जाना चाहिए।

यदि इसमें देरी होती है तो केवल कालीन के ट्रांसपोर्टेशन पर असर पड़ेगा और देश का आर्थिक नुकसान होगा।

देवी दरबार में उमड़ी कतार, माता कालरात्रि की जय-जयकार

नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। चैत्र नवरात्र के सातवें दिन सोमवार को आदि शक्ति के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की विधि-विधान से पूजा आराधना की गईं। अर्गला स्तुति, कवच और देवी तंत्रोक्ति से गांव और नगर गुंजायमान रहे।

घंट- घड़ियाल व देवी गीतों से पूरा वातावरण देवीमय हो गया। भीषण गर्मी के बाद भी आस्था में भक्त डूबे रहे। दर्शन-पूजन के लिए मंदिरों में कतार लगाकर खड़े रहे। उधर, श्रीराम नवमी की तैयारी के लिए गांव और नगर की हर गली केसरिया रंग से सजाई गई है। देवी मंत्रों की गूंज से पूरा वातावारण भक्तिमय हो गया है। सोमवार को देवी मंदिरों में भक्तों की सुबह से ही लंबी कतार लगी थी। भोर से लगी भक्तों की कतार दोपहर बाद कुछ कम हुई लेकिन शाम होते-होते एक बार फिर से दर्शन-पूजन शुरू हो गया। पूजन सामग्री से सजी थाल, नारियल, चुनरी के साथ भक्त विधि-विधान से पूजन-अर्चन कर रहे थे। आदि शक्ति की एक झलक पाने के लिए लोग आतुर दिखे।

नगर के घोपइला माता मंदिर पर भोर से ही आदि शक्ति के दर्शन के लिए भक्तों की कतार लगी रही। गोपीगंज स्थित प्राचीन दुर्गामंदिर, काली देवी मंदिर, कबूतरनाथ मंदिर आदि स्थानों पर देवी भक्तों का तांता लगा रहा। महिला-पुरुष दर्शन पूजन कर देवी की स्तुति कर रहे थे। इस दौरान घंट-घड़ियाल के साथ देवी गीतों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान रहा। औराई, महराजगंज, बाबूसराय, ऊंज स्थित देवी मंदिरों में आस्थावानों की भीड़ लगी रही।

300 यूनिट है क्षमता,खून न मिलने पर बाहर जाते हैं लोग,निजी अस्पतालों से लेते हैं खून

नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। जिला चिकित्सालय के ब्लड बैंक में इन दिनों मात्र आठ यूनिट खून शेष बचा है। इसी खून के सहारे जनपद 18 लाख की आबादी निर्भर है। जरुरत पड़ने पर मरीज को या तो किसी निजी ब्लड बैंक का सहारा लेना होगा या फिर गैर जनपदों में जाना होगा। महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल का ब्लड बैंक जिले का एकमात्र सरकारी ब्लड बैंक हैं। इसमें 300 यूनिट खून रखने की क्षमता है, लेकिन फिलहाल केवल आठ यूनिट खून ही बचा है। जिसमें सबसे अधिक ए पॉजिटिव ग्रुप का तीन यूनिट ब्लड है। जिला चिकित्सालय में रोजाना 800 से 900 मरीजों की ओपीडी होती है। चिकित्सालय में सबसे अधिक खून की जरूरत प्रसव पीड़ित महिला को पड़ती है।

अस्पताल में एक महीने में करीब 20 से 25 सीजीरियन प्रसव होते हैं। ऐसे में क?ई बार इन महिलाओं को ब्लड की जरूरत पड़ती है। स्वास्थ्य विभाग सभी ग्रुप के एक - एक यूनिट ब्लड इमरजेंसी के लिए अपने पास रखता है। ब्लड को सुरिक्षत रखने के लिए ब्लड बैंक में 150-150 यूनिट के दो फ्रिजर भी है, लेकिन सभी खाली पड़े हुए हैं। खून न होने से मरीजों को जरुरत पड़ने पर महंगे दर में निजी अस्पताल से खून लेना होता है। इसके अलावा तमाम लोग गैर जनपद पहुंचकर खून लेते हैं। दूसरी सरकारी चिकित्सालयों में भर्ती मरीजों को चिकित्सक पर्जी पर नि:शुल्क ब्लड मिलता है। वहीं निजी अस्पताल के मरीजों को अस्पताल का पर्चा और अधिकृत लेटर जमा करने और 1050 रुपए सरकारी शुल्क जमा करने पर खून मिलता है।

स्वस्थ लोग करें रक्तदान

ब्लड बैंक प्रभारी डॉ अनुपम अग्रवाल ने बताया कि रक्तदान कोई भी कर सकता है। इसके लिए बस 18 से 55 साल की उम्र होनी चाहिए। हां स्वस्थ व्यक्ति ही रक्तदान कर सकता है। बाद में जरुरत पड़ने पर यह खून किसी और को दिया जाता है। रक्तदान करने से शरीर में कोई कमजोरी नहीं होती है। तीन माह के अंतराल पर पुन: रक्तदान किया जा सकता है।

किस ग्रुप के कितने ब्लड

एक पॉजिटिव - 3 यूनिट

बी पॉजिटिव - 1 यूनिट

ओ पॉजिटिव -1 यूनिट

एबी पॉजिटिव- 2 यूनिट

ओ निगोटिव - 1 यूनिट

वर्जन

ब्लड बैंक आने वाले मरीजों को आवश्यकतानुसार ब्लड दिया जाता है। अगर लोग रक्तदान करें तो इतनी कमी न हो , फिर भी जरुरतमंदों को आवश्यकतानुसार देने ब्लड का प्रयास होता है।

डॉ राजेंद्र कुमार सीएमएस जिला चिकित्सालय