इस्त्राइल पर ईरान के हमले से बढ़ी कालीन कारोबारियों की चिंता
नितेश श्रीवास्तव ,भदोही । रूस-युक्रेन युद्ध से कालीन उद्योग पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे थे। यह अनिश्चितता खत्म होने के का नाम नहीं ले रही है। हमास और इस्राइल विवाद और अब इस्राइल पर ईरान के हमले से विश्व की आर्थिक गतिविधि प्रभावित हुई है। इससे कालीन उद्यमियों की चिंता बढ़ गई है। उनका कहना है कि खाड़ी में लाल सागर से कालीन के शिपमेंट में पहले ही दिक्कत हो रही थी, अब नए हालात स्थिति और खराब हो जाएंगे।कालीन उद्यमी का मानना है कि ईरान और इस्राइल के झगड़े को दो देश के झगड़े के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
ऐसे युद्ध जिसमें ईरान और इस्राइल आमने-सामने हों उसमें पश्चिमी देशों संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड तथा यूरोपीय देशों को अलग नहीं किया जा सकता है। उद्यमियों का कहना है कि रूस-युक्रेन युद्ध के समय भी पश्चिमी देशों में काफी उथल-पुथल का माहौल था। इसके ठीक बाद हमास और इस्राइल आपस में भिड़ गए। और अब ईरान और इस्राइल के बीच के हालात खराब हो गए। आल इंडिया कारपेट मैनुफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मो.रजा खां ने कहा कि ईरान को भारतीय कालीन नहीं जाता था, लेकिन वैश्विक हालातों को और बिगड़ने से रोका जाना चाहिए।
यदि इसमें देरी होती है तो केवल कालीन के ट्रांसपोर्टेशन पर असर पड़ेगा और देश का आर्थिक नुकसान होगा।
Apr 15 2024, 14:35