लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की 10वीं लिस्ट जारी, इस बार कट गए इन सांसदों के टिकट
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भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव-2024 के लिए प्रत्याशियों की 10वीं लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में 9 उम्मीदवारों का ऐलान किया है। उनमें यूपी के सात हैं। बाकी दो उम्मीदवारों में एक पश्चिम बंगाल के आसनसोल से और एक चंडीगढ़ से हैं। वहीं बीजेपी की इस सूची में कई मौजूदा सांसदों का टिकट काट दिया गया है।
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दिलचस्प बात यह है कि भाजपा ने आसनसोल सीट पर नया उम्मीदवार दिया है। पहले इस सीट से भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार पवन सिंह को टिकट दिया गया था, लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। अब उनकी जगह एसएस अहलूवालिया को टिकट दिया गया है।पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट पर सबकी निगाहें टिकी थीं। भाजपा ने पहले यहां से भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार पवन सिंह को अपना उम्मीदवार बनाने की घोषणा की थी।टिकट मिलने के 24 घंटे के अंदर ही पवन सिंह ने चुनावी मैदान से कदम पीछे खींच लिए थे। जिसके बाद बीजेपी ने यहां से पूर्व केंद्रीय मंत्री एसएस अहलूवालिया को उम्मीदवार बनाया है। यहां अहलूवालिया का मुकाबला टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा से होगा।
डिंपल यादव के खिलाफ जयवीर सिंह पर खेला दांव
सूची में सात उम्मीदवार उत्तर प्रदेश के हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के खिलाफ जयवीर सिंह भाजपा उम्मीदवार होंगे। इसके अलावा बलिया से पार्टी ने नीरज शेखर को उम्मीदवार बनाया है। शेखर पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे हैं और फिलहाल राज्यसभा सांसद हैं। यहां से मौजूदा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त का टिकट काट दिया गया है।
प्रयागराज की दोनों सीटों पर उम्मीदवार बदला
प्रयागराज जिले की दोनों सीटों पर उम्मीदवार बदल दिए गए हैं। मौजूदा सांसद रीता बहुगुणा जोशी और केसरी देवी पटेल को टिकट नहीं दिया गया है। इलाहाबाद सीट से नीरज त्रिपाठी को मौका दिया गया है। नीरज भाजपा के दिग्गज नेता रहे केशरी नाथ त्रिपाठी के बेटे हैं। केशरी नाथ पूर्व राज्यपाल और यूपी विधानसभा के अध्यक्ष रहे थे। जिले की फूलपुर लोकसभा सीट से प्रवीण पटेल को उम्मीदवार बनाया गया है। प्रवीण अभी फूलपुर से विधायक हैं।कौशांबी लोकसभा सीट से पार्टी ने एक बार फिर विनोद सोनकर को टिकट दिया गया है। सोनकर यहां से मौजूदा सांसद हैं। इसके अलावा मछलीशहर से मौजूदा सांसद बीपी सरोज को उतारा गया है। वहीं, गाजीपुर सीट से पारस नाथ राय को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है।
किरण खेर का टिकट कटा
वहीं, चंडीगढ़ से इस बार किरण खेर का टिकट कट गया है। पार्टी ने चंडीगढ़ से किरण खेर की जगह संजय टंडन को मौका दिया है।






*फैजाबाद में किसे मिलेगी श्रीराम का आशीर्वाद?* *रामलला की प्राण प्रतिष्ठा तय करेगी नतीजा?* *या, जातीय समीकरण साधने से होगा बेड़ा पार* *हिंदू वोटरों में सबसे ज्यादा 7.20 लाख ओबीसी वोटर* *पिछड़ी जाति तय करेंगे सीट का नतीजा* *मंदिर और विकास है अहम मुद्दा* राम मंदिर के मुद्दे ने देश को नई सियासी तासीर दी है। यह देश की राजनीति के लिए बड़ा मुद्दा है। इस बार के आम चुनाव पर अयोध्या के नव निर्मित और भव्य राम मंदिर का काफी असर देखने को मिल सकता है। ऐसे में फैजाबाद लोकसभा सीट इस चुनावी रण में एक महत्वपूर्ण भूमिका में रहने वाला है। इस मुद्दे के साथ ही अयोध्या के विकास का मुद्दा और यहां के जातीय समीकरण भी सियासत की दिशा तय करते रहे हैं। यही वजह है कि राम मंदिर की लहर के बाद भी यहां सपा और बसपा जीतने में सफल रही हैं। यूं तो यहां कम्युनिस्ट पार्टी भी खाता खोल चुकी है लेकिन सबसे ज्यादा सात बार कांग्रेस ने ही जीत दर्ज है। उसके बाद भाजपा यहां से पांच बार जीत दर्ज कर चुकी है। अब देखना दिलचस्प होगा कि इस चुनावी घमासान में भगवान राम किस पार्टी पर अपना आशीर्वाद बरसाएंगे? *मंदिर और विकास अहम मुद्दा* बात फैजाबाद सीट के चुनावी मुद्दों की करें तो यहां पर राम मंदिर के साथ ही अयोध्या और आसपास का विकास अहम मुद्दा रहा है। वर्षों से इस पर राजनीति तो होती रही और सरकारें बनती-बिगड़ती रहीं लेकिन अयोध्या नहीं बदली। इस विकास के नाम पर भी राजनीति हुई लेकिन बदलाव नहीं हुआ। अब राम मंदिर बनने के बाद यह एक बार फिर से बड़ा मुद्दा है। मंदिर के साथ ही सरकार ने जो और योजनाएं शुरू की हैं, उससे लोगों को उम्मीद जागी है। अयोध्या और आसपास पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काम किए जा रहे हैं। हवाई अड्डा शुरू हो चुका है। नई अयोध्या बस रही है। कई बड़े हाउसिंग प्रॉजेक्ट और होटलों का निर्माण के लिए सैकड़ों प्रस्ताव आए हैं। घाटों की मरम्मत और उसका सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। *जीत के लिए जातीय समीकरण बहुत अहम* मंदिर और विकास के साथ ही यहां जीत के लिए जातीय समीकरण बहुत अहम हैं। यहां करीब 1.50 लाख मुस्लिम वोटर हैं। हिंदू वोटरों में सबसे ज्यादा 7.20 लाख ओबीसी वोटर हैं। इनमें भी सबसे ज्यादा यादव हैं। उसके बाद फिर कुर्मी, पाल सहित कई जातियां हैं। एससी वोटरों की संख्या 4.70 लाख है तो सामान्य वोटर भी कम नहीं हैं। इनकी संख्या 5.65 लाख है। ऐसे में ओबीसी वोटरों की संख्या ज्यादा होने के कारण उन पर सभी दलों की खास निगाह रहती है। फैजाबाद सीट में पांच विधान सभाएं हैं। इनमें से अयोध्या, रुदौली, मिल्कीपुर और बीकापुर फैजाबाद जिले में आती हैं। वहीं दरियाबाद बाराबंकी जिले में है। ऐसे में भौगोलिक दृष्टि से प्रत्याशियों के सामने वोटरों को साधने की चुनौती भी रहती है।




Apr 10 2024, 16:08
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