अनंतनाग-राजौरी सीट पर दिलचस्प हुआ मुकाबला, महबूबा मुफ्ती और गुलाम नबी के बीच होगी टक्कर
#ghulamnabiazadvsmehboobamuftianantnagrajourilok_sabha
लोकसभा चुनाव में जम्मू कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट हॉट सीट बन गई है। अनंतनाग-राजौरी सीट पर इस बार चुनावी मुकाबला काफी रोचक हो गया है। इस सीट पर दो पूर्व मुख्यमंत्री चुनावी मैदान में हैं। एक ओर गुलाम नबी आजाद हैं तो दूसरी ओर महबूबा मुफ्ती। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की मुखिया महबूबा मुफ्ती इस सीट पर पार्टी की उम्मीदवार होंगी जिनका मुकाबला पूर्व सीएम और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद से होगा।
लोकसभा चुनाव के लिए पीडीपी ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर की तीन सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। जिसके अनुसार पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी। जिनका मुकाबला गुलाम नबी आजाद से होंगे वाला है। वहीं वहीद पारा श्रीनगर लोकसभा तो फैयाज मीर बारामुला सीट से मैदान में होंगे। वहीद पारा पार्टी के यूथ विंग के अध्यक्ष हैं। वहीं मीर फैयाज पूर्व राज्यसभा के सदस्य हैं।
मुफ्ती ने 2004 और 2014 का चुनाव जीता
अनंतनाग सीट की बात करें तो यह हाई प्रोफाइल सीट रही है। यहां से महबूबा मुफ्ती ने 2004 और 2014 के चुनाव में इसी लोकसभा सीट से जीत दर्ज की थी। 4 जुलाई 2016 को उनके इस्तीफे से यह सीट खाली हो गई। इस्तीफे के करीब तीन साल तक यहां उपचुनाव नहीं हो पाया।
आजाद के लिए बहुत अहम है जीत
गुलाम नबी आजाद ने करीब दो साल पहले कांग्रेस का साथ छोड़ अपनी अलग डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी का गठन किया था। जम्मू-कश्मीर में यह उनका दूसरा लोकसभा चुनाव होगा जिसमें वह उम्मीदवार हैं। पिछला चुनाव उन्होंने 2014 में कांग्रेस के टिकट पर उधमपुर-कठुआ सीट से लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि अगर गुलाम नबी आजाद को राजनीति में अपनी पकड़ बनाए रखनी है तो यह चुनाव जीतना उनके लिए बहुत जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि लोकसभा चुनाव में हार विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को कमजोर करेगी। गुलाम नबी आजाद का एक कमजोर बिंदु यह है कि उनके साथ में कोई बड़ा चेहरा नहीं है। उनकी पार्टी केवल 2 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस के राज में लगभग 20 साल केंद्रीय मंत्री रहे आजाद के लिए यह लोकसभा चुनाव या तो खेवनहार साबित होगा या उनकी राजनीतिक नैया डुबो देगा।
अनंतनाग राजोरी सीट पर 7 मई को होगा मतदान
अनंतनाग-राजोरी सीट पर तीसरे चरण में सात मई (मंगलवार) को मतदान होगा। इस सीट के लिए अधिसूचना 12 अप्रैल को जारी होगी। मई 2022 में परिसीमन के बाद अनंतनाग सीट में जम्मू संभाग के पीर पंजाल के राजोरी के क्षेत्रों को जोड़ा गया है। जोड़ा गया इलाका हिंदू और पहाड़ी समुदाय की आबादी वाला है। कभी मुस्लिम बहुल इस सीट पर कांग्रेस हैट्रिक लगा चुकी है। नेकां व पीडीपी भी यहां से कई बार जीत का स्वाद चख चुकी है। भाजपा इस सीट से कश्मीर में विजय का परचम लहराने के लिए मैदान में उतरेगी। भाजपा ने पहाड़ियों को जनजातीय का दर्जा और आरक्षण देकर यहां पर अपना दांव खेला है।
Apr 08 2024, 16:49