'वे अग्निवीर योजना लेकर आए, जिसने लोगों की उम्मीदें तोड़ दीं..', प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर बोला हमला
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को आरोप लगाया कि लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए बनी देश की बड़ी संस्थाओं को कमजोर कर दिया गया है और आज स्थिति ऐसी है कि लोगों को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर भरोसा नहीं है। उन्होंने बेरोजगारी चरम पर होने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर भी निशाना साधा और सवाल किया कि उन्होंने बेरोजगारी दूर करने के लिए क्या किया है?
वह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौजूदगी में पार्टी द्वारा अपना चुनाव घोषणापत्र जारी करने के बाद जयपुर में एक सार्वजनिक रैली में बोल रही थीं। प्रियंका गांधी ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, "आज बेरोजगारी चरम पर है. मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने बेरोजगारी दूर करने के लिए क्या किया है? उन्होंने वादे तो किए लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया।" प्रियंका गाँधी वाड्रा ने आगे कहा कि, "वे अग्निवीर योजना लेकर आए, जिसने लोगों की उम्मीदें तोड़ दीं, हर राज्य में पेपर लीक हो रहे हैं, किसान सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं हैं।"
अपने संबोधन के दौरान प्रियंका वाड्रा ने कहा कि, ''आप जो वोट डालने जा रहे हैं, वह देश के लोकतंत्र को बचाएगा। आप सोच रहे होंगे कि हमारा लोकतंत्र कैसे खतरे में है। ऐसा इसलिए है क्योंकि लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए जो बड़ी-बड़ी संस्थाएं बनाई गई हैं, उन्हें कमजोर किया जा रहा है; उनका दुरुपयोग किया जा रहा है, आज स्थिति यह है कि लोगों को ईवीएम पर भी भरोसा नहीं है।'' उन्होंने पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र को देश की आवाज बताया। उन्होंने कहा, ''मुझे बहुत खुशी और गर्व है कि राज्यसभा सदस्य बनने के बाद मेरी मां सोनिया गांधी आपके राज्य (राजस्थान) आई हैं।''
प्रियंका ने कहा कि, "कल हमने अपना घोषणापत्र जारी किया। हमने अपने घोषणापत्र को 'न्याय पत्र' नाम दिया है। यह घोषणापत्र सिर्फ उन घोषणाओं की सूची नहीं है जिन्हें हम चुनाव के बाद भूल जाएंगे, बल्कि यह उस देश की आवाज है जो न्याय चाहता है। कांग्रेस नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि यह लोकसभा चुनाव दो विचारधाराओं के बीच और देश के लिए निर्णायक है। पायलट ने कहा कि, "यह चुनाव दो विचारधाराओं के बीच है। केंद्र सरकार ने नीति के जरिए हमारी संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया है।"
पायलट ने कहा, "छत्तीसगढ़ में मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने पहली बार घोषणा की: अगर कांग्रेस और INDIA गठबंधन की सरकार बनी, तो वे किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी देंगे।" इससे पहले, शुक्रवार को, कांग्रेस सात चरण के लोकसभा चुनावों के लिए अपना 'न्याय पत्र' या घोषणापत्र लेकर आई, जिसमें स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार किसानों को उनकी उपज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी दी गई। पार्टी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस का घोषणापत्र राष्ट्रव्यापी विचार-विमर्श करने और ईमेल और 'आवाज़ भारत की' पोर्टल पर हजारों सुझाव प्राप्त करने के बाद तैयार किया गया था।





भारत और मालदीव के बीच रिश्ते अच्छे नहीं रह गए हैं। मालदीव में नई सरकार के बाद इंडिया आउट के नारे लगने शुरू हो गए थे। मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू को चीन का बड़ा सपोर्टर माना जाता है।जब मुइज्जू मालदीव के राष्ट्रपति बने तो उन्होंने चीन के साथ मिलकर भारत के साथ दूरियां बनानी शुरू कर दी।मालदीव ने भारत के खिलाफ कई फैसले लिए। जिसके बाद भारत ने भी सख्ती दिखाई। हालांकि, मालदीव के साथ तनाव के बीच भारत ने आवश्यक वस्तुओं के निर्यात की इजाजत दी है। मालदीव के विदेश मंत्री ने इसपर भारत को दिल खोलकर धन्यवाद दिया है। *भारत ने दी निर्यात की इजाजत* मालदीव में भारतीय उच्चायोग की ओर से एक बयान में केंद्र सरकार के फैसले का विवरण दिया गया। बयान में कहा गया, 'मालदीव सरकार के अनुरोध पर भारत सरकार ने कुछ निश्चित मात्रा में जरूरी चीजों के निर्यात की इजाजत दी है। इन चीजों का निर्यात भारत और मालदीव के बीच एक विशेष द्विपक्षीय तंत्र के तहत किया जाएगा। निर्यात की जाने वाली प्रत्येक वस्तु के लिए कोटा बढ़ा दिया गया है और निर्यात की स्वीकृत मात्राएं 1981 में इस व्यवस्था के शुरू होने के बाद सबसे ज्यादा हैं।' मालदीव के विकास में भारत की प्रतिबद्धता को यह दिखाता है। *इन चीजों के निर्यात की अनुमति* भारत ने चालू वित्त वर्ष के दौरान मालदीव को अंडे, आलू, प्याज, चावल, गेहूं का आटा, चीनी और दाल जैसी कुछ वस्तुओं की स्पेसिफिक मात्रा के निर्यात पर प्रतिबंध शुक्रवार को हटा दिया। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत मालदीव को इन वस्तुओं के निर्यात की अनुमति दी गई है। डीजीएफटी ने कहा कि मालदीव को अंडे, आलू, प्याज, चावल, गेहूं का आटा, चीनी, दाल, बजरी और नदी की रेत के निर्यात की अनुमति दी गई है। मालदीव को इन वस्तुओं के निर्यात को किसी भी मौजूदा या भावी प्रतिबंधों से छूट दी जाएगी। आमतौर पर इन वस्तुओं के निर्यात पर या तो पूरी तरह प्रतिबंध है या सीमित निर्यात की अनुमति दी जाती है। निर्यात के लिए निर्दिष्ट मात्रा में आलू (21,513.08 टन), प्याज (35,749.13 टन), चावल (1,24,218.36 टन), गेहूं का आटा (1,09,162.96 टन), चीनी (64,494.33 टन), दाल (224.48 टन), बजरी (10 लाख टन) और नदी की रेत (10 लाख टन) शामिल है। *मालदीव ने भारत सरकार को दिया धन्यवाद* मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'मैं मालदीव को साल 2024-25 के दौरान भारत से आवश्यक वस्तुओं का आयात करने में सक्षम बनाने के लिए कोटा के नवीनीकरण के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर और भारत सरकार को ईमानदारी से धन्यवाद देता हूं।' उन्होंने कहा, 'यह एक प्रतीक है जो लंबे समय से चली आ रही दोस्ती और हमारे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और वाणिज्य को और बढ़ाने की मजबूत प्रतिबद्धता का प्रतीक है।' *भारत का जवाब* मालदीव के विदेश मंत्री के धन्यवाद का जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा, 'यू आर वेलकम जमीर। भारत अपनी नेबरहुड फर्स्ट और सागर नीतियों के प्रति दृढ़ता से प्रतिबद्ध है।' *दोनों देशों में तनाव की वजह* भारत की ओर से यह घोषणा बीते साल नवंबर से दोनों देशों के बीच शुरू हुए विवाद के बीच आई है, जब राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर भारत से अपने 88 सैन्य कर्मियों को उनके देश से वापस बुलाने की मांग की थी। इसके बाद दोनों देशों के बीच, संबंध तब और खराब हो गए जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप द्वीप दौरे की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट की। जिसपर मालदीव के तीन अधिकारियों ने भद्दी टिप्पणियां कीं। जिसके परिणामस्वरूप कई मशहूर हस्तियों सहित भारतीयों ने मालदीव का तगड़ा विरोध किया। वहीं, #BoycottMaldivesअभियान के कारण द्वीप राष्ट्र में भारतीय पर्यटकों की संख्या में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई।

पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर जिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम पर लोगों ने हमला कर दिया। इस हमले में एजेंसी के एक अधिकारी के घायल होने की खबर है। एनआईए पूर्व मेदिनीपुर जिले के भूपतिनगर इलाके में 2022 के बम विस्फोट मामले की जांच के लिए पहुंची थी। इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने ईंट और पत्थर फेंके। अधिकारियों के गाड़ी में तोड़फोड़ की गई। इस घटना में एक अधिकारी घायल हो गया। एनआईए अधिकारियों टीम ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया और यह दल कोलकाता वापस जा रहा था, तभी उसके वाहन पर हमला हुआ। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्थानीय लोगों ने वाहन को घेर लिया और उस पर पथराव किया। एनआईए ने कहा है कि उसका एक अधिकारी घायल भी हुआ है। उन्होंने बताया कि एनआईए ने भी इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। बता दें कि 2 दिसंबर 2022 को भूपतिनगर थाने के भगवानपुर 2 ब्लॉक के अर्जुन नगर ग्राम पंचायत के नैराबिला गांव में रात करीब 11 बजे भयानक बम विस्फोट हुआ था। घटना में तृणमूल बूथ अध्यक्ष राजकुमार मन्ना, उनके भाई देवकुमार मन्ना और विश्वजीत गायेन की मौत हो गई थी। सूचना मिलने पर पुलिस इलाके में गई और मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। बाद में कोर्ट के आदेश पर एनआईए ने घटना की जांच अपने हाथ में ली। कोर्ट के आदेश पर विस्फोट की घटना की जांच करने जाने पर एनआईए पर यह हमला हुआ। वैसे पश्चिम बंगाल में जांच एजेंसी पर हमले की यह कोई पहली घटना नहीं है। इस साल की शुरुआत में संदेशखाली में ईडी की टीम पर हमला किया गया था। दरअसल, राशन घोटाले में जब ईडी की टीम शाहजहां शेख को गिरफ्तार करने पहुंची थी, तो टीम पर हमला कर दिया गया। करीब 55 दिन बाद शाहजहां की गिरफ्तारी हुई थी।
Apr 07 2024, 10:06
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